इसे सुनेंरोकेंबेहतर संवाद: जानकारी प्राप्त करना और समझना कोई शांत जगह ढूंढें और किसी को छोटे बच्चों पर नज़र रखने के लिए कहें। अपनी भावनाओं में और वो किसी संदेश का अर्थ लगाने को प्रभावित कैसे कर सकती हैं इसके बारे में जागरूक रहें। महत्वपूर्ण विवरणों को नोट करें।
संवाद क्या है शिक्षा में इसके महत्व को समझाइए?
इसे सुनेंरोकेंसम्यक संवाद की भारत में एक दीर्घ परंपरा रही है। जबसे असहिष्णुता हमारे समाज में घर करने लगी है और उदारता की भावना क्षीण होने लगी है, तब से हमारा समाज संवाद से संवादहीनता की ओर बढ़ने लगा है। आज समाज की अनेक समस्याओं का समाधान संवाद में निहित है।
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वार्तालाप हिंदी में कैसे लिखा जाता है?
अच्छे संवाद-लेखन की क्या विशेषताएँ होती है?
- संवाद सरल भाषा में लिखा होना चाहिए
- संवाद में प्रवाह ,क्रम और अर्थपूर्ण विचार होने चाहिए।
- संवाद देश,काल, व्यक्ति और विषय के अनुसार लिखा होना चाहिए। संवाद में जीवन की जितनी अधिक स्वाभाविकता होगी, वह उतना ही अधिक सजीव, रोचक और मनोरंजक होगा।
- संवाद का आरम्भ और अन्त मजेदार हो।
संवाद कितने प्रकार का होता है?
इसे सुनेंरोकें१) सामान्य संवाद। २) औपचारिक कार्य व्यापार के लिए संवाद। ३) विचार व्यक्त करने वाले संवाद। ४) भावनाएं व्यक्त करने वाली संवाद।
संवाद का क्या महत्व है?
इसे सुनेंरोकेंसंवाद का महत्व बिना संवाद के मनुष्य सामाजिक प्राणी नहीं बन सकता है। संवादों के माध्यम से केवल शब्दों का ही आदान- प्रदान नहीं होता बल्कि उनका प्रयोग करने वालों के चेहरे पर तरह-तरह के हाव-भाव भी प्रकट होते हैं, जो संवादों में प्रयुक्त किए जाने वाले शब्दों के आरोह-अवरोह को नाटकीय ढंग से स्वाभाविकता प्रदान करते हैं।
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संवाद लेखन में संवादों की क्या विशेषताएं होनी चाहिए *?
इसे सुनेंरोकेंअच्छे संवाद-लेखन की विशेषताएँ – (1) संवाद में प्रवाह, क्रम और तर्कसम्मत (अर्थपूर्ण) विचार होना चाहिए। (2) संवाद देश, काल, व्यक्ति और विषय के अनुसार लिखा होना चाहिए। (3) संवाद सरल भाषा में लिखा होना चाहिए। (4) संवाद में जीवन की जितनी अधिक स्वाभाविकता होगी, वह उतना ही अधिक सजीव, रोचक और मनोरंजक होगा।
नाटक लेखन में संवाद का क्या महत्व है?
