हेलो दोस्तों प्रश्न दिया है किसी धनात्मक प्रवेश संख्या का व्यतिकरण रिक्त स्थान होता है तो इसको हल कर लेते हैं उदाहरण के माध्यम से समझने का प्रयास करते हैं मालिक हमारे पास है गुणात्मक परमेश संख्या है दो बटे 5 अब दो बटे 5 का अगर हम लोग विक्रम निकालते हैं यहां लिखेंगे दो बटे 5 का व्यवस्था हो जाएगा एक बटे में फिर हो जाएगा ऐसे में इसके दो बटे 5 तो उसके ऊपर चला जाएगा वहां पर इसी तरीके से दूसरा नंबर ले लेते हैं हमारे पास जो है यह दूसरी परिमेय संख्या जो कि धनात्मक है इसका जो है निकालते हैं तो इस पर लिखेंगे 7 बटे तीन का विक्रम पिए हो जाएगा हमारा एक बटे के अंदर हो जाएगा 7 बटे में तीन पत्ती
3 बटा 5 बटे दो दो बटे तीन शातिर 5 बटे दो है यह धनात्मक पर में संख्या का रूप है यहां पर लिखेंगे धनात्मक आ रहा है इसी तरीके से तीन बटे साथ यह भी धनात्मक संख्या में यहां भी संख्या के रूप में 3 बटा दो इसको लिखेंगे पहले यहां पर धनात्मक अब यहां पर इन दोनों उदाहरणों से हम को अस्पष्ट रुप से समझ में आ रहा है कि किसी भी धनात्मक परिमेय संख्या का व्युत्क्रम भी धनात्मक परिमेय संख्या आती है जैसे कि हम लोग यहां पर देख पा रहे हैं तो इस तरीके से हम लोग यहां पर जो हमारा रिक्त स्थान है यहां पर भरेंगे जो है यहां पर आएगा किसी सुनाता हूं पर मैं संख्या का व्युत्क्रम धनात्मक धनात्मक
धनात्मक होता है उसका विक्रम भी धनात्मक हो जाएगा
हेलो दोस्तों आइए देखते हैं प्रश्न इसमें क्या कहना एम से लिखिए पहला ऐसी परिमेय संख्या जिसका कोई विक्रम नहीं है तो हमें एक ऐसी परिमेय संख्या लिखनी है जिसका कोई दिक्कत नहीं है फिर दूसरा है ऐसी संख्या जो अपने व्युत्क्रम के समान है फिर तीसरा है परिमेय संख्या जो अपने ऋण आत्मक के समान है तो देखिए अब जो यहां पर इन्होंने व्युत्क्रम की बात करी है तो व्युत्क्रम का क्या मतलब होता है जैसे मान लीजिए कोई संख्या है यह ठीक है और इसका हम विक्रम निकाल रहे हैं तो विक्रम का मतलब हो जाता है एक बटे में यह क्या होगा एक का व्युत्क्रम होगा एक बटे में ठीक है इसी तरह से यहां पर क्या करें ऐसी परिमेय संख्या जिसका कोई विक्रम नहीं है तो ऐसी जो परिमेय संख्या होती है वह होती है जीरो क्योंकि जीरो का व्युत्क्रम हम नहीं ज्ञात कर सकते ठीक है जीरो का विक्रम हम
याद करके कर सकते क्योंकि हम जीरो काम करेंगे तो एक बटे में जीरो आएगा और एक बटे में जीरो जो है यह परिभाषित होता है वैसे हम इसका मान अनंत के बराबर रख देते हैं इसको हम आनंद के बराबर रख देते हैं लेकिन अनंत का भी तो मान हमें नहीं पता की अनंत का मान क्या हो सकता है तो यह तरह से अपरिभाषित हो जाता है ठीक है तो इसलिए जीरो कैसी संख्या है जिसका की व्युत्क्रम नहीं होता ठीक है फिर उन्होंने दूसरे में क्या कहा है ऐसी संख्या जो अपने व्युत्क्रम के समान है तो ऐसी संख्या होती है हमारी है हमें ज्ञात करना है ऐसी संख्या जो अपने विक्रम के सामान हैं यानी कि यह बराबर क्या है एक बटे में है वह संख्या अपने विक्रम के सामान्य ज्ञान यह बराबर एक बटे ए हो गया तो यानी कि ए स्क्वायर बराबर क्या हो जाएगा एक तो यानी कि क्या आ जाएगा एक कमान तो आ जाएगा जब इसका हम वर्गमूल लेंगे तो
प्लस माइनस क्या आएगा आएगा एक यानी कि ऐसी वह संख्याएं कौन कौन सी है एक तो प्लस का एक है कॉमा क्या है - का एक जब हम इन दोनों का विक्रम देंगे तो एक का विक्रम भी एक आता है और -1 का व्युत्क्रम भी - एक ही आता है ठीक है चलिए अब देखते हैं तीसरा परिमेय संख्या जो अपने ऋण आत्मक के समान है तो हमने मान लिया कि ए जो है वह अपने ऋण आत्मक यानी कि - ए के बराबर है परिमेय संख्या जो अपने ऋण आत्मक मान के बराबर है तो इसका मतलब जब यह इधर आएगा तो क्या हो जाएगा ए प्लस ए किसके बराबर हो जाएगा जीरो के बराबर हो जाएगा यह और एक कितना हो जाएगा 22a बराबर जीरो जाएगा यानी कि 1 बराबर कितना हो जाएगा जीरो भाग 2 यानी कि जीरो जाएगा इसका मतलब यह बराबर जीरो आ गए यानी वह जो परिमेय संख्या है
