एकादशी को बाल क्यों नहीं धोना चाहिए - ekaadashee ko baal kyon nahin dhona chaahie

सनातन धर्म में एकादशी को भगवान विष्णु का प्रिय दिन माना जाता है। साल के 12 माह में हर पक्ष के हिसाब से कुल 24 एकादशी आती हैं। इन सभी एकादशी का अपना अपना नाम और इन दिनों में की जाने वाली पूजा का अपना अपना फल होता है।

हिंदू धर्म के शास्‍त्रों और पुराणों में एकादशी के व्रत का विशेष महत्‍व बताया गया है और इस दिन व्रत करने के विशेष नियम होते हैं। इसके अलावा जो लोग व्रत नहीं भी रहते हैं उन्‍हें भी इन नियमों का पालन करना चाहिए। आषाढ़ मास के कृष्‍ण पक्ष की एकादशी को योगिनी एकादशी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन व्रत करने वाले के सभी पापों का नाश होकर उसे अक्षत पुण्‍य की प्राप्ति होती है। आइए आपको बताते हैं कौन से ऐसे 5 कार्य हैं जो एकादशी के दिन करने की मनाही होती है।

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न तोड़े तुलसी का पत्‍ता

एकादशी तिथि के दिन तुलसी का पत्ता नहीं तोड़ना चाहिए। इस दिन तुलसी के पौधे के नीचे दीप जलाना चाहिए। द्वादशी तिथि को पारण तुलसी के पत्तों से करना चाहिए, इसके लिए तुलसी पत्ता व्रती को स्वयं नहीं तोड़ना चाहिए। बच्चे या बुजुर्ग जिन्होंने व्रत ना किया हो उनसे पत्ता तोड़ने के लिए कहना चाहिए। एकादशी तिथि को अगर आप माता तुलसी को सुहाग का सारा समान भेंट करके फिर इसे किसी जरूरतमंद को दे दें तो आपको खासा लाभ होगा।

चावल सी बनी चीजें ना खाएं

एकादशी के दिन किसी को भी चावल नहीं खाने चाहिए और न ही किसी को चावल दान करने चाहिए। अगर आपके द्वार पर कोई याचक आता है तो इस दिन चावल छोड़कर अन्‍य चीजों का दान कर सकते हैं। माना जाता है कि इस दिन चावल खाने वाले व्‍यक्ति को रेंगने वाले जीव की योनि में जन्‍म मिलता है। भगवान विष्‍णु की पूजा से संबंधित किसी भी तिथि में चावल नहीं खाने चाहिए।

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दिन में न सोएं

एकादशी तिथि के दिन में सोना शास्‍त्रों में वर्जित माना गया है। यह दिन बहुत ही पवित्र माना गया है और इसे आप बिना वजह सोने में न व्‍यर्थ करें। इस दिन सुबह उठकर ईश्‍वीर की भक्ति करें और भगवान विष्‍णु के मंत्रों का जप करें। अगर आप व्रत नहीं भी रखते हैं तो भी श्रीहरि का जप जरूर करें।

न करें इनका अपमान

एकादशी के दिन मन को शांत रखें और भूले से भी पिता और गुरुजनों का अनादर न करें। इन्हें गुरु ग्रह का प्रतिनिधि माना गया है इनके अपमान से गुरु शुभ फल नहीं देते। हिंदू धर्म में एकादशी को पवित्र दिन माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन घर में शांति और सद्भाव बनाए रखने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। इसलिए भूलकर भी घर के शुद्ध वातावरण को खराब न होने दें और कलह से बचें।

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न खाएं ये चीजें

एकादशी के दिन मसूर, उड़द, चने, गोभी, गाजर, शलजम, पालक का साग इत्यादि सेवन नहीं करना चाहिए। इस दिन आपके बुरे कामों से भी दूरी रखनी चाहिए।
जुआ, निद्रा, पान, परायी निन्दा, चुगली, चोरी, हिंसा, मैथुन, क्रोध तथा झूठ, कपटादि अन्य कुकर्मों से दूर रहना चाहिए।

झाड़ू न लगाएं

एकादशी के दिन घर में झाडू न लगाएं। इससे चींटी आदि सूक्ष्म जीवों की मृत्यु का भय रहता है। इस दिन बाल न कटाएं। मधुर बोलें, अधिक न बोलें, अधिक बोलने से न बोलने योग्य वचन भी निकल जाते हैं। सत्य भाषण करना चाहिए।

महिलाओं को कब अपने बाल या सिर धोना चाहिए और कब नहीं इस बारे में प्राचीनकाल से परंपरा चली आ रही है जोकि ज्योतिष और वास्तु की मान्यता पर आधारित है। माना जाता है कि यह सैकड़ों हजारों वर्षों के अनुभव पर आधारित है। हालांकि इसका कोई धार्मिक आधार नजर नहीं आता। इसे सही कहें या गलत यह कहा नहीं जा सकता क्योंकि यह शोध का विषय है।

भारत मैं ऐसी कई धारणाएं प्रचलित है जिनका संबंध हिन्दू धर्म से ही हो यह जरूरी नहीं। यह परंपरा और मान्यताओं का हिस्सा है। जैसे परंपरा और समाज की आम धारणा के अनुसार बाल और नाखून काटने के विषय में स्पष्ट संकेत प्राप्त होता कि शनिवार, मंगलवार और गुरुवार के दिन बाल और नाखून भूलकर भी नहीं काटना चाहिए, पर आखिर ऐसा क्यों?

ज्योतिष के अनुसार आम मान्यता है कि गुरुवार को बाल काटने, शेविंग करने और नाखून काटने से पुत्र पर संकट हो सकता है। हालांकि इससे अलग धारणा है कि शनिवार, मंगलवार और गुरुवार के दिन ग्रह-नक्षत्रों की दशाएं तथा अनंत ब्रह्मांड में से आने वाली अनेकानेक सूक्ष्मातिसूक्ष्म किरणें मानवीय मस्तिष्क पर अत्यंत संवेदनशील प्रभाव डालती हैं। यह स्पष्ट है कि इंसानी शरीर में अंगुलियों के अग्र भाग तथा सिर अत्यंत संवेदनशील होते हैं। कठोर नाखूनों और बालों से इनकी सुरक्षा होती है इसीलिए ऐसे प्रतिकूल समय में इनका काटना शास्त्रों में वर्जित, निंदनीय और अधार्मिक कार्य माना गया है। खैर..

महिलाएं कब नहीं धोएं बाल : महिलाओं को सोमवार, बुधवार और गुरुवार को बाल नहीं धोना चाहिए। माना जाता है कि सोमवार को धोने से बेटी पर भार रहता है तो बुधवार को धोने से भाई पर। गुरुवार को न तो बाल धोते हैं, न घर में पोंछा लगाते हैं और न ही जाले साफ करते हैं। ऐसे करने से बरकत चली जाती है और कई तरह की आर्थिक परेशानी उठानी पड़ती है।

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