ज्योतिष डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: श्वेता सिंह Updated Wed, 20 Apr 2022 06:53 AM IST
WEDNESDAY PANCHANG - फोटो : SELF
20 अप्रैल 2022 का दैनिक पंचांग
Aaj Ka Panchang: हिंदू पंचांग को वैदिक पंचांग के नाम से जाना जाता है। पंचांग के माध्यम से समय एवं काल की सटीक गणना की जाती है। पंचांग मुख्य रूप से पांच अंगों से मिलकर बना होता है। ये पांच अंग तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण है। यहां हम दैनिक पंचांग में आपको शुभ मुहूर्त, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदूमास एवं पक्ष आदि की जानकारी देते हैं। आइए जानते हैं आज का शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय।
तिथि | चतुर्थी | 13:53 तक |
नक्षत्र | ज्येष्ठा | 23:41 तक |
करण | बालव | 13:53 तक |
पक्ष | कृष्ण पक्ष | |
वार | बुधवार | |
योग | वारीयन | 13:39 तक |
सूर्योदय | 05:52 | |
सूर्यास्त | 18:48 | |
चंद्रमा | धनु | 23:41 तक |
राहुकाल | 12:20−13:57 | |
विक्रमी संवत् | 2079 | |
शक सम्वत | 1944 | |
मास | वैशाख | |
शुभ मुहूर्त | अभिजीत | नहीं है |
पंचांग के पांच अंग तिथि
हिन्दू काल गणना के अनुसार 'चन्द्र रेखांक' को 'सूर्य रेखांक' से 12 अंश ऊपर जाने के लिए जो समय लगता है, वह तिथि कहलाती है। एक माह में तीस तिथियां होती हैं और ये तिथियां दो पक्षों में विभाजित होती हैं। शुक्ल पक्ष की आखिरी तिथि को पूर्णिमा और कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि अमावस्या कहलाती है। तिथि के नाम - प्रतिपदा, द्वितीया, तृतीया, चतुर्थी, पंचमी, षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी, त्रयोदशी, चतुर्दशी,
अमावस्या/पूर्णिमा।
नक्षत्र: आकाश मंडल में एक तारा समूह को नक्षत्र कहा जाता है। इसमें 27 नक्षत्र होते हैं और नौ ग्रहों को इन नक्षत्रों का स्वामित्व प्राप्त है। 27 नक्षत्रों के नाम- अश्विन नक्षत्र, भरणी नक्षत्र, कृत्तिका नक्षत्र, रोहिणी नक्षत्र, मृगशिरा नक्षत्र, आर्द्रा नक्षत्र, पुनर्वसु नक्षत्र, पुष्य नक्षत्र, आश्लेषा नक्षत्र, मघा नक्षत्र, पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र, उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र, हस्त नक्षत्र, चित्रा नक्षत्र, स्वाति नक्षत्र, विशाखा नक्षत्र, अनुराधा नक्षत्र, ज्येष्ठा नक्षत्र, मूल नक्षत्र, पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र, उत्तराषाढ़ा नक्षत्र, श्रवण नक्षत्र, घनिष्ठा नक्षत्र, शतभिषा नक्षत्र, पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र, उत्तराभाद्रपद नक्षत्र, रेवती नक्षत्र।
वार: वार का आशय दिन से है। एक सप्ताह में सात वार होते हैं। ये सात वार ग्रहों के नाम से रखे गए हैं - सोमवार, मंगलवार, बुधवार, गुरुवार, शुक्रवार, शनिवार, रविवार।
योग: नक्षत्र की भांति योग भी 27 प्रकार के होते हैं। सूर्य-चंद्र की विशेष दूरियों की स्थितियों को योग कहा जाता है। दूरियों के आधार पर बनने वाले 27 योगों के नाम - विष्कुम्भ, प्रीति, आयुष्मान, सौभाग्य, शोभन, अतिगण्ड, सुकर्मा, धृति, शूल, गण्ड, वृद्धि, ध्रुव, व्याघात, हर्षण, वज्र, सिद्धि, व्यातीपात, वरीयान, परिघ, शिव, सिद्ध, साध्य, शुभ, शुक्ल, ब्रह्म, इन्द्र और वैधृति।
करण: एक तिथि में दो करण होते हैं। एक तिथि के पूर्वार्ध में और एक तिथि के उत्तरार्ध में। ऐसे कुल 11 करण होते हैं जिनके नाम इस प्रकार हैं - बव, बालव, कौलव, तैतिल, गर, वणिज, विष्टि, शकुनि, चतुष्पाद, नाग और किस्तुघ्न। विष्टि करण को भद्रा कहते हैं और भद्रा में शुभ कार्य वर्जित माने गए हैं।
राष्ट्रीय मिति चैत्र 30, शक संवत् 1944, वैशाख, कृष्ण चतुर्थी, बुधवार विक्रम संवत् 2079। सौर वैशाख मास प्रविष्टे 07, रमजान 18, हिजरी 1443 (मुस्लिम), तदनुसार अंग्रेजी तारीख 20 अप्रैल सन् 2022 ई०। सूर्य उत्तरायण, उत्तर गोल, बसंत ऋतु। राहुकाल मध्याह्न 12 बजे से 01 बजकर 30 मिनट तक। चतुर्थी तिथि अपराह्न 01 बजकर 53 मिनट तक उपरांत पंचमी तिथि का आरंभ, ज्येष्ठा नक्षत्र रात्रि 11 बजकर 41 मिनट तक उपरांत मूल नक्षत्र का आरंभ। वरीयान योग अपराह्न 01 बजकर 39 मिनट तक उपरांत परिधि योग का आरंभ, बालव करण अपराह्न 01 बजकर 53 मिनट तक उपरांत तैतिल करण
का आरंभ। चंद्रमा रात्रि 11 बजकर 41 मिनट तक वृश्चिक उपरांत धनु उपरांत राशि पर संचार करेगा। सूर्योदय का समय 20 अप्रैल 2022 : सुबह 05 बजकर 50 मिनट पर। सूर्यास्त का समय 20 अप्रैल 2022 : शाम 06 बजकर 49 मिनट पर। आज का शुभ मुहूर्त 20 अप्रैल 2022 :
ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04 बजकर 23 मिनट से 05 बजकर 07 मिनट तक। विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 30 मिनट से 03 बजकर 22 मिनट तक रहेगा। निशीथ काल मध्यरात्रि 11 बजकर 58 मिनट से 12 बजकर 42 मिनट तक। गोधूलि बेला शाम 06 बजकर 37 मिनट से 07 बजकर 01 मिनट तक। अमृत काल दोपहर 03 बजकर 36 मिनट से 05 बजकर 05 मिनट तक।
आज का अशुभ मुहूर्त 20 अप्रैल 2022 :
राहुकाल दोपहर 12 बजे से 01 बजकर 30 मिनट तक। सुबह 07 बजकर 30 मिनट से 09 बजे तक यमगंड रहेगा। सुबह 10 बजकर 30 मिनट से 12 बजे तक गुलिक काल रहेगा। दुर्मुहूर्त काल दोपहर 11 बजकर 54 मिनट से 12 बजकर 46 मिनट तक रहेगा।
आज के उपाय : गणपति स्तोत्र का पाठ करें, मूंग दाल का दान करें। (आचार्य कृष्णदत्त शर्मा)
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