बच्चे के बोलने की सही उम्र - bachche ke bolane kee sahee umr

कई बार ऐसा देखा गया है कि बच्चे कम उम्र में ही कुछ शब्दों का उच्चारण सीख जाते हैं वहीं कुछ बच्चे ऐसे भी होते हैं जो बोलने में काफी समय लेते हैं। जब बच्चे देरी से बोलना सीखते हैं तो ऐसे में माता-पिता इसको लेकर चिंतित हो जाते हैं। सामान्य रूप से एक साल के बाद बच्चे कुछ न कुछ बोलना शुरू कर देते हैं। आपको बता दें कि हर बच्चे का शारीरिक विकास अलग तरह से होता है इसलिए कुछ बच्चे समय पर बोलना सीख जाते हैं वहीं कुछ देर से बोलना शुरू करते हैं। बच्चों के देर से बोलना शुरू करने के पीछे कई कारण होते हैं। विज्ञान के मुताबिक बच्चे अपनी मां के हावभाव और उनके होंठों को देखकर अपनी प्रतिक्रिया देने की कोशिश करते हैं। जब बच्चों को सामने ताली बजाकर या तेजी से उनका नाम पुकारा जाता है तो वे तुरंत उस तरफ देखने लगते हैं। आइये जानते हैं बच्चों के देर से बोलना शुरू करने के कारण, लक्षण और जल्दी बुलवाने के खास तरीके के बारे में।

बच्चों के देर से बोलने के कारण (Late Talking Children Causes)

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बच्चों का देर से बोलना कई समस्याओं के कारण हो सकता है। इसके पीछे जन्म, स्वास्थ्य से जुड़ी स्थितियां, आनुवांशिक कारण भी जिम्मेदार माने जाते हैं। बच्चों के उचित विकास के लिए यह जरूरी है कि उनकी सुनने और बोलने की क्षमता ठीक हो। ऐसे में जब बच्चे सही समय पर बोलना शुरू नहीं करते हैं तो माता-पिता इस बात को लेकर चिंतित हो जाते हैं। बच्चों के देर से बोलना शुरू करने के कई कारण हो सकते हैं जो इस प्रकार से हैं।

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1. बच्चों का देर से रोना शुरू करना।

2. गर्भावस्था के समय मां के जॉन्डिस से ग्रस्त होने की वजह से।

3. जन्म के समय बच्चे के मस्तिष्क पर चोट लगने की वजह से।

4. समय से पहले बच्चे के जन्म होने की वजह से।

5. बच्चों में सुनने से जुड़ी समस्या होने के कारण।

6. कान में संक्रमण होने की वजह से।

7. तालू में दिक्कत होने की वजह से।

8. बच्चों में सेरेब्रल पाल्सी होने पर।

9. बोलने से जुड़ी समस्या का आनुवंशिक होना।

बच्चों के देर से बोलने की समस्या के उपाय (Late Talking Children Prevention)

कई कारणों से बच्चे देर से बोलना शुरू करते हैं। बच्चों के देर से बोलने की समस्या से बचने के लिए आप कुछ उपायों को अपना सकते हैं। बच्चे के मस्तिष्क को प्रशिक्षित करने का सबसे अच्छा तरीका है उससे बात करना। आप जितने अधिक शब्द कहेंगे, उतने अधिक शब्द बच्चे के मस्तिष्क को समझने और समझने की कोशिश करेंगे। इससे उसका मस्तिष्क जुड़ा रहेगा और उसकी शब्दावली बढ़ेगी। वहीं ये गर्भ से ही शुरू हो जाता है। पैदा होने के बाद आप अपने बच्चे को टहलाने ले जाकर बात करने में मदद करें और उसे आस पास होती चीजों के बारे में बताएं। अगर वे आपके सिर को हिलाकर या अपनी बाहों को हिलाकर या आपकी ओर इशारा करके आपकी प्रतिक्रिया का जवाब देते हैं, तो उन्हें और बोलने के लिए प्रेरित करना चाहिए। बच्चों के माता-पिता को परवरिश के दौरान हमेशा इन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

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  • बच्चों के साथ ज्यादा समय बिताएं, उन्हें बोलने के लिए ट्रेन करें।
  • बच्चों से बार-बार बात करने की कोशिश करें।
  • बच्चे जो शब्द बोलें उन्हें दोहराएं।
  • बच्चों के सामने तेज आवाज करके किताब पढ़ें।
  • बच्चों को अधिक टीवी देखने न दें।
  • बच्चों को कुछ चीजें रटायें और उसे दोहराने में उसकी मदद करें।

