भगवान विष्णु की आराधना कैसे करें? - bhagavaan vishnu kee aaraadhana kaise karen?

मेरठ। भगवान विष्णु को सभी लोकों का पालनहार कहा जाता है। एक साल तक लगातार भगवान विष्णु की पूजा करने वाले को कभी भी पैसे की कमी नहीं रहती। उनकी तिजोरी आैर पर्स कभी खाली नहीं रहता। भगवान विष्णु की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। जिन युवक-युवती के विवाह में रुकावटें आती हैं, उन्हें भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए, अवश्य सफलता मिलती है। लक्ष्मीपति भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना से नौकरी में आने वाली परेशानियां खत्म होती हैं। इनकी पूजा करने वाले लोगों को किसी चीज का अभाव नहीं रहता। भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए बद्रीनाथ धाम में दर्शन करना बहुत शुभकारी माना जाता है।

भगवान विष्णु की पूजा आराधना करने से माता लक्ष्मी बहुत प्रसन्न होती हैं। उनकी प्रसन्नता से घर में हमेशा धन की वर्षा होती रहती है। यदि आप प्रत्येक दिन भगवान विष्णु की पूजा आराधना बताएं गए 5 उपायों की तरह करें, तो आपके ऊपर भगवान विष्णु की कृपा दृष्टि हमेशा बनी रहेगी। इसके साथ ही  आपके घर में हमेशा धन की वर्षा होती रहेगी। तो आइए जाने वह 5 कौन से उपाय हैं, जिन्हें आप करके अपने घर में धन की बारिश करवा सकते हैं।

भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के 5 उपाय

1.प्रत्येक दिन करें भगवान विष्णु प्रत्येक दिन करें

भगवान विष्णु का पाठ। सुबह-सुबह नहाकर भगवान विष्णु के आगे घी का दीप जलाकर भगवान विष्णु का आवाहन करते हुए उनका पूजा करना चाहिए। गुरुवार को धन का कारक माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की प्रसन्नता होने पर धन की कभी कमी नहीं होती है।

2.पीले वस्त्र धारण करना

पीला वस्त्र और लाल वस्त्र पूजा के लिए बहुत ही शुभ माना जाता हैं। पीला वस्त्र भगवान विष्णु का प्रिय वस्त्र है। यदि आप भगवान विष्णु की पूजा करते समय पीला वस्त्र पहन के सर पर हल्दी का तिलक लगाएं, तो इससे भगवान की प्रशंसा आपके ऊपर बनी रहेगी।

3. केले के पेड़ की पूजा करना

यदि आप भगवान विष्णु की पूजा करने के बाद केले के सामने घी का दीपक जलाकर उनकी स्तुति करें, तो इससे भगवान की प्रशंसा आपके ऊपर हमेशा बनी रहेगी।

4. पीले रंग की चीजें दान करना

पूजा करने के बाद दान करना बहुत ही शुभ माना जाता है। ऐसी मान्यता हैं, कि पूजा करने के बाद दान करने से वह पूजा सफल हो जाती है। भगवान विष्णु की पूजा करने के बाद यदि आप पीले रंग की चीजें दान करें, तो इससे भगवान विष्णु बहुत प्रसन्न होते हैं और उनकी प्रसन्नता आपके घर में धन को बनाएं रहेगी।

5. जानवरों को भोजन कराना

भगवान को जानवर बहुत प्रिय होते हैं। यदि आप भगवान विष्णु के पूजा करने के बाद किसी भी पशु-पक्षी को खाना खिलाते हैं, तो इससे भगवान विष्णु बहुत प्रसन्न होते हैं और उनकी प्रसन्नता के साथ आपके घर में माता लक्ष्मी का बास हमेशा बना रहेगा।

तुलसीदल भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है, इसलिए इसका प्रयोग अवश्य करें, और ध्यान रखें भगवान विष्णु के पूजन में चावलों का प्रयोग सामान्यतः नहीं किया जाता है, तो इसकी जगह पर आप तिल का प्रयोग कर सकते हैं।

सनातन संस्कृति में भगवान विष्णु को जगत का पालक बताया गया है। जिस प्रकार से ब्रह्म देव जीव को उत्पन्न करते हैं, और भगवान शंकर जीव का संहार करते हैं, ठीक उसी प्रकार भगवान विष्णु जीव के पालन के लिए जिम्मेदार हैं। धरती पर भगवान विष्णु के तमाम अवतारों की चर्चा होती रही है, और ऐसा माना जाता है कि क्षीर सागर में विराजमान रहने वाले भगवान विष्णु की उचित विधि से पूजा करने से लोगों को अक्षय फल की प्राप्ति होती है।

सांसारिक सुखों की कामना रखने वाले भी भगवान विष्णु की सच्चे मन से पूजा करते हैं। आइए जानते हैं इनके पूजन की उचित विधि क्या है...

