न्यूज डेस्क: आज के वर्तमान समय में अमेरिका और रूस को दुनिया का सबसे ताकतवर देश माना जाता हैं। दुनिया में अमेरिका सुपरपावर के नाम से जाना जाता हैं तो बहुत से जानकर ये भी मानते हैं की अमेरिका को अगर कोई युद्ध में हरा सकता हैं तो वो हैं रूस। आज इसी विषय में जानने की कोशिश करेंगे अमेरिका और रूस के सैन्य ताकत के बारे में की कौन सा देश कितना ताकतवर हैं।
अमेरिका और रूस में से कौन सा देश है ज्यादा ताकतवर।
1 .ग्लोबल फायरपावर के अनुसार अमेरिका का कुल रक्षा बजट 581 अरब डॉलर का है जबकि रूस का कुल रक्षा बजट 46 अरब डॉलर का है.
2 .ग्लोबल फायरपावर के अनुसार रूस अमेरिका से सैन्य ताकत से लेकर हथियारों के मामले में भी पीछे है.
अमेरिका और रूस में से कौन सा देश है ज्यादा ताकतवर!
ग्लोबल फायरपावर के अनुसार रूस अमेरिका से सैन्य ताकत से लेकर हथियारों के मामले में भी पीछे है. लेकिन जब बात टैंक्स की आती है तो रूस के पास अमेरिका से काफी ज्यादा टैंक्स हैं.
जब कभी भी सैन्य ताकत और हथियारों की बात होती है तो हमारे सामने विश्व की दो सबसे बड़ी ताकतों का ख्याल आता है. इन ताकतों में पहला स्थान अमेरिका का है तो दूसरा स्थान रूस का है. आज हम आपको बताने जा रहे हैं इन दोनों ही बड़े देशों की सैन्य ताकतों और असलहा बारूद के बारे में. आगे की स्लाइड्स में देखें किस देश के पास है सबसे ज्यादा हथियार और ताकत...!
रूस के पास 15398 टैंक, 1438 लड़ाकू विमान, 1 युद्धपोत, 478 अटैक हैलिकॉप्टर और 60 पनडुब्बी हैं. रूस की सेना में 7 लाख से अधिक सैनिक हैं.
अमेरिका के पास 8848 टैंक, 2785 लड़ाकू विमान, 13 युद्धपोत, 957 अटैक हैलिकॉप्टर और 75 पनडुब्बी हैं. अमेरिका की सेना में 14 लाख सैनिक हैं.
ग्लोबल फायरपावर के अनुसार अमेरिका का कुल रक्षा बजट 581 अरब डॉलर का है. रूस को इस सूची में दूसरा स्थान दिया गया है. रूस का कुल रक्षा बजट 46 अरब डॉलर का है.
अमेरिका और रूस समेत विश्व की कई देशों की आर्मी को लेकर विश्व की जानी-मानी वेबसाइट ग्लोबल फायरपावर ने हाल ही में अपनी लिस्ट जारी की थी. आज हम आपको ग्लोबल फायरपावर की लिस्ट के आधार पर बताने जा रहे हैं कि अमेरिका और रूस में से कौन है सबसे ज्यादा ताकतवर.
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Highlights
- रूस और अमेरिका की मिलिट्री पॉवर में फर्क
- दुनिया की नंबर एक मिलिट्री पॉवर है अमेरिका
- सैन्य ताकत में रूस दुनिया में दूसरे नंबर पर
Russia vs US Military Power: यूक्रेन के सात महीने तक युद्ध के बाद भी थल सेना के जरिये उसके अधिकांश क्षेत्रों पर कब्जा नहीं कर पाने की टीस ने रूस को बौखला दिया है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन की सनक इस जंग को अब परमाणु युद्ध में भी बदल सकती है। पुतिन की इस धमकी को अमेरिका ने भी बेहद गंभीरता से लिया है। लिहाजा अमेरिका और रूस के बीच भी युद्ध की आशंका बढ़ गई है। अगर ऐसा हुआ तो रूस और अमेरिका में कौन किस पर भारी पड़ेगा इस बारे में भी जान लेना जरूरी है। आइए अब आपको बताते हैं कि रूस और अमेरिका में कौन अधिक ताकतवर है।
रूस की मंशा को देखते हुए अमेरिका ने भी नाटो के सैन्य कमांडरों को जहां भी इसकी आवश्यकता है वहां बलों को तैनात करने का अधिकार दे दिया गया है। अमेरिकी रक्षा सचिव ने बाल्टिक देशों को आश्वासन दिया है कि अगर रूस से सुरक्षा खतरों का सामना करना पड़ता है तो वे भी अपने दम पर चुप नहीं होंगे। अगर रूस और अमेरिका भिड़े तो निश्चित रूस से इसके परिणाम भयावह होंगे। इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीज (आइआइएसएस) की वार्षिक रिपोर्ट द मिलिट्री बैलेंस 2022 के अनुसार आपको बताते हैं कि रूस और अमेरिका की सैन्य ताकत क्या है।
