CTET UPTET Place of Mathematics in Curriculum Question answer
गणित का पाठ्यक्रम में स्थान Place of Mathematics in Curriculum
- गणित एक ऐसा विषय है जो मानसिक शक्तियों को प्रशिक्षित करने का अवसर प्रदान करता है तथा एक सुषुप्त आत्म में चेतना एवं नवीन जागृति उत्पन्न करने के कौशल का विकास करता है। उपरोक्त कथन किसका है?
- प्लूटों
- रिस्क
- स्किनर
- हर्बर्ट
- गणित शिक्षण में पाठ्यक्रम का निम्न में से कौन-सा एक महत्व नहीं है?
- नवीन विचारों की जानकारी देना
- अभ्यास हेतु
- मनोवैज्ञानिक आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु
- शिक्षण सामग्री के रूप में
- निम्न में से क्या एक गणित शिक्षण में अभ्यास कार्य का महत्व नहीं है?
- निपुणता प्राप्त करने के लिए
- कुशलता प्राप्त करने के लिए
- आत्म-विश्वास के विकास हेतु
- व्यावसायिक कुशलता प्राप्त करने हेतु
- उच्च प्राथमिक स्तर पर गणित शिक्षण का सर्वाधिक महत्व किस रूप में है?
- भौतिक
- मानसिक
- व्यावहारिक
- आध्यात्मिक
- पाठ्यक्रम में अंक गणित शिक्षण का महत्व है
- घरेलू कार्य हेतु
- मजदूरी व व्यवसाय हेतु
- व्यावहारिक उपयोग हेतु
- उरोक्त सभी
- पाठ्यक्रम में गणित शिक्षण इसलिए अति महत्वपूर्ण है क्योकिं इसके माध्य से छात्रों में ज्ञानापयोग सम्बन्धित जो व्यवहारगत परिवर्तन होता है, वह है
- गणित की परिभाषाओं का प्रत्यास्मरण करना
- उपकरणों को सही ढंग से व्यवस्थित करना
- समस्याओं को हल करने के लिए उपरोक्त विधि एवं सूत्र का चयन करना
- सोचने- समझने के बाद निर्णय लेना
- पाठ्यक्रम निर्माण का सिद्धान्त निम्न में से कौन सा है?
- विभिन्न विषयों से सह सम्बन्ध
- अग्रदर्शी
- अवकाश का सदुपयोग
- उपरोक्त सभी
- गणित शिक्षण के माध्यम से बच्चों में निम्न में से किस भावन पर नियन्त्रण रखने का कौशल विकसित हो जाता है?
- तर्क –शक्ति
- आत्म-विश्वास
- विचार-शक्ति
- ये सभी
- निम्न में से कौन –सा विषय विज्ञान विषयों के आधार विषय के रूप में माना जाता है?
- हिन्दी
- अंग्रेजी
- गणित सामाजिक अध्ययन
- सोचने –समझने के बाद निर्णय लेना
CTET UPTET Question answer in Hindi)
- अमूर्त एवं संगत संरचानओं के अध्ययन का विषय निम्न मं से किस विषय को कहा जाता है?
- हिन्दी
- सामाजिक विज्ञान
- कला
- गणित
- गणित का पाठ्यक्रम में स्थान इसलिए महत्वपूर्ण है क्योकि यह सहायक है
- भौतिक विज्ञान के अध्ययन में
- रसायन विज्ञान के अध्ययन में
- सांख्यिकी के अध्ययन में
- उपरोक्त सभी
- गणित पाठ्य- पुस्तक की सामग्री का विकास किस रूप में होना चाहिए?
- अभ्यास रूप में
- तर्क संगत रूप में
- समस्याओं के रूप में
- आधुनिक गणित रूप में
- माध्यमिक स्तर के बाद गणित की कौन-कौन सी शाखाएँ पाठ्यक्रम में सम्मिलित हो जाती हैं?
- अंकगणित, बीजगणित, ज्योमिति
- ज्योमिति, बीजगणित, त्रिकोणमिति
- अवकलन, समाकलन, बीजगणित
- अंकगणित, त्रिकोणमिति, सांख्यिकी
- विद्दालय पाठ्यक्रम में गणित का महत्व है
- ज्ञान एवं कौशलों की प्राप्ति में
- बौद्धिक आदतों के विकास में
- वांछित दृष्टिकोण पैदा करने में
- उपरोक्त सभी
- गणित शिक्षम में पाठ्य-पुस्तक के द्वारा छात्र विषय –वस्तु निम्न में से किसकी सहायता से युग्म बनाता है?
- विषय –वस्तु को एकत्रित करके
- संगठित करके
- व्यवस्थित करके
- उपरोक्त में से कोई नहीं
- निम्न में से क्या गणित पाठ्यक्रम के उपागम है?
- क्रिया केन्द्रिक उपागम
- अनुभव केन्द्रित उपागम
- विषय-वस्तु केन्द्रित उपागम
- उपरोक्त सभी
- गणित को पाठ्यक्रम में विशेष स्थान देने का प्रमुख कारण क्या है?
- बच्चों में तार्किक दृष्टिकोण पैदा करनें में
- बच्चों का समाजीकरण करनें में
- बच्चों का चरित्र विकास करने में
- उपरोक्त कभी
- वर्तमान पाठ्यक्रम का दोष है
- पुस्तकीय ज्ञान पर बल
- विषयों में सह सम्बन्ध का अभाव
- लचीलेपन का अभाव
- उपरोक्त सभी
- कक्षा में गणित शिक्षण के साथ-साथ आयोजित की जाने वाली मासिक परीक्षाओं की आवश्यकता होती है
- छात्रों की कमजोरी दूर करने के लिए
- छात्रों को वार्षिक परीक्षाएँ उत्तीर्ण करने के लिए
- छात्रों को अधिक से अधिक अभ्यास कार्य करवाने के लिए
- छात्रों की गणित विषय के प्रति रुचि बढाने के लिए
- गणित का पाठ्यक्रम में महत्व नहीं है क्योकि यह
- विज्ञान शिक्षण में सहायक हैं
- बालक की तर्कात्मक सोच का विकास करने में सहायक है
- व्यावहारिक जीवन में उपयोगी है
- उपरोक्त सभी
उत्तरमाला (CTET UPTET Place of Mathematics in Curriculum Question answer)
- (a) (c) 3. (d) 4. (c) 5. (d) 6. (c) 7. (d) 8. (d) 9. (c) 10. (d) 11. (d) 12. (b) 13. (a) 14. (d) 15. (b) 16. (d) 17. (d) 18. (d) 19. (c) 20. (d)
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