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भोजन के पोषक तत्व को सुरक्षित रखने के लिए क्या उपाय करना चाहिए?
इसे सुनेंरोकेंखाने को लंबे समय तक ना पकाएं क्योंकि यह सारे पोषक तत्वों को नष्ट कर देता है। खाना पकाने का सही समय चुनें और खाना पकाने के समय का विस्तार ना करके भोजन के मूल्य को संरक्षित करें। अधिकांश विटामिन हीट के प्रति संवेदनशील होते हैं इसलिए भोजन को आवश्यक समय पर ही पकाएं। खाने में पर्याप्त मात्रा में पानी डालना जरूरी होता है।
भोजन से हमें कौन कौन से पोषक तत्व प्राप्त होते हैं?
इसे सुनेंरोकें- हमारे भोजन के मुख्य पोषक तत्त्वों के नाम कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, विटामिन तथा खनिज-लवण हैं। इनके अतिरिक्त भोजन में आहारी रेशे तथा जल भी होता है। – कार्बोहाइड्रेट तथा वसा हमारे शरीर को मुख्य रूप से ऊर्जा प्रदान करते हैं। – प्रोटीन तथा खनिज-लवण की आवश्यकता हमारे शरीर की वृद्धि तथा अनुरक्षण के लिए होती है।
इसे सुनेंरोकेंपोषक तत्वों को होने वाले नुकसान से बचने के लिए उबालने की बजाय अपनी सब्जियों को माइक्रोवेव या स्टीम करें। अपने खाद्य पदार्थों में वसा की मात्रा को न्यूनतम बनाए रखना चाहिए। बिना चर्बी का मांस और स्किम डेयरी उत्पाद चुनें। वसा के रूप में बादाम, बीज, मछली, जैतून अच्छा होता है जब वह अन्य पोषक तत्वों के साथ आता है।
सब्जियों में क्या क्या पाया जाता है?
इसे सुनेंरोकेंहरी पत्तेदार सब्जियों में मुख्यतः आयरन,कैल्शियम,विटामिन ए(कैरोटिन),विटामिन “सी” और “बी” काम्प्लेक्स समूह के विटामिन(खासकर रिबोफ्लेबिन और फोलिक एसिड) , लौह तत्व तथा कुछ मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है।
भोजन को पकाने से कौन से पौष्टिक तत्व या विटामिन नष्ट हो जाते हैं?
इसे सुनेंरोकेंउबालना खाना पकाने का सबसे सामान्य तरीका है, लेकिन इस प्रक्रिया के कारण कुछ ऊष्मा-परवर्ती तथा पानी में घुलनशील विटामिन जैसे कि विटामिन बी-कॉम्प्लेक्स और सी समाप्त हो जाते है। पानी की अधिकता के साथ चावल पकाने से मूल्यवान पोषक तत्वों की क्षति होती है इसलिए संपूर्ण अवशोषित के लिए पर्याप्त पानी का उपयोग करना चाहिए।
हमें भोजन को ठीक से क्यों संरक्षित करना चाहिए?
इसे सुनेंरोकेंखाद्य पदार्थों के संरक्षण से उनका परिवहन तथा भंडारण भी सुगमता से हो जाता है। संरक्षण खाद्य पदार्थों के भारीपन या वजन को भी कम करता है। उदाहरण के लिए, यदि आप हरी पत्तेदार सब्जियों जैसे पोदीना, मेथी, धनिया आदि को सुखाते हैं तो उसके वजन तथा मात्रा में कमी आती है और इस प्रकार इसका भंडारण व परिवहन भी आसान हो जाता है।
सब्जियों में कौन सी विटामिन पाई जाती है?
