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कुछ बच्चों के जन्म के समय ही पहले दांत होते हैं लेकिन कुछ बच्चों के 4 महीने के होने से पहले दांत आना शुरू हो जाते हैं और कुछ बच्चों के 12 महीने के होने के बाद दांत निकलते हैं। ज्यादातर बच्चों के दांत 6 महीने के होने तक आना शुरू हो जाते हैं। यह भी पढ़ें : दांत निकलने की वजह से रो रहा है बच्चा, इन तरीकों से दिलाएं आराम क्या होता है देरी से दांत आनाअगर उपरोक्त उम्र में बचचे के दांत न निकलें तो इसे देरी से दांत आना कहा जाता है। बच्चे के दांत निकलने पर कुछ संकेत और लक्षण भी दिखाई देते हैं और वहीं जब दांत देरी से आएं तो भी कुछ लक्षण दिखने लगते हैं। देरी से दांत आना चिंता की है बातअमेरिकन डेंटल एसोसिएशन के अनुसार कुछ बच्चें के दांत चार महीने के होने से पहले ही निकल आते हैं जबकि कुछ बच्चों के दांत दस महीने के होने के बाद निकलते हैं। आमतौर पर देरी से दांत आने पर चिंता करने की जरूरत नहीं होती है क्योंकि हर बच्चे का विकास अलग गति से होता है और दांत आने पर भी यही बात लागू होती है। शिशु के दांत 4 से 12 महीने की उम्र में कभी भी आ सकते हैं इसलिए आप कम से कम इतने समय तो इंतजार करें। यह भी पढ़ें : बच्चों के दांत आने पर क्यों शुरू हो जाते हैं दस्त क्यों देरी से आते हैं दांतअगर मां या पिता को देर से दांत आने की शिकायत रही है, तो बच्चे को भी यह समस्या हो सकती है। लो बर्थ वेट या खराब पोषण या पोषण की कमी के कारण दांत आने की प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है। कैल्शियम और विटामिन डी, सी, बी और ए की कमी का असर दांतों पर पड़ सकता है। शिशु में थायराइड विकारों जैसे कि हाइपोथाययराइडिज्म की वजह से दांत देर से आ सकते हैं। मोटे मसूड़े होने पर फाइब्रोसिस हो सकता है जो दांत आने से रोकता है। ग्रोथ हार्मोन के स्राव में दिक्कत होने का असर भी बच्चे के दांतों पर पड़ता है। जेनेटिक विकारजेनेटिक विकारों जैसे कि एमेलोजेनेसिस इंपरफेक्ट ए और डेंटिनोजेनेसिस इंपरफेक्ट ए का असर बच्चे के दांतों और मसूड़ों पर पड़ सकता है। इससे बच्चे के दांत देरी से आ सकते हैं। प्रीमैच्योर बेबी के भी दांत देर से आते हैं। कुछ जेनेटिक विकारों जैसे कि डाउन सिंड्रोम, टर्नर सिंड्रोम, गार्डनर सिंड्रोम की वजह से दांत आने में देरी हो सकती है। यह भी पढ़ें : बच्चों के दूध के दांतों की देखभाल करने का सही तरीका Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म... पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुकपेज लाइक करें बच्चो के दांत निकलने में देरी - Delayed tooth eruption in Hindiशेयर करें August 11, 2020 कई बार आवाज़ आने में कुछ क्षण का विलम्ब हो सकता है! बच्चे के विकास में दूध के दांत निकलना एक अहम प्रक्रिया होती है। अपने नन्हे बच्चे के मुंह में छोटे-छोटे दांत निकलते हुए देखना हर माता-पिता के लिए काफी आकर्षक होता है। बेशक यह एक खुशी का पल हो, लेकिन माता-पिता को हमेशा चिंता रहती है कि उनके बच्चे के दांत कैसे बढ़ेंगे, बच्चे के दांत