छत्तीसगढ़ के और क्या क्या नाम है - chhatteesagadh ke aur kya kya naam hai


कलचुरी शासको ने सबसे अधिक वर्ष 875 ई. से 1741 ई. तक शासन किया। 1741 ई. से 1854 ई. तक मराठा शासन था "छत्तीसगढ़" मराठा साम्राज्य के समय के दौरान लोकप्रिय था और सबसे पहले आधिकारिक दस्तावेज में छत्तीसगढ़ शब्द का इस्तेमाल 1795 ई. में किया गया था। 1854 ई. से अंग्रेजो का शासन एवं राजधानी रायपुर बनाया गया । वर्ष 1905 में संभलपुर बंगाल में चला गया और सुरगुजा छत्तीसगढ़ का हिस्सा बन गया। १ नवम्बर २००० ई. में मध्यप्रदेश से विभाजित होकर छत्तीसगढ़ भारत का २६ वाँ राज्य बना।

छत्तीसगढ़ शब्द:
छत्तीसगढ़ शब्द का प्रथम प्रयोग वर्ष 1497 ई. में खैरागढ़ रियासत के राजा लक्ष्मीनीधि राय के चारण कवी दलपत

राव ने किया था। रचना की पंक्ति : 


लछ्मी निधि राय सुनो चित्त दे,
गढ़ छत्तीस में न गढ़ैया रही........ 

लछ्मीनिधि खैरागढ़ के राजा थे।

छत्तीसगढ़ शब्द का द्वितीय एवं राजनितिक संदर्भो में प्रथम प्रयोग रतनपुर के राजा राजसिंहदेव ( 1689 ई. - 1712 ई. ) के दरबारी कवी गोपाल मिश्र ने अपनी रचना 'खूब तमाशा' में किया था। उन्होंने इस क्षेत्र को 'छत्तीसगढ़' नाम से सम्बोधित किया था।  इसके अलावा बाबू रेवाराम ने 1896 में अपने ग्रंथ 'विक्रमविलास' में इस राज्य को "छत्तीसगढ़" की संज्ञा दी थी। बाबू रेवाराम नेे ही 'तवारीख-ए-हैहैवंशीय' एवं रतनपुर का इतिहास लिखा है।


आधुनिक छत्तीसगढ़

  • वर्ष 1854 में छत्तीसगढ़ तीन संभाग बनाये गये - रायपुर, रतनपुर, धमतरी। 1 फरवरी 1857 को तहसीलों का पुनर्गठन कर 5 तहसीलों की स्थापना की गई - रायपुर, धमतरी, रतनपुर, धमधा, नवागढ़। 
  • वर्ष 1918 में पं. सुंदरलाल शर्मा द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य की कल्पना। 
  •  वर्ष 1924 में श्री वामनराव लाखे द्वारा छत्तीसगढ़ के लिए पृथक कांग्रेस कमेटी की मांग। 
  • वर्ष 1939 में पं.सुंदरलाल शर्मा ने कांग्रेस के त्रिपुरी अधिवेशन में  पृथक छत्तीसगढ़ की मांग की।
  • वर्ष 1941 की जनगणना में छत्तीसगढ़ क्षेत्र बिहार के साथ था । 
  • वर्ष 1947 में ठा. प्यारेलाल सिंह ने "छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण हेतु प्रथम संगठन" "छत्तीसगढ़ शोषण विरोधी संघ" की स्थापना की।
  • वर्ष 1951 की जनगणना में छत्तीसगढ़ क्षेत्र सीपीएंड बरार के साथ था। 
  • 28 जनवरी, 1956 को डॉ. खूबचंद बघेल एवं बैरिस्टर छेदीलाल द्वारा राजनांदगाँव में पृथक छत्तीसगढ़ मांग हेतु "छत्तीसगढ़ महासभा" का गठन किया गया, जिसके महासचिव दशरथ चौबे थे।
  • वर्ष 1956 में जब भाषायी आधार पर राज्यों का निर्माण हुआ तब छत्तीसगढ़ी बोली को आधार मानते हुए अलग राज्य बनाने की मांग तत्कालीन विधायक ठाकुर रामकृष्ण सिंह ने विधानसभा में की थी। 
  •  वर्ष 1966 डा. खूबचंद बघेल की अध्यक्षता में भातृसंघ की स्थापना और छत्तीसगढ़ काव्य पाठ के माध्यम से जनजागरण अभियान। 
  • वर्ष 1983 में शंकर गुहा नियागी के द्वारा 'छत्तीसगढ़ संग्राम मंच' की स्थापना की गई।
  •  वर्ष 1993 में कांग्रेस के चुनावी घोषणा पत्र में उल्लेख।
  • 18 मार्च 1994 को मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में पृथक छत्तीसगढ़ विषयक शासकीय संकल्प प्रस्तुत और सर्वसम्मति से पारित। 
  • 25 मार्च 1998 को लोकसभा चुनाव के पश्चात् दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन में राष्ट्रपति के अभिभाषण में पृथक छत्तीसगढ़ राज्य गठन का उल्लेख। 
  •  1 मई 1998 को मध्यप्रदेश विधानसभा में पृथक छत्तीसगढ़ राज्य गठन विषयक संकल्प पारित। 
  •  वर्ष 1998 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस तथा भाजपा के चुनावी घोषणा पत्र में उल्लेख। 
  •  तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी बाजपेयी द्वारा एक आम सभा में घोषणा कि, यदि भाजपा सभी 11 लोकसभा क्षेत्रों में विजयी हुई तो राज्य निर्माण।  
  • 25 जुलाई 2000 को लोकसभा में 3 नये राज्यों के गठन हेतु विधेयक। 
  • 25 जुलाई 2000 को तत्कालीन गृह मंत्री श्री लालकृष्ण आडवानी द्वारा लोकसभा में छत्तीसगढ़ संशोधन विधेयक 2000 प्रस्तुत। 
  • 31 जुलाई 2000 को लोकसभा द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य गठन विधेयक पारित। 
  •  9 अगस्त 2000 को राज्य सभा द्वारा राज्य सभा सदस्यों की संख्या यथावत रखने के संशोधन के साथ विधेयक पारित। लोकसभा तथा राज्य सभा द्वारा पारित विधेयक राष्ट्रपति की स्वीकृति हेतु प्रेषित।
  • 28 अगस्त 2000 को राष्ट्रपति द्वारा हस्ताक्षर तथा भारत सरकार के राजपत्र में अधिनियम संख्या 28 के रूप में अधिसूचित।