इसे सुनेंरोकेंहरी सब्ज़ियों में आयरन और कैल्शियम की भरपूर मात्रा पाई जाती है। हम सभी जानते हैं कि सब्ज़ियां विटामिन का मुख्य स्त्रोत होती हैं और विटामिन K कि मात्रा सभी सब्ज़ियों में उपस्थित होती है। हमारे शरीर में विटामिन K कि पर्याप्त मात्रा मौजूद होने से हम हड्डी की बीमारियों से छुटकारा पा सकते हैं।
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December 02, 2021
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शरीर के सभी कार्यों के लिए पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। इससे शरीर की चयापचय (मेटाबॉलिज्म) प्रक्रिया सही होने के साथ ही अनेकों लाभ मिलते हैं। विटामिन और खनिजों के रूप में मिलने वाले पोषक तत्व शरीर को आहार के माध्यम से मिलते हैं। आहार के द्वारा प्राप्त पोषक तत्वों से शरीर को ऊर्जा मिलती है और आप अपने रोजमर्रा के काम कर पाते हैं।
पोषक तत्वों की कमी होने से व्यक्ति कई रोगों की चपेट में आ जाता है। पोषक तत्वों के इसी महत्व के कारण आपको पोषक तत्वों के बारे में विस्तार से बताया जा रहा है। साथ ही आगे आपको बताया जा रहा है कि पोषक तत्व क्या है, इनके नाम, पोषक तत्वों के प्रकार, पोषक तत्वों के फायदे, पोषक तत्वों की अधिकता और पोषक तत्वों के स्त्रोत क्या हैं।
(और पढ़ें - पौष्टिक आहार के गुण और फायदे)
- पोषक तत्व क्या है, चार्ट और नाम
- पोषक तत्वों के प्रकार
- पोषक तत्वों के फायदे
- पोषक तत्वों की अधिकता
- पोषक तत्वों के स्त्रोत
पोषक तत्व के नाम, प्रकार, लाभ, स्रोत के डॉक्टर
पोषक तत्व क्या है, चार्ट और नाम
शरीर के पोषण के लिए पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। संतुलित आहार से शरीर को सभी प्रकार के पोषक तत्व मिलते हैं। पोषक तत्वों से शरीर के सभी अंग सही तरह से कार्य कर पाते हैं। विभिन्न विटामिन और खनिजों के रूप में मिलने वाले पोषक तत्व शरीर के लिए बेहद आवश्यक होते हैं। इनकी कमी होने से आप कई तरह के रोगों की चपेट में आ सकते हैं। कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फैट, विटामिन, खनिज और जल कुछ ऐसे पोषक तत्व है जिनकी आवश्यकता शरीर को सबसे ज्यादा होती है।
विटामिन के प्रकार में विटामिन बी 2 (राइबोफ्लेविन), विटामिन बी 3 (नियासिन), विटामिन बी 5 (पैंटोथीनिक एसिड), विटामिन बी 6 (पाइरोडौक्ज़ामिन), विटामिन बी 7 (बायोटिन), विटामिन बी 9 (फोलिक एसिड), विटामिन बी 12 (साइनोकोबालमिन), विटामिन सी (एस्कोर्बिक एसिड), विटामिन डी, विटामिन ई (टोकोफेरोल) और विटामिन K शामिल होते हैं।
खनिज के प्रकार में बोरान, कैल्शियम, क्रोमियम, आयरन, मैग्नीशियम, आयोडीन, फास्फोरस, मैगनीज, कॉपर, पोटेशियम, सेलेनियम, सिलिकॉन, सोडियम और जिंक को शामिल किया जाता है।
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पोषक तत्वों के प्रकार
पोषक तत्वों को सूक्ष्म पोषक तत्व (माइक्रोन्यूट्रिएंट) और मैक्रोन्यूट्रिएंट् (बृहत और बड़े पोषक तत्व) दो प्रकार में विभाजित किया जाता है। कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और वसा को मैक्रोन्यूट्रिएंट कहा जाता है, क्योंकि वे बड़े होते हैं, और इनको ऊर्जा का स्त्रोत माना जाता है। विटामिन और खनिजों को सूक्ष्म पोषक तत्व कहा जाता है क्योंकि अन्य पोषक तत्वों की तुलना में यह बहुत छोटे होते हैं। इसका मतलब यह बिलकुल भी नहीं है कि वह शरीर के लिए कम महत्वपूर्ण होते हैं। शरीर को बेहद कम मात्रा में इनकी भी आवश्यक होती है।
