48th G7 Summit Important Points: जी 7 या ग्रुप ऑफ सेवन का 48वां शिखर सम्मेलन इस वर्ष 26 जून से 28 जून 2022 तक आयोजित हुआ। इस वर्ष इस सम्मेलन की मेजबानी जर्मनी द्वारा की गयी। आपको जानकार अत्यंत हर्ष होगा, कि जी 7 के शिखर सम्मेलन में भारत को अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया था। देश के प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी नें सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व किया। इस आर्टिकल में हम इस शिखर सम्मेलन से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण बातों पर चर्चा करेंगे।
इस वर्ष की थीम, किन विषयों पर की गई चर्चा
जी 7 शिखर सम्मेलन के लिए इस वर्ष की थीम “न्यायसंगत विश्व की ओर प्रगति” निर्धारित की गई थी। इस वर्ष सम्मेलन में मुख्य रूप से रूस तथा यूक्रेन के बीच चल रहे मतभेद पर चर्चा की गई। इसके अतिरिक्त इस तीन दिवसीय सम्मेलन की कार्यसूची इस प्रकार थी-
26 जून 2022 को की गई चर्चा के विषय
- वैश्विक अर्थव्यवस्था
- आधारभूत संरचना एवं निवेश के लिए भागीदारी
- विदेश एवं सुरक्षा नीति
27 जून 2022 को सम्मेलन में ये थे खास मुद्दे
- यूक्रेन के राष्ट्रपति वल्दिमीर जेलेंस्की के साथ चर्चा (यूक्रेन के समर्थन पर दिया बयान)
- जी 7 में सम्मिलित देशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के साथ जलवायु, ऊर्जा एवं एवं स्वास्थ्य के “बेहतर भविष्य में निवेश”
- वैश्विक खाद्य सुरक्षा एवं लैंगिक समानता पर जी 7 देशों एवं अंतर्राष्ट्रीय संगठनों की आउटरीच अतिथियों के साथ चर्चा
28 जून 2022 को किए गए महत्वपूर्ण कार्य
- बहुपक्षीय एवं डिजिटल व्यवस्था पर विचार
- जी 20 के बाली शिखर सम्मेलन की तैयारी
क्या है जी 7
जी 7 एक अन्तर-सरकारी राजनीतिक मंच है जिसमें कनाडा, फ़्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, यूनाइटेड किंगडम एवं यूनाइटेड स्टेट्स अमेरिका देश शामिल हैं। जी 7 दुनिया कि 7 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के साथ वैश्विक शुद्ध संपत्ति के लगभग 62% से अधिक भाग का प्रतिनिधित्व करते हैं। जी 7 का गठन वर्ष 1975 में किया गया था। बता दें, कि इन 7 देशों के अतिरिक्त यूरोपियन यूनियन को भी जी 7 के गैर-गणनाकृत सदस्य के रूप में सम्मिलित किया जाता है। यूरोपियन यूनियन प्रतिवर्ष जी 7 के शिखर सम्मेलनों में अतिथि के तौर पर चर्चा में उपस्थित रहता है।
प्रधानमंत्री मोदी नें जी 7 शिखर सम्मेलन में किया देश का प्रतिनिधित्व
जी 7 शिखर सम्मेलन में भारत को अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया था। सम्मेलन में देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए माननीय प्रधान मंत्री मोदी सम्मेलन में उपस्थित हुए। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को शिखर सम्मेलन में देश का प्प्रतिनिधित्व करते हुए कहा कि “जलवायु प्रतिबद्धताओं के प्रति भारत का समर्पण उसके प्रदर्शन से स्पष्ट है।”
साथ ही माननीय प्रधानमंत्री नें जलवायु, ऊर्जा और स्वास्थ्य पर जी-7 सत्र में कहा कि देश (भारत) नें नौ साल पहले गैर-जीवाश्म स्रोतों से 40 प्रतिशत ऊर्जा क्षमता का लक्ष्य हासिल कर लिया है। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि, हालांकि दुनिया की 17 प्रतिशत आबादी भारत में रहती है, लेकिन फिर भी वैश्विक कार्बन उत्सर्जन में इसका योगदान केवल 5 प्रतिशत है।
जर्मनी नें की सम्मेलन की मेजबानी
इस वर्ष के जी 7 शिखर सम्मेलन की मेजबानी जर्मनी देश द्वारा की गयी। यह सम्मेलन जर्मनी के एल्माउ स्कूल, बावरिया में आयोजित किया गया। बता दें, कि इससे पहले भी वर्ष 2015 में जर्मनी देश द्वारा जी 7 के शिखर सम्मेलन की मेजबानी की गयी थी। इस वर्ष सम्मेलन में अर्जेंटीना, भारत, इंडोनेशिया, सेनेगल, दक्षिणी अफ्रीका एवं यूक्रेन देशों को अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था।
इस दौरान पहली घोषणाओं में से एक विकासशील देशों को जलवायु परिवर्तन से निपटने में मदद करने के लिए $600 बिलियन की बुनियादी पहल की है. इस पहल को चीन के बड़े पैमाने पर बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) के लिए पश्चिम की प्रतिक्रिया के रूप में देखा जा रहा है.
