हरिहर काका को अपने भाई और महंत एक श्रेणी के क्यों लगे - harihar kaaka ko apane bhaee aur mahant ek shrenee ke kyon lage

हरिहर काका को मंहत और भाई एक ही श्रेणी के क्यों लगने लगे?

हरिहर काका को अपने भाइयों और महंत में कोई अतंर नहीं लगा। दोनों एक ही श्रेणी के लगे। उनके भाइयों की पत्नियों ने कुछ दिन तक तो हरिहर काका का ध्यान रखा फिर बचीकुची रोटियाँ दी, नाश्ता नहीं देते थे। बिमारी में कोई पूछने वाला भी न था। जितना भी उन्हें रखा जा रहा था, उनकी ज़मीन के लिए था। इसी तरह मंहत ने एक दिन तो बड़े प्यार से खातिर की फिर ज़मीन अपने ठाकुर बाड़ी के नाम करने के लिए कहने लगे। काका के मना करने पर उन्हें अनेकों यातनाएँ दी। अपहरण करवाया, मुँह में कपड़ा ठूँस कर एक कोठरी में बंद कर दिया, जबरदस्ती अँगूठे का निशान लिया गया तथा उन्हें मारा पीटा गया। इस तरह दोनों ही केवल ज़मीन जायदाद के लिए हरिहर काका से व्यवहार रखते थे। अत: उन्हें दोनों एक ही श्रेणी के लगे।

Concept: गद्य (Prose) (Class 10 B)

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ठाकुरबाड़ी के महंत ने हरिहर काका की जमीन को हड़पने के लिए क्या किया?

हरिहर काका से उनकी जमीन का वसीयत करवाने के लिए महंत जी ने उनके अपहरण का रास्ता अपनाया। इसके लिए आधी रात के आसपास ठाकुरबारी के साधु-संत और उनके पक्षधर भाला, आँडासा और बंदूक से लैस एकाएक हरिहर काका के दालान पर आ धमके। हरिहर काका के भाई इस अप्रत्याशित हमले के लिए तैयार नहीं थे।

हरिहर काका को महत और अपने भाई एक ही श्रेणी के क्यों?

हरिहर काका को महंत और अपने भाई एक ही श्रेणी के क्यों लगने लगे? Solution : दोनों ही स्वार्थी थे और हरिहर काका की जमीन लेना चाहते थे इसलिए हरिहर काका को अपने भाइयों और महंत में कोई अंतर नहीं लगा। हरिहर काका के काई संतान नहीं थी। उसके पास पंद्रह बीघे की जमीन थी।

काका के मौन रहने के पीछे कौन कौन से कारण हैं?

वे हैरान थे कि पैसे के आगे सभी रिश्ते कितने खोखले हैं। उनकी असलियत सामने आने से हरिहर काका सदमें की स्थिति में थे। इस कारण अब वह बोलते नहीं थे, मौन रहते थे।

हरिहर काका को महंत और अपने भाई एक ही श्रेणी के क्यों लगने लगे लगभग 50 60 शब्दों में उत्तर लिखिए?

हरिहर काका को मंहत और भाई एक ही श्रेणी के क्यों लगने लगे? उत्तर:- हरिहर काका नि:संतान थे और उनके हिस्से में पंद्रह बीघे उपजाऊ जमीन थी। मंहत और भाई दोनों का उद्देश्य हरिहर काका की इसी उपजाऊ पंद्रह बीघे जमीन को अपने कब्जे में करना था।

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