पटना AIIMS के यूरोलॉजी विभाग में अब 4K विजन सर्जरी होगी। ऑपरेशन के दौरान अधिक खून नहीं निकलेगा, जिससे अधिकतर मरीजों को खून चढ़ाने की जरूरत भी नहीं होगी। इतना ही नहीं किडनी में पथरी का ऑपरेशन भी चंद मिनटों में हो जाएगा और अस्पताल से छुट्टी भी समय से मिल जाएगी। 4K विजन हाइटेक मशीनों के इंस्टॉलेशन के बाद इस सुविधा का रविवार को शुभारंभ हो गया है।
कई नई मशीनों का शुभारंभ
यूरोलॉजी विभाग में इंस्टॉल मशीनों में 120 वॉट हॉल्मियम लेजर मोजेज तकनीक के साथ इंट्राऑपरेटिव अल्ट्रसाउंड मशीन, लिथोक्लास्ट मास्टर, 4K इंडोविजन सिस्टम, 4K रिकॉर्डिंग तकनीक वाली मशीन शामिल है। इन सभी मशीनों का शुभारंभ पटना AIIMS के निदेशक डॉक्टर प्रोफेसर प्रभात कुमार सिंह ने किया है।
देश के सरकारी संस्थान की पहली मशीन
इंट्राऑपरेटिव अल्ट्रसाउंड मशीन: इस मशीन से प्रॉस्टेट की एन्यूक्लीयसन सर्जरी की जाती है और मरीजों को अगले ही दिन अस्पताल से छुट्टी मिल जाती है। यह मशीन मोजेज टेक्नॉलोजी के साथ AIIMS में लगाई गई है जो देश में पहली बार किसी सरकारी संस्थान में लगी है। इस विधि से सर्जरी के दौरान मरीजों का खून भी कम बहता है जिससे उन्हें खून चढ़ने की नौबत कम आती है।
4K एंडोविजन सिस्टम: इस मशीन से जटिल सर्जरी को लैप्रोस्कोपिक तकनीक से करने में काफी मदद मिलती है। डॉक्टर को अच्छा विजन मिलने से सर्जरी बहुत सुरक्षित होती है। इससे मरीजों को भी खतरा कम रहता है।
लिथोक्लास्ट मास्टर: ये मशीन बिहार की पहली मशीन है। यह किसी भी सरकारी या प्राइवेट अस्पताल में नहीं थी। यह मशीन किडनी के पथरी को एंडोस्कोपिक तरीके से तोड़ने के काम आती है। इस मशीन की खासियत यह है कि एक साथ ही पत्थर को मैकेनिकल और अल्ट्रसाउंड तरीके से तोड़ने के साथ-साथ टुकड़ों को शरीर से बाहर भी निकल देती है। इस से सर्जरी में समय की काफी बचत होती है। इसमें मरीज को अधिक समय तक बेहोश नहीं रहना पड़ता है।
पूर्वोत्तर भारत की पहली एडवांस मशीन
यूरोलॉजी विभाग में एक एडवांस अल्ट्रसाउंड मशीन भी लगाई गई है जो पूर्वोत्तर भारत के किसी सरकारी संस्थान में अब तक नहीं लगी है। इस मशीन से प्रॉस्टेट की 12 या इससे ज़्यादा कोर की बायॉप्सी होती है। यह मशीन तीनों एक्सिस में प्रॉस्टेट को एक साथ दिखती है जिससे प्रॉस्टेट कैंसर के मरीज़ को बहुत कम खतरे के साथ बायोप्सी हो जाती है। इस मशीन में फ़्लेक्सिबल लाइप्रोस्कोपी की भी व्यवस्था है जो किडनी कैंसर के मरीजों में किडनी हटाने के काम आती है। इस मशीन से बहुत ही आसानी से ट्यूमूर को किडनी के साथ निकला जाता है जिससे मरीजों को विशेष परेशानी नहीं हो।
