जब अंग्रेजी हुकूमत ने भारत को चारों ओर से घेर लिया..उस वक्त हजारों क्रांतिकारी आगे आए और अपनी जान की परवाह न करते हुए देश को आजाद कराने में अहम भूमिका निभाई. उन्ही की वजह से आज भारत देश जीता-जागता राष्ट्रपुरुष है.
News Nation Bureau | Edited By : Sunder Singh | Updated on: 02 Oct 2021, 08:00:00 AM
Gandhi Jayanti 2021 (Photo Credit: News Nation)
highlights
- महात्मा गांधी ने एक लाठी के दम पर अंग्रेजों के छक्के छुड़ा दिए थे
- आज के दिन देश राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती मनाता है
- हर साल दो अक्टूबर को विश्व अहिंसा दिवस के रुप में मनाया जाता है
New delhi:
जब अंग्रेजी हुकूमत ने भारत को चारों ओर से घेर लिया..उस वक्त हजारों क्रांतिकारी आगे आए और अपनी जान की परवाह न करते हुए देश को आजाद कराने में अहम भूमिका निभाई. उन्ही की वजह से आज भारत देश जीता-जागता राष्ट्रपुरुष है. उन्ही क्रांतिकारियों में प्रमुख नाम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का है. जिन्होने महज एक लाठी के दम पर अंग्रेजी हुकूमत को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया.. गांधी जी ने अहिंसा के रास्ते को चुनकर लाखों लोगों को अपने आन्दोलनो से जोड़ा और हमे आजादी दिलाई. बापू अहिंसा के रास्ते पर ही चलने के लिए सबको प्रेरित भी करते थे. लेकिन आखिर 2 अक्टूबर को ही विश्व अहिंसा दिवस क्यों मनाया जाता है इसके पीछे एक बड़ी वजह है. जिसे आज हम आपके साथ साझा कर रहे हैं..
मोहनदास कर्मचंद गांधी का जन्म 2 अकटूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था. उन्होंने लंदन से कानून की पढ़ाई की और बैरिस्टर बनकर ही भारत लौटे.. जब वे भारत आए, तो उन्हें भारत की उस वक्त की स्थिति ने झकझौर कर रख दिया.. क्योंकि अंग्रेजी हुकूमत अपने पैर पूरी तरह से भारत में जमा चुकी थी. गांधी जी देश को आजाद कराने के लिए आजादी की जंग में कूद गए. 1906 में महात्मा गाधी ने ट्रासवाल एशियाटिक रजिस्ट्रेशन एक्ट के खिलाफ पहला सत्याग्रह चलाया. इसके बाद गांधी जी ने अहिंसा को ध्यान में रखते भारत छोड़ो, चंपारण आदि कई आन्दोलन चलाए. जिनकी वजह से अंग्रेजी हुकूमत देश छोड़ने के लिए मजबूर हो गई. हालाकि गांधी जी के साथ कुछ क्रांतिकारी, जैसे भगतसिंह, राजगुरु, सुख देव, चंद्रशेखर आजाद जैसे लोग भी दूसरे रास्ते से शामिल थे. जिन्हे अहिंसा पर भरोसा नहीं था.
गांधी जी के अहिंसा के रास्ते पर चलने वाले आन्दोलनों की वजह ब्रिटिस हुकूमत सकते में आ गई थी. साथ ही उन्होने भारत से जाने का फैंसला ले लिया था. इसलिए गांधी जंयती को कई वर्षों से विश्व अहिंसा दिवस के रुप में भी मनाया जाता है.
संबंधित लेख
First Published : 02 Oct 2021, 08:00:00 AM