निकलते समय उनको क्या करना चाहिए या क्या नहीं, आदि। कई बार बच्चे के दांत समय पर न निकलने से भी माता-पिता को चिंता होने लगती है। लेकिन यह चिंता की बड़ी वजह नहीं होती है, क्योंकि बच्चे के दांत निकलना काफी हद तक माता-पिता के दांतों की स्थिति पर निर्भर करती है। अगर माता-पिता के दांत निकलने में देरी हुई हो, तो बच्चे के दांत भी देरी से निकलने की संभावनाएं बढ़ जाती है। यदि एक साल का होने के बाद भी बच्चे के दांत न आए, तो यह बच्चे में दांतों का देर से निकलना माना जाता है। इस दौरान आपको दांतों के विशेषज्ञ से मिलकर बच्चे के दांतों का देर से निकलने की वजह को जानकर, उसको दूर करना चाहिए। (और पढ़ें - बच्चों के दांत निकलना)
बच्चो के दांत निकलने में देरी के डॉक्टर बच्चों में दांत निकलने की सही उम्र - Bachon me dant nikalne ki sahi umarबच्चों में दांत निकलना सबसे पहले बच्चे के निचले जबड़े में दांत आना शुरू होते हैं। इसमें बच्चे के आगे के दो दांत (Central incisors: सेंट्रल इनसाइजर्स) पहले निकलते हैं, जिसके बाद ऊपरी जबड़े के सामने के दो दांत (Upper central incisors: अपर सेंट्रल इनसाइजर्स) आते हैं। इसके बाद ऊपरी जबड़े के ही दो अन्य दांत आते हैं, जो पहले से आए हुए दांतों के दोनों तरफ निकलते हैं (upper lateral incisors: अपर लेट्रल इनसाइजर्स), इन दांतों के आने के बाद निचले जबड़े में आए दांतों के दोनों तरफ दो अन्य दांत (lower lateral incisors: लोअर लेट्रल इनसाइजर्स) आना शुरू होते हैं। (और पढ़ें - अकल दाढ़ में दर्द का इलाज) इसके बाद बच्चे के मुंह के ऊपरी और निचले हिस्से के दाढ़ के दांत (Upper and lower first molars: अपर व लोअर फर्स्ट मोलर्स) निकलना शुरू होते हैं। दांतों के निकलने की प्रक्रिया में इसके बाद पहले से आए हुए आगे के दांतों और दाढ़ के बीच की जगह को भरने के लिए अन्य दांत (Canines: कैनाइन) आते हैं और सबसे आखिर में जबड़े के अंतिम दाढ़ (second molars: सेकंड मोलर) निकलते हैं।
व्यस्कों में दांत निकलना (और पढ़ें - शिशु का टीकाकरण चार्ट)
छोटे बच्चों के दांत देर से निकलने के कारण - Chote bacho ke dant der se nikalne ke karanबच्चों के दांत निकलना अन्य कारकों की मुकाबले अनुवांशिकता से संबंधित होते हैं। दांत निकलने का समय या उसमें देरी होना, परिवारिक कारकों पर निर्भर करता है। बच्चों में दूध के दांत निकलने में देरी के सामान्य (General) और अन्य कारण (local) होते हैं, जिनकों निम्नतः विस्तार से बताया जा रहा है। दांत देरी से निकलने के सामान्य कारण
बच्चों के दांत देरी से निकलने के अन्य कारणों में जन्म के समय बच्चे का वजन कम होना, किसी व्यक्ति के द्वारा बच्चे के पास धूम्रपान करना, या विकास संबंधी कोई दोष, आदि को शामिल किया जाता है। बच्चों के दांत देरी से निकलने के मसूड़ों से संबंधित कारक (local factors)
(और पढ़ें - फांक होंठ और फांक तालु के लक्षण) बड़े बच्चों के दांत देरी से निकलने के कारण - Bade bachon ke dant deri se nikalne ke karanऊपर बताए गए कारणों के अलावा स्थाई दांतों के देरी से निकलने के अन्य कारण हो सकते हैं। इन कारणों को नीचे विस्तार से बताया जा रहा है।
