ब्रिक्स में कुल कितने देश हैं? - briks mein kul kitane desh hain?

इस वीडियो में हम आपको बताएंगे BRICS है क्या, ये कैसे और कब शुरू हुआ, इसमें कौन-कौन से देश शामिल हैं इसकी क्या अहमियत है और BRICS की कौन- कौन सी समस्याएं और विवाद हैं चलिए बताते हैं.BRICS में पांच देश शामिल हैं ब्राज़ील, रशिया, इडिया, चाइना और साऊथ एफ्रीका. इन सभी देशों के नाम के पहले अक्षर से ही BRICS बना है. ये समिट हर साल होता है जिसमें इन पांचों देशों के राष्ट्राध्यक्ष शामिल होते हैं. भारत साल 2012 और साल 2016 में दो बार इस समिट की मेज़बानी कर चुका है .ये संगठन काफी मज़बूत है जिसमें दुनिया के तीन बड़े देश चीन ,इंडिया और रशिया शामिल हैं लेकिन कोई भी पश्चिमी देश इस ग्रुप में शामिल नहीं है. साउथ अफ्रीका के इस संगठन का हिस्सा बनने से पहले इसे BRIC कहा जाता था. BRIC के बनने का सिलसिला साल 2006 से ही शुरू हो गया था जब चारों देशों के विदेश मंत्रियों ने new york में एक हाईलेवल मीटिंग कर इसका ब्लूप्रिंट तैयार किया था लेकिन BRIC का पहला सम्मेलन साल 2009 में रशिया में हुआ और साल 2011 में साउथ अफ्रीका के जुड़ने के साथ ही इसका नाम BRICS हो गया. BRICS की अहमियत जानने के लिए इसके सदस्य देशों की अहमियत को समझना ज़रूरी है. चाईना, इंडिया, और रशिया की बात करें तो ये देश दुनिया की तीन बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देश हैं और उधर ब्राजील लेटिन अमेरिका का अहम देश है तो वहीं साऊथ अफ्रीका, अफ्रीका कॉन्टिनेंट का एक बड़ा देश है. दुसरे शब्दों में कहें तो BRICS देशों की सीमाएं दुनिया के एक छोर से दुसरे छोर तक फैली हुई हैं. इन देशों की कुल अर्थव्यवस्था लगभग 16 खरब डॉलर है. दुनिया की टोटल GDP का 30 परसेंट हिस्सा इन्हीं देशों का है. दुनिया में जितना भी व्यापार होता है उसका 18 परसेंट व्यापार भी यही देश करते हैं और सबसे बड़ी बात दुनिया की लगभग 50 परसेंट आबादी इन्हीं 5 देशों में बसती है. इसलिए ये देश रीजनल और ग्लोबल मामलों पर ज्यादा प्रभाव डालते हैं. इन देशों का विदेशी मुद्रा रिसर्व 4 खरब डॉलर का है.

ब्रिक्स पांच उभरती अर्थव्यवस्थाओं ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका से बना समूह है। गोल्डमैन सैक्स द्वारा वर्ष 2001 में दुनिया के विभिन्न क्षेत्रों के इन पांच उभरते देशों के प्रस्तावित इस समूह को अधिकाधिक वैश्विक शक्ति परिवर्तन के केंद्र के रूप में देखा जा रहा है.i 2008-9 के वैश्विक वित्तीय संकट (जीएफसी) के समय बने इस समूह का मुख्य लक्ष्य अंतरराष्ट्रीय आर्थिक और वित्तीय मामलों पर सहयोग, नीति समन्वयन और राजनीतिक संवाद को बढ़ावा देना है। लेकिन अपनी स्थापना के बाद से ब्रिक्स ने अपनी गतिविधियों का, विशेष रूप से समूह की नियमित बैठकें आयोजित करने, अंतरराष्ट्रीय संगठन में समन्वयक की भूमिका निभाने और अपने सदस्यों के बीच बहु-क्षेत्रीय सहयोग के लिए एजेंडा के निर्माण लिहाज़ से, विस्तार किया है। समूह का गठन 2009 में हुए पहले राष्ट्राध्यक्ष स्तरीय शिखर सम्मेलन के साथ हुआ था। इसके बाद हर साल वैश्विक महत्व के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के लिए समूह की बैठक होती रही।

इस शोध पत्र में ब्रिक्स द्वारा 25-27 जुलाई, 2018 को दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में प्रस्तावित ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के साथ अपने दसवें वर्ष पूरे करने की पृष्ठभूमि में ब्रिक्स की स्थापना के बाद से इसके सामाजिक-आर्थिक सहयोग से जुड़े प्रमुख क्षेत्रों पर विचार करने का प्रयास किया गया है। इस प्रक्रिया में शिखर सम्मेलन स्तर की घोषणाओं का तुलनात्मक विश्लेषण किया गया है, ताकि प्रतिबद्धताओं और महत्वपूर्ण मुद्दों के कार्यान्वयन पर हुई प्रगति का जायज़ा लिया जा सके।

उत्पत्ति और महत्ता: ब्रिक से ब्रिक्स तक

ब्राजील, रूस, भारत और चीन पर आधारित संक्षिप्ति BRIC(S) का प्रस्ताव वर्ष 2001 में गोल्डमैन सैक्स के जिम ओ 'नील द्वारा दिया गया था, जिन्होंने अनुमान लगाया था कि ब्राजील, रूस, भारत और चीन की अर्थव्यवस्थाएँ व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से कहीं अधिक महत्वपूर्ण बन जाएंगी और और अगले कोई 50 वर्षों में दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होंगी।ii हालांकि समूह की पहली बैठक जी8 आउटरीच शिखर सम्मेलन के दौरान सेंट पीटर्सबर्ग में हुई रूस, भारत और चीन के नेताओं की बैठक के बाद हुई। समूह का औपचारिक गठन 2006 में न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के दौरान हुई BRIC विदेश मंत्रियों की पहली बैठक में हुआ। इसके बाद जून 2009 में येकातेरिनबर्ग (रूस) में पहला BRIC शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया। दक्षिण अफ्रीका को शामिल कर इस समूह का विस्तार किया गया। तदनुसार दक्षिण अफ्रीका ने सान्या (चीन) में अप्रैल 2011 में हुए तीसरे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लिया।iii

ब्रिक्स के सदस्य

ब्रिक्स में कुल कितने देश हैं? - briks mein kul kitane desh hain?
स्रोत: एनडीबी की वार्षिक रिपोर्ट, 2016

ब्रिक्स की इन पांच उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं का सामूहिक तौर पर विश्व की आबादी में 40% से अधिक, विश्व के जीडीपी में 30% से अधिक और वैश्विक व्यापार में 17% का योगदान है।iv समूह की शुरुआत मूलतया आपसी हितों के आर्थिक मुद्दों पर चर्चा हेतु मंच के तौर हुई। लेकिन महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों को शामिल कर ब्रिक्स के एजेंडे में काफी हद तक विस्तार किया गया है। ब्रिक्स सहयोग दो स्तंभों पर आधारित है - नेताओं और वित्त, व्यापार, स्वास्थ्य, विज्ञान और टेक्नोलॉजी, शिक्षा, कृषि, संचार, श्रम, आदि से जुड़े मंत्रियों की बैठकों के माध्यम से आपसी हित के मुद्दों पर परामर्श और कार्य समूहों / वरिष्ठ अधिकारियों की बैठकों के माध्यम से कई क्षेत्रों में व्यावहारिक सहयोग करना।v

विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के आँकड़ों के अनुसार 2001 से 2011 के बीच वैश्विक निर्यात में ब्रिक्स की भागीदारी दोगुना होकर 8% से 16% हो गई। इन वर्षों में इन देशों के कुल निर्यात में 500% से अधिक वृद्धि हुई है, जबकि इसी अवधि में कुल वैश्विक निर्यात 195% बढ़ा है। 2002 और 2012 के बीच ब्रिक्स देशों का आपसी व्यापार 27 अरब अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 276 अरब अमेरिकी डॉलर पर पहुंच गया, जोकि 922% की वृद्धि है, जबकि 2010 से 2012 के बीच ब्रिक्स का अंतर्राष्ट्रीय व्यापार 29% की दर से बढ़कर 4.7 खरब अमेरिकी डॉलर से 6.1 खरब अमेरिकी डॉलर हो गया।vi

ब्रिक्स शिखर सम्मेलन: सामाजिक-आर्थिक सहयोग का विश्लेषण

अब तक नौ ब्रिक्स शिखर सम्मेलन हो चुके हैं। 16 जून 2009 को रूस के येकातेरिनबर्ग में पहला ब्रिक्स शिखर सम्मेलन; 16 अप्रैल 2010 को ब्राज़ीलिया, ब्राजील में दूसरा; 14 अप्रैल, 2011 को सान्या, चीन में तीसरा; 29 मार्च, 2012 को नई दिल्ली, भारत में चौथा; 26-27 अक्टूबर, 2013 को डरबन, दक्षिण अफ्रीका में पांचवां; फोर्टालेज़ा, ब्राजील में छठा, 14-16 जुलाई, 2014; उफा में सातवां, 8-9 जुलाई, 2015 को रूस में हुआ; आठवां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 5-6 अक्टूबर, 2016 को भारत की अध्यक्षता के दौरान आयोजित किया गया था; और नौवां शिखर सम्मेलन चीन के शियामेन में 3-5 सितंबर, 2017 को आयोजित किया गया था।