Source: Safalta
आधिकारिक बयान के अनुसार G7 शिखर सम्मेलन 2022 का एजेंडा विकासशील देशों के लिए साझेदारी, वैश्विक अर्थव्यवस्था, स्थिरता, बहुपक्षवाद, खाद्य सुरक्षा और डिजिटल परिवर्तन जैसे विषय पर ध्यान केन्द्रित करना होगा. इस दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि यह कोई सहायता या दान नहीं बल्कि एक निवेश है. जो कि न केवल हमारे देश बल्कि दुनियाँ भर के लोगों के लिए एक बड़ा रिटर्न प्रदान करेगा.Free Demo Classes
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उन्होंने कहा कि इससे हमारी सभी अर्थव्यवस्थाओं को बढ़ावा मिलेगा.आइए जानते हैं कि जी7 शिखर सम्मेलन 2022 है क्या? G-7 शिखर सम्मेलन 2022 के आमंत्रित अतिथि कौन हैं और जी-7 शिखर सम्मेलन 2022 में कौन-कौन से देश लेंगे भाग?
बर्लिन, एएनआइ। G7 Summit 2022: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जर्मनी के म्यूनिख में जी-7 समिट में शामिल हुए। यहां से पीएम संयुक्त अरब अमीरात के लिए रवाना हो गए। यहां वे संयुक्त अरब अमीरात के पूर्व राष्ट्रपति और अबू धाबी शासक शेख खलीफा बिन जायद अल नाहयान के निधन पर शोक व्यक्त करेंगे। पीएम मोदी ने जर्मनी के लोगों, चांसलर बुंडेस्कैन्जलर ओलाफ स्कोल्ज और जर्मन सरकार को धन्यवाद दिया है। जी-7 समिट के बाद उन्होंने सदस्य देशों के प्रमुखों को कई उपहार भेंट किए हैं। इसमें कश्मीर की रेशमी कालीन से लेकर मुरादाबाद का नक्काशी वाला मटका और वाराणसी का राम दरबार भी शामिल है।
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प्रधानमंत्री मोदी ने कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो को कश्मीर से भारतीय हाथ से बुना हुआ रेशमी कालीन उपहार में दिया। हाथ से बुने हुए रेशमी कालीन अपनी कोमलता के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हैं। एक कश्मीरी रेशम कालीन अपनी सुंदरता, पूर्णता, रसीलापन, विलासिता और समर्पित शिल्प कौशल के लिए जाना जाता है।
जर्मनी के चांसलर को भेंट की मुरादाबाद का नक्काशी वाला मटका
पीएम मोदी ने जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ को उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले का मेटल मरोडी नक्काशी वाला मटका उपहार में दिया। यह निकल लेपित, हाथ से उत्कीर्ण पीतल का बर्तन मुरादाबाद की एक उत्कृष्ट कृति है। मुरादाबाद को पीतल नगरी या पीतल शहर के रूप में भी जाना जाता है।
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पीएम मोदी ने सेनेगल के राष्ट्रपति मैकी साल को यूपी के सीतापुर जिले की मूंज की टोकरियां और कपास की दरियां गिफ्ट की। सेनेगल में हाथ से बुनाई की परंपरा को मां से बेटी तक पारित किया जाता है, जो महिलाओं द्वारा संचालित सांस्कृतिक अभिव्यक्ति व आजीविका के लिए एक वाहन के रूप में इसके महत्व को जोड़ता है।
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फ्रांस के राष्ट्रपति को जरदोजी के डिब्बे में भेंट की ITR की बोतलें
प्रधानमंत्री मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को यूपी की राजधानी लखनऊ की जरदोजी के डिब्बे में ITR की बोतलें भेंट की। जरी जरदोजी बाक्स पर फ्रांसीसी राष्ट्रीय ध्वज के रंगों में खादी रेशम पर हाथ से कढ़ाई की गई है।
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अर्जेंटीना के राष्ट्रपति अल्बर्टो फर्नांडीज को छत्तीसगढ़ से नंदी-थीम वाली डोकरा कला भेंट की। यह विशेष कला-कृति 'नंदी-द मेडिटेटिव बुल' की एक आकृति है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार नंदी को भगवान शिव का वाहन माना जाता है।