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सूक्ष्म पोषक तत्वों को पानी और वसा में घुलने के आधार पर बाटा जाता है। विटामिन ए, डी, ई, और विटामिन के वसा में घुलनशील होते हैं, जबकि विटामिन बी कॉम्प्लेक्स और विटामिन सी पानी में घुलनशील होते हैं। इसके अलावा खनिज व्यक्ति के शरीर की आवश्यकता के आधार पर वर्गीकृत किये जाते हैं।
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पोषक तत्वों के फायदे
पोषक तत्वों के अनेक फायदे होते हैं। प्रत्येक विटामिन और खनिज के अलावा अन्य पोषक तत्व शरीर में अपनी अलग-अलग प्रतिक्रियाएं दिखाते हैं। फिलहाल पोषक तत्वों के कुछ मुख्य फायदो के बारे में नीचे विस्तार से समझाया जा रहा है।
ऊर्जा प्रदान करते हैं पोषक तत्व
कार्बोहाइड्रेट, वसा और प्रोटीन मिलकर आपको ऊर्जा प्रदान करते हैं, जिससे आपके शरीर में होने वाली सभी जैव रासायनिक प्रतिक्रियाओं को पूरा करने में मदद मिलती है। शारीरिक ऊर्जा को कैलोरी कहा जाता है। वसा में कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन की तुलना में अधिक कैलोरी होती है, एक ग्राम वसा से शरीर को 9 कैलोरी मिलती है, जबकि कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन के दो ग्राम से चार कैलोरी प्राप्त होती है।
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शरीर की बनावट के लिए जरूरी हैं पोषक तत्व
वसा, प्रोटीन और मिनिरल्स साथ में मिलकर आपके शरीर के ऊतकों, अंगों, हड्डियों और दांतों के लिए आवश्यक होती है। कार्बोहाइड्रेट को इसमें शामिल नहीं किया जाता है, लेकिन आपके शरीर की अतिरिक्त कार्बोहाइड्रेट वसा में बदलकर एडिपोज ऊतक में एकत्रित हो जाता है।
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शारीरिक कार्यों के लिए महत्वपूर्ण हैं पोषक तत्व
सभी तरह के पोषक तत्व आपके शरीर के सभी कार्य जैसे पसीना आना, तापमान, मेटाबॉलिज्म, ब्लड प्रेशर, थायराइड आदि को नियमित करने में सहायक होते हैं, जब आपके शरीर के सभी कार्य नियंत्रण में होते हैं तो उस स्थिति को हिमियोस्टेसिस कहा जाता है।
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पोषक तत्वों की अधिकता
पोषक तत्वों की अधिकता से आपके शरीर में कई तरह के हानिकारक प्रभाव पड़ते हैं। पोषक तत्वों का एक निश्चित स्तर होता है, उससे कम या ज्यादा होने से इसके कई दुष्प्रभाव होते हैं। पोषक तत्वों की अधिकता के प्रभावों को निम्न प्रकार से बताया गया है।
विटामिन बी 2
विटामिन बी 2 की अधिकता से आपके लिवर को नुकसान होता है। विटामिन बी 2 शरीर में सरंक्षित नहीं हो पाता है, इसलिए अपनी आवश्यकता के बाद बचे हुए विटामिन बी 2 को शरीर बाहर निकाल देता है।
विटामिनी बी 3
विटामिन बी 3 युक्त दवाओं के अधिक सेवन से आपको कई तरह के नुकसान हो सकते हैं, जिसमें आपको अनियमित दिल की धड़कन, खुजली, उल्टी, दस्त और गाउट होने की संभावनां होती हैं। (और पढ़ें - खुजली दूर करने के घरेलू उपाय)