इन वर्षों में ब्रिक्स सहयोग का बैठकों, हितधारकों की संख्या और एजेंडा के संदर्भ में विस्तार हुआ है। अब इसमें 100 से अधिक क्षेत्रीय बैठकों का वार्षिक कार्यक्रम शामिल है, जिसमें तीन स्तरों की बातचीत के तहत देशों की सरकारों की औपचारिक राजनयिक बातचीत, सरकार से संबद्ध संस्थानों के माध्यम से बातचीत उदाहरणतया सरकारी उद्यमों और व्यापार परिषदों और नागरिक समाज और "लोगों -से-लोगों" की बातचीत। एजेंडे के संदर्भ में यह जुड़ाव अब बहु-क्षेत्रीय बन चुका है।

निम्न तालिका 1 में विभिन्न शिखर घोषणाओं में रेखांकित किये गए स्वास्थ्य, शिक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, कृषि और आर्थिक और वित्तीय सहयोग में ब्रिक्स देशों के बीच सहयोग के क्षेत्रों को इंगित किया गया है। इन सभी क्षेत्रों को 2015 में अंगीकृत ब्रिक्स आर्थिक भागीदारी रणनीति के दायरे में  शामिल किया गया है। 2009 में इसकी पहली शिखर बैठक के बाद से इन सभी क्षेत्रों में हुई प्रगति सुस्त रही है। न्यू डेवलपमेंट बैंक (NDB) और आकस्मिक रिजर्व व्यवस्था (CRA) की स्थापना में एकमात्र ठोस प्रगति हुई देखी जा सकती है। कृषि के मुद्दे पर ब्रिक्स कृषि अनुसंधान मंच का समन्वयन केंद्र अप्रैल, 2017 में स्थापित किया गया। नवीनतम घटनाक्रम था NDB अफ्रीका क्षेत्रीय केंद्र (ARC) की अगस्त, 2017 में हुई स्थापना। स्वास्थ्य, शिक्षा और विज्ञान और प्रौद्योगिकी जैसे अन्य मुद्दों पर हुई प्रगति कुछ ख़ास नहीं रही है।

ब्रिक्स के अंदर सहयोग को मज़बूत करने और बढ़ाने के लिए जुलाई 2015 में उफा शिखर सम्मेलन के दौरान ब्रिक्स आर्थिक साझेदारी रणनीति अंगीकृत की गई थी। अब इसमें व्यापार और निवेश, विनिर्माण और खनिज प्रसंस्करण, ऊर्जा, कृषि सहयोग, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार, वित्तीय सहयोग, कनेक्टिविटी, आईसीटी सहयोग और बहुपक्षीय और क्षेत्रीय संगठनों में समन्वय सहित सहयोग के सभी क्षेत्र शामिल हो चुके हैं। इसके अंगीकार किये जाने के बाद से इन तीन वर्षों में ब्रिक्स ने ब्रिक्स साझेदारी के तहत चिन्हित विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न स्तरों पर अपने सहयोग को संस्थागत रूप देने का प्रयास किया है। इस दिशा में नियमित रूप से विभिन्न सेमिनारों, कार्यशालाओं और बैठकों का आयोजन किया जाता है।vii

अपनी शुरुआत से ही ब्रिक्स के नेता वैश्विक शासन को बेहतर बनाकर अधिक न्यायसंगत अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था को प्रोत्साहन देने के लिए समन्वयन करने को प्रतिबद्ध हैं। इन नेताओं ने अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक और वित्तीय संस्थानों में सुधार करने, विशेष तौर पर इन संस्थानों में विकासशील देशों को अधिक स्थान और प्रतिनिधित्व देने के लिए, वैश्विक अर्थव्यवस्था में हुए बदलाव को प्रतिबिंबित करने के प्रति अपनी कटिबद्धता दोहराई है। इस लक्ष्य के प्राप्ति की दिशा में  ब्रिक्स इन वर्षों में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में शनैः शनैः परिवर्तन लाने में सफल रहा है। ब्रिक्स के संयुक्त प्रयासों से कोटा और शासन पर 2010 का सुधार प्रस्ताव पारित हुआ। इसके बाद आईएमएफ का कोटा दोगुना हो गया, जिसमें से कुल 6% हिस्सेदारी उभरते और विकासशील देशों को दी गई। चीन, रूस, ब्राजील और भारत के की वोटों की संख्या बढ़कर कुल 14.18% तक पहुँच गई।viii

उन्होंने संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के व्यापक सुधार के लिए अपनी प्रतिबद्धताएं दोहराई हैं ताकि इसे और अधिक कुशल बनाया जा सके, और साथ ही इसकी प्रणाली में भारत और ब्राजील द्वारा बड़ी भूमिका निभाने से जुड़ी इनकी आकांक्षाओं का समर्थन भी किया। हालाँकि इस समर्थन में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की स्थायी सदस्यता के विस्तार के बारे में कोई प्रत्यक्ष वर्णन नहीं है। यह यूएनएससी में सुधार लाने के बारे में रूस और चीन के अड़ियल रवैये का सूचक है। इससे पर्याप्त सुधार की संभावनाएँ झूठी हो जाती हैं क्योंकि UNSC में सुधार के लिए संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों के दो-तिहाई सदस्यों की सकारात्मक वोट और घरेलू अनुसमर्थन की आवश्यकता होती है, जिसमें सुरक्षा परिषद के सभी स्थायी सदस्य (P5, जिसमें चीन, फ्रांस, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका और रूस हैं) शामिल हैं, जिन्होंने स्थायी सदस्यता के विस्तार के किसी भी कदम का लगातार विरोध किया है।ix

इन नेताओं ने महत्वपूर्ण कारक के रूप में जी20 के प्रभुत्व और इसके  सभी सदस्य देशों के बीच अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक समन्वय और सहयोग के मंच के रूप में मान्यता दी है। जी20 शिखर सम्मेलनों में ब्रिक्स को व्यापक आर्थिक नीतियों को आकार देने वाले प्रभावशाली मंच के रूप में देखा जाता है। इस दिशा में ब्रिक्स अंतर्राष्ट्रीय कराधान नीति को मजबूत करने के लिए काम कर रहा है, जिसमें आधार के क्षरण और लाभ स्थानांतरण (बीईपीएस), कर सूचना का आदान-प्रदान, विकासशील देशों का कर क्षमता निर्माण और विकास और टैक्स की निश्चितता को बढ़ावा देने वाली कर नीतियां शामिल हैं। इस उद्देश्य के लिए ब्रिक्स राजस्व प्रमुखों की बैठक सहित सदस्यों ने मौजूदा तंत्र के माध्यम से सहयोग और समन्वय को मजबूत करने के प्रति प्रतिबद्धता व्यक्त की है। उदाहरण के तौर पर दिसंबर 2016 में भारत द्वारा आयोजित ब्रिक्स राजस्व प्रमुखों की 4थी बैठक में नेता ब्रिक्स कर सहयोग को मज़बूत करने पर सहमत हुए और सभी सदस्य कर प्रशासन के बारे में हुई जी20 की सहमति को लागू करने और विकासशील लोगों को उनकी कराधान क्षमता में सुधार करने पर सहमत हुए. जुलाई 2017 में हेंगजोऊ में ब्रिक्स के टैक्स प्राधिकरणों के प्रमुखों की 5वीं बैठक के दौरान ब्रिक्स कर अधिकारियों के बीच समझौता ज्ञापन (MoC) पर हस्ताक्षर किए गए।x

ब्रिक्स नेताओं ने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के दोहा वार्ता दौर के प्रभावी समापन के लिए निरंतर प्रयास करने के साथ साथ खुली, समावेशी, निष्पक्ष, पारदर्शी और नियमों पर आधारित बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली को अपना समर्थन भी दोहराया है। विश्व व्यापार संगठन में ब्रिक्स देशों ने दोहा दौर की वार्ता को प्रभावित करने हेतु जी20 और जी33 जैसे विभिन्न गठबंधनों के भाग के तौर पर सहयोग किया है। बाली और नैरोबी मंत्रिस्तरीय सम्मेलनों में हुए निर्णयों को लागू करने के महत्व के साथ-साथ दोहा विकास एजेंडा (डीडीए) के शेष बचे मुद्दों पर प्राथमिकता आधार पर वार्ता को आगे बढ़ाने पर ज़ियामी घोषणा सहित, इन घोषणाओं में जोर दिया गया है।xi

शिक्षा के मुद्दे पर BRICS नेटवर्क यूनिवर्सिटी (BRICS-NU), जिसका उद्देश्य पांच देशों में से हरेक से 12 विश्वविद्यालयों को शिक्षा अनुसंधान और नवाचार में शामिल करना है, महत्वपूर्ण पहल है। इसके तहत सहयोग के पांच क्षेत्रों का प्राथमिकताकरण किया गया है। इनमें संचार और आईटी, अर्थशास्त्र, जलवायु परिवर्तन, जल संसाधन और प्रदूषण और ब्रिक्स अध्ययन शामिल हैं।xii जहां तक प्रगति की बात है, 1-3 जुलाई, 2017 को झेंग्झौ (चीन) में हुई ब्रिक्स-एनयू के अंतर्राष्ट्रीय शासी बोर्ड (आईजीबी) और अंतर्राष्ट्रीय थीमेटिक समूह (आईटीजीडी) की बैठकों के दौरान ब्रिक्स-एनयू में भागदार देशों ने आईजीबी के विनियमन पर और आईटीजी के विधान पर हस्ताक्षर किए, जिससे ब्रिक्स-एनयू की संरचना पूरी हो गई।xiii इसके अलावा, इन पांच देशों के विश्वविद्यालयों की भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए 2013 में ब्रिक्स विश्वविद्यालय लीग की परिकल्पना की गई है।xiv

