आज कौन सा दिन मनाया जा रहा है? - aaj kaun sa din manaaya ja raha hai?

वार - दिन

सप्ताह के प्रत्येक दिवस को वार के रूप में जाना जाता है। वार पंचांग के गठन में अगली कड़ी है। एक सूर्योदय से दूसरे सूर्योदय के समय के अंतर को 'वार' या दिवस कहा जाता है। हर दिन या वार का एक देवता निर्धारित होता है। दिन के अनुसार देव पूजा और यात्रा करने की प्रथा सदियों से चली आ रही है। आगे कौन सा दिन किस कार्य के लिए शुभ इस बारे में जानेंगे।

09 November 2022 |

Vaar - सोमवार

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कौन सा दिन किस कार्य के शुभ?

वैसे तो हर दिन शुभ होता है। लेकिन ज्योतिष के अनुसार कुछ दिनों में कुछ कार्यों का किया जाना शुभ और किन्हीं कार्यों का किया जाना निषिद्ध होता है। ऐसे में गलत वार के दिन कार्य करने पर परिणाम शुभ नहीं मिलता है। ऐसा कहा जाता है कि अगर मन में शुभ विचार हो, हमारे कर्म शुद्ध हो और नियत अच्छी हो तो कोई भी काम या समय अशुभ नहीं होता।

पाश्चात्य पंचांग में, 7 वार या दिन होते हैं, जैसे: Sunday, Monday, Tuesday, Wednesday, Thursday, Friday, Saturday.

हिंदू वैदिक पंचांग में सप्ताह में सात वार क्रमशः इस प्रकार हैं - रविवार, सोमवार, मंगलवार, बुधवार, गुरुवार, शुक्रवार, शनिवार। रविवार के दिन सभी कार्यालयों में लगभग अवकाश रहता है। इस लिए इस दिन अधिक धार्मिक क्रियाकलाप किए जाते हैं।

वार के अनुसार कार्य

जैसै कि हम बता चुके हैं कि हफ्ते में सात वार होते हैं। इन वारों की विशेषताओं के आधार पर किस दिन क्या कार्य जातक को करना चाहिए एस बारे में यहां जानकारी दी जी रही है।

रविवार

यह दिन हिंदू पंचांग में सप्ताह का पहला वार है। इस दिन पर भगवान सूर्य आधिपत्य होता है। माना जाता है कि रविवार के दिन न्यायिक व चिकित्सीय सलाह लेना अत्यंत शुभ होता है। इस वार को पशु व सोने के बने आभूषण खरीदाना मंगलकारी है। इस दिन पूजा, यज्ञ, मंत्रोपदेश करवाना श्रेष्ट है।

सोमवार

सोमवार को पंचांग का दूसरा वार कहा जाता है। यह दिन भगवान महादेव का है। इस दिन यदि जातक एक किसान है तो उसे कृषि यंत्र की खरीदी व खेतों में बीज बोना चाहिए। यह वार यात्रा के लिए भी शुभ माना गया है। लेकिन दिशा के अनुसार इसके फल परिवर्तित होते रहते हैं। नये वस्त्र तथा रत्न धारण करने के लिए उत्तम दिन है। जातक कोई नया कार्य शुरू करने जा रहा है तो यह वार शुभ है। परंतु एक बार ज्योतिषीय सलाह अवश्य लें।

मंगलवार

सप्ताह का तीसरा वार मंगलवार, हनुमान जी व मंगलदेव का दिन माना जाता है। जासूसी का काम करने तथा दूसरों का भेद जानने के लिए यह अच्छा दिन है। इस दिन आप किसी को ऋण दे सकते हैं। इसके अलावा नीति-रीति, वाद-विवाद में निर्णय लेना शुभ साबित होता है लेकिन ऋण लेना अशुभ है। इस वार को व्रत करने पर जीवन से कष्ट दूर होते हैं।

बुधवार

सप्ताह के इस वार को ऋण देना अहितकर हो सकता है तथा शिक्षा-दीक्षा के लिए यह दिन शुभ है। बुधवार का दिन राजनीतिक विचार के लिए शुभ है। क्योंकि इस वार के स्वामी देव श्री गणेश हैं। जिन्हें कूटनीति का ज्ञाता माना जाता है। वैदिक पंचांग में यह वार चौथे दिन आता है।

गुरुवार

यह वार भगवान विष्णु और बृहस्पतिदेव का माना जाता है। इस दिन व्रत, पूजा, कथा, दान करने पर विशेष फल प्राप्त होता है। जीवन में सुख समृद्धि आती है। गरूवार को शिक्षा आरंभ करना, नया पद ग्रहण करना, यात्रा करना तथा नवनिर्माण का कार्य शुरू करना बेहद शुभ होता है।