वह जीरो है जो कि अपने ऋण आत्मक के बराबर है ऐसी परिमेय संख्या शून्य होती है तो इस तरह से एक एक प्रश्न को हल करके हम उसका उत्तर बता देंगे
किसी धनात्मक परिमेय संख्या का व्युत्क्रम _____ है।
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निम्नलिखित सारणी को पूरा कीजिए:
संख्याएँ | साहचर्य | |||
योग के लिए | व्यवकलन के लिए | गुणन के लिए | भाग के लिए | |
परिमेय संख्याएँ | ... | ... | ... | नहीं |
पूर्णांक | ... | ... | हाँ | ... |
पूर्ण संख्याएँ | हाँ | ... | ... | ... |
प्राकृत संख्याएँ | ... | नहीं | ... | ... |
पूर्ण सारणी निम्न प्रकार से है:
संख्याएँ | साहचर्य | |||
योग के लिए | व्यवकलन के लिए | गुणन के लिए | भाग के लिए | |
परिमेय संख्याएँ | हाँ | नहीं | हाँ | नहीं |
पूर्णांक | हाँ | नहीं | हाँ | नहीं |
पूर्ण संख्याएँ | हाँ | नहीं | हाँ | नहीं |
प्राकृत संख्याएँ | हाँ | नहीं | हाँ | नहीं |
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यदि कोई गुणधर्म परिमेय संख्याओं के लिए सत्य है तो क्या वह पूर्णाकों और पूर्ण संख्याओं के लिए भी सत्य होगा? कौन-से गुणधर्म इनके लिए सत्य होंगे और कौन-से नहीं होंगे?
(i) निम्न गुण जो परिमेय संख्याओं के लिए सत्य है, वे गुण पूर्णांक के लिए भी सत्य होंगे लेकिन यह जरूरी नहीं की पूर्णांक 'a' 'b' में (a÷b) एक पूर्णांक हो।
(ii) निम्न गुण को छोड़कर परिमेय संख्याओं के गुण पूर्ण संख्याओं में भी होंगे:
(क) यदि 'a' और 'b' एक पूर्ण संख्या है तो (a-b) पूर्ण संख्या हो भी सकती है और नहीं भी।
(ख) यदि 'a' और 'b' एक पूर्ण संख्या है तो (a÷b) पूर्ण संख्या हो भी सकती है और नहीं भी।
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निम्नलिखित सरणी में रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए:
संख्याएँ | अंतगर्त संवृत हैं | |||
योग के | व्यवकलन के | गुणन के | भाग के | |
परिमेय संख्याएँ | हाँ | हाँ | ... | नहीं |
पूर्णांक | ... | हाँ | ... | नहीं |
पूर्ण संख्याएँ | ... | ... | हाँ | ... |
प्राकृत संख्याएँ | ... | नहीं | ... | ... |
जोड़, घटा, गुणा और भाग के संवृत गुणों का प्रयोग परिमेय संख्याएँ, पूर्णांक, पूर्ण संख्याएँ और प्राकृत संख्याओं में करने पर:
हमारे पास आता है:
संख्याएँ | अंतगर्त संवृत हैं | |||
योग के | व्यवकलन के | गुणन के | भाग के | |
परिमेय संख्याएँ | हाँ | हाँ | हाँ | नहीं |
पूर्णांक | हाँ | हाँ | हाँ | नहीं |
पूर्ण संख्याएँ | हाँ | नहीं | हाँ | नहीं |
प्राकृत संख्याएँ | हाँ | नहीं | हाँ | नहीं |
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ऐसी परिमेय संख्या लिखिए जिसका कोई व्युत्क्रम नहीं है।
ऐसी कोई परिमेय संख्या नहीं जिसे 0 से गुणा करने पर 1 मिलता हो। अत: परिमेय संख्या 0 का व्युत्क्रम नहीं है।
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निम्नलिखित सारणी को पूरा कीजिए:
संख्याएँ | क्रमविनिमेय | |||
योग के लिए | व्यवकलन के लिए | गुणन के लिए | भाग के लिए | |
परिमेय संख्याएँ | हाँ | ... | ... | ... |
पूर्णांक | ... | नहीं | ... | ... |
पूर्ण संख्याएँ | ... | ... | हाँ | ... |
प्राकृत संख्याएँ | ... | ... | ... | नहीं |
पूर्ण सारणी निम्न प्रकार से है:
संख्याएँ | क्रमविनिमेय | |||
योग के लिए | व्यवकलन के लिए | गुणन के लिए | भाग के लिए | |
परिमेय संख्याएँ | हाँ | नहीं | हाँ | नहीं |
पूर्णांक | हाँ | नहीं | हाँ | नहीं |
पूर्ण संख्याएँ | हाँ | नहीं | हाँ | नहीं |
प्राकृत संख्याएँ | हाँ | नहीं | हाँ | नहीं |
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