6 महीने के बाद बच्चे के लिए कौन सा दूध सबसे अच्छा है? - 6 maheene ke baad bachche ke lie kaun sa doodh sabase achchha hai?

बच्चों को जरूरी पोषण प्रदान करने और उनके बेहतर विकास के लिए दूध पिलाना बहुत जरूरी होता है। जब नवजात शिशुओं को दूध पिलाने की बात आती है तो शिशु के लिए मां का दूध सबसे बेस्ट माना जाता है। जब बच्चा 6 महीने से ज्यादा का हो जाता है तो अक्सर लोग बच्चों को फार्मूला मिल्क या बोटल वाला दूध पिलाना शुरू कर देते हैं। अक्सर लोगों के मन में यह सवाल होता है कि बच्चे के लिए बोटल वाला दूध या फार्मूला मिल्क अधिक फायदेमंद है या बच्चे को स्तनपान कराना? अगर आप भी इस सवाल का जवा ढूंढ रहे हैं तो आप बिल्कुल सही जगह पर हैं। इस लेख में हम जानेंगे स्तनपान या फार्मूला मिल्क में बच्चे  के लिए दूध का कौन सा ज्यादा बेहतर विकल्प है (Breast milk Or Formula milk For Babies Which Is Better In Hindi)।

ब्रेस्ट मिल्क (Breast Milk) कैसे फायदेमंद है?

मां के दूध बच्चे के लिए सबसे स्वस्थ और सुरक्षित होता है। यह सीधे तौर पर मां के साथ जुड़ा होता है। मां का खानपान और लाइफस्टाइल जितना अच्छा होता है स्तनों में दूध उतनी ही जल्दी बनता है और गुणवत्ता भी अच्छी होती है। स्तनपान कराने का एक बड़ा फायदा यह है कि इसे पचाना बच्चे के लिए बहुत आसान होता है। साथ ही यह बच्चे की इम्यूनिटी को मजबूत बनाने के लिए बहतु फायदेमंद होता है। यह गुण अन्य किसी दूध में नहीं मिलते हैं। स्तनपान कराने से मां और बच्चे के बीच भावनात्मक जुड़ाव के विकास में भी मदद करता है।

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फॉर्मूला मिल्क (Formula Milk) कैसे फायदेमंद है?

बोटल वाला दूध या फॉर्मूला मिल्क एक तरह का आर्टिफिशियल दूध होता है। जिसमें कई केमिकल और इंग्रीडिएंड्स डाले जाते हैं। वर्तमान समय में फार्मूला मिल्क का चलन काफी बढ़ गया है। इन दिनों ज्यादातर महिलाएं बच्चे को फार्मूला मिल्क पिलाने का विकल्प चुन रही हैं। क्योंकि यह आसानी से मिल जाता है और इसे बनाना भी बहुत आसान होता है। लेकिन इसमें मां के दूध जितने पौषक तत्व नहीं होते हैं और न ही बच्चे के लिए इसे पचा पाना आसान होता है।

स्तनपान या फार्मूला मिल्क, बच्चे के लिए क्या है ज्यादा फायदेमंद (Breast milk Or Formula milk For Babies Which Is Better In Hindi)

जब छोटे बच्चे की बात आती है तो इसमें कोई संदेह नहीं है कि नवजात शिशु के लिए मां का दूध ही सबसे बेस्ट है। लेकिन जब बच्चा थोड़ा बड़ा हो जाता है तो आप उसे फार्मूला मिल्क भी पिला सकते हैं। लेकिन फार्मूला मिल्क को आप रोजाना शिशु को नहीं पिला सकते हैं, इसे बच्चों को कभी-कभार  पिलाना ही सही है। भले ही फार्मूला मिल्क में भी बहुत पोषक तत्व मौजूद होते हैं लेकिन यह बच्चे के लिए मां के दूध से बेहतर नहीं हो सकता है।

