डॉ.विकास खंडेलिया कोटा के अग्रणी किडनी रोग विशेषज्ञ में से एक हैं। वह किडनी रोग और गुर्दे की विफलता के साथ बीपी के इलाज में माहिर हैं । वह गुर्दे से संबंधित बीमारियों के क्षेत्र में गुर्दे की जागरूकता और शिक्षा अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए समाज और उद्योग के साथ मिलकर काम करते हैं । डॉक्टर चिकित्सकीय गुर्दे की पथरी उपचार और गुर्दे की बीमारी के इलाज में रुचि रखते हैं । वह हर मरीज का बहुत भावुक व्यवहार करते हैं और बेहतरीन सलाह देते हैं।
No 34, 35 Netaji Subhash Chandra Bose Complex, Tulsidas Marg, Chowk Mandi Crossing, Lucknow UP 226005
2006 से
डॉ. दीपक दीवान यूपी के लखनऊ में अग्रणी किडनी विशेषज्ञ डॉक्टरों में से एक हैं। उन्होंने 1996 में जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज कानपुर से एमबीबीएस पूरा किए । उन्होंने 2001 में किंग जॉर्जेस मेडिकल कॉलेज, लखनऊ विश्वविद्यालय में जनरल मेडिसिन में एमडी किए । डॉ दीपक ने 2006 में संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, लखनऊ से नेफ्रोलॉजी में अपना डीएम अर्जित किया। वह इंडियन सोसाइटी ऑफ नेफ्रोलॉजी (आईएसएन), अमेरिकन सोसाइटी ऑफ नेफ्रोलॉजी के सक्रिय सदस्य हैं। वह अंग्रेजी और हिंदी में धाराप्रवाह है। वह चिकित्सा उत्कृष्टता से जुड़े नवीनतम प्रौद्योगिकी अनुप्रयोगों के माध्यम से उच्च गुणवत्ता वाले रोगी देखभाल प्रदान करते है।
विशेषता:
उच्च रक्तचाप, नेफ्रोटिक और नेफ्रिटिक सिंड्रोम, एसिड-बेस और इलेक्ट्रोलाइट विकार, सीएपीडी और प्रत्यारोपण रोगी
संपर्क करें:
- sehat.com/dr-deepak-dewan...
- 99365 07362
काम करने का समय:
सोम-शुक्र: सुबह 9 बजे - शाम 5 बजे तक
शनि & रवि: बंद
लाइसेंस 41832
TBR® का निरीक्षण रिपोर्ट:
कॉल करें
DR. ARUN KUMAR, MBBS, DMCH, MD, DNB - ARUNODAYA KIDNEY CARE
Jawala Mata Mandir A-34/1, Sector B, LDA Colony, Lucknow UP 226023
डॉ। अरुण कुमार लखनऊ में एक वरिष्ठ विशेषज्ञ किडनी रोग विशेषज्ञ हैं। वह अपने मरीजों के लिए जीवन स्तर में सुधार लाने और इष्टतम देखभाल करने के लिए समर्पित है। उच्च रक्तचाप और गुर्दे की बीमारियों के सभी क्षेत्रों में निदान और उपचार के लिए उनके पास व्यापक प्रशिक्षण और विशेषज्ञता है। वह डायलिसिस और गुर्दे की बायोप्सी और पेरिटोनियल कैथेटर इंजेक्शन में माहिर हैं। उन्होंने दो हजार से अधिक क्रोनिक किडनी रोग मामलों और कई किडनी प्रत्यारोपण रोगियों का ऑपरेशन किए है।
विशेषता:
किडनी रोग, किडनी प्रत्यारोपण, डायलिसिस, किडनी की पथरी और पारंपरिक नेफ्रोलॉजी
₹कीमत:
परामर्श शुल्क: ₹600
संपर्क करें:
- 77982 25565
काम करने का समय:
सोम-शुक्र: दोपहर 12 बजे - शाम 5 बजे तक
शनि: सुबह 10 बजे - दोपहर 2 बजे तक
रवि: बंद
TBR® का निरीक्षण रिपोर्ट:
कॉल करें संपर्क करें
DR. SHASHANK GUPTA, MBBS, MD, DNB
Sahara Hospital Rd, Viraj Khand - 1, Viraj Khand, Gomti Nagar, Lucknow UP 226010
2014 से
डॉ शशांक गुप्ता यूपी के लखनऊ, में एक युवा और इंटरवेंशनल नेफ्रोलॉजिस्ट हैं। उन्होंने केएमसी मैंगलोर, मणिपाल विश्वविद्यालय से एमबीबीएस किया। डॉ शशांक ने जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज, कानपुर में आंतरिक चिकित्सा में एमडी किया और सर गंगा राम अस्पताल, नई दिल्ली में नेफ्रोलॉजी में डीएनबी किया। उन्हें क्रिटिकल केयर नेफ्रोलॉजी के रोगियों को संभालने का व्यापक अनुभव है। वह अपने रोगियों के साथ बहुत दयालु हैं, उनका मार्गदर्शन करते हैं, और किडनी की समस्याओं और सर्वोत्तम समाधानों के बारे में जागरूकता फैलाते हैं, जिसमें संबंधित आहार और जीवन शैली में बदलाव शामिल हैं।
रोहतक। कठिन हालतो में भी साधारण से परिवार में जीवन यापन करने वाला व्यक्ति अपनी हिम्मत व जज्बें से विश्व में मुकाम हासिल करने वाले महेंद्रगढ़ के रहने वाले डॉ. जसवंत शर्मा को अमेरिका में किडनी के विश्व की तीसरी श्रेणी के चिकित्सक के रूप में जाना जाता है।
