बिनु पग चले सुने बिनु काना में कौन सा अलंकार है?
May 29, 2020
(A) विभावना अलंकार
(B) विशेषोक्ति अलंकार
(C) विभावना अलंकार
(D) अनुप्रास अलंकार
Answer : विभावना अलंकार
Explanation : बिनु पग चले सुने बिनु काना। कर बिनु कर्म करै विधि नाना। आनन रहित सकल रस भोगी। बिनु वाणी वक्ता बड़ जोगी। पंक्ति में विभावना अलंकार होता
है। यहां पैर के बिना चलना, कान के बिना सुनना और बिना हाथ के कार्य होना, इत्यादि कार्य बिना कारण ही सम्पादित हो रहे हैं।
विभावना अलंकार की परिभाषा – विभावना शब्द का अर्थ है– (विशेष प्रकार की कल्पना) जहां बिना कारण के ही कार्य हो जाये वहां विभावना अलंकार होता है। सामान्य हिंदी प्रश्न पत्र में विभावना अलंकार संबंधी प्रश्न पूछे जाते है। इसलिए यह प्रश्न आपके लिए कर्मचारी चयन आयोग, बीएड, आईएएस, सब इंस्पेक्टर, पीसीएस, बैंक भर्ती परीक्षा, समूह 'ग' आदि प्रतियोगी परीक्षाओं के अलावा विभिन्न
विश्वविद्यालयों की प्रवेश परीक्षाओं के लिए भी उपयोगी साबित होगें।....अगला सवाल पढ़े
Tags : अलंकार अलंकारिक शब्द विभावना अलंकार
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"बिनु पग चलै सुनै बिनु काना" पंक्ति में अलंकार है
This question was previously asked in
UP Junior Aided Teacher (UPJASE) 2021 (Hindi/English/Sanskrit) Official Paper
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- विभावना
- उत्प्रेक्षा
- असंगति
- विशेषोक्ति
Answer (Detailed Solution Below)
Option 1 : विभावना
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CT 1: हिन्दी विषय परीक्षा
10 Questions 10 Marks 10 Mins
सही उत्तर विकल्प - विभावना अलंकार है l
- प्रस्तुत पंक्ति "बिनु पग चले, सुने बिनु काना" में विभावना अलंकार है l
- क्योंकि यहाँ बिना कारण के कारण के ना होने पर भी कार्य का होना पाया जाता है l
- जैसे : – बिना पैर चलना बिना कान के सुनना, बिना हाथ के कार्य का होना ये सभी कारण के बिना ही हो रहे हैं। अतः यहाँ विभावना अलंकार है।
अलंकार | परिभाषा | उदाहरण |
विभावना अलंकार | विभावना का अर्थ है बिना कारण के जहां कारण के ना होने पर भी कार्य का होना पाया जाता है,वहाँ विभावना अलंकार होता है। | जैसे- "बिनु पग चले, सुने बिनु काना" |
अन्य विकल्प :
अलंकार | परिभाषा | उदाहरण |
व्यतिरेक अलंकार | जब छोटे को बड़े से श्रेष्ठ बताया जाता है और उसका कारण भी दिया जाता है अर्थात जब उपमेय को उपमान की अपेक्षा बढ़कर बताया जाता है, तब वहाँ व्यतिरेक अलंकार होता है। | जैसे- जन्म सिंधु पुनि बंधु विष,दीनन मलिन सकलंक| सीय मुख समता पाव किमी चंद्र बापूरो रंक || |
संदेह अलंकार | जहाँ पर किसी व्यक्ति या वस्तु को देखकर संशय बना रहे वहाँ संदेह अलंकार होता है। | जैसे- साड़ी बीच नारी है कि नारी बीच साड़ी l |
भ्रांतिमान अलंकार | जहां पर समानता के कारण किसी वस्तु में अन्य वस्तु का भ्रम हो जाए वहां भ्रांतिमान अलंकार होता है। | जैसे- किशुक सुमन समझकर झपटा l |
Last updated on Sep 26, 2022
The Uttar Pradesh Basic Education Board (UPBEB) is all set to invite fresh applications for the UP SUPER TET (Teacher Eligibility Test) Exam. The said exam is conducted to recruit candidates for the post of Assistant Teacher & Principal in Junior High Schools across the state of Uttar Pradesh. The vacancy is expected to be somewhere around 17000. The minimum eligibility criteria for the Assistant Teacher posts is graduation whereas for the posts of Principal it shall be graduation accompanied by 5 years of teaching experience. The willing candidates can go through the UP SUPER TET Syllabus and Exam Pattern from here.