अगस्त में बोई जाने वाली सब्जियां, अगस्त में बोई जाने वाली फसलें या August me konsi sabji lagaye आदि के बारे में जानकारी.
किसान मित्रों अगस्त का महीना आ चुका है और आप सोच रहें होंगे कि ऐसी कौन सी अगस्त में बोई जाने वाली सब्जियां हैं जिनसे हम अच्छा मुनाफा कमा सकें या इस महीने में किस सब्जी को उगाना लाभकारी होगा और आप इस महीने में ऐसी फसल का भी चुनाव करना चाहेंगे जिसकी बाजार में मांग अधिक हो जिसके कारण आप अच्छा मुनाफा कमा सकें तो आइए आगे हम कुछ ऐसी ही फसलों के बारे में जानकारी हासिल करेंगे जिनकी मांग अधिक हो और जिनसे आप अच्छा मुनाफा कमा सकें इसलिए इस पोस्ट को आखिर तक जरुर पढ़ें.
अगस्त महीने में हम गाजर, शलजम, फूलगोभी, टमाटर, पालक, धनिया, बीन, ब्रसेल्स स्प्राउट और चौलाई आदि की खेती कर सकते हैं आगे हम इन फसलों के बारे में कुछ महत्त्वपूर्ण जानकारी और इन सब्जियों की उन्नत किस्में जानेंगे इसलिए इस पोस्ट को अंत तक जरुर पढ़ें.
Table of Contents
- गाजर की खेती
- शलजम की खेती
- फूलगोभी की खेती
- टमाटर की खेती
- पालक की खेती
- धनिया की खेती
- बीन की खेती
- ब्रसेल्स स्प्राउट की खेती
- चौलाई की खेती
गाजर की खेती
गाजर की खेती करने के लिए बलुई दोमट तथा दोमट मिट्टी सबसे अच्छी रहती है लेकिन मृतिका दोमट या मृतिका भूमि में भी पर्याप्त जैव पदार्थ का प्रयोग करके गाजर की सफल खेती की जाती है अगर बात करें कि गाजर की उन्नत किस्में कौन सी हैं तो इसकी उन्नत किस्मों में पूसा मेघाली, पूसा यमदग्नि, पूसा केसर कश्मीर ब्यूटी, कोरलेस और इंडियन लॉन्ग रेड जैसी किस्में आती हैं.
शलजम की खेती
शलजम की खेती के लिए भी बलुई या बलुई दोमट मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है शलजम के लिए खेत को एक बार मिट्टी पलटने वाले हल से गहरा जोतकर 3 से 4 जुताइयां देशी हल से करनी चाहिए. पूसा स्वर्णिमा, पूसा चंद्रिमा, गोल्डन बाल, पूसा कंचन, पंजाब सफेद और स्नोबल जैसी किस्में शलजम की उन्नत किस्में हैं.
फूलगोभी की खेती
दोमट मिट्टी के खेत में फूलगोभी से अच्छी उपज मिलती है इस फसल की सामान्य वृद्धि के लिए अधिक समय तक ठंडी जलवायु तथा वायुमंडल में पर्याप्त नमी होनी चाहिए अगर फूलगोभी की उन्नत किस्में देखें तो इसकी कुंवारी 327, 234 एस, पूसा कार्तिकी, पूसा दीपाली, पूसा अगहनी, पंत शुभ्रा और स्नोबाल 16 जैसी उन्नत किस्में हैं.
टमाटर की खेती
टमाटर को खाने के कई लाभ हैं इसकी खेती के लिए बलुई दोमट मिट्टी सबसे अच्छी रहती है टमाटर की खेती करने के लिए खेत की अच्छी तैयारी बहुत जरूरी होती है अगर हम टमाटर की उन्नत किस्में जानें तो इनमें पूसा रूबी, पूसा हाइब्रिड 4, एच एस 102, स्वीट 72, पूसा अर्ली ड्वार्फ, गैभेड, पंत बहार और रूपाली वैशाली जैसी किस्में आती हैं.