अमेरिका में नेफ्रोलॉजिस्ट के नाम से पहचान बनाने वाले डॉ. जसवंत शर्मा ने अपने इस उपलब्धि का श्रेय अपने माता-पिता एवं पैतृक नगर महेंद्रगढ़ को देते हुए कहा कि क्षेत्र की रज को नमन करके वे इस मुकाम पर पहुंचे है। डॉ. शर्मा विशेषकर हरियाणा के लोगों के स्वास्थ्य के प्रति समर्पित भाव से आगे बढ़ते रहे। अमेरिका जैसे राष्ट्र ने आखिरकार उनके टेलेंट को मान्यता देकर उन्हें वर्ष 2015 में गर्वनर इंपेक्ट अवॉर्ड से सम्मानित किया।
प्राथमिक शिक्षा महेंद्रगढ़ में ग्रहण की
महेंद्रगढ़ के रहने वाले दीनदयाल शर्मा के घर जन्में डॉ. जसवंत शर्मा की शुरुआती एजुकेशन महेंद्रगढ़ स्थित पाठशाला में हुई। स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के उपरांत अपने पिता की नौकरी के कारण माता-पिता के संग ग्वालियर चले गए, जहां उन्होंने प्री-मेडिकल की परीक्षा पास करने के बाद ग्वालियर मेडिकल से सितंबर 1970 में एमबीबीएस की डिग्री प्राप्त की। जिसके उपरांत आगामी पढ़ाई के लिए डॉ. जसवंत अमेरिका चले गए जहां पर उन्होंने एमडी की डिग्री प्राप्त करके डीएम की उपाधी ली। जिसके बाद डॉ. जसवंत अमेरिका में किडनी के जाने माने डॉक्टर के रूप में विख्यात हुए।
पिता को समर्पित सामजिक जीवन
डॉ. जसवंत शर्मा के पिता दीनदयाल शर्मा बिरला टेक्सटाइल मील ग्वालियर में काम करते थे। इस दौरान उनकी ग्लूकोमा की वजह से आंखे चली गई। तभी डॉ. जसवंत ने ठान लिया कि जैसे उनके पिता की आंखों की रोशनी चली गई उसी प्रकार किसी अन्य की आंखों की रोशनी ना चली जाए जिसके लिए उन्होंने शुरू-शुरू में आंखों के नि:शुल्क कैंप लगाने शुरू किए। महेंद्रगढ़ में अपनी दादी के नाम के एक चेरिटेबल अस्पताल गंगादेवी नेत्र चिकित्सालय के नाम से स्थापित किया। जहां दूर-दराज से लोग आंखों का इलाज करवाने आते हैं। इस संस्थान में मरीजों की सेवा के लिए आंखों के तीन सर्जन है। उनके द्वारा 50 बेड का नेत्रालय स्थापित किया हुआ है, जिसमें सफेद व काला मोतियाबिंद के आप्रेशन, ग्लूकोमा की जांच मशीन द्वारा, आंखों के बहरेपन का उपचार तथा आंखों के पर्दे की जांच व उपचार की सुविधा उपलब्ध है।
डॉ जसवंत को वाइट हाउस में भी सेवा का गौरव मिला
अमेरिका में स्थापित डॉ. जसवंत शर्मा को उनकी अंतरराष्ट्रीय विशिष्ट सेवाओं के लिए अमेरिका सरकार ने गवर्नर इंपेक्ट 2015 (पेंसिलवानिया अवॉर्ड) से सम्मानित किया। इसके साथ-साथ डॉ. जसवंत शर्मा ने अपने कार्यकाल के दौरान अमेरिका के वाइट हाउस में भी सेवाएं देने का गौरव प्राप्त किया। जहां किडनी के विशेषज्ञ के रूप में विश्व में तीसरा दर्जा हासिल करने पर अमेरिकी सरकार ने डॉ. जसवंत शर्मा को गवर्नर इंपैक्ट अवॉर्ड 2015 से सम्मानित किया।
शिक्षा के प्रति समर्पण
डॉ. जसवंत शर्मा ने छोटे-छोटे बच्चों को राष्ट्र की मुख्यधारा में शामिल करने के लिए राजकीय प्राथमिक पाठशाला मसानी को गोद लिया तथा विद्यालय के बच्चों के सर्वागींण विकास के लिए हर संभव मदद देने की घोषणा की। जिस स्कूल को गोद लिया है उसमें 98 विद्यार्थी वर्तमान में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं तथा 4 शिक्षक उन्हें पढ़ा रहे हैं। जिले की शिक्षा अधिकारी संतोष तंवर ने डॉ. शर्मा के शिक्षा के प्रति समर्पण का आभार प्रकट करते हुए कहा कि वे अपनी संस्कृति को नहीं भूले तथा गरीब विद्यार्थियों की प्रेरणा बनकर उभर कर आए हैं। डॉ. जसवंत शर्मा ने भारत की पहली आंखों की लेंस उत्पादन कंपनी इंटरनेशनल मेडिकल डिवाइसेस के नाम से हरियाणा के गुड़गांवा में स्थापित की। इसके उपरांत जब कुछ डिवाइसेस को भारत में बनाने में परेशानी आई तो उन्होंने अमेरिका के पिट्सवर्ड में सन 1997 में सीमा टेक्नोलॉजी के नाम से कंपनी स्थापित की।
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