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Tricky Interview Questions: नौकरी पाने के लिए कई उम्मीदवार लिखित एग्जाम तो क्लियर कर लेते हैं, लेकिन इंटरव्यू में पूछे गए सवाल उनके रास्ते की रुकावट बन जाते हैं. दरअसल, इंटरव्यू के दौरान कुछ ऐसे सवाल भी पूछ लिए जाते हैं, जिनसे हम वाकिफ तो होते हैं लेकिन हमारे दिमाग से उतर जाते हैं.X Tricky Interview Questions aajtak.in
Interview Questions: जब आप किसी नौकरी या प्रतियोगी परीक्षा के लिए इंटरव्यू देते हैं तो आस-पास की चीजों या घटनाओं से जुड़े कई ऐसे सवाल पूछे जाते हैं. जिनका जवाब हमें मालूम नहीं है. कई बार जॉब इंटरव्यू या किसी प्रतियोगिता परीक्षा में ऐसे सवाल आते हैं और जिनसे हम रूबरू तो होते हैं लेकिन सही जवाब नहीं पता होता. यहां हम कुछ ऐसे ही सवालों के बारे में बताएंगे जो अक्सर इंटरव्यू में पूछे जा सकते हैं. तो आइए जानते हैं इन सवालों के जवाब. सवाल: DJ की फुल फॉर्म
क्या होता है? सवाल: कौन सा जीव पैदा होने के 2 महीने तक सोता रहता है? सवाल: वह कौन सा जानवर (Animal) है, जो कभी पानी नहीं पीता? सवाल- कौन सा शहर मछली के आकार का है? सवाल- हिंदी में पासवर्ड को क्या कहते हैं? सवाल: शाहजहां ने सफेद ताजमहल ही क्यों बनाया? सवाल: कल्पना कीजिए कि आप एक जहाज में हैं और वह जहाज डूब रहा है तो आप कैसे बचेंगे? ये भी पढ़ें -
आजतक के नए ऐप से अपने फोन पर पाएं रियल टाइम अलर्ट और सभी खबरें डाउनलोड करें धरती पर मौजूद हर जीव की अपनी कुछ खास विशेषताएं हैं। आपको ये जानकर हैरानी होगी कि कई जीव ऐसे हैं, जो बिना कुछ खाए कई सालों तक जिंदा रह सकते हैं, तो वहीं कुछ जीव ऐसे हैं, जो लंबे समय तक बिना पानी पिए रह सकते हैं। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से एक ऐसे विचित्र जीव के बारे में बताएंगे, जो जिंदगीभर बिना पानी के जिंदा रह सकता है। दरअसल, 'कंगारू रैट' नामक ये जीव उत्तरी अमेरिका के रेगिस्तानों में मिलता है। इस जीव की टांगें और पूंछ आस्ट्रेलिया में पाए जाने वाले कंगारू से मिलती-जुलती है। कंगारू रैट के गालों के बाहर की ओर थैलियों होती हैं, जिसमें ये अपने खाने का सामान लाता है। इस जीव की थैली और हरकत के कारण कंगारू की तरह माना जाता है। इतना ही नहीं ये जीव कंगारू की तरह लंबी छलांग लगाने में भी माहिर है। कगारू रैट रेगिस्तानी जीवन का एक खास हिस्सा होता है। आपको बता दें कि ये जीव बिल्कुल पानी नहीं पीता है, लेकिन शरीर में पानी की मात्रा अधिक होने के कारण दूसरे जानवर इसे खा जाते हैं। कंगारू रैट भागने में भी काफी तेज होता है। ये सेकंड भर में 6 मीटर की दूरी पार कर लेता है। दुश्मनों से बचाव करते समय ये जीव खूब तेजी से भागता है। कंगारू रैट की पूंछ 20 सेमीमीटर की होती है और शरीर करीब 18 सेंटीमीटर, यानी पूरी लंबाई करीब 38 सेंटीमीटर होती है। इस जीव का आगे का पैर छोटा, सिर बड़ा और आंखें छोटी होती हैं। इस जीव के ऊपर के बाल पीले या भूरे होते हैं और नीचे के सफेद। कंगारू रैट के पैर