पालक की खेती
पालक के बीजों को बोते समय यह बात ध्यान में रखनी होती है कि इसके बीजों को बोते समय आधे से एक इंच गहराई में बोना चाहिए अगर बात करें कि पालक की उन्नत किस्में कौन कौन सी हैं तो इनमें आल ग्रीन, पूसा हरित, पूसा ज्योति, जोबनेर ग्रीन और बनर्जी ज्वाइंट आदि किस्में आती हैं.
धनिया की खेती
मसालों में धनिया का प्रमुख स्थान है धनिया के बीज के अंकुरण के लिए 25 से 26 डिग्री सेल्सियस तापमान अच्छा माना जाता है धनिया को पाले से बहुत नुकसान होता है. हिसार सुगंध, आर सी आर 41, कुंभराज, गुजरात धनिया 2, पंत हरितमा और जे डी 1 आदि धनिया की उन्नत किस्में हैं.
बीन की खेती
बीन की खेती जुलाई से सितंबर और उत्तरी भारत में दिसम्बर से फरवरी तक भी की जाती है यह फसल 5 से 7 pH मान वाली मिट्टी में अच्छी उपज देती है. काशी परम, काशी संपन्न, काशी राजहंश, अर्का कोमल, अर्का सुविधा, पूसा हेमलता और स्वर्ण लता आदि बीन की उन्नत किस्में हैं.
ब्रसेल्स स्प्राउट की खेती
ब्रसेल्स स्प्राउट की खासियत यह है कि यह ठंड और नमी युक्त जलवायु में सबसे अच्छी बढ़ती है 15 से 25 डिग्री सेल्सियस में इसकी खेती अच्छी तरह से होती है और अगर बात करें कि ब्रसेल्स स्प्राउट की उन्नत किस्में कौन कौन सी हैं तो उनमें रूबिन, हिल्ड आइडियल, जेड क्रॉस, अर्ली इंप्रूव्ड, अर्ली मोर्न, हाफ ड्वार्फ, वेड शायर और एवोसम जैसी किस्में आती हैं.
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चौलाई की खेती
अगर आप चौलाई बोने की सोच रहें हैं तो यह जानना बहुत जरूरी है कि इसके बीजों के अंकुरित होने के लिए 20 से 25 डिग्री सेल्सियस तापमान होना जरूरी होता है. कपिलासा, बड़ी चौलाई, छोटी चौलाई, अन्नपूर्णा चौलाई, पूसा लाल चौलाई, सुवर्णा चौलाई और गुजराती अमरेंथ 2 आदि चौलाई की उन्नत किस्में हैं.
किसान मित्रों उम्मीद है आपको अगस्त में बोई जाने वाली सब्जियां, अगस्त में बोई जाने वाली फसलें या August me konsi sabji lagaye का लेख पसन्द आया होगा ऐसे ही और भी पोस्ट या लेख को सबसे पहले पाने के लिए नीचे दिए गए लाल रंग की घंटी को क्लिक करके सब्सक्राइब करें और इसे अपने किसान मित्रों से भी शेयर करें.
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जागरण संवाददाता, मेरठ। कार्य करने से पहले योजना बनाना हर एक क्षेत्र में सफलता की कुंजी साबित होता है। यदि किसान को यह जानकारी है कि कौन से माह में कौन सी फसल की बुवाई व विकसित करनी है तो यह उसके लिए काफी लाभकारी होता है। सितंबर माह में कई ऐसे सब्जियां हैं जिनकी बुवाई की जाती है। इनसे किसानों को अच्छा मुनाफा मिलता है। सितंबर महीने में मानसून बरसात का अंत होता है और शरद ऋतु के आगमन की तरफ बदलाव होता है। मेरठ उद्यान विभाग को कार्ययोजना वर्ष 2021-22 के तहत आम, अमरूद, लीची, पपीता, फूल व सब्जियों के लिए 89 हेक्टेयर के लक्ष्य प्राप्त हो चुके हैं। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत पर ड्रोप मोर क्रोप योजना में 2436 हेक्टेयर का लक्ष्य प्राप्त हुआ है। इसके अलावा अनुसूचित जाति जनजाति के किसानों के लिए अलग से कार्य योजना बनाई गई है।
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