फेफड़ों में पानी का घरेलू उपचार - phephadon mein paanee ka ghareloo upachaar

Water in Lungs Symptoms: फेफड़ों में पानी भर जाना एक गंभीर समस्या है। मेडिकल की भाषा में फेफड़ों में पानी भरने को पल्मोनरी एडिमा (Pulmonary Edema in Hindi) कहते हैं। डॉक्टर इस समस्या को इमरजेंसी मानते हैं, सही समय पर इलाज न लेने से इस समस्या में मरीज की मौत भी हो सकती है। फेफड़ों में पानी भरने के लिए कई कारण जिम्मेदार होते हैं। दरअसल फेफड़ों में मौजूद छोटी-छोटी थैलियों में लिक्विड भरने लगता है और इसके बाद आपको सांस लेने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। आमतौर पर हार्ट फेलियर की वजह से आपको फेफड़ों में पानी भर जाने की समस्या होती है, लेकिन इसके अलावा ब्लड प्रेशर, निमोनिया और किडनी व लिवर से जुड़ी परेशानियां भी इसका कारण बन सकती हैं। सही समय पर फेफड़ों में पानी भरने के लक्षणों को पहचानकर इलाज लेने से मरीज इस समस्या का शिकार होने से बच जाता है। आइए विस्तार से जानते है इस समस्या के शुरूआती लक्षणों के बारे में।

फेफड़ों में पानी भरने के लक्षण- Water in Lungs Symptoms in Hindi

फेफड़ों में पानी भरने पर मरीज को कई गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ता है। मेयोक्लिनिक के मुताबिक फेफड़ो में पानी भरने के लिए निमोनिया, हार्ट डिजीज, दवाओं के साइड इफेक्ट, बहुत ज्यादा ऊंचाई पर रहना और चोट लगना आदि जिम्मेदार होते हैं। इस समस्या में सही समय पर इलाज लेना बहुत जरूरी है। 

फेफड़ों में पानी का घरेलू उपचार - phephadon mein paanee ka ghareloo upachaar

इसे भी पढ़ें: फेफड़ों में पानी क्यों भर जाता है? जानें 4 कारण

फेफड़ों में पानी भरने के कुछ शुरूआती लक्षण इस तरह से हैं-

  • सांस लेने में परेशानी
  • खांसी और बलगम
  • स्किन का पीला पड़ना
  • सांस लेते समय घबराहट
  • चिंता और बेचैनी का अनुभव
  • बहुत ज्यादा पसीना आना
  • सीने या छाती में दर्द
  • रात के समय अचानक सांस फूलना
  • सीधे लेटने पर परेशानी
  • हाथ-पैर में सूजन

फेफड़ों में पानी भरने का इलाज और बचाव-  Water in Lungs Treatment And Prevention

फेफड़ों में पानी भरने की समस्या के सटीक कारण अभी तक पता नहीं चले हैं। लेकिन यह समस्या ज्यादातर मामलों में हार्ट से जुड़ी बीमारियों के कारण होती है। मरीज के फेफड़ों में पानी जमा होने पर डॉक्टर जरूरी जांच के बाद इलाज करते हैं। इस समस्या से बचाव के लिए आपको डॉक्टर की सलाह का पालन जरूर करना चाहिए। इस समस्या में ताजी हरी सब्जियां और फल, अंडे, चिकन, मछली और विटामिन डी की पर्याप्त मात्रा वाले फूड्स का सेवन बहुत फायदेमंद होता है। इसके अलावा स्मोकिंग व शराब के सेवन से दूरी बनाने पर भी आपको बहुत फायदा मिलता है। 

वेट लंग डिजीज फेफड़ों से संबंधित एक रोग है, जिसे अधिकतर लोग पल्मोनरी एडिमा के नाम से जानते हैं। यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें फेफड़ों में मौजूद छोटी-छोटी थैलियों (Air sacs) में द्रव भर जाता है और परिणामस्वरूप सांस लेने में कठिनाई होने लगती है।

फेफड़ों की ये थैलियां हवा को जमा करती हैं और उनमें द्रव भरने पर फेफड़ों की ऑक्सीजन प्राप्त करने और कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ने की क्षमता कम हो जाती है। इसी कारण से श्वसन तंत्र काम करना भी बंद कर देता है। वेट लंग डिजीज का मुख्य कारण आमतौर पर हार्ट फेलियर को माना जाता है। इसके अलावा जैसे अचानक से ब्लड प्रेशर बढ़ना, निमोनिया, गुर्दे खराब हो जाना या लीवर खराब हो जाना आदि के कारण भी वेट लंग डिजीज हो सकती है।

यदि हार्ट फेलियर के कारण वेट लंग डिजीज की समस्या हो रही है, तो यह आमतौर पर धीरे-धीरे विकसित होती है, जबकि कुछ मामलों में यह अचानक से भी विकसित हो सकती है। अचानक से होने वाले वेट लंग डिजीज को एक्यूट पल्मोनरी एडिमा के नाम से भी जाना जाता है। इसके इलाज में फेफड़ों से अतिरिक्त द्रव निकालना और शरीर में ऑक्सीजन के स्तर को सामान्य बनाना आदि शामिल हैं।