मूत्र रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ कमलेश गुंजन ने बताया कि इन मशीनों के आ जाने से प्रदेश में पहली बार किसी संस्थान में मोजेज टेक्नोलॉजी द्वारा HOLEP, MOLEP, RIRS की सुविधा मिलेगी। इसके साथ ही लोग लेजर लिथॉट्रिप्सी , USG गाइडेड पार्सीयल नेफ़्रेक्टोमी, 12 कोर प्रास्टेट बायोप्सी सरकारी में भी करा पाएंगे। निदेशक डॉ पी के सिंह ने बताया कि पहले इन सुविधाओं के लिए लोगों को दिल्ली NCR जाना पड़ता था।
मानव शरीर में किडनी बहुत ही महत्वपूर्ण अंग है। दोनों में से अगर एक किडनी न हो तो इंसान सामान्य जीवन जी सकता है। किसी कारणवश डॉक्टर दोनों में से कोई एक किडनी या किडनी का कुछ हिस्सा निकलवाने के लिए कह सकते हैं। इस प्रक्रिया को नेफ्रेक्टोमी कहा जाता है।
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ब्राजील के महान फुटबॉलर पेले पिछले कुछ समय से जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं। पेले कैंसर के मरीज हैं और कुछ महीनों से उनकी तबीयत लगातार बिगड़ रही है। हाल ही में अस्पताल में भर्ती हुए पेले का स्वास्थ्य लगातार बिगड़ रहा है और उनकी हेल्थ पर अब एक बार फिर बड़ा अपडेट सामने आया है। दरअसल उनके शरीर में कैंसर बढ़ गया है और अब उनकी सेहत और ज्यादा बिगड़ रही है।
पेले की हेल्थ पर आया बड़ा अपडेट
कैंसर और सांस संबंधी परेशानियों के कारण अस्पताल में भर्ती दिग्गज फुटबॉलर पेले का स्वास्थ्य बिगड़ गया है और चिकित्सकों के अनुसार उनका कैंसर बढ़ गया है तथा उनके ह्रदय और गुर्दे भी प्रभावित हो गए हैं। साओ पाउलो के अल्बर्ट आइंस्टीन अस्पताल ने बुधवार को बयान में कहा कि 82 वर्षीय पेले का कैंसर बढ़ गया है और उन्हें गुर्दे और हृदय संबंधी परेशानी भी है। अस्पताल ने बयान में इस तीन बार के विश्व कप विजेता खिलाड़ी की सांस संबंधी परेशानी के बारे में कोई जानकारी नहीं दी थी जो कि कोविड-19 के कारण बढ़ गई थी।
कैंसर से जूझ रहे पेले
पेले के नाम से मशहूर एडसन अरांतेस डो नेसिमेंटो पिछले कुछ समय से कैंसर से जूझ रहे हैं और सितंबर 2021 में उनकी आंत के ट्यूमर को हटाने के लिए ऑपरेशन किया गया था। अस्पताल या उनके परिवार में से किसी ने यह जानकारी नहीं दी कि क्या इससे उनके अन्य अंग भी प्रभावित हुए हैं या नहीं। पेले की पुत्री केली नेसिमेंटो ने कहा कि यह महान फुटबॉलर क्रिसमस के दौरान अस्पताल में ही रहेंगे।
उन्होंने इंस्टाग्राम पर अपनी पोस्ट में लिखा, ‘‘हमने डॉक्टर्स के साथ मिलकर फैसला किया है कि उन्हें अस्पताल में ही रखना उचित होगा।’’ पेले के रहते हुए ब्राजील ने 1958, 1962 और 1970 में विश्वकप जीता था। उन्होंने ब्राजील की तरफ से 77 गोल किए। उनके इस राष्ट्रीय रिकॉर्ड की हाल में विश्वकप के दौरान नेमार ने बराबरी की थी
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