शरीर के अन्य अंगों की तुलना में कहीं ज्यादा बड़े होते हैं। वैसे रेगिस्तान में तो कम पानी से जरूरत पूरा करने वाले जीव-जंतु और पेड़-पौधे बचे रहते हैं, लेकिन कंगारू रैट बिल्कुल पानी नहीं पीता है। ये अपनी पानी की जरूरत को रेगिस्तान में उगने वाले पेड़-पौधों की जड़ों को खाकर पूरी कर लेता है। इस जीव का गुर्दा इतना मजबूत और अच्छा होता है कि केवल नमी से ही शरीर के पानी की जरूरत को पूरा कर लेता है। ऐसा कौन सा जानवर है जो पानी नहीं पीता लेख मे हम आपको 10 पानी नहीं पिने वाले जानवर के बारे मे बताने जा रहे हैं।दोस्तों पानी के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है। हम इंसानों के लिए पानी बहुत अधिक जरूरी चीज होता है। एक इंसान सिर्फ 3 दिन तक बिना पानी पिए रह सकता है।लेकिन इस दुनिया के अंदर ऐसे भी जीव हैं। जिनको जिंदा रहने के लिए पानी की आवश्यकता ही नहीं होती है।कुछ जीव तो ऐसे हैं जो अपने पूरे जीवन काल के अंदर एक बार भी पानी नहीं पीते हैं। कंगारू रेट एक प्रकार का चूहा होता है जो अपने पूरे जीवन काल के अंदर कभी भी पानी नहीं पीता है।यह बीज और वनस्पति को खाता है और उसी की मदद से अपने शरीर के लिए आवश्यक पानी को प्राप्त करता है।
1. ऐसा कौन सा जानवर है जो पानी नहीं पीता MealwormsMealworms लार टेटल की एक प्रजाति के लार्वा रूप हैं । अन्य सभी कीटों की तरह यह भी 4 जीवन चरणों से गुजरता है।अंडा, लार्वा, प्यूपा और वयस्क आदि । लार्वा लगभग 2.5 सेमी या उससे अधिक लंबे हो सकते हैं, जबकि वयस्कों की लंबाई 1.25 और 1.8 सेमी के बीच होती है। इसके प्रजनन की बात करें तो यह 3 चरणों के अंदर पूरा होता है।इसमे पुरूष महिला का पीछा करते हैं और उसके अंदर एक शुक्राण पेकेज को इंजेक्ट करते हैं।उसके बाद मादा भूमी मे चली जाती है। वहां पर यह 500 अंडे देती है। 19 दिनों के बाद यह अंडे फूटते हैं और इसके बाद इनसे लार्वा निकलते हैं। यह वनस्पति को खाते हैं।उसके कुछ समय बाद यह प्यूपा बन जाते हैं। 30 दिन बात यह बीटल के अंदर बदल जाते हैं। इन जीवों की सबसे खास बात यह होती है कि इनमे एक क्रिप्टोन्फ्रिडियल होती है। यानि कुछ ऐसा सिस्टम होता है कि इनके गुर्दे नमी को अवशोषित कर लेते हैं और उसके बाद वापस उसे आंत के अंदर लौटा देते हैं। जिसके परिणाम स्वरूप यह एक ऐसे जानवर है जो पानी नहीं पीता है। 2.Arabian sand gazelleगज़ेल मूल की सीरियाई और अरेबियन रेगिस्तान की एक प्रजाति है। आज यह सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, ओमान और दक्षिण-पूर्वी तुर्की में छोटी, अलग-थलग आबादी में जंगली में जीवित है। कुवैत, इराक, जॉर्डन और सीरिया में भी छोटी संख्या में मौजूद हो सकते हैं। जब भोजन और पानी की कमी होती है तो यह गजल खुद को समायोजित कर लेते हैं।फिजियोलॉजिकल एंड बायोकैमिकल जूलॉजी के एक अंक के अंदर एक आकर्षक रिसर्च प्रकाशित हुआ था।यह जीव लिवर और दिल को सिकोड़ने की क्षमता रखता है।जिसकी वजह से गजल कम सांस लेता है और सांस के माध्यम से पानी की हानि को आसानी से रोका जा सकता है।