2017 में आयोजित 8वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में नेताओं ने ब्रिक्स विश्वविद्यालय लीग और ब्रिक्स नेटवर्क विश्वविद्यालय को शिक्षा और अनुसंधान सहयोग के संचालन में अपना समर्थन फिर दोहराया। उन्होंने व्यावहारिक सांस्कृतिक सहयोग और ब्रिक्स पुस्तकालय गठबंधन, संग्रहालय गठबंधन, कला संग्रहाल्य गठबंधन और राष्ट्रीय दीर्घाओं की स्थापना के साथ-साथ बच्चों और युवा लोगों के लिए रंगमंच गठबंधन की स्थापना हेतु ब्रिक्स कार्य योजना बनाये जाने का भी स्वागत किया।

कृषि के विषय पर अगस्त 2017 में नई दिल्ली के राष्ट्रीय कृषि विज्ञान परिसर (NASC) में कृषि अनुसंधान मंच के समन्वय केंद्र की स्थापना को ब्रिक्स की महत्वपूर्ण उपलब्धि माना जा सकता है। केंद्र सरकार से ज्ञान साझा करने और नवीनतम अनुसंधान, प्रौद्योगिकी, नीति, नवाचार, विस्तार और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण का समग्र अनुभव प्राप्त करने हेतु बहुपक्षीय लेनदेन को बढ़ावा देने की अपेक्षा है। इससे ब्रिक्स देशों के बीच जलवायु परिवर्तन, संसाधनों के सततशील उपयोग, नए कीटों, रोगाणुओं और आक्रामक पौधों के प्रबंधन, सुरक्षित और पौष्टिक खाद्य और खाद्य उत्पादों के उत्पादन के लिए मूल्य संवर्धन को बढ़ावा देने, अपव्यय रोकने और ज्ञान के आदान-प्रदान सहित विभिन्न चुनौतियों से निपटने में मदद मिलेगी।xv

ब्रिक्स संस्थागत तंत्रों का सृजन

जैसा कि पहले उल्लेख किया गया है, ब्रिक्स की सबसे ठोस उपलब्धि रही है संस्थागत तंत्रों की स्थापना। 2012 में हुए ब्रिक्स नेताओं के शिखर सम्मेलन में नियोजित लिए गए NDB और CRA 2015 में चालू हो गए। कई दौर की बातचीत और वित्त मंत्रियों की बैठकों के बाद जुलाई 2014 में ब्राजील के फोर्टालेज़ा  में हुए ब्रिक्स नेताओं के छठे शिखर सम्मेलन के दौरान नेताओं ने 100-100 अरब डॉलर से ब्रिक्स NDB और CRA की स्थापना के समझौते पर हस्ताक्षर किए।

तालिका A: NDB और CRA की कुल पूंजी (अरब)

आकस्मिक व्यवस्था (ब्रिक्स)

कुल आरक्षित पूंजी (100 अरब डॉलर)

न्यू डेवलपमेंट बैंक (NDB)

कुल पूंजी  (100 अरब डॉलर)

देश

पूंजी

    देश

पूंजी

चीन

41 अरब अमेरिकी डॉलर

चीन

20  अरब अमेरिकी डॉलर

भारत

18  अरब अमेरिकी डॉलर

भारत

20 अरब अमेरिकी डॉलर

ब्राज़ील

18  अरब अमेरिकी डॉलर

ब्राज़ील

20 अरब अमेरिकी डॉलर

रूस

18  अरब अमेरिकी डॉलर

     रूस

20  अरब अमेरिकी डॉलर

दक्षिण अफ्रीका

5  अरब अमेरिकी डॉलर

दक्षिण अफ्रीका

20 अरब अमेरिकी डॉलर

स्रोत: http://brics.itamaraty.gov.br/media2/press-releases/220-treaty-for-the-establishment-of-a-brics-contingent-reserve-arrangement-fortaleza-july-15 और http://brics.itamaraty.gov.br/agreements (अगस्त 17, 2017 को देखा गया)

NDB में निर्णयन प्रक्रिया को बैंक स्थापित करने वाले समझौते के अनुच्छेद 6 में परिभाषित किया गया है, जिसमें कहा गया है कि बैंक के समक्ष सभी मामलों में निर्णय डाले गए वोटों के साधारण बहुमत लिया जाएगा। अनुच्छेद 6 में लिखा है किxvi

“जब तक विशिष्ट रूप से अन्यथा व्यक्त नहीं किया गया हो, बैंक के समक्ष सभी मामलों में निर्णय डाले गए वोटों के साधारण बहुमत के आधार पर लिया जाएगा। जहां जहां भी इस समझौते में योग्य बहुमत का प्रावधान किया गया है, उन मामलों में इसे सदस्यों के कुल मतदान का दो तिहाई सकारात्मक वोट समझा जाएगा। जहां जहां भी इस समझौते में विशेष बहुमत का प्रावधान है, उन मामलों में इसका अर्थ संस्थापक सदस्यों में से चार का वोट और साथ ही सदस्यों के कुल मतदान का दो तिहाई सकारात्मक वोट माना जाएगा।"

जहां तक CRA की बात है, निर्णयन को दो स्तरों पर परिभाषित किया गया है: गवर्निंग कौंसिल और स्थायी समिति। CRA संधि के अनुच्छेद 3 में प्रावधान है कि गवर्निंग कौंसिल के स्तर पर होने वाले निर्णय सर्वसम्मति से होंगे। इसकी जिम्मेवारियों में कौंसिल को पूल के आकार और इसके घटकों की समीक्षा और परिवर्तन करने और पहुंच सीमाओं, गुणकों, ब्याज दरों, परिपक्वता अवधियों, पूर्व शर्तों और स्वीकृतियों में परिवर्तन को मंज़ूर करने का अधिकार शामिल है। स्थायी समिति के स्तर पर समर्थन से जुड़े से अनुरोधों से संबंधित निर्णयों के लिए भारित मतदान प्रणाली है। अन्य निर्णय सर्वसम्मति से लिए जाने होते हैं। भारित करने की प्रणाली अनुच्छेद 3 (e) में दी गई है, जिसमें इस बात को रेखांकित किया गया  है कि जहां 5% मतदान शक्ति प्रतिभागियों में  समान रूप से बंटी हुई है; शेष 95% का वितरण CRA के प्रति प्रत्येक प्रतिभागी की प्रतिबद्धता के परिमाण पर निर्भर है। हालांकि अनुच्छेद 3 में  इस बात पर बल  दिया गया है कि ‘[a] सैद्धांतिक तौर पर स्थायी समिति सभी मामलों पर आम सहमति बनाने की प्रयास करेगी।xvii

शंघाई में स्थित मुख्यालय वाला NDB ब्रिक्स और अन्य उभरते और विकासशील देशों में बुनियादी ढांचे और सतत विकास परियोजनाओं के लिए संसाधन जुटाने के उद्देश्य से स्थापित किया गया है। हालाँकि अब तक स्वीकृत परियोजनाएँ गैर-सदस्य देशों में नहीं हैं और ब्रिक्स सदस्य देशों (तालिका बी) में ही केंद्रित हैं। इसके संचालन के तीन वर्षों में NDB के तहत परियोजनाओं के कार्यान्वयन में पर्याप्त प्रगति हुई देखी जा सकती है। 2016 तक बैंक का मुख्य केंद्र नवीकरणीय ऊर्जा रहा। लेकिन अब इसमें जल आपूर्ति, स्वच्छता, सिंचाई, कृषि और अन्य को शामिल कर विविधता आ गई है। 2016 तक NDB ने 1.5 अरब अमेरिकी डॉलर की 7 परियोजनाओं का अनुमोदन कर उनमें निवेश किया।xviii इन सात में से छह परियोजनाएं अक्षय ऊर्जा से जुडी हुई थीं। 2017 में 1.8 अरब अमेरिकी  डॉलर से अधिक की छह परियोजनाओं को बोर्ड ने अनुमोदित किया था। इसकी स्थापना के बाद से 2017 के अंत तक कुल स्वीकृत राशि  3.4 अरब डॉलर थी, जिसमें 900 अरब अमेरिकी डॉलर की वह राशि भी थी, जिसकी समीक्षा की गई थी लेकिन जिसे लेकिन बोर्ड के विचाराधीन नहीं लाया गया  था (तालिका बी)।xix 28-29 मई, 2018 को हुई NDB निदेशक मंडल (BoD) की 14वीं बैठक में NDB के सभी पाँच सदस्य देशों के 1.6 अरब अमेरिकी डॉलर के ऋण वाली छह परियोजनाओं को मंजूरी दी गयी। इनमें पेट्रो ब्रास पर्यावरण सुरक्षा परियोजना (ब्राज़ील) (20 करोड़ अमेरिकी डॉलर), जलापूर्ति और सफाई प्रणाली परियोजना (रूस) (32 करोड़ अमेरिकी डॉलर), लघु ऐतिहासिक नगर विकास परियोजना (रूस) (22 करोड़ अमेरिकी डॉलर), बिहार ग्रामीण सड़क परियोजना (भारत) (35 करोड़ अमेरिकी डॉलर), चोंगिंग लघु नगर सततशील विकास परियोजना (चीन) (30 करोड़ अमेरिकी डॉलर), और डरबन कंटेनर टर्मिनल बर्थ पुनर्निर्माण परियोजना (दक्षिण अफ्रीका) (20 करोड़ अरब अमेरिकी डॉलर) शामिल हैं।xx

