लक्ष्य समूह
- निवासी भारतीय
- भारतीय पासपोर्ट धारक अनिवासी भारतीय (एनआरआई) या भारतीय मूल के व्यक्ति (पीआईओ) जिनके पास विदेशी पासपोर्ट हो या प्रवासी भारतीय नागरिक (ओसीआई)
- स्टाफ सदस्य (सार्वजनिक योजना के अंतर्गत लाभार्थी)
- व्यक्ति, एकल या संयुक्त
- हिंदू अविभक्त परिवार (एचयूएफ) पात्र नहीं है
आवेदक/सह-आवेदक/कों को (जिनकी आय पात्रता हेतु विचारणीय है) न्यूनतम - 1 वर्ष (वेतनभोगियों के लिए) और/या - 2 वर्ष (गैर-वेतनभोगी के लिए) के लिए नौकरी/व्यवसाय/पेशे में होना चाहिए.
सेवा में रुकावट (ब्रेक), यदि कोई हो, तो अधिकतम 3 महीने तक की अनुमति दी जा सकती है.
एनआरआई / पीआईओ / ओसीआईक) आवेदक/सह-आवेदक/कों (जिनकी आय को पात्रता हेतु विचार किया जाना है) को प्रतिष्ठित भारतीय/विदेशी कंपनी, संस्था या सरकारी विभाग में नियमित रूप से नौकरी पर होना चाहिए और उनके पास न्यूनतम विगत 2 वर्षों के लिए वैध नौकरी करार/कार्य अनुज्ञापत्र (वर्क परमीट) होना चाहिए.
अथवानियोजित/स्व-नियोजित होना चाहिए या व्यावसायिक इकाई होनी चाहिए और न्यूनतम 2 वर्षों तक विदेश में निवास करना चाहिए.
ख) आवेदक/सह-आवेदक/कों की (जिनकी आय पात्रता हेतु विचारणीय है) न्यूनतम सकल वार्षिक आय रु. 5.00 लाख प्रति वर्ष के समतुल्य होनी चाहिए. यदि आवेदक/सह आवेदक/कों, जिनकी आय को पात्रता हेतु विचार किया जाना है, में एनआरआई शामिल हैं, तो न्यूनतम रु. 5.00 लाख के न्यूनतम सकल वार्षिक आय (आवेदक/सह-आवेदक दोनों की वार्षिक आय) को इस मानदंड हेतु विचार में लिया जाना चाहिए.
भारतीय मूल के व्यक्ति (पीआईओ) को निम्नानुसार विनिर्दिष्ट किया गयाबांग्लादेश/पाकिस्तान/श्रीलंका/अफगानिस्तान/चीन/ईरान/नेपाल और भूटान के अलावा अन्य किसी भी देश का नागरिक यदि -
- उसके पास कभी भी भारतीय पासपोर्ट था अथवा
- वह या उनके माता-पिता या उनके दादा-दादी में से कोई भी नागरिकता अधिनियम 1955, भारतीय संविधान के आधार पर भारत के नागरिक थे, अथवा
- वह व्यक्ति भारतीय नागरिक का पति/पत्नी है या उपर्युक्त उप-खंड (ए) या (बी) में विनिर्दिष्ट व्यक्ति हैं
- नागरिकता अधिनियम, 1955 की धारा 7 ए के अंतर्गत विदेशी भारतीय नागरिक (ओसीआई) के रूप में पंजीकृत व्यक्ति.
- दिशानिर्देशों के अनुसार, विदेशी भारतीय नागरिक (ओसीआई) को भारतीय मूल का व्यक्ति (पीआईओ) होना अनिवार्य है.
- विदेशी नागरिक, जो 26.01.1950 को भारत का नागरिक होने का पात्र था अथवा 26.01.1950 को या उसके बाद किसी भी समय भारत का नागरिक था या 15.08.1947 के बाद भारत का हिस्सा बने किसी क्षेत्र का नागरिक था और उसके/उनके बच्चे और पोता-पोती, बशर्ते उसकी उनकी नागरिकता का देश स्थानीय कानूनों के अंतर्गत किसी रूप में दोहरी नागरिकता की अनुमति प्रदान करता हो, विदेशी भारतीय नागरिक (ओसीआई) के रूप में पंजीकरण के लिए पात्र हैं. ऐसे व्यक्ति के छोटे बच्चे भी ओसीआई के लिए पात्र हैं. तथापि, यदि आवेदक कभी पाकिस्तान या बांग्लादेश का नागरिक रहा हो, तो वह ओसीआई के लिए पात्र नहीं होगा.
