इस पाठ से हमे क्या संदेश मिलता है? - is paath se hame kya sandesh milata hai?

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इस पाठ से हमें क्या संदेश मिलता है?

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Solution

इस पाठ से हमें संदेश मिलता है कि किसी का दुख बाँटना ही मनुष्यता है। जैसे रोहिणी ने जब मिठाईवाले की कहानी सुनी तो उसका हृदय भी द्रवित हो उठा।

Concept: गद्य (Prose) (Class 7)

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Chapter 5: मिठाईवाला - अन्य पाठेतर है हल प्रश्न

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NCERT Class 7 Hindi - Vasant Part 2

Chapter 5 मिठाईवाला
अन्य पाठेतर है हल प्रश्न | Q 21

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मिठाईवाला पाठ से हमे क्या संदेश …

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मिठाईवाला पाठ से हमे क्या संदेश मिलता है।

  • Posted by Pragati Walnekar 2 years, 1 month ago

    • 3 answers

    इस पाठ से हमें संदेश मिलता है कि किसी का दुख बाँटना ही मनुष्यता है। जैसे रोहिणी ने जब मिठाईवाले की कहानी सुनी तो उसका हृदय भी द्रवित हो उठा।

    a n s w e r

    इस पाठ से हमें संदेश मिलता है कि किसी का दुख बाँटना ही मनुष्यता है। जैसे रोहिणी ने जब मिठाईवाले की कहानी सुनी तो उसका हृदय भी द्रवित हो उठा।

    Mam you are so good teacher?

    Posted by Arpit Tiwari 4 days, 10 hours ago

    • 0 answers

    Posted by Srushti राठोड़ 17 hours ago

    • 0 answers

    Posted by Vanshika Thakur S16565A.Vanshika04097 4 days, 7 hours ago

    • 2 answers

    Posted by Shivam Gupta 4 hours ago

    • 1 answers

    Posted by Vruti Rathwa 2 weeks ago

    • 1 answers

    Posted by Gugunbais Bais 1 week, 1 day ago

    • 0 answers

    Posted by Gugunbais Bais 1 week, 1 day ago

    • 2 answers

    Posted by Milan Biswss 1 week ago

    • 0 answers

    Posted by Nibedita Pattanayak 3 hours ago

    • 0 answers

    Posted by Arpit Tiwari 4 days, 10 hours ago

    • 2 answers

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    इस कविता से हमें क्या संदेश मिलता है?

    इस कविता से हमें यह संदेश मिलता है कि हमारे मन मैं देशप्रेम की भावना होनी चाहिए। हम केवल ‘स्व’ हेतु नहीं बल्कि ‘पर’ हेतु जीना चाहिए। अपने रिश्ते-नातों से भी बढ्कर सभी देशवासियों के बारे में सोचना चाहिए और देश पर यदि कोई विपत्ति आ जाए तो सर्वस्व समर्पण करने में संकोच नहीं करना चाहिए। जिस प्रकार ‘दीवानो की हस्ती’ कविता में वीर सेनानी केवल देश हेतु ही जीवन जीता है बाकी सभी बंधनों को तोड़ देने में विश्वास करता है।

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    कवि ने अपने आने को ‘उल्लास’ और जाने को ‘आँसू बनकर बह जाना’ क्यों कहा है?

    कवि का मानना है कि जब वे अपने बंधु-बांधवों से मिलने आते हैं तो सबके चेहरों पर खुशी छा जाती है और जब सहसा जाने की बात आती है तो वही खुशी अश्रुओं का रूप धारण कर लेती है अर्थात् उनके जाने का दुख सहन नहीं होता। लेकिन वीरों को तो अपने चुने मार्ग पर बढ़ना ही होता है।

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    कविता में ऐसी कौन-सी बात है जो आपको सबसे अच्छी लगी?

    कविता में हमें सबसे अच्छी लगी दीवानों की ‘मस्ती’। सुख-दुख सब सहते हुए भी वै मस्त हैं उन्हें किसी की परवाह नहीं। मस्ती में जीकर जान हथेली पर रखकर देश को स्वतंत्र करवाना चाहते हैं।

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    जीवन में मस्ती होनी चाहिए, लेकिन कब मस्ती हानिकारक हो सकती है? सहपाठियों के बीच चर्चा कीजिए।

    यह सही है कि जीवन में मस्ती अर्थात् मजा होना चाहिए क्योंकि इससे ही व्यक्ति जीवन मैं आनंद व हर्ष अनुभव करता है। लेकिन यदि हमारे द्वारा की गई मस्ती किसी को नुकसान पहुँचाए तो उसे हम मस्ती का नाम नहीं दे सकते।