NDB वैश्विक विकास और विकास के लिए स्थापित बहुपक्षीय और क्षेत्रीय वित्तीय संस्थानों के साथ मिलकर सहयोग में भी काम कर रहा है। इस बैंक ने अन्य बहुपक्षीय और क्षेत्रीय बैंकों जैसे यूरोपीय पुनर्निर्माण और विकास बैंक (EBRD), यूरोपीय निवेश बैंक (EIB), विश्व बैंक, अंतर्राष्ट्रीय विकास एसोसिएशन (आईडीए) और अंतर्राष्ट्रीय वित्त सहयोग (IFC), एशियाई विकास बैंक (ADB) और एशियाई बुनियादी ढाँचा विकास बैंक (AIIB) के साथ समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं।xxi

CRA की स्थापना अल्पकालिक तरलता दबाव झेलने को आसान बनाने, ब्रिक्स सहयोग को बढ़ावा देने, वैश्विक वित्तीय सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने और अन्य अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्थाओं का पूरक निर्मित करने के लिए की गई है। इसका लक्ष्य वास्तविक या संभावित भुगतान संकट की प्रतिक्रिया के तौर पर मुद्रा स्वैप के माध्यम से तरलता प्रदान करना है।xxii CRA की स्थापना की संधि के अनुसार मुद्रा स्वैप तक पहुंच 'पक्षों' अर्थात ब्रिक्स के सदस्य देशों को अपने केंद्रीय बैंकों के माध्यम से उपलब्ध है।xxiii इसकी पूर्ति के लिए ब्रिक्स के केंद्रीय बैंकों ने CRA समग्र आर्थिक सूचना आदान प्रदान प्रणाली (SEMI) की स्थापना की है और CRA की अनुसंधान क्षमताओं को मज़बूत करने के लिए और भी काम कर रहे हैं।xxiv

तालिका बी: एनडीबी द्वारा अनुमोदित विभिन्न परियोजनाएं (करोड़ अमेरिकी डॉलर)

परियोजनाएं      ऋण राशि       उधारकर्ता         गारंटर         लक्षित क्षेत्र

2016 में स्वीकृत परियोजनाएं

केनरा (भारत)       25.9 करोड़ अमेरिकी डॉलर केनरा बैंक     भारतीय सरकार     अक्षय ऊर्जा

(पवन, सौर आदि)

लिआंगांग          8.1 करोड़ अमेरिकी डॉलर                चीनी लोक

गणराज्य सरकार     नवीकरणीय ऊर्जा

(सोलर रूफटॉप पीवी)

BNDES (ब्राजील)       30 करोड़ अमेरिकी डॉलर BNDES                  नवीकरणीय ऊर्जा (पवन, सौर

आदि)

RSA नवीकरणीय ऊर्जा (संचरण) का ESKOM (दक्षिण -18 ESKOM अफ्रीका सरकार)

EDB / IIB    10 करोड़ अमेरिकी डॉलर     EDB / IIB - (रूस)              अक्षय ऊर्जा (जल-ऊर्जा

और हरित ऊर्जा)

मध्य प्रदेश    35 करोड़ अमेरिकी डॉलर     भारत सरकार             प्रमुख जिलों का उन्नयन

(आधारिक संरचना)

पिंगहाई (चीन)       29.8 करोड़ अमेरिकी डॉलर चीनी लोक गणराज्य     सरकार       अक्षय ऊर्जा (पवन)

2017 में स्वीकृत परियोजनाएं

हुनान (चीन)   2 अरब रेनमीबी (30 करोड़ अमेरिकी डॉलर) चीन सरकार          जल, स्वच्छता और बाढ़

नियंत्रण, पर्यावरण

जिआंग्क्सी (चीन) 20 करोड़ अमेरिकी डॉलर            चीनी लोक गणराज्य सरकार     ऊर्जा संरक्षण,

मध्य प्रदेश    47 करोड़ अमेरिकी डॉलर           भारत सरकार              पानी की आपूर्ति और

स्वच्छता, ग्रामीण विकास

न्यायिक समर्थन

(रूस)        46 करोड़ अमेरिकी डॉलर           रूसी संघीय सरकार         सामाजिक अवरंचना

सिंचाई

राजस्थान (भारत) 34. 5 करोड़ अमेरिकी डॉलर      भारत सरकार              कृषि

उफा पूर्वी निकास 

(रूस)        6. 88 करोड़ अमेरिकी डॉलर रूसी संघीय सरकार         परिवहन

स्रोत: न्यू डेवलपमेंट बैंक

न्यू डेवलपमेंट बैंक का अफ्रीका क्षेत्रीय केंद्र

17 अगस्त, 2017 को शुरू हुए एनडीबी अफ्रीका क्षेत्रीय केंद्र (एआरसी) का उद्देश्य दक्षिण अफ्रीका के सततशील अवसंरचना विकास में योगदान देना और महाद्वीप के विकास के एजेंडे में उपयोगी भागीदार के रूप में कार्य करना है। दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में न्यू डेवलपमेंट बैंक के एआरसी के उद्घाटन समारोह में बोलते हुए अध्यक्ष के. वी. कामथ ने कहा,

“एनडीबी के पहले क्षेत्रीय कार्यालय एआरसी की स्थापना बैंक के लिए महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। इसके स्थापना समझौते के अनुच्छेदों में बैंक के संस्थापकों द्वारा की गई प्रतिबद्धता की प्राप्ति का सूचक है .... एआरसी अफ्रीका में एनडीबी का चेहरा होगा।“xxv

एआरसी की प्रमुख भूमिकाओं में से एक होगी - भविष्य में देश के आर्थिक और सामाजिक-आर्थिक विकास की रणनीति के लिए अपनाये गए खाके के अनुसार दक्षिण अफ्रीका की राष्ट्रीय विकास नीति योजना के अनुरूप टिकाऊ बुनियादी ढाँचे और सततशील विकास परियोजनाओं की पहचान करना। इन परियोजनाओं को एनडीबी से वित्तीय सहायता मिलेगी। इस संदर्भ में एनडीबी के सदस्यों ने अगले अठारह महीनों में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए दक्षिण अफ्रीका को 1.5 अरब डॉलर की राशि उधार देने पर सहमति व्यक्त की है, और एआरसी को यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि यह राशि परियोजना के लिए वास्तविक तौर पर उधार दी जाए।xxvi

भारत और ब्रिक्स

समूह का सदस्य होने के नाते ब्रिक्स में भारत की भूमिका, विशेष रूप से संस्था निर्माण में, महत्वपूर्ण है। उल्लेखनीय है कि ब्रिक्स के बैंक NDB की स्थापना का प्रस्ताव मार्च 2012 में नई दिल्ली में भारत द्वारा 4वें शिखर सम्मेलन के दौरान दिया गया था। इसके पीछे मुख्य विचार था मुख्य रूप से ब्रिक्स देशों द्वारा वित्तपोषित और प्रबंधित किये जाने वाले और ब्रिक्स के नेतृत्व वाली दक्षिण-दक्षिण विकास बैंक की स्थापना करना, जिसके ज़रिये अधिशेष को विकासशील देशों में बुनियादी ढाँचे और सततशील विकास परियोजनाओं में निवेश के लिए पुन: उपयोग किया जा सके।xxvii जुलाई 2015 में 7वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के पूर्ण सत्र में भारत ने ब्रिक्स कृषि अनुसंधान केंद्र के निर्माण का प्रस्ताव रखा।xxviii अंतत: कृषि अनुसंधान केंद्र का समन्वय केंद्र अगस्त 2017 में NASC, नई दिल्ली में शुरू किया गया।

वर्तमान क्रेडिट रेटिंग बाज़ार, जिसमें एस एंड पी, मूडीज़ और फिच सहित पश्चिमी रेटिंग एजेंसियों का वर्चस्व है और जिनका संप्रभु रेटिंग बाजार के 90 प्रतिशत से अधिक कारोबार पर कब्ज़ा है, में उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाओं के समक्ष बाधाओं को हल करने के उद्देश्य से भारत ब्रिक्स क्रेडिट रेटिंग एजेंसी के निर्माण पर जोर दे रहा है।xxix

अब तक ब्रिक्स निर्यात ऋण और बीमा एजेंसियों - ब्राजीली गारंटी एजेंसी, OJSC (रूसी निर्यात ऋण और निवेश बीमा एजेंसी) चीन निर्यात और क्रेडिट इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन, पीआर चाइना (SINOSURE), एक्सपोर्ट क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, इंडिया (ECGC) और एक्सपोर्ट क्रेडिट इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ऑफ साउथ अफ्रीका लिमिटेड, साउथ अफ्रीका (ECIC) - के साथ जुलाई 2014 में सहयोग ज्ञापन (MoC) पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इन एजेंसियों ने परियोजनाओं, परामर्श और सूचना के आदान-प्रदान में सहयोग करने पर सहमति व्यक्त की है।xxx