रूस बनाम अमेरिका
Russia vs US Military Power
थल सेना
पैदल सेना से जंगी वाहन
विवरण | रूस | अमेरिका |
5,180 | 2,931 | |
मुख्य युद्धक टैंक | 2,927 | 2,645 |
तोप | 4,894 | 5,123 |
समुद्री ताकत
विवरण | रूस | अमेरिका |
बैलिस्टिक-मिसाइल परमाणु-संचालित पनडुब्बी | 11 | 14 |
अटैक/गाइडेड मिसाइल सबमरीन | 38 | 51 |
विमान वाहक | 01 | 11 |
क्रूजर, डिस्ट्रॉयर और फ्रिगेट्स | 31 | 113 |
जल और नभ में सक्षम विमान | 49 | 31 |
Russia vs US Military Power
स्पेशल ऑपरेशन्स ऑफ अमेरिका
यूनाइटेड स्टेट्स स्पेशल ऑपरेशंस कमांड (USSOCOM) वैश्विक विशेष संचालन और गतिविधियों की देखरेख करता है, जो अमेरिकी सेना, नौसेना, समुद्री कोर और वायु सेना के कुलीन कमांड के नेटवर्क को एक साथ लाता है। आइआइएसएस की रिपोर्ट के मुताबिक USSOCOM में 65,800 कर्मी हैं।
टोही, बंधक बचाव और रिकवरी, सामूहिक विनाश के हथियारों का मुकाबला और आतंकवाद विरोधी सभी हथियार यूएसएसओसीओएम मिशन का हिस्सा हैं।
स्पेशल ऑपरेशन्स ऑफ रूस
- रूस के पास 1000 मजबूत स्पेशल ऑपरेशन्स फोर्स हैं।
- वायुसेना की कई स्पेशल ऑपरेशन्स इकाइयां हैं।
- पैदल नौसेना (मरीन) और हवाई बलों में विशेष बल इकाइयां हैं।
- रूस के विशेष सैन्य संचालक स्पेट्सनाज़ उसके पांच सैन्य जिलों में से प्रत्येक में मौजूद हैं।
- रूस के विशाल भूमि द्रव्यमान में सैन्य अधिकार क्षेत्र को विभाजित करने वाली रक्षा संरचना है।
साइबर और अंतरिक्ष में अमेरिका
यूएस साइबर कमांड की कमान राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी के पास है और इसमें 133 साइबर मिशन टीमें शामिल हैं।
यह यूके में नेशनल साइबर फोर्स द्वारा
उठाए गए फ्रंट-फुट दृष्टिकोण के समान है।
साइबर और अंतरिक्ष में रूस
रूस साइबर को अपने सशस्त्र बलों द्वारा संरक्षित स्थान मानता है। हालांकि डोमेन में इसकी कमांड श्रृंखला अक्सर नागरिक निकायों के साथ धुंधली होती है।
अमेरिका की अंतरिक्ष फोर्स
- 2019 में स्थापित यूएस स्पेस फोर्स को वर्तमान में खड़ा किया जा रहा है और इसमें 6,400 कर्मी शामिल हैं।
- IISSकी रिपोर्ट के अनुसार, संयुक्त राज्य अंतरिक्ष बल के लिए क्षमताओं और प्रतिवादों का विकास तेजी से आगे बढ़ रहा है।
- यह एंटी सैटेलाइट और अंतरिक्ष नियंत्रण क्षमताओं का प्रदर्शन करने वाले समकक्ष प्रतिद्वंद्वियों का परिणाम है।
- अमेरिका अंतरक्षि आर्किटेक्चर को बदलना उसकी दूसरी प्राथमिकता है। ताकि सहयोगियों और व्यावसायिक भागीदारों के लिए यह अत्यधिक सुलभ व रक्षात्मक हो।
- यह अमेरिका और संबद्ध अंतरिक्ष हितों की रक्षा के लिए बलों को संगठित, प्रशिक्षित और लैस करते हैं।
- वह संयुक्त लड़ाकू कमांडों को अंतरिक्ष क्षमताएं प्रदान करते हैं।
Russia vs US Atomic Power
रूस और अमेरिका की अन्य क्षमता
अमेरिका और रूस दोनों के पास खुफिया, निगरानी और टोही उपकरण हैं। जबकि
रूसी अंतरिक्ष कमान पड़ोसी देशों से रडार तकनीक लीज पर लेती है।
दोनों के पास संचार और उपग्रह उपकरण हैं। हालांकि अमेरिका के पास अंतरिक्ष में काउंटर संचार प्रणाली भी है। दोनों देशों के लिए, अंतरिक्ष का शस्त्रीकरण जारी है। अमेरिका और रूस विभिन्न प्रकार के काउंटर-स्पेस सिस्टम विकसित कर रहे हैं।
रूस और अमेरिका में कांटे की टक्कर
रूस और अमेरिका की मिलिट्री पॉवर का आंकलन करने के बाद यह बात समझ आ गई होगी कि दोनों ही सुपर पॉवर हैं। किसी मामले में रूस अमेरिका पर भारी है तो किसी मामले में अमेरिका रूस पर भारी है। यानि जंग हुई तो दोनों देशों में कांटे की टक्कर होगी। परमाणु क्षमता के मामले में रूस दुनिया का सर्वाधिक क्षमता वाला देश है। यही अमेरिका की बड़ी चिंता है।
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