उच्च पात्रता के लिए आवेदक के करीबी रिश्तेदारों को सह-आवेदक के रूप में जोड़ा जा सकता है. यदि आवेदक सह-आवेदक के रूप में किसी ऐसे व्यक्ति को जोड़ना चाहता है जो करीबी रिश्तेदार नहीं है, तो उसे केवल तभी स्वीकार किया जा सकता है जब वह संपत्ति का संयुक्त स्वामी हो.
करीबी रिश्तेदारों की सूचीपति/पत्नी, पिता, माता (सौतेली मां सहित), पुत्र (सौतेले पुत्र सहित), पुत्र वधु, पुत्री (सौतेली पुत्री सहित), बेटी का पति, भाई / बहन (सौतेले भाई/बहन सहित), भाई की पत्नी, पति/ पत्नी की बहन (सौतेली बहन सहित), बहन का पति, पति/ पत्नी का भाई (सौतेले भाई सहित).
- मुंबई : रु. 20 करोड़
- Hyderabad, New Delhi and Bengaluru : Rs. 7.50 Crores
- अन्य महानगर (मेट्रों *) : रु. 5 करोड़
- शहरी क्षेत्र : रु. 3 करोड़
- अर्द्ध-शहरी और ग्रामीण : रु. 1 करोड़
- Chandigarh, Panchkula & Mohali:- Rs. 5 Crores
- प्रारंभ में 36 माह की अधिकतम अधिस्थगन अवधि सहित ऋण की अधिकतम अवधि 30 वर्ष की होगी.
- 36 माह की अधिकतम अधिस्थगन अवधि निम्नानुसार होगी
- निर्माणाधीन आवास और 7 वीं मंजिल तक के भवन निर्माण के लिए 18 माह की अधिस्थगन अवधि और उसके बाद 6 माह प्रति अतिरिक्त मंजिल अधिस्थगन अवधि जो कि अधिकतम 36 माह की अधिस्थगन अवधि के अधीन होगा.
प्रस्तावित ईएमआई सहित कुल कटौतियां निम्नानुसार से अधिक नहीं होनी चाहिए
वेतनभोगी व्यक्ति- रु.20,000/- से कम सकल मासिक आय (जीएमआई) - 50%
- रु.20,000/-से अधिक लेकिन रु. 50,000/- से कम सकल मासिक आय (जीएमआई) - 60%
- रु.50,000/- से अधिक लेकिन रु. 2.00 लाख से कम सकल मासिक आय (जीएमआई) - 65%
- रु. 2.00 लाख से अधिक लेकिन रु. 5.00 लाख से कम सकल मासिक आय (जीएमआई) - 70%
- रु. 5 लाख और उससे अधिक सकल मासिक आय (जीएमआई) - 75%
- रु.6 लाख तक औसत सकल वार्षिक आय (विगत 2 वर्षों के लिए) : 70%
- रु. 6 लाख से अधिक औसत सकल वार्षिक आय (विगत 2 वर्षों के लिए) : 80%
मार्जिन मानदंड और मूल्य की तुलना में ऋण (एलटीवी) अनुपात
Revised guidelines till 31st March 2023
Loans up to Rs.30/- Lacs | Up to 10% | upto 90% | ||||||||
Loans above Rs.30/- Lacs up to Rs.100/- Lacs | Up to 10% | Up to 90% | ||||||||
Additional ROI of 0.25% if LTV more than 80% but upto 90%. | ||||||||||
Loans above Rs.100/- Lacs | Up to 10% | Up to 90% based on CIBIL score as under:
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Additional ROI of 0.25% if LTV more than 80% but upto 90%. |
न्यूनतम: उधारकर्ता – 21 वर्ष, सह आवेदक – 18 वर्ष
अधिकतम: अधिकतम 70 वर्ष तक की आयु पर विचार किया जा सकता है.