(और पढ़ें - मसूड़ों में सूजन) बच्चों में दांत देरी से निकलने का इलाज - Bacho me dant deri se nikalne ka ilajयदि पारिवारिक स्थितियों के आधार पर बच्चे के दांत देरी से निकलते हैं, तो ऐसे में इलाज की जरूरत नहीं होती है। हालांकि, अन्य चिकित्सीय स्थितियों व कारकों की वजह दांत देरी से आने पर इलाज किया जाता है। देरी से दांत निकलने के इलाज को निम्न तरह से बताया गया है।
(और पढ़ें - दाँत निकलते समय होने वाले दर्द का इलाज) बच्चों के दांत देर से निकलने से संबंधित जोखिम कारक - Bacho ke dant der se nikalne se jude jokhim karakदांत देर से निकलने को लंबे समय तक अनदेखा करना कई तरह के जोखिम कारकों की वजह बन सकता है। दांत देरी से निकलने के कुछ जोखिम कारकों को निम्नलिखित बताया जा रहा है।
(और पढ़ें - दांत के फोड़े का इलाज) बच्चे के दांत देरी से निकलने का बचाव कैसे करें - Bache ke dant der se nikalne ka bachav kaise kareबच्चे के दांत देरी से आने के कई कारक जैसे – अनुवांशिकता, रोग और चिकित्सीय स्थिति आदि से बचाव करना मुश्किल होता है। हालांकि निम्नलिखित कुछ उपायों की मदद से आप बच्चे के दांतों के देरी से निकलने से बचाव कर सकते हैं।
बच्चे अक्सर अपने माता-पिता और आसपास के बच्चों की नकल करते हुए कई चीजों को सीखते हैं। इसलिए आप इस बात का ध्यान रखें कि बच्चा आपसे सभी अच्छी आदतों को सीख सकें। इससे बच्चे के संपूर्ण विकास में मदद मिलती है। शहर के पेडिअट्रिशन खोजें
बच्चो के दांत निकलने में देरी के डॉक्टरसंदर्भ
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लो बर्थ वेट या खराब पोषण या पोषण की कमी के कारण दांत आने की प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है। कैल्शियम और विटामिन डी, सी, बी और ए की कमी का असर दांतों पर पड़ सकता है। शिशु में थायराइड विकारों जैसे कि हाइपोथाययराइडिज्म की वजह से दांत देर से आ सकते हैं।
बच्चे का दांत ना निकले तो क्या करें? करें हल्के हाथाें से मालिश बच्चे के दांत निकलते समय यदि उसे तेज दर्द होता है, तो वह दिन भर रोता रहता है। ... . शिशु को दें तरल आहार शिशु के जब दांत निकलते हैं ऐसे समय में उन्हें ज्यादा से ज्यादा तरल चीजें पीने के लिए दें। ... . शिशु को दें अच्छी नींद ... . डॉक्टर की सलाह है आवश्यक ... . इन लक्षणों पर रखें खास नजर. कौन से दांत शुभ होते हैं?माना जाता है कि जिन लोगों के मुंह में 32 दांत होते हैं, वे बहुत ही भाग्यशाली होते हैं। वहीं 31 दांत वाले स्वभाव से भोगी होते हैं तो 31 30 दांत वाले धन के अभाव में चिंतित रहते हैं।
कौन से महीने में दांत निकलना शुभ होता है?नौंवे महीने में शुभ माना जाता है. वहीं, दसवें महीने में दांत निकलने से बच्चे को जीवन में सुख की प्राप्ति होती है. - ग्याहरवें और बाहरवें माह में दांतों का आना शुभ माना गया है. ग्यारहवें महीने में दांत आने से सुख की प्राप्ति होती है.
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