इसके अतिरिक्त भारत ने ब्रिक्स की कई बैठकें और अन्य ब्रिक्स-संबंधित कार्यक्रम आयोजित करने में पहल की है और इस तरह से इन प्रक्रियाओं को नियमित बनाने में मदद की है। इसके बाद हर साल राष्ट्राध्यक्ष सम्मेलन की मेज़बानी  करने वाले देशों ने इन बैठकों और कार्यक्रमों का आयोजन किया है। उदाहरणतय भारत ने जून 2009 में येकातेरिनबर्ग (रूस) में आयोजित पहले ब्रिक शिखर सम्मेलन से पहले मई 2009 में नई दिल्ली में पहली ब्रिक्स अकादमिक फोरम की बैठक की मेज़बानी की थी। ये बैठकें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की तैयारी से जुडी बैठकों की भूमिका निभाती हैं और इनमें जन्म लेने वाले  विचार और सिफारिशें शिखर सम्मेलन के एजेंडे का हिस्सा बनती हैं। 2010 के शिखर सम्मेलन के बाद से ये बैठकें हर साल राष्ट्राध्यक्षों की बैठक से पहले नेताओं के शिखर सम्मेलन की मेज़बानी करने वाले देश द्वारा आयोजित की जाती हैं।xxxi ब्रिक्स के अंदर सहयोग को मजबूत करने के लिए भारत ने जुलाई 2014 में ब्राजील में हुए 6वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में महत्वपूर्ण प्रस्ताव रखे, जिसमें एक आभासी ब्रिक्स विश्वविद्यालय की स्थापना भी शामिल रहा।xxxii ब्रिक्स युवा वैज्ञानिक मंच के ढांचे के तहत पहला ब्रिक्स युवा वैज्ञानिक कॉन्क्लेव भारत में सितंबर, 2016 में आयोजित किया गया। ब्रिक्स व्यापार परिषद, ऊफ़ा, 2015 में भारत द्वारा प्रस्तावित पहला ब्रिक्स व्यापार मेला और प्रदर्शनी अक्टूबर 2016 में आयोजित की गई, जिसमें अत्याधुनिक तकनीकों और औद्योगिक विकास में हुई नवीनतम प्रगति को प्रदर्शित किया गया।xxxiii इंडिया ने 9 अप्रैल, 2017 को हुई ब्रिक्स विज्ञान और प्रौद्योगिकी संचालित उद्यमिता और नवाचार भागीदारी की पहली बैठक के  समन्वयक की भूमिका निभाई।xxxiv

सामाजिक -आर्थिक मामलों में ब्रिक्स सहयोग : समीक्षा 

पहला ब्रिक शिखर सम्मेलन - 16 जून 2009 रूस में(येकातरइनबर्ग)

दूसरा ब्रिक शिखर सम्मेलन - 16 अप्रैल 2010 - ब्राजील में (ब्रासीलिया)

चीन में (सनाया) चौथा ब्रिक्स शिखर सम्मेलन -14 अप्रैल 2011

चौथा ब्रिक्स शिखर सम्मेलन - 29  मार्च 2012- भारत में (नई दिल्ली)

5वाँ ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 26 मार्च 2013 दक्षिण अफ्रीका में (डरबन)

6वाँ ब्रिक्स शिखर सम्मेलन – 14-16 जुलाई 2014 ब्राज़ील (फोर्टालेज़ा)

सातवां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन – 5-9 जुलाई 2015 रूस (उफा) में

आठवाँ ब्रिक्स शिखर सम्मेलन -15-16 अक्टूबर 2016 भारत (गोवा) में

9वां शिखर सम्मेलन -3-5

सितंबर, 2017 में चीन (ज़ियामी)

ब्रिक्स  आर्थिक भागीदारी  रणनीति

स्वास्थ्य

शिक्षा

विज्ञान और प्रौद्योगिकी

कृषि

ग्लोबल शासन

CRA

NDB

अन्य

अफ्रीका क्षेत्रीय केंद्र

2020 तक 90-90-90 एचआईवी उपचार के लक्ष्यों को पूरा करना

ब्राजील, रूसी संघ, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका (ब्रिक्स) के स्वास्थ्य मंत्रियों ने यूएनएड्स फास्ट-ट्रैक रणनीति को अपनाया ब्रिक्स नेटवर्क विश्वविद्यालय (ब्रिक्स-एनयू) ब्रिक्स नेटवर्क विश्वविद्यालय (ब्रिक्स-एनयू) को पहली बार मार्च 2015 में लूट लिया गया था और इसे निर्धारित किया गया था। 2016 में लॉन्च किया गया। xxxvii

UNIDO-BRICS प्रौद्योगिकी मंच सितंबर 2016 में अपने आधिकारिक लॉन्च के बाद से, UNIDO परियोजना “BRICS कृषि अनुसंधान Platform xli की स्थापना के लिए समझौता ज्ञापन BRICS कृषि अनुसंधान प्लेटफ़ॉर्म का उद्देश्य खाद्य सुरक्षा, अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक, वित्तीय सुधार को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्धताओं के सतत संवद्र्धन को बढ़ावा देना है। और सुरक्षा से संबंधित संस्थान ताकि दुनिया में बदलाव को प्रतिबिंबित किया जा सके। ब्रिक्स सीआरए बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की उद्घाटन बैठकों के बाद $ 100 बिलियन ब्रिक्स आकस्मिक रिजर्व अरेंजमेंट (सीआरए) पूरी तरह से चालू हो गया है और 2016 में सभी सदस्य राज्यों में सात परियोजनाओं को मंजूरी दे दी गई है, नवीकरणीय और हरित ऊर्जा, और परिवहन के क्षेत्रों में कुल USD 1.5 बिलियन से अधिक के लिए। व्यापार, आर्थिक और निवेश सहयोग के लिए ब्रिक्स रोडमैप, 2020। रोडमैप के मुख्य लक्ष्य क्षेत्र हैं: ऊर्जा और पर्यावरण संरक्षण; दक्षिण अफ्रीका में 17 अगस्त, 2017 को दक्षिण अफ्रीका में जोहानसबर्ग में एनडीबी अफ्रीका क्षेत्रीय केंद्र की स्थापना। 4 से 5 दिसंबर 2014 को स्वास्थ्य मंत्रियों की बैठक के दौरान 2030 तक वैश्विक महामारी के रूप में एड्स महामारी को समाप्त करने के लिए। xxxv

6 जुलाई, 2017 को तिआनजिन में 7 वीं स्वास्थ्य मंत्री की बैठक ने सामूहिक कार्यों के लिए अपनी प्रतिबद्धताओं को दोहराया और 90-90-90 के लक्ष्य और 2030 तक एंडिंग एड्स को प्राप्त करने के लिए 2016 के संयुक्त राष्ट्र राजनीतिक घोषणा को पूरी तरह से लागू करने के लिए निरंतर नेतृत्व का नेतृत्व किया। xxxvi

ब्रिक्स नेटवर्क विश्वविद्यालय (BRICS-NU)

ब्रिक्स नेटवर्क विश्वविद्यालय (BRICS-NU) पहली बार मार्च 2015 में लूटा गया था और इसे 2016 में लॉन्च किया जाना था। xxxvii

1-3 जुलाई, 2017 को चीन के झेंग्झौ में आयोजित ब्रिक्स-एनयू के ब्रिक्स-एनयू के अंतर्राष्ट्रीय गवर्निंग बोर्ड (आईजीबी) और इंटरनेशनल थमैटिक ग्रुप (आईटीजी) की बैठकों के दौरान, भाग लेने वाले देशों ने आईजीबी और के लिए विनियमन पर हस्ताक्षर किए आईटीजी के लिए क़ानून, इस प्रकार ब्रिक्स-एनयू की संरचना को पूरा करते हैं।

अंतर्राष्ट्रीय शासी बोर्ड (IGB) ब्रिक्स नेटवर्क विश्वविद्यालय का मुख्य शासी निकाय है, जो ब्रिक्स-एनयू के परिणामों की गतिविधियों, विकास और मूल्यांकन के लिए जिम्मेदार है। बोर्ड में शिक्षा के राष्ट्रीय मंत्रालयों और ब्रिक्स एनयू के विश्वविद्यालय प्रतिभागियों के समुदाय के प्रतिनिधि शामिल हैं। प्रत्येक देश को तीन सदस्यों द्वारा ब्रिक्स- एनयू आईजीबी में प्रतिनिधित्व किया जाता है, राष्ट्रीय शिक्षा मंत्रालय और ब्रिक्स-एनयू प्रतिभागियों में से प्रत्येक को कम से कम एक। xxxviii

अंतर्राष्ट्रीय विषयगत समूह (ITG) प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में ब्रिक्स-एनयू प्रतिभागियों के बीच गतिविधियों के समन्वय में मदद करते हैं: ऊर्जा, कंप्यूटर विज्ञान और सूचना सुरक्षा, ब्रिक्स अध्ययन, पारिस्थितिकी, जलवायु परिवर्तन, जल संसाधन और प्रदूषण

उपचार, और अर्थशास्त्र। xxxix

UNIDO- ब्रिक्स प्रौद्योगिकी मंच

सितंबर 2016 में अपने आधिकारिक लॉन्च के बाद से, UNIDO परियोजना “चीन और अन्य ब्रिक्स देशों के बीच ई-कॉमर्स विकास के माध्यम से एसएमई के विकास को बढ़ावा” (या संक्षेप में “UNIDO BRICS SMEs ई-कॉमर्स परियोजना”) ने सहयोग तंत्र विकसित करना शुरू कर दिया है। ई-कॉमर्स के माध्यम से एसएमई विकसित करें, जिसमें ब्रिक्स सदस्य राज्यों में परामर्श कार्यशालाएं और बैठकें शामिल हैं। xl

ब्रिक्स कृषि अनुसंधान मंच की स्थापना के लिए समझौता ज्ञापनxli

ब्रिक्स कृषि अनुसंधान मंच का उद्देश्य सदस्य देशों के बीच कृषि में रणनीतिक सहयोग के माध्यम से खाद्य सुरक्षा, सतत कृषि विकास और गरीबी उन्मूलन को बढ़ावा देना है।

ब्रिक्स का समन्वय केंद्र *

कृषि अनुसंधान मंच का उद्घाटन 16 अप्रैल, 2017 को डॉ। टी। महापात्रा, सचिव (डीएआरई) और महानिदेशक, आईसीएआर, एनएएससी कॉम्प्लेक्स, नई दिल्ली में 8 वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन -2016 के दौरान हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन के अनुसरण में किया गया। ब्राजील, रूसी संघ, भारत गणराज्य, चीन के पीपुल्स गणराज्य और दक्षिण अफ्रीका के गणराज्य के कृषि मंत्रालय द्वारा भारत में। xlii