प्रतिभूति- निर्माण की गई/ खरीदी गई परिसंपत्ति का बंधक अथवा
- यदि बंधक संभव नहीं है तो बैंक अपने विवेकाधिकार के अनुसार बीमा पॉलिसी, सरकारी वचनपत्र, शेयर और डिबेंचर, स्वर्ण आभूषण आदि के रूप में प्रतिभूति स्वीकार कर सकता है.
- प्रारंभिक रूप से 36 माह की अधिकतम अधिस्थगन अवधि के साथ 30 वर्षों की अधिकतम ऋण अवधि.
- 36 माह की अधिकतम अधिस्थगन अवधि निम्नानुसार होगी
- निर्माणाधीन आवास और 7 वीं मंजिल तक के भवन निर्माण के लिए 18 माह की अधिस्थगन अवधि और उसके बाद 6 माह प्रति अतिरिक्त मंजिल अधिस्थगन अवधि अधिकतम 36 माह की अधिस्थगन अवधि के अधीन.
- ऋण की चुकौती समान मासिक किस्तों (ईएमआई) में की जानी है.
- किसानों/खेतिहरों के मामले में, उत्पादित प्रमुख फसल की कटाई/विपणन के साथ अर्ध वार्षिक किस्तों में चुकौती की अनुमति दी जा सकती है.
- अधिस्थगन अवधि के लिए ब्याज की वसूली, अधिस्थगन अवधि के दौरान लगाए गए ब्याज को नामे करके वसूल की जाएगी.
शून्य
समूह ऋण जीवन बीमा कवरबैंक ऑफ़ बड़ौदा की अपने गृह ऋण उधारकर्ताओं को जीवन बीमा कवर प्रदान करने के लिए मेसर्स इंडिया फ़र्स्ट लाइफ इंश्योरेंस कंपनी के साथ टाई-अप व्यवस्था है.
जीवन बीमा की यह योजना वैकल्पिक है और ऋणकर्ता को इसके खर्च का वहन करना होगा. स्वीकृति के समय बैंक द्वारा इसका वित्तपोषण किया जा सकता है तथा इसके किस्तों की चुकौती ऋण के साथ की जा सकती है.
मैसर्स इंडिया फर्स्ट लाइफ इंश्योरेस कंपनी द्वारा ऑफर की गई समूह ऋण जीवन बीमा पॉलिसी की प्रमुख विशेषताएं निम्नानुसार हैं :- यह गृह ऋण ऋणकर्ताओं के लाभ के लिए वैकल्पिक योजना है और शाखाओं द्वारा उधारकर्ता को उनकी पसंद के अनुसार इंडिया फर्स्ट लाइफ इंश्योरेंस या अन्य बीमा प्रदाता के बीच चयन का विकल्प दिया जाएगा.
- यह समूह बीमा योजना है, जो उधारकर्ता की मृत्यु जैसे आकस्मिकता से सुरक्षा प्रदान करती है.
- उधारकर्ता की मृत्यु हो जाने पर परिवार को दावा राशि की सीमा तक ऋण की चुकौती करना आवश्यक नहीं है.
- कवर शेड्यूल के अनुसार देय शेष कवर राशि का भुगतान बीमा प्रदाता द्वारा किया जाएगा.
- उधारकर्ता की मृत्यु के कारण खाते को एनपीए श्रेणी में स्लिपेज से बचाया जा सकता है.
- एकमुश्त प्रीमियम के भुगतान पर जीवन बीमा उपलब्ध है और प्रीमियम की राशि उधारकर्ता की आयु, ऋण राशि, ब्याज दर और ऋण की अवधि पर आधारित है.
- उधारकर्ता के अनुरोध पर कवर प्राप्त करने के लिए प्रीमियम राशि को ऋण के भाग के रूप में वित्तपोषित किया जा सकता है और तदनुसार ईएमआई की गणना की जाएगी. लेकिन गृह ऋण में एलटीवी अनुपात के संबंध में दिए गए दिशानिर्देशों का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित किया जाना चाहिए.
- प्रीमियम राशि ऋण का भाग हो सकती है जो कि उधारकर्ता की कुल पात्रता मंजूरी के समय बैंक द्वारा वित्तपोषित की जा सकती है और जो ऋण के ईएमआई में वसूली योग्य होगी.
- ऋण के समय-पूर्व समाप्ति के मामले में, भुगतान किए गए प्रीमियम का कुछ भाग बीमाप्रदाता द्वारा वापस लौटाया जाएगा.