कुछ मामलों में वेट लंग डिजीज आपातकालीन स्थिति हो सकती है, जिसका जल्द से जल्द इलाज शुरू करना अत्यावश्यक होता है। यदि मरीज का समय पर या उचित इलाज न हो पाए, तो यह उसके स्वास्थ्य के लिए घातक हो सकता है।

फेफड़ों में पानी भरना या कुछ तरल पदार्थ का बनना एक एक ऐसी बीमारी है जिसे पल्मोनरी एडिमा कहते हैं। इस बीमारी की वजह से बॉडी में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है। ये बीमारी मुख्यतौर पर तब होती है जब दिल की मांसपेशियां रक्त पम्प करने में असमर्थ होती है। ऐसी स्थिति में ब्लड को पम्प करने के लिए दिल को अतिरिक्त मेहनत करनी पड़ती है। ऐसी स्थिति में फेफड़ों में मौजूद ब्लड वैसल्स पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है और फेफड़े पर्याप्त मात्रा में हवा नहीं ले पाते हैं। ऐसी स्थिति में मरीज को सांस लेने में दिक्कत होती है। कुछ बीमारियों जैसे बीपी, हार्ट अटैक और निमोनिया की वजह से ये परेशानी तेजी से असर करती है। आइए जानते हैं कि इस बीमारी के मुख्य लक्षण कौन-कौन से हैं बचाव कैसे करें।

फेफड़ों में पानी क्यों भरता है?

फेफड़ों में पानी भरने के लिए कई परिस्थितियां जिम्मेदार होती है। दिल के रोगों की वजह से फेफड़ों में पानी भर सकता है। निमोनिया होने पर, बॉडी का कोई अंग खराब होने पर भी फेफड़ों में पानी भरने की परेशानी हो सकती है। कई हेल्थ समस्याएं जैसे ब्लड इंफेक्शन, सूजन, धमनियों का संकुचित होने पर फेफड़ों में पानी भरने की परेशानी हो सकती है। पल्मोनरी मेडिसीन नई दिल्ली के डॉ अशोक राजपूत के मुताबिक अगर इस बीमारी के लक्षणों की तुरंत पहचान कर ली जाए तो बीमारी का आसानी से उपचार किया जा सकता है।

फेफड़ों में पानी भरने के लक्षण कौन-कौन से हैं?

फेफड़ों में पानी भरने से सांस लेने में दिक्कत होती है। ऐसे लोग अगर लेट जाए तो सांस मुश्किल से आता है। इन मरीजों को झागदार थूक आता है और दिल की अनियामित धड़कन रहती है। ऐस में मरीज तनाव में रहता है और उसे घबराहट और बेचैनी महसूस होती है और पैरों में सूजन आती है।

वेब स्टोरीज़

फेफड़ों में पानी का घरेलू उपचार - phephadon mein paanee ka ghareloo upachaar

नाराज है बॉयफ्रेंड, मनाने के लिए अपनाएं ये टिप्स

फेफड़ों में पानी का घरेलू उपचार - phephadon mein paanee ka ghareloo upachaar

दांतों का पीलापन दूर करने के लिए अपनाएं ये घरेलू नुस्खे

फेफड़ों में पानी का घरेलू उपचार - phephadon mein paanee ka ghareloo upachaar

शरीर के अंगों पर मौजूद बर्थमार्क बता सकते हैं आपका स्वभाव, यहां जानें कैसे

फेफड़ों में पानी का घरेलू उपचार - phephadon mein paanee ka ghareloo upachaar

कब है सकट चौथ: 10 या 11 जनवरी?

View More Stories

Also Read

Lung Care: बिना किसी लक्षण के खराब हो सकते हैं फेफड़े, घर पर इस तरह से कर सकते हैं अपने लंग्स की जांच

क्या फेफड़ों में पानी भरना गंभीर है?

फेफड़े के चारों ओर पानी भरना एक गंभीर स्थिति हो सकती है। अगर बीमारी के लक्षणों की पहचान नहीं की जाए तो स्थिति गंभीर भी हो सकती है।

फेफड़ों में पानी भर जाए तो क्या करना चाहिए?

इसके लिए 'प्ल्यूरोडेसिस' नामक विधि का सहारा लिया जाता है, जिसमें छाती के अन्दर एक विशेष दवा डाली जाती है जो छाती के अन्दर की दोनों दीवारों को आपस में चिपकाने में मदद करती है जिससे दुबारा पानी इकट्ठा होने की जगह ही रहे। सीनियर वैस्कुलर कार्डियो थोरेसिक सर्जन इन्द्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल, नई दिल्ली।

छाती में पानी क्यों भर जाता है?

बार-बार छाती से पानी निकालने से इंफेक्शन हो जाता है और पस बन जाता है। नतीजा होता है कि मरीज हार्ट फेलियर से नहीं बल्कि इंफेक्शन से दम तोड़ देता है। इसलिए इस तरह की बीमारी होने पर पानी को एक साथ निकाल दिया जाना चाहिए। इसका लक्षण सांस फूलना, सीने में दर्द, खांसी सहित अन्य है।

क्या खाने से फेफड़ा साफ होता है?

दालचीनी की चाय सांस और संक्रमण की परेशानी से निजात दिलाने में मदद करती है. - अदरक एंटी बैक्टीरियल और एंटी वायरल और एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होता है. ऐसे में यह फेफडों की समस्याओं से निजात दिलाने में मदद करती है. इससे बलगम की समस्या कुछ दिनों में ठीक हो जाती है.