शुक्रवार

वैदिक हिंदू पंचांग में यह वार छठवे दिन आता है। इस दिन देवी आदिशक्ति की आराधना करने से हर तरह के कष्टों से जातक मुक्ति पाता है। शुक्रवार के दिन समाज से जुड़े कार्य करने पर ख्याती मिलती है। नये मित्र बनाने और किसी संवेदनशील विषय पर बुलाए गए बैठक में अच्छा परिणाम निकल कर सामने आता है।

शनिवार

यह सप्ताह का अंतिम वार है। इस दिन के देव शनि महाराज हैं। लेकिन कहा जाता है कि इस वार को हनुमान जी की आराधना करने से विशेष फल मिलता है। साथ ही शनिदेव भी जातक पर अपनी कृपा दृष्टि बनाते हैं। शनिवार के दिन नये घर में गृहप्रवेश करना बहुत ही शुभ माना जाता है। इसके अलावा लोहे की मशीन या वाहन खरीदना भी शुभ है। लेकिन फसल के लिए बुआई करना या करवाना अशुभ है।

ध्यान दें, जातक की कुंडली के आधार पर परिणाम अलग मिल सकते हैं। कार्य का शुभ परिणाम पाने के लिए ज्योतिषीय परामर्ष लेना न भूलें।

तिथि

तिथि पंचांग का सबसे मुख्य अंग है यह हिंदू चंद्रमास का एक दिन होता है। तिथि के आधार पर ही सभी वार, त्यौहार, महापुरुषों की जयंती, पुण्यतिथि आदि का निर्धारण होता है। एक तिथि तब पूर्ण मानी जाती है जब चंद्रमा सूर्य से 12 डिग्री पर स्थित होता है। तिथियां 16 होती हैं जिनमें अमवास्या व पूर्णिमा मास में एक बार ही आती हैं जबकि अन्य तिथियां दो बार आती हैं। वैदिक ज्योतिष में परिभाषित एक महीने में कुल 30 तिथियां होती हैं। पहले पंद्रह तीथों को शुक्ल पक्ष में, जबकि अगले पंद्रह तीथों को कृष्ण पक्ष में शामिल किया जाता है। 12 डिग्री पर चंद्रमा के झुकाव के साथ, माह के एक तिथि का समापन होता है। एक तिथि में पांच भाग होते हैं जिन्हें नंदा, भद्रा, रिक्ता, जया और पूर्णा कहा जाता है।

Wednesday, 09 November 2022 |

पूर्णिमांत -शुक्ल द्वादशी 26:43:48 तक, भाद्रपद, विक्रम संवत -2076
अमांत -2

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पंचांग में तिथि का महत्व

हिंदू कैलेंडर या पंचांग में तिथियों का अत्यधिक महत्व है क्योंकि यह लोगों को एक नया कार्य करने या उसकी शुरूआत करने के लिए शुभ समय प्रदान करती है। शुभ तिथियों के साथ-साथ अशुभ तिथियां भी होती हैं। तिथि दिन के अलग-अलग समय पर शुरू होती है और लगभग 19 से 26 घंटे की अवधि तक भिन्न हो सकती हैं। तिथियों के नाम इस प्रकार हैं – प्रथमा, द्वितीया, तृतीया, चतुर्थी, पंचमी, षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी, त्रयोदशी, चतुर्दशी, अमवास्या और पूर्णिमा।

पंचांग की 30 तिथियों

हिंदू पंचांग की तिथियों को दो भागों में बांटा गया है - शुक्ल और कृष्ण पक्ष। प्रत्येक में कुल 15 तिथि हैं। सामूहिक रूप से कैलेंडर में कुल 30 तिथियां हैं। अमावस्या और पूर्णिमा को छोड़कर सभी तिथियां महीने में दो बार आती हैं। आइए जानते हैं तिथियों के बारे में..