ऊपर बताई गयी बातों का ध्यान रखने से आप अपने बच्चे को देर से बोलने की समस्या से बचा सकते हैं। अधिकांश बच्चे 11 से 14 महीने की उम्र के बीच अपने पहले शब्दों को बोलने की कोशिश करने लगते हैं। वहीं 16 महीने तक, एक बच्चे को एक दिन में 40 शब्द बोलना शुरू कर देना चाहिए। जैसा कि बच्चा हर दिन नए शब्दों को सुनता रहता है, तो धीरे-धीरे उसके शब्दावली बढ़ने लगते हैं। अपने तीसरे जन्मदिन तक आते-आते, एक बच्चे को जटिल वाक्यों की समझ बनाने और उनके साथ होने वाली बातचीत पर पकड़ बनाने में सक्षम होना जाना चाहिए। वहीं अगर बच्चे में बोलने का विकास अगर धीमी गति से हो रहा है, तो मां-बाप को उस पर खास ध्यान देना चाहिए। वहीं एक अभिभावक के रूप में, आप अपने बच्चे को तेजी से बात करने में भी मदद कर सकते हैं।

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पैरेंट्स वर्क फ्रॉम होम के साथ साथ बच्चों को संभालने में परेशान नजर आ रहे हैं.

हर बच्चे को पहली बार बोलने में थोड़ा समय लगता है. अधिकांश बच्चे 11 से 14 महीने की उम्र के बीच अपने पहले शब्दों को बोलने की कोशिश करते हैं.

  • News18Hindi
  • Last Updated : February 13, 2020, 15:52 IST

    जब बच्चा पहली बार बात करता है तो हर पैरेंट्स को दुनिया की सबसे बड़ी खुशी मिल जाती है. ये उनके लिए एक अनमोल समय होता है. हर पैरेंट्स के लिए बच्चे का पहली बार बोलना, पहला कदम, पहली मुस्कान या पहली बार स्कूल जाना एक अद्भुत अनुभव होता है. बच्चा की हर पहली चीज उसके मां बाप के लिए कीमती और यादगार लम्हा होता है. हालांकि अगर बात बच्चे की शुरुआती विकास की करें तो पैरेंट्स को इस पर बहुत ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है.

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    हर बच्चे को पहली बार बोलने में थोड़ा समय लगता है. अधिकांश बच्चे 11 से 14 महीने की उम्र के बीच अपने पहले शब्दों को बोलने की कोशिश करते हैं. वहीं 16 महीने तक, एक बच्चे को एक दिन में 40 शब्द बोलना शुरू कर देना चाहिए. बच्चे हर दिन नए शब्दों को सुनते रहते हैं, तो धीरे-धीरे उनकी शब्दावली बढ़ने लगती है.

    16 महीने तक, एक बच्चे को एक दिन में 40 शब्द बोलना शुरू कर देना चाहिए.

    3 साल के बच्चे उनके साथ होने वाली बातचीत पर पकड़ बनाने में पूरी तरह से सक्षम हो जाते हैं. वहीं अगर बच्चे में बोलने का विकास धीमी गति से हो रहा है तो पैरेंट्स को इस बात का ख्याल रखना चाहिए. आइए आपको बताते हैं कि बच्चे को जल्दी बोलना सिखाना है तो कौन से ट्रिक्स की मदद ली जा सकती है.

    कैसे काम करता है बच्चे का ब्रेन?
    बोलने का तरीका सीखने के लिए एक बच्चे के दिमाग को उनके नाम के साथ मिलने वाली वस्तुओं की पहचान कराने की जरूरत होती है. यह बच्चे की जीभ और होठों को सही तरीके से काम करने में मदद भी करता है. कुछ बच्चे जल्द ही बोलना शुरू कर देते हैं जबकि कुछ बच्चों का दिमाग और मोटर नर्व देर से विकसित होता है. आमतौर पर एक बच्चे को अपनी आवाज और जीभ की गति पर नियंत्रण पाने में 18 महीने का समय लग जाता है. यही कारण है कि बच्चे मम्मी को 'मम्मा' और डैडी को 'दादा' के रूप में आसानी से बदल देते हैं.