अन्य एतिहासिक जानकारी:-

एजुकेशन डेस्क, अमर उजाला Published by: Garima Garg Updated Fri, 01 Nov 2019 11:56 AM IST

छत्तीसगढ़ के और क्या क्या नाम है - chhatteesagadh ke aur kya kya naam hai

chhattisgarh

1 नवंबर, 2000 यानी 19 साल पहले आज ही के दिन मध्यप्रदेश से अलग होकर छत्तीसगढ़ राज्य अस्तित्व में आया था। पौराणिक नाम की बता की जाए तो इसका नाम कौशल राज्य (भगवान श्रीराम की ननिहाल) है। गोंड जनजाति के शासनकाल के दौरान लगभग 300 साल पहले इस राज्य का नाम छत्तीसगढ़ रखा। आखिर ऐसा क्यों हुआ, छिपी है एक दिलचस्प कहानी। पढ़ते हैं आगे...

वैसे तो अनेक कहानियां छत्तीसगढ़ के नाम पर प्रचलित हैं। पर असल कारण था गोंड राजाओं के 36 किले। जी हां, इन 36 किलों को गढ़ भी कहा जाता है। इन्हीं के कारण इस राज्य का नाम छत्तीसगढ़ पड़ा।

36 किलों का रहस्य-
सूत्रों के अनुसार ज्यादातर इतिहासकारों का मानना है कि कल्चुरी राजाओं द्वारा 36 किले या कई गांवों को मिलाकर गढ़ बनाए गए थे। इस इलाके को कोसल या दक्षिण कोसल के तौर पर जाना जाता था। ये उस समय की बात है जब रामायण काल से सत्रहवीं शताब्दी का दौर चल रहा था। ध्यान देने वाली बात ये है कि राजाओं के समय में छत्तीसगढ़ की राजधानी बिलासपुर के पास स्थित शहर रतनपुर, कल्चुरी हुआ करती थी।

18-18 गढ़ उत्तर और दक्षिण में बनाए गए-
बता दें कि 18 गढ़ और दक्षिण में रायपुर शाखा के अंतर्गत 18 गढ़ बनाए थे। ये गढ़ शिवनाथ नदी के उत्तर में कल्चुरियों की रतनपुर शाखा के अंतर्गत बनाए गए थे।

रतनपुर राज्य के अधीनस्थ 18 गढ़ों के नाम इस प्रकार है-
रतनपुर, विजयपुर, पंडर भट्टा, पेंड्रा, केन्दा, बिलासपुर, खरौद, मदनपुर (चांपा), कोटगढ़, कोसगई (छुरी), लाफागढ़ (चैतुरगढ़), उपरोड़ागढ़, मातिनगढ़, करकट्टी-कंड्री, मारो, नवागढ़, सेमरिया।

रायपुर के अधीनस्थ 18 गढ़ों के नाम इस प्रकार है-
रायपुर, सिमगा, ओमेरा, राजिम, फिंगेश्वर, लवन, पाटन, दुर्ग, सारधा, सिरसा, अकलबाड़ा, मोहंदी, खल्लारी, सिरपुर, सुअरमार, सिंगारपुर, टैंगनागढ़, सिंघनगढ़ थे।

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छत्तीसगढ़ के और कौन कौन से नाम हैं?

यह सूची छत्तीसगढ़ के जिलों की है:- जिलों की संख्या [33]..
कवर्धा जिला.
कांकेर जिला.
कोरबा जिला.
कोरिया जिला.
जशपुर जिला.
जांजगीर-चाम्पा जिला.
मनेंद्रगढ-चिरमिरी-भरतपुर जिला.
सक्ती जिला.

छत्तीसगढ़ को कितने नामों से जाना जाता है?

इतिहास छत्तीसगढ़ प्राचीनकाल के दक्षिण कौशल का एक हिस्सा है और इसका इतिहास पौराणिक काल तक पीछे की ओर चला जाता है। पौराणिक काल का 'कोशल' प्रदेश, कालान्तर में 'उत्तर कोशल' और 'दक्षिण कोशल' नाम से दो भागों में विभक्त हो गया था इसी का 'दक्षिण कोशल' वर्तमान छत्तीसगढ़ कहलाता है।

छत्तीसगढ़ का पुराना नाम क्या है?

Q. छत्तीसगढ़ का पुराना नाम क्या था? Notes: छत्तीसगढ़ को पहले दक्षिण कोसल के नाम से जाना जाता है।

छत्तीसगढ़ कितने होते हैं?

शरीर की कुल 206 हड्डियों में आधी से ज्यादा (यानी कि 106) हड्डियां तो सिर्फ तुम्हारे हाथ और पैरों में ही होती हैं। हाथ में 27 और पैर में 26 होती हैं