प्रथम / प्रतिपदा
सभी प्रकार के शुभ और धार्मिक अनुष्ठानों के लिए यह सबसे उपयुक्त तिथि है। इस तिथि के अधिपति देवता अग्नि हैं।

द्वितीया / विद्या
स्थायी इमारत और माकान जैसे अन्य चीजों की नींव रखने के लिए यह उत्तम तिथि है। इस तिथि पर ब्रह्मदेव का आधिपत्य है।

तृतीया / तीज
बाल कटाने, नाखून काटने और मुंडन करवाने के लिए यह अच्छी तिथि मानी जाती है। इस पर देवी गौरी का अधिकार है।

चतुर्थी / चौथ
शत्रुओं के विनाश, बाधाओं को दूर करने के लिए यह तिथि उपयुक्त है। इस तिथि के स्वामी यमदेव व भगवान श्री गणेश है।

पंचमी
यह तिथि सर्जरी करवाने और चिकित्सीय सलाह लेने की दृष्टि से श्रेष्ट है। इस तिथि के अधिपति देवता नाग हैं।

षष्ठी
यह तिथि विशेष अवसरों या उत्सवों को मनाने, नए लोगों से मिलने और नये मित्र बनाने के लिए उत्तम है। इस तिथि के स्वामी देव कार्तिकेय हैं।

सप्तमी
यह तिथि यात्रा शुरू करने और खरीदारी करने के लिए सबसे उत्तम है। इस दिन किसी विशेष कार्य के लिए यात्रा कर रहे हैं तो परिणाम अच्छे मिलने के अधिक आसार होते हैं। क्योंकि इस तिथि पर सूर्यदेव का स्वामित्व है।

अष्टमी
यह तिथि जीत दिलाने वाली है। इस दिन भगवान रुद्र की पूजा करना उत्तम माना जाता है। क्योंकि यह दिन शिव का है। कृष्ण पक्ष में पूजन कारना श्रेष्ट है जबकि शुक्ल पक्ष में इस तिथि में शिव पूजन वर्जित है।

नवमी
यह दिन विनाश और हिंसा के कृत्यों की शुरुआत करता है। तिथि समारोह या यात्रा के लिए अशुभ है। इस दिन पर देवी अंबिका का अधिकार है।

दशमी
पुण्य, धार्मिक व आध्यात्मिक कार्यों और अन्य पवित्र कार्यों के लिए यह तिथि शुभ है। इस दिन के स्वामी धर्मराज हैं।

एकादशी
हिंदू धर्म और जैन धर्म में विशेष धार्मिक महत्व के साथ सबसे शुभ दिनों में से एक है, जो आमतौर पर उपवास और भगवान की भक्ति कर मनाया जाता है। क्योंकि इस तिथि पर देवों के देव महादेव का आधिपत्य है।

द्वादशी
धार्मिक अनुष्ठानों के लिए शुभ है। भगवान विष्णु इस तिथि के स्वामी हैं।

त्रयोदशी
मित्रता करने , कामुक सुख की प्राप्ति और उत्सव मनाने के लिए यह तिथि उत्तम है। इस दिन पर कामदेव का स्वामित्व है।

चतुर्दशी
इस दिन पर देवी काली का अधिकार है। यह दिन प्रेत बाधा को दूर करने के लिए तथा सिद्धि प्राप्त करने के लिए उत्तम है।

पूर्णिमा
व्रत और यज्ञ के लिए उपयुक्त तिथि है। इस दिन कथा सुनने व सुनाने से अधिक फल प्राप्त होता है। पूर्णिमा तिथि पर चंद्रमा का स्वामित्व है।

अमावस्या
यह तिथि पितृ- देवों की है। इस दिन पितरों की सेवा व दान करने पर श्रेष्ट फल की प्राप्ति होती है। व्रत के लिए भी यह तिथि विशेष है।

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आज कौन सा day है 2022?

आज का Din एवं Date है 28 October शुक्रवार 2022

आज का स्पेशल डे कौन सा है?

Aaj kon sa divas hai (aaj konsa vaar hai) आज शनिवार, अक्टूबर 29, 2022 है। आज 8 सितंबर है और इसे अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के रूप में मनाया जाता है।

24 जुलाई को कौन सा दिवस मनाया जाता है?

आयकर दिवस (24 जुलाई) का इतिहास, महत्व, थीम और अवलोकन 24-Jul - भारत में प्रति वर्ष 24 जुलाई के दिन को आयकर दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारत में 24 जुलाई, 1860 में सबसे पहले एक शुल्क के तौर पर आयकर की शुरुआत की गई थी। इसलिए विभाग ने इसी दिन (24 जुलाई) को आयकर दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया।

कौन कौन से दिवस मनाए जाते हैं?

दिनांक.
विश्व हास्य दिवस मई महीने के पहले रविवार को.
अन्तर्राष्ट्रीय श्रम दिवस/मजदूर दिवस 1 मई.
विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस 3 मई.
विश्व रेडक्रॉस दिवस 8 मई.
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस 11 मई.
अन्तर्राष्ट्रीय नर्स दिवस 12 मई.
अन्तर्राष्ट्रीय परिवार दिवस 15 मई.
अन्तर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस 22 मई.

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