अंतरराष्ट्रीय आर्थिक, वित्तीय और सुरक्षा से संबंधित संस्थानों के सुधार को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्धताओं की निरंतरता, ताकि विश्व अर्थव्यवस्था में परिवर्तन को प्रतिबिंबित किया जा सके, विशेष रूप से अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों में अधिक से अधिक आवाज और प्रतिनिधित्व प्रदान करना।

एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी के रूप में और अपने सभी सदस्य राज्यों के बीच अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक समन्वय और सहयोग के लिए एक मंच के रूप में जी 20 की प्रधानता का पुनर्मूल्यांकन।

आईएमएफ की 15 वीं सामान्य समीक्षा को समाप्त करने के लिए प्रतिबद्धता, जिसमें एक नया कोटा फॉर्मूला शामिल है, 2019 स्प्रिंग मीटिंग्स और 2019 वार्षिक बैठकों की तुलना में बाद में नहीं।

सितंबर 2015 में तुर्की की राजधानी अंकारा में ब्रिक्स सीआरए बोर्ड ऑफ गवर्नर्स और स्थायी समिति की उद्घाटन बैठकों के बाद $ 100 बिलियन ब्रिक्स आकस्मिक रिजर्व व्यवस्था (सीआरए) पूरी तरह से चालू हो गई है।

Xliii

मैक्रो-इकोनॉमिक इन्फॉर्मेशन (SEMI) में CRA सिस्टम ऑफ एक्सचेंज की स्थापना से सहमत

2016 में नवीकरणीय और हरित ऊर्जा, और परिवहन के क्षेत्रों में कुल 1.5 बिलियन अमरीकी डालर से अधिक के लिए सभी सदस्य राज्यों में सात परियोजनाओं को मंजूरी दी।

2017 में यूएस द्वारा 1.8 बिलियन डॉलर से अधिक की छह परियोजनाओं को बोर्ड द्वारा अनुमोदित किया गया था

व्यापार, आर्थिक और निवेश सहयोग के लिए ब्रिक्स रोडमैप, 2020।

रोडमैप के मुख्य लक्ष्य क्षेत्र हैं: ऊर्जा और पर्यावरण संरक्षण;

विनिर्माण और खनन उद्योग; मैकेनिकल इंजीनियरिंग,; कृषि; परिवहन और रसद; उच्च तकनीक विनिर्माण, सूचना और संचार प्रौद्योगिकी; विज्ञान और प्रौद्योगिकी, मानव संसाधन विकास; बीमा और रेटिंग गतिविधि; और अत्यधिक प्रशासनिक बाधाओं (उन्मूलन) का उन्मूलन .xliv

17 अगस्त, 2017 को दक्षिण अफ्रीका में दक्षिण अफ्रीका में NDB अफ्रीका क्षेत्रीय केंद्र की स्थापना। दक्षिण अफ्रीका। xlv

टीबी अनुसंधान पर ब्रिक्स नेटवर्क की स्थापना *

सतत विकास युग में टीबी को समाप्त करने के लिए प्रथम डब्ल्यूएचओ वैश्विक मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में विचार प्रस्तुत किया गया था: मॉस्को में आयोजित एक बहुपक्षीय प्रतिक्रिया, 16-17 नवंबर 2017। डब्ल्यूएचओ को बुलाए गए दसवें सम्मेलन के अंत में मॉस्को डिलेरेशन को विकसित करने पर विचार करने के लिए कहा गया। टीबी अनुसंधान के लिए वैश्विक रणनीति चल रही और नए प्रयासों को ध्यान में रखते हुए, जैसे कि टीबी अनुसंधान नेटवर्क ब्रिक्स लीडर्स ज़ियामी घोषणा में बताया गया। xlvi

ब्रिक्स विश्वविद्यालय लीग (BRICSUL)

ब्रिक्स एसटीआई फ्रेमवर्क प्रोग्राम - ब्रिक्स अनुसंधान और विकास परियोजनाओं का चयन चल रहा है।

अगस्त 2017 में शुरू की गई परियोजनाओं के लिए दूसरी कॉल

बेस एरोशन और प्रॉफिट शिफ्टिंग (बीईपीएस) को संबोधित करने पर सहयोग बढ़ाने, कर सूचनाओं के आदान-प्रदान को बढ़ावा देने और विकासशील देशों में क्षमता निर्माण में सुधार

जुलाई 2016 में जारी आरएमबी 3.0 बिलियन (यूएसडी 450 मिलियन) के लिए पहला ग्रीन बॉन्ड।

5 वीं ब्रिक्स शिक्षा मंत्रियों की बैठक (EMM) 5 जुलाई, 2017 को बीजिंग, चीन में हुई। ब्रिक्स के वरिष्ठ अधिकारियों ने 4 जुलाई, 2017 को शिक्षा पर बैठक की। ब्रिक्स देशों के मंत्रियों की बैठक के दौरान शिक्षा पर बीजिंग घोषणा पर हस्ताक्षर किए गए। .xlvii

ब्रिक्स ग्लोबल एडवांस्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर नेटवर्क (BRICS-GRAIN) *

NDB ने बहुपक्षीय और राष्ट्रीय विकास बैंकों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए, जिसमें विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक के साथ-साथ NDB सदस्य राज्यों के प्रमुख वाणिज्यिक बैंक शामिल हैं। xlviii

ब्रिक्स व्यापार परिषद (बीबीसी)

ब्रिक्स राष्ट्रों के साथ द्विपक्षीय सामाजिक सुरक्षा पर 9 जून, 2016 को जिनेवा में और 27-28 सितंबर, 2016 को नई दिल्ली में आयोजित ब्रिक्स श्रम और रोजगार मंत्रियों की बैठकों में चर्चा की गई।

गोवा घोषणा के अनुगमन के रूप में, विदेश मंत्रालय, भारत ने सामाजिक सुरक्षा समझौतों पर वार्ता शुरू करने के लिए सभी ब्रिक्स राष्ट्रों में संबंधित अधिकारियों को संचार भेजा है। ब्राजील ने अनुकूल प्रतिक्रिया दी है। xlix

आखिरकार, भारत और ब्राजील के बीच द्विपक्षीय सामाजिक सुरक्षा समझौता 16 मार्च, 2017 को संपन्न हुआ

ब्रिक्स एलायंस ऑफ लाइब्रेरीज, एलायंस ऑफ म्यूजियम, अलायंस ऑफ आर्ट म्यूजियम एंड नेशनल गैलरीज एंड अलायस ऑफ थियेटर्स फॉर चिल्ड्रन एंड यंग पीपल की स्थापना से सहमत हुए।

ब्रिक्स रिसर्च एंड एक्सचेंज फंड *

भविष्य के नेटवर्क के ब्रिक्स संस्थान की स्थापना का अन्वेषण करें *

ब्रिक्स ई-पोर्ट नेटवर्क और ब्रिक्स ई-कॉमर्स वर्किंग ग्रुप की स्थापना

ज़ियामेन शिखर सम्मेलन, 2017 में ब्रिक्स ई-पोर्ट नेटवर्क और ब्रिक्स ई-कॉमर्स वर्किंग ग्रुप के संदर्भ (TOR) की शर्तों को अपनाया गया था।

ज़ियामेन शिखर सम्मेलन, 2017 में, नेताओं ने ब्रिक्स स्थानीय मुद्रा बॉन्ड बाजार और ब्रिक्स स्थानीय मुद्रा कोष के विकास का पता लगाने पर सहमति व्यक्त की। *

स्रोत: विभिन्न संसाधनों से लेखक द्वारा संकलित

नोट: * प्रगति पर कोई विस्तृत जानकारी उपलब्ध नहीं है

निष्कर्ष

शिखर सम्मेलन के स्तर का विश्लेषण वैश्विक स्थिरता, विकास और सहयोग में योगदान देने में लिए बढ़ते हुए सकारात्मक इंट्रा-ब्रिक्स सहयोग को दर्शाता है। वैश्विक मंदी के समय स्थापित ब्रिक्स ने सहयोग के क्षेत्रों का विस्तार किया है, जो अब वैश्विक शासन सुधार और बहुपक्षीय जुड़ाव को बढ़ावा देने वाला  संवाद और समन्वयन मंच बन गया है। अब तक हुए नौ शिखर सम्मेलनों में ब्रिक्स ने न केवल विभिन्न बहुपक्षीय और बहुपक्षीय पहलों का समन्वयन किया है, बल्कि अपने इंट्रा-ब्रिक्स सहयोग का विस्तार कर बाज़ारी संपर्क, वित्तीय एकीकरण, बुनियादी ढांचा कनेक्टिविटी और लोगों से लोगों के संपर्क को आसान बनाया है। यह बात भी स्पष्ट है कि आईएमएफ में सुधार लाकर इसे अधिक निरूपक और समावेशी बनाने सहित वैश्विक प्रशासन में धीरे धीरे परिवर्तन और सुधार लाने में यह समूह महत्वपूर्ण कारक रहा है। ब्रिक्स के पहले पांच शिखर सम्मेलनों का मुख्य बिंदु मज़बूत, सततशील और संतुलित विकास को बढ़ावा देने के लिए अंतरराष्ट्रीय आर्थिक और वित्तीय मुद्दों में अपनी स्थिति को मज़बूत करना था। 2014 में छठे शिखर सम्मेलन से शुरू होकर ब्रिक्स सामाजिक विकास को बढ़ावा देने में, विशेष रूप से गरीबी और असमानता से निपटने में, महत्वपूर्ण भूमिका निभाता आया है।