इसे सुनेंरोकेंसंवाद – नाटक में नाटकार के पास अपनी और से कहने का अवकाश नहीं रहता। वह संवादों द्वारा ही वस्तु का उद्घाटन तथा पात्रों के चरित्र का विकास करता है। अतः इसके संवाद सरल , सुबोध , स्वभाविक तथा पात्रअनुकूल होने चाहिए।
Samvad Lekhan in Hindi : दोस्तों आज हमने संवाद लेखन की परिभाषा और उदाहरण सहित संवाद लिखे है। हिंदी व्याकरण में दो लोगों के मध्य हो रही बातचीत को संवाद के रूप में लिखना ही संवाद लेखन होता है इसमें भाषा शैली एवं मात्राओं की अशुद्धियों का ध्यान रखना होता है।
यह कक्षा 5,6,7,8,9,10,11,12 के विद्यार्थियों को स्कूल में पढ़ाया जाता है इसीलिए हमने सरल शब्दों में संवाद लेखन को उदाहरण के साथ समझाने का प्रयास किया है।
विषय-सूची
1- Best Samvad Lekhan in Hindi
- संवाद लेखन के कुछ नियम –
- प्राचार्य और छात्र के मध्य प्रवेश को लेकर बातचीत का संवाद लेखन
- दो महिलाओं के बीच बढ़ती हुई कीमतों पर बातचीत का संवाद लेखन
- चिड़िया के घोसले के बारे में भाई बहन की बातचीत का संवाद लेखन
- दो मित्रों के बीच संवाद लेखन
- अध्यापक और विद्यार्थियों के मध्य वृक्षारोपण पर संवाद
- छात्र के अनुचित व्यवहार से नाराज अध्यापक व शिक्षा के मध्य होने वाला संवाद
- ऑनलाइन कक्षाओं को लेकर अभिभावक तथा अध्यापक के बीच संवाद तैयार कीजिए
- दो विद्यार्थियों के मध्य दूरदर्शन की उपयोगिता पर संवाद
Best Samvad Lekhan in Hindi
Samvad Lekhan in Hindi for Class 5,6,7,8,9,10,11,12 students
संवाद किसे कहते हैं ?
दो या दो से अधिक लोगों की आपसी बातचीत को संवाद कहते है।
संवाद लेखन किसे कहते हैं ?
जब इसी बातचीत( संवाद) को हम लिखते हैं, तब उसे संवाद लेखन कहते है।
संवाद लेखन के कुछ नियम –
- संवाद छोटे, सरल और स्पष्ट होने चाहिए।
- संवाद लिखने से पहले परिस्थिति को उचित रूप से जानना और समझना चाहिए।
- संवाद लिखते समय उचित विराम चिन्हों का प्रयोग करना चाहिए ।
- भाषा सहज, सरल, विषय एवं पालनुकूल हो।
- संवाद में औपचारिकता अनिवार्य नहीं है।
- आत्मीयता लाने हेतु उचित संबोधनो का प्रयोग किया जाना चाहिए।
- संवादों में प्रभाव होना चाहिए आपस में संबंध होना चाहिए ।
- संवाद लेखन के अंत में वार्ता पूरी होनी चाहिए।
संवाद लेखन के उदाहरण निम्नलिखित है –
प्राचार्य और छात्र के मध्य प्रवेश को लेकर बातचीत का संवाद लेखन
छात्र – श्रीमान क्या मैं अंदर आ सकता हूं।
प्राचार्य – हां आओ!
छात्र – ( प्रवेश करके) मैं आपके विद्यालय में प्रवेश चाहता हूं।
प्राचार्य – पहला विद्यालय क्यों छोड़ना चाहते हो।
छात्र – पिताजी का यहां तबादला हो गया है और आपका विद्यालय हमारे घर के पास है।
प्राचार्य – वहां कौन सी कक्षा में पढ़ रहे थे?
छात्र – आठवीं कक्षा में श्रीमान! यह है मेरा प्रगति पत्र और विद्यालय छोड़ने की टी.सी.।
प्राचार्य – ( प्रगति पत्र और टी.सी. देखकर) यह लो प्रवेश आवेदन-पत्र. इसे भरकर पिताजी के हस्ताक्षर करवा कर मेरे पास ले आना।
छात्र – ( प्रवेश आवेदन-पत्र लेकर) धन्यवाद श्रीमान!