रेगिस्तान के अंदर पानी की उपलब्धता मे कमी होती है। इस वजह से इन जीवों को केवल वनस्पति से मिलने वाले पानी के उपर ही निर्भर रहना पड़ता है। रिसर्चकताओं ने देखा कि गज़ेल्स इनक मस्तिष्क के अंदर अधिक मात्रा वसा थी जो पानी की कमी कि स्थिति मे बहुत उपयोगी साबित होती है।यहमस्तिष्क के चयापचय को सुरक्षित करने के लिए मस्तिष्क में वसा जमा हो सकती है। 3.Freshwater Fishआपको यह जानकर हैरानी हो सकती है कि जो मछली मीठे पानी के अंदर रहती हैं वे पानी को नहीं पीती हैं। मछली को जीवित रहने के लिए नमी की आवश्यकता होती है। लेकिन यह नमी वह अपने शरीर के द्वारा ही अवशोषित करती है। इसके अलावा जो मछली खारे पानी के अंदर रहती हैं। वे पानी पीती हैं। लेकिन उस पानी को बाहर निकालने के लिए उनमे विशेष अंग होते हैं।यह विशेष कोशिकाओं का उपयोग करके अतिरिक्त नमक को समाप्त करता है; अत्यधिक नमक मुख्य रूप से अत्यधिक केंद्रित मूत्र में उत्सर्जित होता है। 4.मेंढक पानी नहीं पीते हैंमेंढक पानी नहीं पीते हैं ।मेंढक की त्वचा बहुत ही खास प्रकार की होती है। वे अपनी इस त्वचा के माध्यम से ऑक्सीजन लेते हैं।कई बार मेंढक पानी को अवशोषित करते हैं और उसके बाद इस पानी से वे ऑकसीजन को अवशोषित कर लेते हैं। यानी पानी को आक्सीजन से अलग कर देते हैं।इसके अलावा मेंढक के शरीर से एक विशेष प्रकार का बलगम उत्सर्जित होता है , जो इनके शरीर को नम रखने मे मदद करता है। मेंढक की त्वचा काफी अधिक कठोर होती है। मतलब की यह जल्दी से सूखती नहीं है। कई बार आपने ऐसे मेंढक भी देखें होंगे जो बहुत अधिक सूखे होने के बाद भी जिंदा होते हैं। आमतौर पर मेंढक पानी के आस पास ही रहते हैं। मेंढक वैसे पानी नहीं पीते हैं। जिस तरह से हम पानी पीते हैं। यह कई जीवों की तरह अपनी छिद्रवाली त्वचा से पानी का अवशोषण करते हैं।कुछ मेंढक के नीचे वाले हिस्से के अंदर कुछ छेद होते हैं। जिसकी मदद से वे अपने लिए जरूरती पानी को अवशोषित करते हैं।मेंढक ठीक उसी तरीके से काम करते हैं। जैसे कि ठंडे पानी की बोतल के उपर पानी जिम जाना ।वे पानी को अपनी त्वचा के माध्यम से अवशोषित करने के लिए घंटों ठंड के अंदर बैठे रहते हैं। 5.Tiger salamandersसैलामैंडर का जीवनकाल लगभग 12 से 15 साल तक का होता है।और इनकी लंबाई 6 से 8 इंच तक होती है।उनके सिर, शरीर, और पूंछ के पीछे के हिस्से में अलग-अलग रंग के निशान होते हैं। इन धब्बों का रंग भूरा पीला से हरा-पीला तक होता है, जबकि उनकी पीठ के बाकी हिस्से काले या गहरे भूरे रंग के होते हैं।यह भोजन के रूप मे छोटे कीड़े, मेंढक और कीड़े खाते हैं। सैलामैंडर भी कभी भी अपने मुंह से पानी नहीं पीते हैं। वरन वे जो शिकार करते हैं।उसी की नमी को अवशोषित कर लेते हैं। इसके अलावा नम वातावरण की नमी को भी वे अवशोषित करते हैं। 6.white-throated woodratसफेद गले वाला वुड्रैट (निओटोमा एल्बिजुला) परिवार क्रिकटाइडे में चूहे की एक प्रजाति होती है। यह चूहा मध्य मैक्सिको से संयुक्त राज्य अमेरिका में उटाह और कोलोराडो मे पाया जाता है।