इसकी प्रगति के संदर्भ में ब्रिक्स की मुख्य उपलब्धि एनडीबी, सीआरए और एआरसी सहित विभिन्न संस्थागत तंत्रों के निर्माण में देखी जा सकती है। इस संस्थागतकरण प्रक्रिया में भारत की भूमिका उल्लेखनीय रही है, विशेष रूप से एनडीबी के विकास में। भारत ने विभिन्न बैठकों, कार्यशालाओं और अन्य संबंधित कार्यक्रमों का आयोजन कर मंच को अधिक संस्थागत बनाने में भूमिका निभाई है।

यह देखा जा रहा है कि ब्रिक्स ने महत्वपूर्ण समूह के रूप में पहचान हासिल कर ली है। लेकिन समूह को अपनी प्रासंगिकता बनाए रखने के लिए कुछ क्षेत्रों को प्राथमिकता देने की आवश्यकता है। पहली बात, वैश्विक अर्थव्यवस्था में देशों के बीच संरक्षणवाद का बढ़ता रुझान, जिससे ’व्यापार युद्धों’ का डर पैदा हुआ है। ऐसी अनिश्चित स्थिति में ब्रिक्स को विभिन्न शिखर सम्मेलनों में हुई प्रतिबद्धताओं के कार्यान्वयन में तेजी लाने के लिए मिलजुल कर काम करने की आवश्यकता है, विशेष रूप से ऐसी मुक्त और समावेशी वैश्विक अर्थव्यवस्था को बनाए रखना, जो गैर-भेदभाव, पारदर्शिता और नियम-आधारित बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली पर टिकी हुई हो।

दूसरी बात, यूएनएससी की स्थायी सदस्यता में सुधार के अलावा अन्य आर्थिक और वित्तीय संस्थानों में सुधार के लिए भी समान रूप से जोर देने की आवश्यकता है ताकि सच्ची भावना से समतामूलक अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था का लक्ष्य प्राप्त किया जा सके। हालांकि अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों - आईएमएफ और विश्व बैंक के सुधार पर अधिक ज़ोर दिया गया है, क्योंकि ब्रिक्स जीएफसी के दौरान वैश्विक शासन प्रक्रियाओं में पेश आयी कुछ चुनौतियों के समाधान हेतु एक समूह के रूप में उभरा था, लेकिन इसकी घोषणाओं में संयुक्त राष्ट्र में सुधार, विशेष रूप से UNSC की स्थायी के विस्तार का, कोई प्रत्यक्ष ज़िक्र नहीं है।

कुल मिलाकर ब्रिक्स देशों को सामाजिक-आर्थिक महत्व के कई मुद्दों पर एकजुट रुख बनाए रखने हेतु निरंतर प्रयास करना चाहिए। इन मुद्दों में, विशेष रूप से संरक्षणवाद के बढ़ते रुझान को कम करने के लिए, विकासशील देशों के अधिक प्रतिनिधित्व के लिए वैश्विक शासन में सुधार, कृषि, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, शिक्षा और स्वास्थ्य और डब्ल्यूटीओ, जी 20 और अन्य मंचों सहित कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अधिक तालमेल से काम करना शामिल है।

*****

*डॉ. अरुंधति शर्मा वैश्विक मामलों की भारतीय परिषद, नई दिल्ली में शोधार्थी हैं।
अस्वीकरण: यहां व्यक्त किए गए विचार शोधकर्ता के हैं, परिषद के नहीं हैं ।

संदर्भ

______________________

i Goldman Sachs, “Building Better Global Economic BRICs”, Global Economics, 66, 2001,  http://www.goldmansachs.com/our-thinking/archive/archive-pdfs/build-better-brics.pdf (accessed on May 15, 2018); Goldman Sachs, “Dreaming with BRICS: The Path to 2050”, Global Economics, 99, 2003, http://www.goldmansachs.com/our-thinking/archive/archive-pdfs/brics-dream.pdf (accessed on May 15, 2018); Goldman Sachs, “The BRICs 10 Years On: Halfway Through The Great Transformation”, Global Economics, 208, 2011, http://blogs.univ-poitiers.fr/o-bouba-olga/files/2012/11/Goldman-Sachs-Global-Economics-Paper-208.pdf (accessed on MAy 15, 2018); PwC, “World in 2050 The BRICs and beyond: prospects, challenges and opportunities”, PwC economic, 2013, https://www.pwc.com/it/it/publications/assets/docs/world-2050.pdf (accessed on May 2013)  

ii Jim O’Neill (2001), “Building Better Global Economic BRICs”, Global Economics Paper No: 66, Goldman Sachs, http://pro790512df.pic10.websiteonline.cn/upload/building-better-pdf_geEM.pdf (accessed on November 3, 2017)  

iii “(B R I C S): BRAZIL, RUSSIA, INDIA, CHINA & SOUTH AFRICA”,  http://brics2016.gov.in/content/innerpage/about-usphp.php accessed on November 3, 2017)  

iv Ministry of External Affairs, India nd BRICS”, https://www.mea.gov.in/Portal/ForeignRelation/BRICS_02_may_2016.pdf (accessed on May 15, 2018)  

v “(B R I C S): BRAZIL, RUSSIA, INDIA, CHINA & SOUTH AFRICA”,

http://brics2016.gov.in/content/innerpage/about-usphp.php accessed on November 3, 2017)

vi Government of Brazil, Itamarty, “Economic and Trade Statistics”, http://brics.itamaraty.gov.br/about-brics/economic-data (accessed on November 3, 2017)

vii See for detail, “Progress Report on the Implementation of The Strategy for BRICS Economic Partnership”, August, 2017, https://www.ranepa.ru/images/media/brics/2017/BRICS%20Strategy%20Progress%20Report_25.08.2017.pdf (accessed on may 15, 2018)

viii “Progress Report on the Implementation of The Strategy for BRICS Economic Partnership”, August, 2017, https://www.ranepa.ru/images/media/brics/2017/BRICS%20Strategy%20Progress%20Report_25.08.2017.pdf (accessed on May 15, 2018)

ix Jesus Rodriguez, “The UN Security Council”, Council on Foreign Relations, September 7, 2017, https://www.cfr.org/backgrounder/un-security-council (accessed on May 15, 2018); Jakkie Cilliers, “The UN Security Council: From a 20th century relic to effective security governance”, https://www.sef-bonn.org/fileadmin/Die_SEF/Publikationen/GT-ANALYSEN/GT-A_2018-02_en.pdf (accessed on May 15, 2018)

x See for detail, “Progress Report on the Implementation of The Strategy for BRICS Economic Partnership”, August, 2017, https://www.ranepa.ru/images/media/brics/2017/BRICS%20Strategy%20Progress%20Report_25.08.2017.pdf (accessed on may 15, 2018)

xi “BRICS Leaders Xiamen Declaration”, September 4, 2018, https://www.mea.gov.in/Uploads/PublicationDocs/28912_XiamenDeclaratoin.pdf (accessed on May 10, 2018)

xii “Memorandum of Understanding on the Establishment of BRICS Network University”, November 18, 2015, https://nu-brics.ru/media/uploads/filestorage/documents/MoU_SU_BRICS.pdf (accessed on May 15, 2018) 

xiii Press Information Bureau, Government of India, “5th Meeting of BRICS Education Ministers held in Beijing, China today”, July 5, 2018, http://pib.nic.in/newsite/PrintRelease.aspx?relid=167148 (accessed on May 15, 2018)

xiv “BRICS Leaders Xiamen Declaration”, September 4, 2018, https://www.mea.gov.in/Uploads/PublicationDocs/28912_XiamenDeclaratoin.pdf (accessed on May 10, 2018)

xv Indian Council of Agricultural Research (ICAR), “BRICS agricultural Platform Inaugurated in India”, https://icar.org.in/node/8241 (accessed on May 15, 2018)

xvi “Agreement on the New Development Bank”, http://brics.itamaraty.gov.br/agreements (accessed on May 15, 2018)

xvii “TREATY FOR THE ESTABLISHMENT OF A BRICS CONTINGENT RESERVE ARRANGEMENT”, http://brics.itamaraty.gov.br/agreements (accessed on May 15, 2018)

xviii “NDB invests $1.5 billion in 7 projects in 2 years of operation: Kamath”, BusinessLine, April 1, 2017, https://www.thehindubusinessline.com/money-and-banking/ndb-invests-15-billion-in-7-projects-in-2-years-of-operation-kamath/article9611707.ece (accessed on May 15, 2018)

xix NDB, “Opening address by President K V Kamath at the third annual meeting of the New Development Bank, Shanghai, China”, May 28, 2018, https://www.ndb.int/president_desk/opening-address-president-k-v-kamath-third-annual-meeting-new-development-bank-shanghai-china/ (accessed on May 30, 2018)

xx NDB, “NDB Board of Governors and Board of Directors Meetings Held in Shanghai, China”, Press Release, May 28, 2018, https://www.ndb.int/press_release/ndb-third-annual-meeting-unveils-key-updates-technology-backed-development/ (accessed on May 20, 2018)

xxi NDB, “Agreements and MoUs”, https://www.ndb.int/partnerships/agreements-memoranda/ (accessed on May 15, 2018)

xxii BRICS, “Sixth Summit – Fortaleza Declaration 2014”, http://brics2016.gov.in/upload/files/document/57566d35a13456declaration.pdf (accessed on May 15, 2018)

xxiii “Treaty for the Establishment of a BRICS Contingent Reserve Arrangement”, http://brics.itamaraty.gov.br/press-releases/220-treaty-for-the-establishment-of-a-brics-contingent-reserve-arrangement-fortaleza-july-15 (accessed on May 15, 2018)

