➡ राज्य की जलवायु को प्रभावित करने वाले कारकों में अक्षाशीय स्थिति , समुन्द्र से ऊंचाई , दुरी , पर्वतीय दिशा , पवनों की दिशा , मिट्टी का प्रकार व वनस्पति की मात्रा आदि महत्वपूर्ण है । ➡ कर्क रेखा पर क्षेत्रफल में सबसे बड़ा राज्य राजस्थान है। ➡ अरब सागर से राजस्थान की कुल दूरी 400 किमी. है । ➡ बंगाल की खाड़ी से राज्य की कुल दूरी 2900 किमी. है । ➡ अरावली पर्वतमाला की समुंद्रतल से औसत ऊंचाई 930 मीटर है । ➡ समुंद्रतल से राजस्थान के अधिकांश भाग की औसत ऊंचाई 370 मीटर है । ➡ सामान्यत समुंद्रतल से ऊंचाई बढ़ने जे समय तापक्रम घटता है जिसकी सामान्य ह्रास दर प्रति 165 मीटर की ऊंचाई पर 1 सेंटीग्रेट होती है । ➡ समुन्द्र की गहराई को फेदोमीटर यंत्र से मापा जाता है तथा गहराई फेदम में मापी जाती है । ➡ राजस्थान के सर्वाधिक नजदीक स्थित सागरीय भाग कच्छ की खाड़ी है । ➡ राजस्थान का औसत वार्षिक तापमान 37 – 38 से. है । ➡तापमान मापी यंत्र थर्मामीटर होता है । ➡ राजस्थान के सर्वाधिक गर्म महीने मई – जून है । ➡ राहस्थान के सबसे ठंडे महीने दिसम्बर – जनवरी है । ➡ राजस्थान में सर्वाधिक तापमान का समय सायं 3 बजे का होता है । ➡ राजस्थान में सबसे कम तापमान का समय सुबह 5 बजे का होता है । ➡ राज्य में सर्वाधिक दैनिक तापान्तर पश्चिमी क्षेत्र का रहता है । ➡ राजसरहं का पश्चिम शुष्क प्रदेश भारत का सबसे गर्म प्रदेश माना जाता है । ➡ राजस्थान में वर्षा का वार्षिक औसत 57-58 सेमी. है । वर्षा मापी यंत्र रेनो मीटर होता है । ➡ राज्य में सर्वाधिक वर्षा वाले महीने जुलाई – अगस्त है । ➡ राज्य में सर्वाधिक वर्षा वाला क्षेत्र दक्षिण – पूर्वी क्षेत्र है । ➡ राज्य में सबसे कम वर्षा वाला क्षेत्र उत्तर – पश्चिम क्षेत्र है । ➡ राज्य में सर्वाधिक वर्षा वाला जिला झालावाड़ (100 सेमी.) है। यहां 40 दिन तक वर्षा होती है । ➡ राज्य में सबसे कम वर्षा वाला जिला जैसलमेर (10 सेमी.) है । यहां वर्षा की अवधि मात्र 5 दिन है । ➡ सर्वाधिक वर्षा वाला स्थान माउन्ट आबू – सिरोही (125 -150 सेमी.) है । ➡ सबसे कम वर्षा वाला स्थान सम (जैसलमेर- 5 सेमी.) है । ➡ राज्य में वर्षा के दिनों की औसत संख्या वर्षभर में 29 दिन है । ➡ राजस्थान की औसत वार्षिक वर्षा के बराबर औसत वर्षा वाला जिला अजमेर है । ➡ 50 सेमी. वर्षा रेखा राज्य को दो भागों में विभाजित करती है । ➡ 50 सेमी. वर्षा रेखा के उत्तर पश्चिम में वर्षा कम होती है जबकि दक्षिण – पूर्व में अधिक होती है । ➡ जिस दिन 0.25 सेमी. से अधिक वर्षा हो उस दिन को वर्षा वाला दिन कहा जाता है । ➡ राज्य के दक्षिण भाग में अधिक वर्षा का कारण अरावली पर्वतों की ऊंचाई है । ➡ राज्य में बार – बार पड़ने वाले सूखे व अकाल का मुख्य कारण अनियमित वर्षा है । ➡ दोगड़ा : – राज्य में होने वाली मानसून पूर्व की वर्षा को दोगड़ा कहा जाता है । ➡ वाष्पोत्सर्जन मापन यंत्र पोटो मीटर है । ➡ राज्य में वाष्पोत्सर्जन की सर्वाधिक दर वाला महीना जून है । एवं कम दर वाला महीना दिसम्बर