    गर्भ में ही बच्चे से करें बात
    डॉक्टरों की मानें तो गर्भ में ही बच्चे के बोलने का प्रशिक्षण शुरू हो जाता है. प्रत्येक दिन जब मां गर्भ में अपने बच्चे से बात करती है तो बच्चे नए शब्द सीखते और सुनते हैं. अपने बच्चे के दिमाग को प्रशिक्षित करने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप उससे बात करें. ये गर्भ से ही शुरू हो जाता है.

    जन्म के बाद करते रहें बातें
    पैदा होने के बाद आप अपने बच्चे खाना खिलाते समय, नहाते समय, सुलाते समय और टहलाते समय बात जरूर करें. बच्चे को उसके आसपास की चीजों के बारे में बताते रहें. अगर वह अपने सिर को हिलाकर, अपनी बाहों को हिलाकर या आपकी ओर इशारा करके आपकी प्रतिक्रिया का जवाब देते हैं, तो उन्हें और बोलने के लिए प्रेरित करते रहना चाहिए.

    प्रत्येक दिन जब मां गर्भ में अपने बच्चे से बात करती है तो बच्चे नए शब्द सीखते और सुनते हैं.

    बच्चे के लिए गीत गुनगुनाएं
    म्यूजिक आपके बच्चे के दिमाग की कोशिकाओं को उत्तेजित करती है. बच्चे अक्सर गाना सुनकर सिर हिलाते हैं. ऐसे में आप बच्चे के लिए कोई भी गाना गुनगुना सकते हैं. वह पूरी तरह से आपके गाने का हिस्सा बनने की कोशिश करेंगे.  नर्सरी राइम, एक्शन गाने और लोरी ये सब आप अपने बच्चे के लिए गा सकते हैं. इसके साथ ही वह आपकी आवाज और आपकी क्रियाओं को पहचानने लगेंगे.

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    बच्चे की आवाज कॉपी करें
    आपके बच्चे द्वारा बनाई जा रही आवाज को आप दोहरा सकते हैं. एक दूसरे की नकल करने का यह खेल आपके बच्चे को बोलने के लिए प्रोत्साहित करेगा. जब वह आपको कॉपी करना शुरू करता है, तो आप उसे नए शब्दों को सिखाने के लिए उपयोग कर सकते हैं. यह आपके बच्चे को तेजी से बात करने में मदद करेगा. अगर आपका बच्चा थोड़ी बहुत बात करने लगा है तो उसके लिए उस वाक्य को पूरा करें. वह थोड़ा बोलेगा और आप उसके साथ पूरा बोलेंगे. इस तरह से आपका बच्चा धीरे-धीरे बोलना सीख जाएगा.undefined

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    Tags: Child Care, Lifestyle, Parenting

    FIRST PUBLISHED : February 13, 2020, 15:52 IST

    2 साल का बच्चा बोलता नहीं है क्या करें?

    अगर आपका बच्चा दो साल से अधिक उम्र का है और वह बिल्कुल भी नहीं बोलता है। न वह किसी की बात समझता है और एक ही काम बार-बार करता है, तो इसे नजरअंदाज न करें। यह ऑटिज्म हो सकता है। इसके लिए जरूरी है कि शिशु रोग विशेषज्ञ से सलाह लें।

    3 साल का बच्चा बोलता नहीं है क्या करें?

    गुरु ग्रह की स्थिति यदि कुंडली में अनुकूल ना हो तो बोलने की समस्या हो सकती है. दूसरे भाव में केतु हो और उसकी स्थिति कमजोर हो तो हकलाने की समस्या हो सकती है. यदि राहु या शनि पीड़ित हो तो व्यक्ति देरी से बोलना शुरु करता है लेकिन आगे चलकर बहुत ज्यादा बोलता है.

    लड़के देर से क्यों बोलते हैं?

    क्यों देर से बोलते हैं बच्चे इसके अतिरिक्त गर्भावस्था के समय मां के जॉन्डिस से ग्रस्त होने अथवा नॉर्मल डिलीवरी के समय बच्चे के मस्तिष्क की बांई ओर चोट लग जाने की वजह से भी बच्चे की सुनने की शक्ति क्षीण हो जाती है। सुनने तथा बोलने का गहरा संबंध है। जो बच्चा ठीक से सुन नहीं पाता वह बोलना भी आरंभ नहीं करता।

    बच्चे कितने दिन में बोलना शुरू करते हैं?

    जब शिशु 10 महीने के होते हैं, तब वे अचानक से अपना पहला पहचानने योग्‍य शब्‍द बोलना शुरू करते हैं

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