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पीएम मोदी ने दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा को छत्तीसगढ़ की रामायण थीम वाली डोकरा कला भेंट की। डोकरा कला अलौह धातु की ढलाई कला है, जिसमें खोई हुई मोम की ढलाई तकनीक का उपयोग होता है। ऐसी धातु की ढलाई का उपयोग भारत में 4,000 से अधिक वर्षों से होता आ रहा है।
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यह भी पढ़ेंअमेरिकी राष्ट्रपति को भेंट की वाराणसी की मीनाकारी ब्रोच और कफलिंक सेट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को वाराणसी की गुलाबी मीनाकारी ब्रोच और कफ़लिंक सेट उपहार में दिया है। ये कफलिंक राष्ट्रपति के लिए और मैंचिग ब्रोच फर्स्ट लेडी के लिए तैयार किए गए हैं। गुलाबी मीनाकारी एक GI-टैग कला है।
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जापान के PM फुमियो किशिदा को उत्तर प्रदेश के निजामाबाद की ब्लैक पाटरी पीस (काली मिट्टी के बर्तन के टुकड़े) गिफ्ट की। मिट्टी के बर्तन पर काले रंगों को बाहर निकालने के लिए एक विशेष तकनीक का उपयोग किया जाता है। जब मिट्टी के बर्तन ओवन के अंदर होते हैं तो यह सुनिश्चित किया जाता है कि ओवन में आक्सीजन के प्रवेश की कोई गुंजाइश न हो और गर्मी का स्तर उच्च बना रहे।
यूके के पीएम को भेंट की हैंड पेंटेंड टी सेट
पीएम मोदी ने यूपी के बुलंदशहर से यूके के प्रधानमंत्री बोरिस जानसन को प्लेटिनम पेंटेड हैंड पेंटेड टी सेट गिफ्ट किया। इस साल मनाई जा रही रानी की प्लेटिनम जयंती के सम्मान में क्राकरी को प्लेटिनम मेटल पेंट से रेखांकित किया गया। मेहंदी कोन वर्क से एम्बास्ड आउटलाइन को मैन्युअल रूप से बिछाया जाता है।
इंडोनेशिया के राष्ट्रपति को भेंट की लाकरवेयर राम दरबार
पीएम मोदी ने इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो को यूपी के वाराणसी से लाकरवेयर राम दरबार (Lacquerware Ram Durbar) उपहार में दिया। देवी-देवताओं और पवित्र जानवरों की लकड़ी की मूर्तियों को तीर्थयात्रियों द्वारा वापस ले जाने वाले प्रतिष्ठित स्मृति चिन्ह के रूप में प्रदर्शित किया गया। यह विशेष टुकड़ा गूलर (वानस्पतिक नाम: फिकस रेसमोसा) की लकड़ी पर बना है।
पीएम मोदी यूएई के लिए रवाना
जर्मनी में जी7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूएई के लिए रवाना हो गए। संयुक्त अरब अमीरात के पूर्व राष्ट्रपति और अबू धाबी शासक शेख खलीफा बिन जायद अल नाहयान के निधन पर पीएम मोदी शोक व्यक्त करेंगे।
पीएम मोदी ने ट्वीट किया, "मैं जर्मनी के लोगों, चांसलर बुंडेस्कैन्ज़लर ओलाफ स्कोल्ज़ और जर्मन सरकार को पूरी यात्रा के दौरान उनके आतिथ्य के लिए धन्यवाद देता हूं। मुझे विश्वास है कि आने वाले समय में भारत-जर्मनी की दोस्ती नई ऊंचाइयों को छुएगी।"
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 28, 2022
पीएम ने ट्वीट किया 'कई विश्व नेताओं के साथ बातचीत की और म्यूनिख में एक यादगार सामुदायिक कार्यक्रम में भाग लिया। हम वैश्विक भलाई और समृद्धि को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से कई मुद्दों पर चर्चा करने में सक्षम थे। मैं जर्मनी के लोगों, चांसलर बुंडेस्कैन्ज़लर ओलाफ स्कोल्ज़ और जर्मन सरकार को पूरी यात्रा के दौरान उनके आतिथ्य के लिए धन्यवाद देता हूं। मुझे विश्वास है कि आने वाले समय में भारत-जर्मनी की दोस्ती नई ऊंचाइयों को छुएगी।'