बहुपद का अर्थ क्या है?
प्रारंभिक बीजगणित में धन (+) और ऋण (-) चिह्नों से संबंद्ध कई पदों के व्यंजक (expression) को बहुपद (Polynomial) कहते हैं, यथा (3a+2b-5c) . … यदि एक से अधिक चर राशियाँ हों, तो विभिन्न पदों में चर राशियों के घातों के योगफलों में से महत्तम को बहुपद का घात कहते हैं। इस प्रकार बहुपद (1) का घात 4 है और (2) का 7।
बहुपद किसे कहते हैं कितने प्रकार के होते हैं?
बहुपद का वैसा पद जिसका मान हमेशा स्थिर रहता है वह अचर बहुपद कहलाता है. जैसे:- 3x + 5, x – 2, 2 और 5 अचर बहुपद है क्योंकि इनका मान सदैव स्थिर रहता है. अचर बहुपद वास्तविक या काल्पनिक, दोनों संख्या हो सकते है. अचर बहुपद का घात शून्य होता है.
बहुपद कैसे ज्ञात करते हैं?
विधि 1- p(x) में x के मान रखने पर 0, +1 , +2 , +3 , +4 , +5 जिस मान पर p(x) शून्य आ जाये वह मान ही बहुपद का शून्यक होगा. p(-5) =-5+5 = 0 अतः -5 बहुपद p(x) = x+5 का शून्यक होगा। 4×2-3x+7 एक चर मे बहुपद हैं क्योंकि इस में केवल एक चर x है जिसकी घात घनात्मक पूर्णांक है और चर x का गुणांक वास्तिविक संख्या है।
बहुपद कैसे ज्ञात करते हैं?
द्विघात बहुपद कैसे हल करें?
माना द्विघात बहुपद ax’ + bx + c है और इसके शून्यक a और 8 हैं। यदि a = 1 है, तो b = 3 और c = 2 होगा। अतः, एक द्विघात बहुपद, जिसमें दी गई शर्ते संतुष्ट होती हैं, x + 3x + 2 है। आप जाँच कर सकते हैं कि अन्य कोई द्विघात बहुपद, जो इन शर्तों को संतुष्ट करता हो, k(x + 3x + 2) की तरह का होगा, जहाँ k एक वास्तविक संख्या है।
दो बहुपदों का योग क्या होता है?
अभीष्ट द्विधात बहुपद \frac { 1 }{ 3 } (3×2 + 8x + 4) एवं उसके शून्यक क्रमशः -2 एवं – \frac { 2 }{ 3 } हैं। (ii) यहाँ शून्यकों का योग \frac { 21 }{ 8 } एवं गुणनफल \frac { 5 }{ 16 } है। … अतः, अभीष्ट द्विघात बहुपद x2 + 2 \sqrt { 3 } x – 9 है तथा इसके अभीष्ट शून्यक क्रमशः -3 \sqrt { 3 } एवं \sqrt { 3 } हैं।
दो बहुपदों का गुणनफल एक क्या होता है?
किन्हीं दो बहुपदों के गुणनफल की घात, गुणनफल में उच्चतम घात वाले पद का घातांक होती है।
बहुपद में कितने पद होते हैं?
एक पद वाले बहुपद को एकपदी (monomial), दो पद वाले बहुपद को द्विपदी (binomial) और तीन पद वाले बहुपद को त्रिपदी (trinomial) बहुपद कहते हैं। बहुपद में चर की अधिकतम घात वाले पद की घात को ‘बहुपद की घात’ (degree of polynomial) कहते हैं। एक शून्येत्तर (non-zero) अचर बहुपद की घात शून्य होती है।
बहुपद की घात कैसे निकाले?
इन पदों की सबसे बड़ी घात पता करें: इन तीन पदों की सबसे बड़ी घातांक 9 होगी। घटते क्रम में लगाने के बाद यह पहले पद के चरों की जोड़ने के बाद प्राप्त घातांक है। इस संख्या को बहुपद की घात मानें: इस उदाहरण में 9 आपके बहुपद की घात होगी। आप अपना उत्तर ऐसे: घात (x5y3z + 2xy3 + 4x2yz2) = 9 भी लिख सकते हैं।
द्विघात बहुपद के कितने शून्यक होते हैं?
