आवर्धक लेन्स और उससे बड़ा दिखता पेन
आवर्धक लेन्स का सिद्धान्त : किसी उत्तल लेंस के सामने यदि वस्तु फोकस बिन्दु तथा लेंस के बीच में स्थित हो तो उसका प्रतिबिम्ब सीधा, बड़ा तथा आभासी बनता है।
This magnificent glass show in big picture of object.
आवर्धक लेन्स (magnifying glass या hand lens) एक उत्तल लेंस होता है जिसका उपयोग पास की वस्तुओं का आवर्धित प्रतिबिम्ब प्राप्त करने के लिये किया जाता है। प्रायः आवर्धक लेंस को एक गोल फ्रेम में मढ़ा गया होता है जिसमें एक हत्था (हैंडिल) भी लगा होता है। (चित्र देखें)।आवर्धन लेंस की खोज रोजर बेकन ने की थी। आवर्धक लेंस की खोज के बाद ही सूक्ष्मदर्शी का आविष्कार संभव हो सका
इन्हें भी देखें[संपादित करें]
- आवर्धन
- सूक्ष्मदर्शी
- दूरदर्शी
आवर्धक लेंस कौन सा होता है अक्सर आवर्धक लेंस का अखबार पढ़ने के लिए उपयोग करते हैं तो यहां पर चित्र में आवर्धक लेंस दिखाया गया है यह वाला जो है वह आवर्धक लेंस आवर्धक लेंस लेंस बीच में पतला होता है बीच में यह पतला होता है और किनारों पर मोटा होता है जो बीच में पतला होता है और किनारों पर मोटा होता है उसको हम कहते हैं और उत्तल लेंस अवतल लेंस का यह कौन है अवतल लेंस के क्या गुण है अवतल लेंस के पास यदि कोई वस्तु रखी होगी तो उसका प्रतिबिंब वस्तु की तरह ही बनेगा आभासी बनेगा और तू जैसे उधर की तरफ वस्तु रखी हुई है इधर
आंखें आपकी जिधर आप इधर से आप देखना कोई व्यक्ति इधर की तरफ से देख लो और उसी तरफ से शब्दों का दुकान में शब्द है उसका दूसरी तरह के प्रतिबंध कब होगा तो इस प्रश्न का उत्तर मिल गया होगा आवर्धक लेंस कौन सा लेंस होता है
कौन सा लेंस एक आवर्धक कांच के रूप में कार्य करता है?
- उत्तल
- अवतल-उत्तल
- अवतल
- उत्तल-अवतल
Answer (Detailed Solution Below)
Option 1 : उत्तल
Free
Electric charges and coulomb's law (Basic)
10 Questions 10 Marks 10 Mins
अवधारणा:
फोकल लंबाई: जब प्रकाश एक लेंस से गुजरता है, तो यह मापता है कि प्रणाली कितनी दृढ़ता से प्रकाश को परिवर्तित या अपरिवर्तित
करती है।
एक लेंस की फोकल लंबाई लेंस निर्माता सूत्र के निम्न द्वारा दी गई है
\(\frac{1}{f}=(μ-1)(\frac{1}{R_1}-\frac{1}{R_2})\)
जहां f लेंस की फोकल लंबाई है, μ लेंस का अपवर्तनांक है, और R1 और R2 वक्रता त्रिज्या हैं
आवर्धन: उत्तल लेंस में, आवर्धन वस्तु की ऊंचाई के लिए छवि की ऊंचाई का अनुपात होता है।
निकट बिंदु D के
लिए, उत्तल लेंस का आवर्धन निम्न द्वारा दिया जाता है
\(m = 1+\frac{D}{f}\)
जहां m आवर्धन है, D निकट बिंदु है, और f उत्तल लेंस की फोकल लंबाई है।
व्याख्या:
हम लेंस निर्माता सूत्र को जानते हैं \(\frac{1}{f}=(μ-1)(\frac{1}{R_1}-\frac{1}{R_2})\)
- उत्तल लेंस के लिए f हमेशा धनात्मक रहेगा और अवतल लेंस के लिए f हमेशा ऋणात्मक रहेगा।
- अवतल - उत्तल और उत्तल - अवतल लेंस के लिए, R1 और R2 के मान के आधार पर f का मान धनात्मक और ऋणात्मक दोनों हो सकते है।
आवर्धन \(m = 1+\frac{D}{f}\)
- m > 1 केवल तभी संभव है जब f हमेशा धनात्मक (एक उत्तल लेंस) हो।
- तो उत्तल लेंस एक आवर्धक काँच के रूप में कार्य करता है।
- इसलिए सही उत्तर विकल्प 1 है।
Latest Airforce Group X Updates
Last updated on Nov 11, 2022
IAF Group X Provisional Select List List released for 01/2022 intake. The Indian Air Force (IAF) has also released the official notification for the IAF Group X (01/2023) on 7th November 2022. The selection of the candidates will depend on three stages which are Phase 1 (Online Written Test), Phase 2 ( DV, Physical Fitness Test, Adaptability Test I & II), and Phase 3 (Medical Examination). The exam is scheduled from 18th to 24th January 2023. The candidates who will qualify all the stages of selection process will be selected for the Air Force Group X posts & will receive a salary ranging of Rs. 30,000. This is one of the most sought jobs. Candidates can check the Airforce Group X Eligibility here.