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यह भी ध्यान रखें

6 महीने से कम उम्र के बच्चे को फार्मूला मिल्क पिलाने की सलाह नहीं दी जाती है। अगर आपका बच्चा थोड़ा बड़ा हो गया है और आप उसे किसी कारण से स्तनपान कराने में असमर्थ हैं तो इस स्थिति में बच्चे को फार्मूला मिल्क पिलाने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है। क्योंकि आपका डॉक्टर बच्चे की स्थिति के अनुसार आपको फार्मूला मिल्क की सही मात्रा निर्धारित करने और इस्तेमाल करने के तरीके के बारे में बेहतर तरीके से बता सकता है। लेकिन जितना हो सके बच्चे को मां का दूध पिलाने की ही कोशिश करें। सिर्फ कभी-कभार ही बच्चे को फार्मूला मिल्क पिलाएं।

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शिशु के 6 महीने के होने का मतलब है कि अब उसका शरीर पहले से काफाी मजबूत हो चुका है। जन्‍म के बाद पहले 6 महीनों में शिशु को मां के दूध से ही सारा पोषण मिलता है और इसके बाद शिशु ठोस आहार खाना शुरू करता है।

अगर आपका बेबी भी 6 महीने का हो गया है या होने वाला है, तो आपके लिए यह जानना बहुत जरूरी है कि अब आपको उसे किस तरह की डाइट देनी चाहिए। यहां हम आपको 6 महीने के शिशु के लिए हफ्तेभर का डाइट चार्ट बता रहे हैं।

सोमवार का डाइट चार्ट

इस दिन सुबह शिशु को स्‍तनपान करवाएं या फॉर्मूला मिल्‍क पिलाएं। इसके बाद नाश्‍ते में बच्‍चे को मैश किया हुआ सेब खिलाएं। इसके कुछ देर बाद स्‍तनपान करवाएं या फॉर्मूला मिल्‍क पिलाएं। लंच में और शाम को भी आपको शिशु को यही देना है। डिनर में भी 6 महीने के बेबी को स्‍तनपान करवाएं या फॉर्मूला मिल्‍क पिलाएं।

अब आगे जानिए कि हफ्ते के बाकी के दिनों में 6 महीने के शिशु को क्‍या-क्‍या दे सकते हैं।

​मंगलवार का आहार

सुबह बच्‍चे को मां का दूध या फॉर्मूला मिल्‍क देना है। फिर नाश्‍ते में केला मैश कर के खिलाएं। इसके कुछ देर बाद बेबी को ब्रेस्‍ट मिल्‍क या फॉर्मूला मिल्‍क दें। लंच, शाम को और डिनर में भी आपको ब्रेस्‍ट मिल्‍क या फॉर्मूला मिल्‍क ही देना है।

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​बुधवार का भोजन चार्ट

सुबह बच्‍चे को मां का दूध या फॉर्मूला मिल्‍क पिलाएं। नाश्‍ते में मैश किया हुआ सेब खिलाएं। इसके थोड़ी देर बाद शिशु को मां का दूध या फॉर्मूला मिल्‍क दें। लंच, शाम को और डिनर में भी आपको ब्रेस्‍टफीडिंग करवानी है या फॉर्मूला मिल्‍क ही देना है।

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​बृहस्‍पतिवार का खाना

आज दिन की शुरुआत ब्रेस्‍ट मिल्‍क या फॉर्मूला मिल्‍क से ही करनी है। इसके बाद बेबी को नाश्‍ते में मैश किया हुआ सेब खिलाएं। फिर थोड़ी देर बाद उसे दूध पिलाएं। लंच में बेबी को मूंग दाल का सूप पिलाएं। शाम और रात को डिनर में बच्‍चे को मां के दूध के साथ फॉर्मूला मिल्‍क पिलाएं।