इसकी आंखे बड़ी होती हैं जो रात मे रस्ता देखने मे मदद करती हैं।और बड़े कान सुनने मे अच्छे होते हैं। यह अधिकतर पानी अपने आहार के माध्यम से प्राप्त करते हैं। इस वजह से यह पानी नहीं पीते हैं। और गर्मी के दौरान पानी की हानि को कम करने के लिए विशेष प्रकार के तरीके का प्रयोग करते हैं। जंगली में, पैकरेट्स बड़ी मात्रा में कांटेदार नाशपाती कैक्टस के साथ-साथ बीज, पत्ते और अन्य पौधों के फल खाते हैं।पैकराट घोसला भी बनाते हैं जोकि 4 फिट उंचे और 8 फिट चौड़े होते हैं।वे निंरतंर चमकिली चीजों से घोसला बनाने का प्रयास करते हैं। और इनके जीवन काल की बात करें तो यह कैद मे केवल 6 साल तक ही जीवित रहते हैं। 7.Desert-Dwelling Lizardsआपने कभी सोचा है कि रेगिस्तान के अंदर रहने वाली छिपकली किस तरह से पानी पीती है। जब यह सवाल कुछ लोगों ने पूछा तो किसी के पास कोई जवाब ही नहीं था। हालांकि वैज्ञानिक बताते हैं कि छिपकली पानी नहीं पीती है। कॉमन और उनकी टीम ने माउंट गिब्सन, पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया की टीम ने छ प्रकार की कांटेदार रेगिस्तानी छिपकलियों के बारे मे यह पता करने की कोशिश की कि वे पानी कहां से लाती हैं। यह जांच करने के लिए जब रिसर्चकर्ताओं ने छिपकली को नम पोखर के अंदर रखा तो छिपकली जल्दी से अपना मुंह छटपटाने लगी । दरसअल वह मुंह से पानी नहीं पी रही थी।उसकी त्वचा पैरों के आस पास बहुत सारी नलिकाएं बनी होती हैं जिसकी मदद से वह पानी की आपूर्ति करती है। हालांकि रेगिस्तान के अंदर रहने वाली छिपकली को तालाब नहीं मिल पाता है। ऐसी स्थिति के अंदर वे रेगिस्तान मे सुबह की ओस से पानी को अवशोषित करती हैं।वे अपनी त्वचा को सुपरहाइड्रोफिलिक बना लेती हैं। जिसके बाद वे तेजी से नम रेत से पानी को अवशोषित कर लेती हैं। 8.KoalasKoalas भी कभी एक ऐसा जानवर है जो कभी पानी नहीं पीता है।कोआला पर हाल ही मे जर्मनी मे हुए एक रिसर्च के अनुसार यह पानी पी सकते हैं। जब रिसर्च कर्ताओं ने इनके घरों के आस पास पानी रखा तो यह पानी पीते नजर आए । हालांकि यह कोई बाध्यता नहीं है। यह ऐसी जगहों पर जाना पसंद नहीं करते हैं। जहां पर इनको शिकारी नुकसान पहुंचा सकते हैं। यह रात के अंदर निलगिरी के पत्तों को खाते हैं और 20 घंटे तक सोते हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार का कोआला को पानी पीने की आवश्यकता तभी होती है। जब उनके द्वारा किये जाने वाले भोजन के अंदर पानी नहीं होता है।पूर्व शोध बताते हैं कि कोआला 55 से 65 प्रतिशत से कम पानी से युक्त पत्तों को खाना पसंद नहीं करते हैं। कोआलास ज्यादा चलते फिरते नहीं हैं। इसकी वजह से वे कम कैलोरी जलाते हैं और उन्हें पानी पीने की आवश्यकता ही नहीं होती है। 9.रेत की बिल्ली फेलिस मार्गारीटा हरिसोनीरेत की बिल्ली आमतौर पर कृन्तकों, कभी-कभी खरगोशों, पक्षियों, मकड़ियों, कीड़े और सरीसृपों को खाती हैं।इनके शिकारी जहरिले सांप भी हो सकते हैं।