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अकाल मृत्यु वो मरे जो काम करे चांडाल का, काल भी उसका क्या करे जो भक्त हो महाकाल का।
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जय भोले नाथ दोस्तो। हम सभी इस संसार में किसी न किसी कारण से परेशान हैं क्योंकी हम सिर्फ हमारी इच्छाओं की पूर्ति करने के लिए कार्य करते हैं मानसिक शांति के लिए नहीं। सभी के मन में अपने लाभ की भावना के कारण प्रतिस्पर्धा बढ़ गयी है।
भोलेनाथ कहते हैं कि
- अकाल मृत्यु वो मरे जो काम करे चांडाल का,
- काल भी उसका क्या करे जो भक्त हो महाकाल का।
अथार्त जो व्यक्ति कुकर्म करते हैं उन्हें मोक्ष की प्राप्ति नहीं होती, उनका विनाश और पतन बहुत कम समय में हो जाता है इसलिए हमें भोलेनाथ की आराधना करनी चाहिए ताकि हमारी सभी समस्याओं का अंत हो सकें।
अकाल मृत्यु वो मरे जो काम करे चांडाल का काल भी उसका क्या करे जो भक्त हो महाकाल का?
अकाल मृत्यु वो मरे जो काम करे चांडाल का, काल भी उसका क्या करे जो भक्त हो महाकाल का।
काल भी उसका क्या करे जो भक्त हो महाकाल का डायलॉग?
पलिया कलां (लखीमपुर): अकाल मृत्यु वो मरे जो काम करे चांडाल का, काल भी उसका क्या बिगाड़े जो भक्त हो महाकाल का।
अकाल मृत्यु का कारण क्या है?
इस पुराण के अनुसार अगर कोई व्यक्ति किसी दुर्घटना में, जल में डूबने से, या सांप के काटने से, या फिर किसी रोग के कारण, या फिर गले में फांसी का फंदा लगने से, या फिर भूख से पीड़ित होकर, या फिर किसी हिंसक प्राणी के द्वारा मारा जाता है तो ऐसा ही व्यक्ति अकाल मृत्यु को प्राप्त हो जाता है।
अकाल मृत्यु मृत्यु क्या है?
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार अगर कुंडली में अकाल मृत्यु का योग हो तो भोलेनाथ का स्मरण करना चाहिए। शिवशंकर जी के बारे में कहा जाता है कि जो महाकाल के भक्त होते हैं उनका काल भी कुछ नहीं बिगाड़ सकता। इसलिए अकाल मृत्यु का भय हो तो उसे टालने के लिए जल में तिल और शहद मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए।