Here is a compilation of Free MCQs of Class 9 Hindi Sparsh Book Chapter 8 Dohe by Rahim. Students can practice free MCQs as have been added by CBSE in the new Exam pattern. The Answer key has been provided at the end of the questions. For the Summary of Class 9 Hindi Sparsh book Chapter 8 – Rahim ke Dohe, click here. प्रश्न 1 – रहीम ने प्रेम के बंधन को किसकी तरह कहा है? प्रश्न 2 – रहीम दूसरों से क्या छुपा कर रखने को कहते है? प्रश्न 3 – रहीम ने एक समय में कितने काम करने को कहा है? प्रश्न 4 – चित्रकूट में कौन रहने गए थे? प्रश्न 5 – चित्रकूट रहने योग्य क्यों नहीं है? प्रश्न 6 – रहीम के दोहे कैसे होते है? प्रश्न 7 – किसके जल को धन्य कहा गया है? प्रश्न
8 – किसके जल को व्यर्थ कहा गया है? प्रश्न 9 – हिरण किससे खुश होकर अपना शरीर न्यौछावर कर देता है? प्रश्न 10 – दूसरों के प्रेम को देखकर लोग क्या त्यागने को तैयार रहते है? प्रश्न 11 – दूध के फटने पर उसका क्या नहीं बनता? प्रश्न 12 – बात के बिगड़ने पर क्या होता है? प्रश्न 13 – बड़ी चीज को देखकर किसी छोटी चीज की उपेक्षा नहीं करनी चाहिए, इसका क्या अर्थ है? प्रश्न 14 – सूई की जगह क्या काम नहीं
आता? प्रश्न 15 – तलवार की जगह क्या काम नहीं आता? प्रश्न 16 – रहीम ने पानी के कितने अर्थ लिए है? प्रश्न 17 – मनुष्यों के लिए पानी का क्या अर्थ है? प्रश्न 18 – मोती के लिए पानी का क्या अर्थ है? प्रश्न 19 – चून के लिए पानी का क्या अर्थ है? प्रश्न 20 – किसके बिना जीवन असंभव है? ANSWER KEY
बड़ी चीज देखकर किसी छोटी चीज की उपेक्षा नहीं करनी चाहिए इसका क्या अर्थ है?किसी बड़ी चीज को देखकर किसी छोटी चीज की उपेक्षा नहीं करनी चाहिए। क्योंकि जहाँ छोटी चीज की जरूरत होती है वहाँ पर बड़ी चीज बेकार हो जाती है। जैसे जहाँ सुई की जरूरत होती है वहाँ तलवार का कोई काम नहीं होता।
बात बिगड़ने पर क्या होता है?बात टाल दी जाती है O बात फिर बन जाती है
चुन के लिए पानी का क्या अर्थ है?चून' के संदर्भ में पानी का अर्थ अस्तित्व से है। पानीके बिना आटा नहीं गूँथा जा सकता। आटे और चूना दोनों में पानी की आवश्यकता होती है।
रहीम के अनुसार अपनी व्यथा दूसरों को नही बतानी चाहिए क्यों?Answer: रहीम के अनुसार अपनी व्यवस्था इसलिए नहीं कहनी चाहिए क्यूंकि वे हमारी व्यवस्था को सुनकर हमारे सामने तो नाटक करेंगे और बाद में हमारा मजाक उड़ाएं जी। वे हमारे दुख को बात भी नहीं सकते है।
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