द्विघात बहुपद के शून्यकों की संख्या 2 होती है|
बहुपद 0 को क्या कहा जाता है?
एक वास्तविक संख्या k बहुपद p(x) का शून्यक (zero of a polynomial) कहलाती है, यदि p(k)=0 है।
द्विघात समीकरण कैसे बनता है?
चर x में एक द्विघात समीकरण ax + bx + c = 0 के प्रकार की होती है, जहाँ a, b, c वास्तविक संख्याएँ हैं तथा a # 0 है। उदाहरण के लिए,2x + x – 300 = 0 एक द्विघात समीकरण है। इसी प्रकार, 2×2 – 3x + 1 = 0, 4x – 3x + 2 = 0 और 1 – x + 300 = 0 भी द्विघात समीकरण हैं।
बहुपद √ 5 की घात क्या है?
घात 5 वाले दो बहुपदों के योग की घात सदैव 5 होती है। p(x) = x³ – x + 1 और g(x) = 2 – 3x है। p(x) = 8x³ – 6x³ -4x + 3 और g(x) = x/3 – 1/4 है।
सुनने को का योग क्या होता है?
भ्रामरी प्राणायाम को करने से हमिंग बी या बी ब्रीथ पोज भी कहते हैं। भ्रामरी प्राणायाम को करने से सुनने की क्षमता बेहतर होती है। ये प्राणायाम कानों के साथ-साथ नाक और गले के लिए भी फायदेमंद माना जाता है। इस योग को करते हुए हम्मिंग साउंड निकालने से कानों में इको बनता है जिससे सैल्स और नसों को आराम मिलता है।
पदों को जोड़कर क्या बनाया जाता है?
पदों को जोड़कर व्यंजक बनाया जाता है। पद स्वयं भी गुणनखंडों के गुणनफल के रूप में बनाए जा सकते हैं।
रैखिक बहुपद की अधिकतम घात कितनी होती है?
इस बहुपद के चर x का घात एक (1) है। अत: इस बहुपद को एक घात वाला बहुपद या एक घातीय बहुपद या रैखिक बहुपद कहते हैं। अत: घात 1 के बहुपद को एक घात वाला बहुपद या रैखिक बहुपद (Linear polynomial) कहते हैं।
हिंदी में कितनी संख्या होती है?
हिंदी में मात्राओं की संख्या कितनी होती है? हिन्दी में 11 मात्राएँ होती हैं। अ ,आ ,इ ,ई उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ ,ओ और औ। स्वयं ही गिन कर देख लीजिए।
बहुपद की घात क्या है *?
एक बहुपद की घात बहुपद व्यंजक में चर की उच्चतम घात है। एक शून्य बहुपद की डिग्री एक शून्य बहुपद वह है जहां सभी गुणांक शून्य के बराबर होते हैं। तो, शून्य बहुपद की डिग्री या तो अपरिभाषित है, या इसे -1 के बराबर सेट किया गया है।
शून्य कौन सी संख्या है?
शून्य एक सम संख्या है। अन्य शब्दों में इसकी समता—पूर्णांक का गुणधर्म जो उसका सम अथवा विषम होने का निर्धारण करता है—सम है। इसे सम संख्या सिद्ध करने का सबसे आसान तरिका यह है कि शून्य “सम” होने की परिभाषा में सटीक बैठता है: यह 2 का पूर्ण गुणज है, विशिष्ट रूप से 0 × 2 का मान शून्य प्राप्त होता है।
कान के लिए कौन सा योग करें?
Yogasana For Ears: योग-विज्ञान में कई ऐसे उपाय मौजूद हैं जिनसे कानों की सेहत को बेहतर बनाया जा सकता है।
- शशकासन – शशकासन कान के लिए काफी फायदेमंद आसन है।
- भुजंगासन – इसे करने के लिए पेट के बल लेट जाएं।
- शवासन – शवासन करने के लिए पीठ के बल लेट जाएं।
- ब्रह्ममुद्रा – इस आसन को करने के लिए कमर सीधी रखकर बैठ जाएं।