यह भी काफी लंबे समय तक बिना पानी पिये रह सकती हैं। इन बिल्ली के अंदर सुनने की क्षमता बहुत अधिक होती है। जिसकी वजह से यह शिकार की ध्वनी को सुनती हैं और उसके उपर हमला कर देती हैं।यह बिल्ली मुख्य रूप से अफ्रीका का सहारा रेगिस्तान, जो अल्जीरिया, नाइजर और मोरक्को से होकर गुजरता है; पूरे अरब प्रायद्वीप में; और तुर्कमेनिस्तान, ईरान, पाकिस्तान और अफगानिस्तान सहित मध्य एशिया के कुछ हिस्सों में पाई जाती हैं। यह बिल्ली रेगिस्तानी ईलाकों को अधिक पसंद करती हैं। जहां पर जमीन के अंदर शिकार को पकड़ने के लिए आसानी से खुदाई की जा सकती हो । पत्थरीली जमीन पर खुदाई करना बहुत अधिक मुश्किल होता है। कंगारू चूहा तो एक ऐसा जानवर है जो कभी पानी पीता ही नहीं है। यह भी रात के अंदर भोजन करने वाला प्राणी होता है। गर्मी के दौरान यह अपने बिल के अंदर सोया रहता है।और जब रात होती है तो बिल से बाहर निकलता है और भोजन की तलास करता है। कंगारू चूहे कालोनियों के अंदर रहते हैं। जिनमे यह अपना घर बनाकर रहते हैं। यहां पर वे खाने के लिए भी बीजों को एकत्रित करके रखते हैं। हालांकि यह चूहा अपनी जरूरत का पानी भोजन से लेता है। दिन के समय जब यह सोता है तो पानी की हानि को कम करने के लिए अपनी नाक को नम रखता है। इसके लिए यह नम जगह या किसी घास का प्रयोग करता है।हालांकि अब इस चूहे की प्रजाति को भी खतरा है। यह भी तेजी से विलुप्त होती जा रही है। ऐसा कौन सा जानवर है जो पानी नहीं पीता है ? लेख के अंदर हमने कुछ ऐसे जानवरों को जाना जो कभी पानी नहीं पीते हैं। हालांकि इसमे कुछ ऐसे जानवर हैं जैसे कंगारू रेट और लंबे कानों वाला चूहा व छिपकली कभी भी पानी नहीं पीते हैं। हालांकि जो बड़े जानवर हैं उनको कभी ना कभी पानी की आवश्यकता होती है। यह जानवर पानी पीते ही मर जाता है Kangaroo Rat information दो मुंह वाला सांप क्या खाता है ? two headed snake eating food कबूतर क्या खाते हैं ? kabutar ka bhojan kya hai ? चूहे पानी क्यों नहीं पीते?इसका जवाब है: हाँ चूहे पानी पीते हैं और उनके शरीर को पानी की जरुरत पड़ती है। हालाँकि की ये बहुत ही कम मात्रा में पानी पीते हैं क्योंकि इनके भोजन से ही इनके शरीर को पानी मिल जाता है। चूहा एक दिन में औसतन 3 से 10 ml पानी पीता है। पानी की मात्रा चूहे के शरीर पर निर्भर करता है।
क्या कंगारू पानी पीता है?हालांकि इसमे कुछ ऐसे जानवर हैं जैसे कंगारू रेट और लंबे कानों वाला चूहा व छिपकली कभी भी पानी नहीं पीते हैं।
कंगारू का भोजन क्या है?Kangaru kya khata hai? - कंगारू शाकाहारी होते हैं। वे घास, फूल, पत्ते आदि खाते हैं।
कंगारू के बच्चे कैसे होते हैं?बच्चे कंगारू का जन्म होता है अपनी माँ की योनि के माध्यम से, जैसा कि सभी अपरा स्तनधारियों के मामले में होता है। कंगारू की जन्म प्रक्रिया तेज होती है क्योंकि बिना किसी मदद के और सहज रूप से, नवजात शिशु ऊपर की ओर बढ़ता है योनि से माँ की थैली तक. यहीं से वह दूध पिलाना शुरू करने के लिए मां के निप्पल से चिपक जाता है।
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