मां लक्ष्मी के साथ ही करें भगवान विष्णु की पूजा

जी हां! भारतीय संस्कृति में यूं भी नारी के बिना पुरुष को अपूर्ण ही माना गया है। खुद भगवान भी यही संदेश देते हैं कि अगर आप को गृहस्थ जीवन का सुख चाहिए, तो माता लक्ष्मी ही आपको धन वैभव प्राप्त करा सकती हैं।  

ऐसे में अपनी संपन्नता के लिए जब भी आप पूजन करें, भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी का पूजन जरूर करें।

भगवान विष्णु की पूजा के लिए क्या हो सामग्री?

भगवान विष्णु के पूजन सामग्री की बात करें तो, देव मूर्ति को नहलाने के लिए तांबे का लोटा, तांबे के पात्र का ही जल कलश, देव मूर्ति को अर्पित किए जाने वाले वस्त्र -आभूषण चाहिए होते हैं। इसके साथ-साथ अक्षत, कुमकुम, तेल, रुई, दीपक, अष्टगंध एवं पुष्प के साथ तुलसीदल ,जनेऊ व तील का महत्व है। साथ ही नारियल, फल, मिठाई, पंचामृत, शक्कर, सूखे मेवे, पान के साथ-साथ दक्षिणा का भी विशेष महत्व माना जाता है। 

ध्यान दीजिए कि जब भी आप किसी मनोकामना की पूर्ति के लिए भगवान विष्णु का पूजन करते हैं, तो आप संकल्प अवश्य लें और यह विष्णु पूजन से पहले ही संकल्प लिया जाता है। इसके लिए दोनों हाथों में जल लेकर पुष्प और चावल उसमें डालें और जहां पर आप पूजन कर रहे हैं, उस जगह के नाम के साथ साथ साल, दिन और तारीख भी जरूर बोलें और अपनी मनोकामना बोलें, तत्पश्चात आप जल को भूमि पर छोड़ सकते हैं। इसे संकल्प कहा जाता है।

जहां तक विष्णु पूजन के विधि की बात है, तो सबसे पहले भगवान गणेश का नाम लेकर आप इनका पूजन शुरू कर सकते हैं। भगवान विष्णु के पूजन से पहले भी प्रथम पूज्य गणेश जी की पूजा आवश्यक माना जाता है। इसके लिए पहले गणेश जी को स्नान कराएं, वस्त्र अर्पित करें, तत्पश्चात पुष्प, अक्षत अर्पित करें, फिर उसके बाद ही भगवान विष्णु का पूजन शुरू करें।

विष्णु भगवान के पूजन के लिए सबसे पहले भगवान विष्णु का आवाहन करें, उन्हें आसन दें, स्नान कराएं, पंचामृत एवं जल से उन को शुद्ध करें। तत्पश्चात आप विष्णु जी को वस्त्र पहनाएं, फिर आभूषण व यज्ञोपवीत के साथ साथ फूलों की माला भी पहना सकते हैं। सुगंधित इत्र के साथ माथे पर तिलक अर्पित करें। 

ध्यान रखें कि तिलक में अष्टगंध का प्रयोग किया जाता है। तत्पश्चात धूप, दीप अर्पित करें।

तुलसीदल भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है, इसलिए इसका प्रयोग अवश्य करें, और ध्यान रखें भगवान विष्णु के पूजन में चावलों का प्रयोग सामान्यतः नहीं किया जाता है, तो इसकी जगह पर आप तिल का प्रयोग कर सकते हैं।

इसके बाद आप दीपक जलाएं, आरती करें, आरती के बाद नैवेद्य अर्पित करें और मंत्र का जाप करें - ॐ नमः नारायणाय