विटामिन बी 5
विटामिन बी 5 को अधिक मात्रा में सेवन करने से आपको दस्त, सीने में जलन, डिहाइड्रेशन और जोड़ों में दर्द की समस्याएं हो सकती है। (और पढ़ें - जोड़ों में दर्द के घरेलू उपाय)
विटामिन बी 6
विटामिन बी 6 की अधिकता से आपकी त्वचा में घाव, अंगों का सुन्न होना, दर्द और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल होने की संभावनाएं बनी रहती है। (और पढ़ें - घाव ठीक करने के घरेलू उपाय)
विटामिन बी 7
विटामिन बी 7 की मात्रा जब शरीर में बढ़ जाती है तो आपको रैशज, बार-बार पेशाबा आना, बैचेनी और अनिद्रा की समस्या हो सकती हैं। (और पढ़ें - अच्छी नींद के घरेलू उपाय)
विटामिन बी 9
विटामिन बी 9 को अधिक लेने से कुछ दुलर्भ मामलों में पेट की खराबी हो सकती है। (और पढ़ें - पेट दर्द के घरेलू उपाय)
विटामिन बी 12
विटामिन बी 12 की अधिकता के मामले बेहद कम मिलते हैं, लेकिन इससे आपको लिवर की बीमारी, किडनी फेलियर, ब्लड कैंसर आदि होने की संभावानाएं होती हैं।
सेलेनियम
सेलेनियम की अधिक मात्रा से आपको सांसों में दुर्गंध, त्वचा के रंग में बदलाव, बालों का झड़ना आदि कई समस्याएं हो सकती हैं। (और पढ़ें - बाल झड़ने से रोकने के घरेलू उपाय)
क्रोमियम
क्रोमियम के अधिक सेवन से आपको पेट की समस्या, रक्त शुगर का कम होना, किडनी की परेशानी हो सकती हैं। (और पढ़ें - शुगर कम करने के घरेलू उपाय)
सिलिकॉन
सिलिकॉन की अधिकता से आपकी किडनी में पथरी (किडनी स्टोन) बनने की संभावनाएं बढ़ जाती है। इसके अलावा सिलिका पाउडर जब आपकी सांसों से शरीर के अंदर जाता है तो इससे फेफड़ों को नुकसान पहुंच सकता है।
(और पढ़ें - पथरी के घरेलू उपाय)
पोषक तत्वों के स्त्रोत
आपके द्वारा लिए जाने वाले आहार से आपको सभी तरह के पोषक तत्व मिलते हैं। कुछ खाद्य पदार्थों में किसी एक पोषक तत्व की अधिकता हो सकती है। आपको अपने आहार में अपनी एक ही खाद्य सामग्री रखने की अपेक्षा सभी तरह के खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए, इससे आपको पूर्ण पोषण मिल पाता है। पोषक तत्वों के स्त्रोतों को नीचे विस्तार से बताया जा रहा हैं।
- सिलिकॉन:
- सेब
- संतरे
- कच्ची पत्ता गोभी
- गाजर आदि।
- क्रोमियम:
- ब्रोकली
- अंगूर का रस
- आलू
- लहसुन
- तुलसी आदि।
- सेलेनियम:
- सूरजमुखी के बीज
- चिकन
- पनीर
- दालें
- काजू आदि।
- विटामिन बी 2:
- गेहूं
- शतावरी
- दूध
- लाल मिर्च
- किशमिश आदि।
- विटामिन बी 3:
- कॉफी
- अनाज
- सोया मिल्क
- ओटमील आदि।
- विटामिन बी 5:
- मशरूम
- चीज
- एवोकाडो
- दालें आदि। (और पढ़ें - दालों के नाम)
- विटामिन बी 6:
- अंडे
- चिकन
- पालक
- मटर
- केला
आदि।
- विटामिन बी 7:
- बादाम
- पालक
- ब्रोकली
- मशरूम
- फूलगोभी आदि।
- विटामिन बी 9:
- सरसों का साग
- कसूरी मेथी
- शलजम
- चुकंदर
- सोयाबीन आदि।
- विटामिन बी 12:
- दूध
- अनाज
- अंडे
- मछली आदि।
- आयरन:
- खजूर
- तरबूज
- अनार
- अंगूर
- मेथी आदि।
- कैल्शियम:
- सोयाबीन
- भिंडी
- बादाम
- संतरा
- ब्रोकली आदि।
- आयोडीन:
- दही
- मुनक्का
- पालक
- ब्राउन राइस
- आयोडीन युक्त नमक आदि।
- सोडीयम:
- पनीर
- अंडे
- पालक
- चुकंदर
- गाजर
- दूध आदि सोडियम के मुख्य स्त्रोत होते हैं।