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​शुक्रवार का आहार चार्ट

सुबह सबसे पहले शिशु को ब्रेस्‍ट मिल्‍क या फॉर्मूला मिल्‍क पिलाएं। इसके बाद बेबी को नाश्‍ते में मैश किया हुआ आलू खिलाएं। फिर थोड़ी देर बाद उसे ब्रेस्‍टफीडिंग करवाएं। लंच में बेबी को मूंग दाल का सूप पिलाएं। शाम और रात को डिनर में बच्‍चे को मां के दूध के साथ फॉर्मूला मिल्‍क पिलाएं।

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​शनिवार का खाना

6 महीने के शिशु के लिए आहार का प्रमुख स्रोत मां का दूध ही होता है इसलिए आप बच्‍चे को सुबह सबसे पहले अपना दूध ही पिलाएं। आप उसे फॉर्मूला मिल्‍क भी पिला सकती हैं। इसके कुछ देर बार नाश्‍ते में बच्‍चे को मैश कर के सेब खिलाएं। फिर थोड़ी देर के बाद बच्‍चे को दूध पिलाएं। लंच में बेबी को मूंग दाल सूप पिलाना है और फिर शाम के साथ-साथ रात को भी बच्‍चे को दूध पिलाना है।

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​रविवार का आहार

आज बच्‍चे को सुबह ब्रेस्‍टफीडिंग करवाएं या फॉर्मूला मिल्‍क दें। इसके बाद नाश्‍ते में मैश किया हुआ नाशपाती खिलाएं। इसके कुछ देर बाद ब्रेस्‍ट मिल्‍क या फॉर्मूला मिल्‍क दें। अब लंच में बेबी को दाल-पालक का सूप पिलाएं और फिर शाम एवं रात को ब्रेस्‍ट मिल्‍क या फॉर्मूला मिल्‍क दें।

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6 महीने के बच्चे को कौन सा दूध पीना चाहिए?

पहले 6 महीनों के दौरान – केवल स्‍तनपान कराएं मां का दूध बच्‍चे के लिए ज़रूरी पोषक तत्‍वों और अन्‍य जैवसक्रिय पदार्थों की पूरी श्रेणी उपलब्‍ध कराता है। जिन बच्‍चों को मां का दूध नहीं पिलाया जाता, उन बच्‍चों के माता-पिता को बच्‍चे को उसकी ज़रूरत के अनुसार शिशु फ़ार्मूले का सेवन कराना चाहिए

7 महीने के बच्चे को कौन सा दूध पिलाएं?

जब तक डॉक्टर द्वारा सलाह नहीं दी जाती है, 6 महीने से कम उम्र के शिशुओं को केवल इन्फेंट फॉर्मूला दिया जाना चाहिए। 6 महीने के बाद, वे इन्फेंट फॉर्मूला लेना जारी रख सकते हैं। 12 महीने की उम्र के बाद, वे पूर्ण वसा वाला गाय का दूध पीना शुरू कर सकते हैं।

बच्चे के लिए कौन सा पैकेट दूध सबसे अच्छा है?

आपको सुनकर हैरानी होगी कि छोटे बच्चों के लिए गाय और भैंस के दूध से भी ज्यादा फायदेमंद पाउडर मिल्क होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि गाय या भैंस के दूध में मिलावट की गुंजाइश बनी रहती है। लेकिन यदि आप अपने सामने गाय या भैंस का दूध निकलवाकर लाते हैं तो आप बच्चे को यह दूध पीला सकते हैं।

6 महीने के बच्चे को गाय का दूध पिला सकते हैं क्या?

शिशु जब छह माह का हो जाए, तो उसका खाना बनाने के लिए आप थोड़ी मात्रा में गाय का दूध इस्तेमाल कर सकती हैं। दही, पनीर और हल्की चीज़ भी छह महीने के बाद से शिशु को दी जा सकती हैं। मगर, गाय का दूध मुख्य पेय के तौर पर देने से एक साल का होने से पहले उसे जरुरी पोषक तत्वों की कमी हो सकती है।

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