    हम बलि-वीरों की मस्ती को सर्वश्रेष्ठ व आनंददायक मानते हैं क्योंकि लाख कठिनाइयाँ सहने पर भी वे संतुष्ट व आनंदित रहते हैं। उनके हृदय में सदा आगे बढ़ने की चाह बनी रहती है। अपने जीवनकाल में कुछ विशेष कार्य करके वे लोगों के लिए प्रेरक बनना चाहते हैं।

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    एक पंक्ति में कवि ने यह कहकर अपने अस्तित्व को नकारा है कि “हम दीवानों की क्या हस्ती, हैं आज यहाँ, कल वहाँ चले।” दूसरी पंक्ति में उसने यह कहकर अपने अस्तित्व को महत्व दिया है कि “मस्ती का आलम साथ चला, हम धूल उड़ाते जहाँ चले।” यह फाकामस्ती का उदाहरण है। अभाव में भी खुश रहना फाकामस्ती कही जाती है।
    कविता में इस प्रकार की अन्य पंक्तियाँ भी हैं उन्हें ध्यानपूर्वक पढ़िए और अनुमान लगाइए कि कविता में परस्पर विरोधी बातें क्यों की गई हैं?

    ऐसे परस्पर विरोधी विचारों का समावेश कविता में इसलिए किया गया है क्योंकि बलिदानी वीर अपने विचारों उद्यम व बलिदान पथ के स्वयं ही मालिक थे। उनके विचारों में दुख-सुख, उल्लास-अश्रु, बंधन-मुक्ति आदि शब्दों का कोई महत्त्व न था। उनका लक्ष्य तो था देश को स्वाधीन करवाना और इस हेतु वे निरंतर कार्यरत रहते हैं।

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    भिखमंगों की दुनिया में बेरोक प्यार लुटानेवाला कवि ऐसा क्यों कहता है कि वह अपने हृदय पर असफलता का एक निशान भार की तरह लेकर जा रहा है? क्या वह निराश है या प्रसन्न है?

    कवि संसार के लोगों के प्रति स्वच्छंद रूप में प्रेम लुटाता है क्योंकि उसका मानना है कि इस दुनिया के लोग सदैव दूसरों से पाने की चाहत रखते हैं। सभी को प्रसन्न रखने पर भी उसका हृदय द्रवित है, उसके हृदय पर असफलता का निशान है कि अपने जीवनकाल में उसने बहुत प्रयत्न करके भी स्वतंत्रता प्राप्त नहीं की।

    इसके लिए कवि निराश तो नहीं लेकिन यह टीस उसके मन में अवश्य है कि उसके भरसक प्रयत्नों से भी देश आजाद न हो सका। साथ ही उसे प्रसन्नता इस बात की है कि उसने स्वतंत्रता प्राप्ति हेतु हर संभव प्रयत्न किया है।

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    इस पाठ से हमें क्या संदेश मिलता है?

    इस पाठ से हमें संदेश मिलता है कि किसी का दुख बाँटना ही मनुष्यता है। जैसे रोहिणी ने जब मिठाईवाले की कहानी सुनी तो उसका हृदय भी द्रवित हो उठा।

    इस कविता के माध्यम से कवि क्या संदेश देना चाहते हैं?

    जो मनुष्य मनुष्यता के लक्षणें से युक्त होकर दूसरों के लिए जीवित रहता है, वही सच्चे अर्थों में मनुष्य है। इस कविता का मुख्य संदेश यह है कि हमें अपने महान् पुरुषों के उदाहरणों से प्रेरित होकर मनुष्यों के लिए जीना और मरना चाहिए।

    मिठाईवाला पाठ से क्या सीखा?

    पाठ से हमें यह शिक्षा मिलती है कि किसी का दुःख बाँटना ही मनुष्यता है। जैसे रोहिणी मिठाई वाले की कहानी सुनकर द्रवित हो उठती है।

    झेन की देन निबंध में क्या प्रेरणा दी गई है?

    उत्तर – 'झेन की देन' पाठ हमें अत्यधिक व्यस्त जीवनशैली और उसके दुष्परिणामों से अवगत करवाता है। पाठ में जापानियों की व्यस्त दिनचर्या से उत्पन्न मानसिक रोग की चर्चा की गई है, वहाँ की 'टी-सेरेमनी' के माध्यम से जापान के लोग अपने मानसिक तनाव से मुक्त होते हैं।

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