स्टोरी हाइलाइट्स Show
Maha Shivratri 2022: भगवान शिव का दिन महाशिवरात्रि हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है. फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को ये पर्व मनाया जाता है. इस बार महाशिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा 1 मार्च,2022 दिन मंगलवार को होगी. मान्यता है कि इस दिन पूजा-आराधना से माता पार्वती और भोले बाबा अपने भक्तों की हर मनोकामना पूरी करते हैं. आइये जानते हैं महाशिवरात्रि का महत्व व पूजा का शुभ मुहूर्त... महाशिवरात्रि का शुभ मुहूर्त (Maha Shivratri Puja Shubh Muhurat) महाशिवरात्रि चार पहर की पूजा का समय (Mahashivratri 2022 Char Pahar Puja
Timings) महाशिवरात्रि की पूजा विधि (Maha Shivratri 2022 Puja
Vidhi) ये भी पढ़ें
महा शिवरात्रि
महा शिवरात्रि भारत के सबसे प्रमुख हिन्दू त्योहारों में से एक है। यह भगवान शिव और उनकी पत्नी माता पार्वती की आराधना का उत्सव है। यह त्योहार पूरे भारतवर्ष, नेपाल, बांग्लादेश और दुनिया के उन सभी हिस्सों में मनाया जाता है जहाँ हिंदू जनसंख्या ज्यादा है। यह त्योहार ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार फरवरी या मार्च में पड़ता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, यह फाल्गुन मास के 14वें दिन और 13वीं रात्रि को पड़ता है, माना जाता है कि यह दिन भगवान शिव का “वर्ष का पसंदीदा दिन” है। हिन्दू वर्ष के दौरान मनाये जाने वाले बारह शिवरात्रि उत्सवों में से महा शिवरात्रि को सबसे पवित्र माना जाता है। “शिवरात्रि” का
अर्थ है “भगवान शिव की महान रात्रि,” फाल्गुन के 13वें दिन भगवान शिव के सभी भक्तों के द्वारा पूरी रात जागरण रखा जाता है। यह ज्यादातर हिन्दू उत्सवों से अलग है, जिन्हें दिन के समय मनाया जाता है। रात्रि के समय भगवान शिव की पूजा और आराधना उस दिन का स्मरण करने के लिए मनाया जाता है जब भगवान शिव ने “संसार का विनाश होने से बचाया था,” जिसे अंधकार से दर्शाया जाता है। फाल्गुन की 14वीं तिथि को हिन्दू पूरे दिन व्रत रखते हैं। वे भगवान शिव को फूल, बेलपत्र, और फल भी अर्पण करते हैं। वे दीप, अगरबत्ती जलाते हैं, गंगा और अन्य पवित्र नदियों में पवित्र स्नान करते हैं, योग ध्यान करते हैं, और पूरे दिन “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जप करते हैं। इस दिन भारतवर्ष के संपूर्ण मंदिर भक्तगणों के “हर हर महादेव!” के जयकारों से गूंजते हैं। साथ ही, वे मंदिर की घंटियां बजाते हैं और, इसके बाद शिवलिंग का चक्कर लगाते हैं, इसे जल या दूध से स्नान कराते हैं। अंत में, वे शुद्धता, ज्ञान और प्रायश्चित के प्रतीक के रूप में अपने माथे पर “पवित्र भस्म” की तीन रेखाएं लगाते हैं। महा शिवरात्रि के दौरान भारत में स्थानीय लोग और पर्यटक निम्नलिखित में से किसी भी गतिविधि में शामिल हो सकते हैं:
हालाँकि, महा शिवरात्रि हिंदुओं का धार्मिक उत्सव है और हिन्दू मंदिरों पर केंद्रित होता है, लेकिन इसमें जीवंत और रुचिकर सांस्कृतिक गतिविधियां भी होती हैं जिन्हें पर्यटक देख सकते हैं। पिछले कुछ वर्ष
एक साल में कितनी शिवरात्रि आती है?प्रत्येक माह की कृष्ण त्रियोदशी को शिवरात्रि ही कहा जाता है, इन सभी 12 अथवा 13 शिवरात्रियों मे से दो शिवरात्रि अत्यधिक प्रसिद्ध है। फाल्गुन माह की त्रियोदशी महा शिवरात्रि के नाम से प्रसिद्ध है तथा दूसरी ओर सावन शिवरात्रि जोकि भगवान शिव के पवित्र माह सावन में मनाई जाती है।
हर महीने की शिवरात्रि कब होती है?पौष मासिक शिवरात्रि 2022
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, पौष माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 21 दिसंबर दिन बुधवार को रात 10 बजकर 16 मिनट से शुरू होगी और इस तिथि का समापन अगले दिन 22 दिसंबर गुरुवार को शाम 07 बजकर 13 मिनट पर होगा.
महाशिवरात्रि कितनी बार?शिवरात्रि साल में दो बार आती है. पहली शिवरात्रि फाल्गुन के महीने में आती है तो दूसरी शिवरात्रि श्रावण मास में मनाई जाती है. जो शिवरात्रि फाल्गुन के महीने में आती है उसे महाशिवरात्रि कहा जाता है.
Masik शिवरात्रि कब है 2022?पौष माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 21 दिसंबर 2022 को रात में 10 बजकर 16 मिनट पर शुरू होगी। वहीं इसका समापन 22 दिसंबर 2022 को रात 07 बजकर 13 मिनट पर होगा। मासिक शिवरात्रि की पूजा रात में की जाती है इसलिए ये व्रत 21 दिसंबर 2022 को ही रखा जाएगा। इस दिन पूजा का मुहूर्त रात 11 बजकर 58 मिनट से 12 बजकर 52 मिनट तक है।
|