भगवान विष्णु की पूजा में पंचामृत का महत्त्व

भगवान विष्णु की पूजा में पंचामृत का खास महत्व है। पंचामृत बनाने के लिए दूध, शक्कर, दही एवं शहद मिलाया जाता है। ध्यान रखिए भगवान विष्णु की पूजा में पंचामृत जरूर हो। पंचामृत जब तैयार हो जाए तो तुलसी की पत्तियां एवं गंगाजल डालकर उसे पूर्ण करें।

कुछ अन्य बातें जो भगवान विष्णु की पूजा में ध्यान रखना चाहिए

आप यह जान लें कि भगवान विष्णु की पूजा में तुलसी का प्रयोग अवश्य करें, परन्तु यह भी ध्यान रखने वाली बात है कि अगर भगवान विष्णु की मां लक्ष्मी के साथ पूजा कर रहे हैं, तो उसमें तुलसी का प्रयोग ना करें। यह वर्जित माना गया है। 

इसी प्रकार से धुले हुए स्वच्छ वस्त्र पहन कर बैठें, गंदे कपड़े में कभी भी भगवान की पूजा ना करें। भगवान की मूर्ति के आगे बासी फूल ना रखें और ताजे फूलों की माला अर्पित करें। इसके साथ ही जूठे मुंह कभी भी भगवान की पूजा ना करें, कुछ खाने से पहले पूजा करें और हां भगवान विष्णु और उनके अवतार श्री कृष्ण की पूजा में घी का दीपक जला सकते हैं।

भगवान विष्णु के पूजन करने से तमाम सांसारिक सुख आपको मिलेंगे, और हर दुख से आपको मुक्ति मिल सकती है। चाहे आर्थिक तंगी हो, संतान प्राप्ति हो, समृद्धि, वैभव, सुख, धन, यश सब कुछ भगवान विष्णु के पूजन से आपको प्राप्त हो सकता है। 

ऐसा इसलिए क्योंकि भगवान विष्णु जग के पालनहार हैं, और सृष्टि जब स्टार्ट हुई थी, तब भगवान नारायण ही थे, जो संपूर्ण जगत के रचयिता माने जाते हैं। भगवान विष्णु की दयालुता समस्त सृष्टि में उत्तम मानी जाती है।

भगवान विष्णु के पूजन के लिए शुभ दिन

दिन की बात करें तो गुरुवार का दिन भगवान विष्णु के पूजा के लिए सर्वश्रेष्ठ रहता है। इस दिन आप मंदिर में चने दाल का दान करके केसर का तिलक लगा सकते हैं। लोगों को पुस्तक वितरण कर सकते हैं। पुण्य की प्राप्ति करने के लिए, मनोकामना को पूर्ण करने के लिए भगवान विष्णु का पूजन सर्वाधिक फलदाई होता है।

भगवान विष्णु की प्रतिदिन पूजा कैसे करें?

भगवान विष्णु जी की पूजा विधि (puja vidhi of lord vishnu) गुरुवार के दिन सुर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहन लें. इसके बाद एक चौकी पर साफ कपड़ा बिछाकर उस पर भगवान विष्णु की प्रतिमा रखें. बता दें कि विष्णु जी को पीला रंग अधिक प्रिय था. इसलिए उनके आगे पीले फूल और पीले रंग के फलों का भोग लगाएं.

भगवान विष्णु को प्रसन्न करने का कौन सा मंत्र है?

ॐ नमोः नारायणाय नमः। ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय नमः। भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा करें। इसके साथ इस मंत्र का जाप करें।

भगवान विष्णु का ध्यान कैसे करें?

आइए जानें भगवान श्रीहरि विष्णु के पवित्र मंत्र....
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय.
श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे। हे नाथ नारायण वासुदेवाय।।.
ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। ... .
ॐ विष्णवे नम:.
ॐ हूं विष्णवे नम:.
ॐ नमो नारायण। श्री मन नारायण नारायण हरि हरि।.
लक्ष्मी विनायक मंत्र - दन्ताभये चक्र दरो दधानं, ... .
धन-वैभव एवं संपन्नता का मंत्र -.

भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए क्या करें?

भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए करें ये उपाय, हर मनोकामना....
गुरुवार को करें भगवान विष्णु का पाठ सुबह नहाने के बाद भगवान के आगे घी का दीपक जलाकर भगवान विष्णु का आह्वान करते हुए उनका पाठ करें। ... .
पीले रंग के वस्त्र धारण करें ... .
केले के पेड़ की करें पूजा ... .
पीले रंग की चीजें करें दान ... .
जानवरों को भोजन.

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