दो महिलाओं के बीच बढ़ती हुई कीमतों पर बातचीत का संवाद लेखन
अनीता – कैसी हो, बहन?।
विनीता – क्या बताऊं, अनीता बहन? आजकल तो मानो हर चीज की कीमत आसमान छू रही है।
अनीता – ठीक कहती हो, बहन. महंगाई ने तो मानो सब की कमर ही तोड़ दी है।
विनीता – नौकरी करने वालों की तो बनी बनाई तनखा आती है उसमें महीने भर का खर्च चलाना बहुत मुश्किल होता है।
अनीता – अरे, गरीब लोगों का तो और भी बुरा हाल है उन लोगों की मजदूरी तो कोई नहीं बढ़ाता वह क्या करें?
विनीता – महंगाई तो दिन प्रतिदिन बढ़ती जाती है, ले हम तो नहीं बढ़ते करें तो कोई क्या करें?
चिड़िया के घोसले के बारे में भाई बहन की बातचीत का संवाद लेखन
राधा – क्यों भैया, अंडे में से निकल कर बच्चे पुर से उड़ जाएंगे?
केशव – नहीं पगली, पहले पर निकलेंगे।
राधा – बच्चों को चिड़िया क्या खिलाएगी, बेचारी?
केशव – क्यों न दीवार पर थोड़ा दाना पानी रख दिया जाए?
राधा – फिर तो चिड़िया को दाना पानी के लिए ओढ़कर न जाना पड़ेगा, न?
केशव – नहीं, फिर क्यों जाएगी?
दो मित्रों के बीच संवाद लेखन
राम – आज कल श्याम सर्दी बहुत हो गई है।
श्याम – हां! राम सर्दी तो बढ़ती ही जा रही है।
राम – आज का तापमान 5 डिग्री है।
श्याम – अरे बाप रे इतना ज्यादा मुझे तो यकीन नहीं हो रहा।
राम – इस बार सर्दी बहुत हो गई है।
श्याम – हम क्या कर सकते है।
राम – हम थोड़ा कम फैला सकते हैं हमें प्लास्टिक का कम इस्तेमाल करना चाहिए।
श्याम – हां! मैं भी आज से कम प्लास्टिक का इस्तेमाल करूंगा।
राम – हमें कूड़ा फैलाना कम करना चाहिए।
श्याम – हां! जरूर।
राम – इससे ग्लोबल वॉर्मिंग हो सकता है।
श्याम – इससे हमारे पर्यावरण को नुकसान पहुंच सकता है।
राम – हां! हमें इसे रोकने के लिए लोगों को जागरूक करना चाहिए।
श्याम – हां! सही बात है।
अध्यापक और विद्यार्थियों के मध्य वृक्षारोपण पर संवाद
अध्यापक – हे छात्रों आज विद्यालय में वृक्षारोपण होगा।
विद्यार्थी – कब और कहां होगा?
अध्यापक – 11:00 बजे खेल मैदान के बाग में वृक्षारोपण होगा।
विद्यार्थी – श्रीमान! वृक्षारोपण कैसे होता है?
अध्यापक – छात्रों! वर्तमान औद्योगिक युग में पर्यावरण प्रदूषण की समस्या प्रतिदिन विकराल रूप लेती जा रही है।
विद्यार्थी – सर, पर प्रदूषण क्यों होता है।
अध्यापक – प्रदूषण के अनेक रूप होते हैं जैसे वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण इसके द्वारा संपूर्ण पर्यावरण दूषित होता है।
विद्यार्थी – इस स्थिति में पर्यावरण की सुरक्षा हमारा परम कर्तव्य है।
अध्यापक – हां बच्चों! वृक्षारोपण ही इस समस्या का एक सरल उपाय है।
छात्र के अनुचित व्यवहार से नाराज अध्यापक व शिक्षा के मध्य होने वाला संवाद
अध्यापक – विजय तुमने ऐसा क्यों किया?
शिष्य – माफ करिए श्रीमान।
अध्यापक – मैं तुम्हें कितनी बार माफ कर चुका हूं पर तुम सुधरने का नाम ही नहीं लेते हो।
शिष्य – अगली बार से ऐसा नहीं करूंगा, श्रीमान !