है । ➡ राज्य में वाष्पोत्सर्जन की सर्वाधिक दर वाला जिला जैसलमेर है । एवं कम दर वाला जिला डूंगरपुर है । ➡ राजस्थान में सर्वाधिक आर्द्रता वाला महीना अगस्त एवं कम आर्द्रता वाला महीना अप्रेल है । ➡ आर्द्रता मापन यंत्र हाइग्रोमीटर है । ➡ राज्य में सर्वाधिक आर्द्रता वाला जिला झालावाड़ एवं न्यूनतम आर्द्रता वाला जिला जैसलमेर है । ➡ राज्य में सर्वाधिक ओलावृष्टि मार्च – अप्रेल के महीने में होती है । ➡ राज्य में अधिकतर ओलावृष्टि सर्दी के मौसम में होती है । Show अतिवृष्टि – राज्य में कई स्थानों पर 24 घंटे में 20-30 सेमी. वर्षा होती है , जिससे अतिवृष्टि की स्थिति देखने को मिलती है । सामान्य ज्ञान ग्रुप टीम के द्वारा की जा रही सभी पुरानी और नई पोस्ट और फ़ाइल देखने और डाउनलोड करने के लिए आप नीचे दी हुई हमारी वेबसाइट क्लिक करके प्राप्त करे- राजस्थान में प्रवेश करने वाली हवाओं के नाम राजस्थान के जलवायु प्रदेश 1. शुष्क जलवायु प्रदेश: – 2. अर्द्ध शुष्क जलवायु प्रदेश : – 3. उप आर्द्र जलवायु प्रदेश : – 4. आर्द्र जलवायु प्रदेश : – 5. अति आर्द्र जलवायु प्रदेश : – राजस्थान विषम जलवायु वाला प्रदेश है , परन्तु उदयपुर राज्य का एक मात्र ऐसा जिला है जहाँ की जलवायु सम जलवायु है । राज्य की जलवायु को प्रभावित करने वाले कारक ➡ राज्य की जलवायु को मुख्यत 7 कारक प्रभावित करते है – 2. समुन्द्र तल से दूरी : – 3. अरावली पर्वतमाला की स्थिति : – 4. धरातलीय स्थिति : – 5. वनस्पति तत्व : – 6. मृदा की संरचना : – राजस्थान की जलवायु का वर्णन कैसे करें?उत्तर-पश्चिमी भारत में राजस्थान का जलवायु आम तौर पर शुष्क या अर्ध-शुष्क है और वर्ष भर में काफी गर्म तापमान पेश करता है, साथ ही गर्मी और सर्दियों दोनों में चरम तापमान होते हैं। भारत का यह राज्य राजस्थान उत्तरी अक्षांश एवं पूर्वी देशांतर पर स्थित है।
राजस्थान की जलवायु कितने प्रकार की होती है?राजस्थान को जलवायु की दृष्टि से पांच भागों में बांटा है।. शुष्क जलवायु प्रदेश(0-20 सेमी.). अर्द्धशुष्क जलवायु प्रदेश(20-40 सेमी.). उपआर्द्र जलवायु प्रदेश(40-60 सेमी.). आर्द्र जलवायु प्रदेश(60-80 सेमी.). अति आर्द्र जलवायु प्रदेश(80-100 सेमी.). राजस्थान की जलवायु की प्रमुख विशेषताएं क्या है?राजस्थान की जलवायु शुष्क से उप-आर्द्र मानसूनी से जलवायु है। अरावली के पश्चिम में न्यून वर्षा, उच्च दैनिक एवं वार्षिक तापान्तर, निम्न आर्द्रता तथा तीव्र हवाओं युक्त शुष्क जलवायु है। दूसरी ओर अरावली के पूर्व में अर्द्धशुष्क एवं उप-आर्द्र जलवायु है।
हम जलवायु का वर्णन कैसे करते हैं?जलवायु किसी स्थान के वातावरण की दशा को व्यक्त करने के लिये प्रयोग किया जाता है। यह शब्द मौसम के काफी करीब है। पर जलवायु और मौसम में कुछ अन्तर है। जलवायु बड़े भूखंडो के लिये बड़े कालखंड के लिये ही प्रयुक्त होता है जबकि मौसम अपेक्षाकृत छोटे कालखंड के लिये छोटे स्थान के लिये प्रयुक्त होता है।
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