अंत:उष्ण कटिबंधीय अभिसरण क्षेत्र (आई. टी. सी. ज़ेड.) विषुवत वृत पर स्थित अंत:उष्ण कटिबंधीय अभिसरण क्षेत्र एक निम्न वायुदाब वाला क्षेत्र हैं। इस क्षेत्र में व्यापारिक पवने मिलती हैं। अतः इस क्षेत्र में वायु ऊपर उठने लगती हैं। जुलाई के महीने में आई. टी. सी. ज़ेड. 20° से 25°उ. अक्षांशो के आस-पास गंगा के मैदान में स्थित हो जाता हैं। इसे कभी-कभी मानसूनी गर्त भी कहते हैं यह मानसूनी गर्त उत्तर और उत्तर-पश्चिम भारत पर तापीय निम्न वायुदाब के विकास को प्रोत्साहित करता है। (आई. टी. सी. ज़ेड )के उत्तर की ओर खिसकने के कारण दक्षिणी गोलार्द्ध की व्यापारिक पवने 40°और 60°पूर्वी देशांतर के बीच विषुवत वृत को पार कर जाती हैं। केरियोलिस बल के प्रभाव से विषुवत वृत को पार करने वाली इन व्यापारिक पवनो की दिशा दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व की ओर हो जाती हैं। यही दक्षिण-पश्चिम मानसून कहलाता है। शीत ऋतु में (आई. टी. सी. ज़ेड )दक्षिण की ओर खिसक जाती है। इसी के अनुसार पवनों की दिशा दक्षिण-पश्चिम से बदल कर उत्तर-पूर्व हो जाती है, ऐसे उत्तर-पूर्व मानसून कहते हैं।
अंतरा उष्णकटिबंधीय अभिसरण क्षेत्र क्या है? - antara ushnakatibandheey abhisaran kshetr kya hai?
अंत: उष्णकटिबंधीय अभिसरण क्षेत्र (ITCZ)
ITCZ पृथ्वी पर, भूमध्यरेखा के पास वह वृत्ताकार क्षेत्र हैं, जहाँ उत्तरी और दक्षिणी गोलार्द्धों की व्यापारिक हवाएँ, यानि पूर्वोत्तर व्यापारिक हवाएँ तथा दक्षिण-पूर्व व्यापारिक हवाएँ एक जगह मिलती हैं।
Detailed Solution. सही उत्तर भूमध्य रेखा के पास है। अंतर-उष्णकटिबंधीय अभिसरण क्षेत्र, या ITCZ, वह क्षेत्र है जो भूमध्य रेखा के पास, पृथ्वी की परिक्रमा करता है, जहाँ उत्तरी और दक्षिणी गोलार्ध की व्यापारिक हवाएँ एक साथ आती हैं।