xxiv Department of Economic Affairs, Ministry of Finance, Government of India, “Annual Reports 2017-18”, https://dea.gov.in/sites/default/files/Final%20Annual%20Report%20English_0.pdf (accessed on May 15, 2018)

xxv NDB, “Speech of President K. V. Kamath at the opening ceremony of the Africa Regional Centre of the New Development Bank, Johannesburg, South Africa”, August 17, 2017, https://www.ndb.int/president_desk/speech-mr-k-v-kamath-opening-ceremony-africa-regional-centre-new-development-bank-johannesburg-south-africa/ (accessed on May 10, 2018)

xxvi NDB, “New BRICS Bank Plans $1.5bn Lending for South African Projects”, August 18, 2018, https://www.ndb.int/media/new-brics-bank-plans-1-5bn-lending-south-african-projects/ (accessed on May 10, 2018)

xxvii Manmohan Agarwal, “New Development Bank: A Contribution to Development Finance”, RIS Policy Brief no. 68, May 2015,

http://www.ris.org.in/images/RIS_images/pdf/RIS%20Policy%20Brief-70%20Dr.%20Manmohan%20agarwal.pdf  

xxviii Ministry of External Affairs, Government of India, “Remarks by Prime Minister at Plenary Session of the 7th BRICS Summit (9 July 2015)”, http://www.mea.gov.in/outoging-visit-detail.htm?25447/Remarks+by+Prime+Minister+at+Plenary+Session+of+the+7th+BRICS+Summit+9+July+2015 (accessed on May 15, 2018)

xxix “India pitches for BRICS credit rating agency “, Economic Times, April 20, 2018, https://economictimes.indiatimes.com/news/economy/policy/india-pitches-for-brics-credit-rating-agency/articleshow/63845652.cms (accessed on May 15, 2018)

xxx “Memorandum of Cooperation (MoC) among BRICS Export Credit and Insurance Agencies”, July 15, 2014, http://brics.itamaraty.gov.br/agreements (May 15, 2018)

xxxi Oliver Stuenkel, “Connecting the Global South: Why the BRICS Academic Forum matters”, May 25, 2015, http://www.postwesternworld.com/2015/05/23/connecting-academic-matters/ (accessed on May 30, 2018); Renato Coelho Baumann das Neves Tamara Gregol de Farias (2014), VI BRICS Academic Forum, (Institute for Applied Economic Research: Brazil, http://repositorio.ipea.gov.br/bitstream/11058/3307/1/VI%20BRICS%20Academic%20Forum.pdf (accessed on May 30, 2018)

xxxii Indian Embassy, Dublin, “INDIA IN BRICS”,

http://www.indianembassydublin.in/docs/India%20in%20BRICS.pdf (accessed on May 15, 2018)

xxxiii FICCI, “First BRICS Trade Fair gets under way in New Delhi” Press Release, October 12, 2016, http://ficci.in/pressrelease-page.asp?nid=2544 (accessed on May 15,2018)

xxxiv ““The 4th BRICS Science, Technology & Innovation (STI) Ministerial Meeting”, Jaipur Declaration, October 8, 2016, http://brics.itamaraty.gov.br/images/4thbrics.pdf (accessed on May 15, 2018); “The 5th BRICS Science, Technology & Innovation (STI) Ministerial Meeting”, Hangzhou Declaration, July 18, 2017, https://www.brics2017.org/English/Headlines/201708/P020170825391206316687.pdf (accessed on May 15, 2018)

xxxv “BRICS Health Ministers Adopt the UNAIDS Fast-Track Strategy To End The Aids Epidemic”, December 10, 2014. http://www.unaids.org/en/resources/presscentre/featurestories/2014/december/20141210_brics (accessed on May 8, 2017)

xxxvi “Tianjin Communiqué of BRICS Health Ministers Meeting”, July 6, 2018., http://brics.itamaraty.gov.br/images/documentos2017/Tianjin-Communiqu-of-BRICS-Health-Ministers-Meeting.pdf (accessed on May 30, 2018)

xxxvii Kallol Bhattacharjee, “Technical issues delays launch of BRICS University,” The Hindu, April 12, 2016, http://www.thehindu.com/news/national/Technical-issues-delay-launch-of-BRICS-university/article14564566.ece (accessed on May 8, 2017)

xxxviii “Regulation for the International Governing Board (IGB) of BRICS Network University”, July 2, 2017, https://nu-brics.ru/media/uploads/filestorage/regulations.pdf (accessed on May 30, 2017)s

xxxix “Statutes for the BRICS Network University International Thematic Groups”, July 2, 2017, https://nu-brics.ru/media/uploads/filestorage/statute__1.pdf (accessed on May 30, 2017)

xl UNIDO, “UNIDO-BRICS Cooperation Quarterly Report: Partnership for prosperity”, January–March 2017, Issue 2, https://www.unido.org/sites/default/files/2017-07/UNIDO_BRICS_Report_27.4.2017_0.pdf (accessed on May 15, 2018) 

xli Ministry of External affairs, Government of India ,“List of MoUs signed by BRICS Countries”, http://www.mea.gov.in/bilateral-documents.htm?dtl/27496/List_of_MoUs_signed_by_BRICS_Countries (accessed on May 8, 2017)

xlii Embassy of Russian Federation in India, “BRICS Agricultural Research Platform inaugurated in India”, http://rusembindia.com/russia-india-dialogue-en/press-on-bilateral-relations/102-pressonbilateralrelation/8405-brics-agricultural-research-platform-inaugurated-in-india (accessed on May 11, 2017)

xliii “$100bn BRICS monetary fund now operational” , http://thebricspost.com/100bn-brics-monetary-fund-now-operational/#.WRGib9SGPIU (accessed on May 8, 2017)

xliv “BRICS Roadmap for Trade, Economic and Investment Cooperation until 2020”, http://www.unido.ru/upload/files/b/brics_roadmap.pdf (accessed on May 30, 2018)

xlv NDB, “NDB Launches Africa Regional Center in Johannesburg, South Africa”, Press Release, August 17, 2017, https://www.ndb.int/press_release/ndb-launches-africa-regional-center-johannesburg-south-africa/ (accessed on May 10, 2018)

xlvi WHO, “First WHO Global Ministerial Conference on Ending TB in The Sustainable Development Era: A Multisectoral Response, held in Moscow, 16-17 November 2017”, http://www.who.int/tb/features_archive/Moscow_Declaration_to_End_TB_final_ENGLISH.pdf?ua=1 (accessed on May 30, 2018)

xlvii Press Information Bureau, Government of India, “5th Meeting of BRICS Education Ministers held in Beijing, China today”, July 5, 2018, http://pib.nic.in/newsite/PrintRelease.aspx?relid=167148 (accessed on May 15, 2018)

xlviii Government of India, : Multi-Lateral New Development Bank to Aid India” http://pib.nic.in/newsite/printrelease.aspx?relid=160263 (accessed on May 11, 2017)

xlix Ministry of External Affairs, Government of India, “QUESTION NO.2509 SOCIAL SECURITY AGREEMENTS WITH BRICS NATIONS”, November 30, 2016. http://www.mea.gov.in/lok-sabha.htm?dtl/27717/QUESTION_NO2509_SOCIAL_SECURITY_AGREEMENTS_WITH_BRICS_NATIONS (accessed on May 15, 2018); Ministry of External Affairs, Government of India, “QUESTION NO.4517 SOCIAL SECURITY AGREEMENTS”, March 29, 2017, http://mea.gov.in/lok-sabha.htm?dtl/28266/QUESTION_NO4517_SOCIAL_SECURITY_AGREEMENTS (accessed on May 15, 2018)

l Ministry of External Affairs, Government of India, “Social Security Agreement between India and Brazil”, http://www.mea.gov.in/press-releases.htm?dtl/28182/Social_Security_Agreement_between_India_and_Brazil (accessed on May 8, 2017)

ब्रिक्स देश में कौन कौन से देश आते हैं?

ब्रिक्स (BRICS):.
परिचय: ब्रिक्स दुनिया की प्रमुख उभरती अर्थव्यवस्थाओं, जैसे- ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के समूह के लिये एक संक्षिप्त शब्द है। ... .
BRICS का हिस्सा: ... .
अध्यक्षता: ... .
ब्रिक्स की पहल:.

ब्रिक्स में कितने देशों ने भाग लिया?

ब्रिक्स पांच उभरती अर्थव्यवस्थाओं ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका से बना समूह है। गोल्डमैन सैक्स द्वारा वर्ष 2001 में दुनिया के विभिन्न क्षेत्रों के इन पांच उभरते देशों के प्रस्तावित इस समूह को अधिकाधिक वैश्विक शक्ति परिवर्तन के केंद्र के रूप में देखा जा रहा है.

वर्तमान में ब्रिक्स देशों की संख्या कितनी है?

ब्रिक्स दुनिया की 5 प्रमुख उभरती अर्थव्यवस्थाओं के संगठन का एक नाम है. इस संगठन में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं.

ब्रिक्स में शामिल होने वाला अंतिम देश कौन सा है?

मूल रूप से पहले चार को 2010 में दक्षिण अफ्रीका के शामिल होने से पहले "BRIC" के रूप में समूहीकृत किया गया था। इसलिए, दक्षिण अफ्रीका शामिल होने वाला अंतिम देश था। ब्रिक्स के सदस्य देश क्षेत्रीय मामलों पर उनके महत्वपूर्ण प्रभाव के लिए जाने जाते हैं और ये सभी देश G20 के सदस्य हैं।