अध्यापक – तुम हर बार कक्षा में अलग-अलग आवाज निकालकर बच्चों का ध्यान भटकाते हो।
शिष्य – गलती हो गई श्रीमान माफ कर दीजिए।
अध्यापक – तुम विद्यालय पढ़ने लिखने आते हो या मस्ती करने अब जवाब दो तुम ऐसा क्यों करते हो।
शिष्य – मुझे समझ नहीं आता और इसलिए मैं ऐसा करता हूं।
अध्यापक – अगर ध्यान से समझोगे तो जरूर समझ में आएगा, लेकिन तुम ध्यान देते ही नहीं।
शिष्य – मैं ध्यान देने की कोशिश करता हूं पर मैं समझने के कारण मेरा मन नहीं लगता।
अध्यापक – अगर समझ नहीं आता तो मुझे पूछो मैं तुम्हें समझा सकता हूं अब अपनी जगह पर जाओ और कोई शरारत नहीं करना।
शिष्य – जी श्रीमान! अब से ध्यान दूंगा।
ऑनलाइन कक्षाओं को लेकर अभिभावक तथा अध्यापक के बीच संवाद तैयार कीजिए
अध्यापक – सीमा, अभिभावक – गरिमा
सीमा – आइए गरिमा जी! आइए! आज मैंने आपसे बहुत आवश्यक बातचीत करनी है।
गरिमा – हां बोलिए! आपको क्या बातचीत करनी है?
सीमा – जैसा कि आप जानते है कोरोना महामारी का मुश्किल समय चल रहा है इससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
गरिमा – हां यह बीमारी खत्म ही नहीं होती।
सीमा – उसी कारण हम विद्यालय नहीं खुलवा सकते हैं तो उसी विषय में आपसे ऑनलाइन कक्षा के बारे में बात करनी थी।
गरिमा – ऑनलाइन कक्षा! हां बताइए।
सीमा – हम बच्चों को ऑनलाइन कक्षा लगाएंगे और इससे बच्चे अपनी पढ़ाई भी पूरी कर पाएंगे।
गरिमा – यह तो बहुत ही अच्छा होगा, बच्चे बीमारी से भी बचे रहेंगे और उनकी पढ़ाई भी हो जाएगी।
सीमा – हां बस आपको ऑनलाइन कक्षा के समय का ध्यान रखना है।
गरिमा – ठीक है सीमा जी!
दो विद्यार्थियों के मध्य दूरदर्शन की उपयोगिता पर संवाद
राहुल – आजकल जी से भी देखो दूरदर्शन से चिपका रहता है।
संजय – यह ठीक है कि दूरदर्शन पर कई उपयोगी एवं मनोरंजक कार्यक्रम प्रसारित किए जा रहे हैं पर कई विदेशी चैनल अश्लील कार्यक्रम भी दिखा रहे है।
राहुल – इन कार्यक्रमों को देखकर हमारी युवा पीढ़ी गलत दिशा में जा रही।
संजय – इस प्रवृत्ति पर रोक लगानी आवश्यक है।
राहुल – पर इस पर रोक कैसे लगाई जा सकती है।
संजय – सरकार को दूरदर्शन नियंत्रण बोर्ड बनाना चाहिए इस बोर्ड की स्वीकृति के बाद ही कार्यक्रम प्रसारित किया जाना चाहिए।
राहुल – वह तो ठीक है पर समाज को भी तो कुछ करना चाहिए।
संजय – हां समाज में चेतना जगानी होगी ऐसा वातावरण तैयार करना होगा कि दूरदर्शन हिंसा और अश्लीलता के कार्यक्रम में दिखाने को विवश हो जाए।
राहुल – हमें घरों में ऐसे कार्यक्रम में देखने का वातावरण भी बनाना होगा।
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