Q. राजा राममोहन रॉय ने आत्मीय सभा की स्थापना बंगाल में किस वर्ष की थी? Show ब्रह्म समाज भारत का एक सामाजिक-धार्मिक आन्दोलन था जिसने बंगाल के पुनर्जागरण युग को प्रभावित किया। इसके प्रवर्तक, राजा राममोहन राय, अपने समय के विशिष्ट समाज सुधारक थे। 20 अगस्त,1828 में ब्रह्म समाज को राजा राममोहन और द्वारकानाथ टैगोर ने स्थापित किया था। इसका एक उद्देश्य भिन्न भिन्न धार्मिक आस्थाओं में बँटी हुई जनता को एक जुट करना तथा समाज में फैली कुरीतियों को दूर करना था। उन्होंने ब्रह्म समाज के अन्तर्गत कई धार्मिक रूढियों को बंद करा दिया जैसे- सती प्रथा, बाल विवाह, जाति तंत्र और अन्य सामाजिक। सन 1815 में राजाराम मोहन राय ने "आत्मीय सभा" की स्थापना की। वो 1828 में ब्राह्म समाज के नाम से जाना गया। देवेन्द्रनाथ ठाकुर ने उसे आगे बढ़ाया। बाद में केशव चंद्र सेन जुड़े। उन दोनों के बीच मतभेद के कारण केशव चंद्र सेन ने सन 1866 "भारतवर्षीय ब्रह्मसमाज" नाम की संस्था की स्थापना की। सिद्धान्त1. ईश्वर एक है और वह संसार का निर्माणकर्ता है। 2.आत्मा अमर है। 3.मनुष्य को अहिंसा अपनाना चाहिए। 4. सभी मानव समान है। उद्देश्य1. हिन्दू धर्म की कुरूतियों को दूर करते हुए,बौद्धिक एवम् तार्किक जीवन पर बल देना। 2.एकेश्वरवाद पर बल। 3.समाजिक कुरूतियों को समाप्त करना। कार्य1.उपनिषद & वेदों की महत्ता को सबके सामने लाया। 2. समाज में व्याप्त सती प्रथा,पर्दा प्रथा,बाल विवाह के विरोध में जोरदार संघर्ष। 3. किसानो, मजदूरो, श्रमिको के हित में बोलना। 4. पाश्चत्य दर्शन के बेहतरीन तत्वों को अपनाने की कोशिश करना। उपलब्धि
इन्हें भी देखेंपढ़े atmiya sabha in hindi आत्मीय सभा के संस्थापक कौन थे , आत्मीय सभा की स्थापना कब और किसने की थी नाम बताइए ? प्रश्न: राजा राममोहन राय प्रश्न: देशी रियासतों के एकीकरण की समस्या एवं उसके निदान में पटेल की भूमिका बताइये। सब्सक्राइब करे youtube चैनल आत्मीय सभा की स्थापना कब और किसने की थी?1814 में राजा राममोहनराय कलकत्ता आये और वहां बस गए। उन्होंने 1815 में धार्मिक सत्य के प्रचार-प्रसार और धार्मिक विषयों के मुक्त विचार-विमर्श को बढ़ावा देने के लिए आत्मीय सभा की स्थापना की।
आत्मीय सभा की स्थापना क्यों की?1814 में, राजा राम मोहन राय ने कलकत्ता में आत्मीय सभा (दोस्तों का समाज) की स्थापना की। इसका उद्देश्य वेदांत के एकेश्वरवादी आदर्शों का प्रचार करना और जातिगत रूढ़ियों के खिलाफ अभियान चलाना था। केशब चंद्र सेन ने आत्माराम पांडुरंग को 1867 में बॉम्बे में प्रार्थना समाज स्थापित करने में मदद की।
राजा राममोहन राय कौन से समाज की स्थापना की थी?1828 में, राजा राम मोहन राय ने ब्रह्म सभा की स्थापना की-
मूल रूप से ब्रह्म समाज की शुरुआत धार्मिक पाखंडों को बेनकाब करने के लिए की गई थी। यह आधुनिक भारत में पहला बौद्धिक सुधार आंदोलन था जहां सामाजिक बुराइयों की निंदा की गई और उन्हें समाज से दूर करने के प्रयास किए गए।
ब्रह्म समाज की स्थापना कब हुई थी?20 अगस्त 1828, कोलकाता, भारतब्रह्म समाज / स्थापना की तारीख और जगहnull
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