कम फाइबर अनाज: जैसे दलिया, कॉर्नफ्लैक्स, चावल, चोकर सहित आटा, मल्टीग्रेन आटा आदि। Show कम फाइबर वाली सब्जियां: जैसे बीन स्प्राउट्स, गोभी, फूलगोभी, ककड़ी,मशरूम, प्याज, आलू, हरी मिर्च, मूली, टमाटर। इन्हें तब खाएं जब बीज और छिलके निकले हों। प्रोटीन युक्त आहारमछली, सोया, अंडे और टोफू आदि को अल्सरेटिव कोलाइटिस रोगी खा सकते हैं। घर के बने शेकआप घर पर बने शेक भी पी सकते हैं। अपने डॉक्टर या डाइटिशन से पूछें कि कौन से शेक आपके नुट्रिशन की जरूरतों को पूरा करते हैं। स्वस्थ जीवन के लिए आहार में सात्विक भोजन क्यों करें शामिल, जानिए इस वीडियो से: क्या न खाएं
और पढ़ें :Keto Diet: क्या है कीटो डायट प्लान और इसे कैसे करें फॉलो? अल्सरेटिव कोलाइटिस डाइट प्लानसबसे पहले सुबह उठ कर एक या दो गिलास पानी अवश्य पीएं नाश्ता (8 :30 AM) : नाश्ते में आप दलिया / पोहा/ 2 रोटी + उबली सब्जी/ स्प्राउट्स आदि ले सकते हैं। ध्यान रहे, रोटी या तो चोकर सहित आटे से या मल्टीग्रेन आटे से बनी हों। दिन का भोजन (12:30-01:30 PM) : 2 रोटियां + हरी सब्जी + दाल+ सलाद + लस्सी +चावल या खिचड़ी सांयकालीन भोजन (03:30 pm) : जूस / सूप/ छाछ/ कटे हुए फल/ नारियल पानी रात्रि का भोजन(7: 00 – 8:00 Pm): 2 रोटियां + सब्जी + दाल इन चीज़ों का रखें ध्यानअल्सरेटिव कोलाइटिस डाइट प्लान में ऐसा आवश्यक नहीं है कि आपको दिन में तीन बार ही खाना खाना है। आप 6 बार भी खा सकते हैं। बस ध्यान रखें कि आपका आहार संतुलित, सेहतमंद और कम मात्रा में हो। अधिक पानी पीएंदिन में जितना अधिक हो सके उतना पानी पीएं। अन्य सेहतमंद पेय पदार्थों का भी सेवन करें जैसे ताजा जूस, सूप, नारियल पानी, छाछ आदि। लेकिन, अल्कोहलिक पेय पीने से आपके डायरिया की समस्या बढ़ सकती है। इसके साथ ही कार्बोनेटेड पेय पदार्थ से लगातार गैस बनती है। ऐसे में इन चीज़ों से भी दूर रहें। सुबह के समय में 1 गिलास नारियल पानी पीने से भी अच्छे परिणाम मिलते हैं। तनाव से बचेहालांकि तनाव अल्सरेटिव कोलाइटिस का कारण नहीं है। लेकिन अगर रोगी को तनाव है तो इस रोग के लक्षण बदतर हो सकते हैं। इसलिए अल्सरेटिव कोलाइटिस डाइट प्लान का पालन करें और तनाव से दूर रहने की कोशिश करें। और पढ़ें: लो कैलोरी डाइट प्लान (Low Calorie Diet Plan) क्या होता है? व्यायामतनाव से बचने और इस रोग के लक्षणों को कम करने में व्यायाम आवश्यक है। इसके साथ ही इससे आपका पेट भी सही रहेगा। बाइकिंग, योग, स्विमिंग आदि से भी आपको लाभ होगा। जितनी हो सके उतनी शारीरिक गतिविधियां करें। इससे पसीना आएगा और आपकी पाचन क्रिया में सुधार होगा। अन्य उपाय
ग्रहणी / अल्सरेटिव कोलाइटिस(IBS) के लिए आहार दिनचर्या 1.प्रातः सुबह उठकर दन्तधावन (बिना कुल्ला किये) से पूर्व खाली पेट 1-2 गिलास गुनगुना पानी एवं नाश्ते से पूर्व पतंजलि आवंला व एलोवेरा स्वरस पियें | संतुलित योजना
पथ्य– (लेना है) अनाज: पुराना चावल, जौ, गेहूँ (चोकर रहित ) | दाले: मसूर, अरहर, मूंग दाल | फल एवं सब्जियां: केला, लौकी, तोरी, परवल, करेला, कददू, सिंघाड़ा, हरी मौसमी सब्जियां अन्य: दही, बिना मलाई के तक्र (छांछ), बकरी का दूध, तिल का तेल, मधु, धनिया, जीरा जीवन शैली: वमन, उपवास, बस्ती | योग प्राणायाम एवं ध्यान: भस्त्रिका, कपालभांति, बाह्यप्राणायाम, अनुलोम विलोम, भ्रामरी, उदगीथ, उज्जायी, प्रनव जप आसन: पश्चिमोत्तानासन, गोमुखासन, सर्वांगासन, कन्धरासन, पवनमुक्तासन अपथ्य– (नहीं लेना है) अनाज: नवीन चावल, मैदा, तला हुआ एवं कठिनाई से पचने वाला भोज्य पदार्थ | दाले: मटर, उड़द, राजमा, काबुली चना | फल एवं सब्जियां: टमाटर, बैंगन, भिण्डी, नीम्बू, बीज वाले फल, संतरा | अन्य: लहसुन, अदरक, सुपारी, सिरका, दूध, तला–भुना भोज्य पदार्थ, फास्टफूड, अचार, जंक फूड, कॉफी, मक्खन, चीज, दूध के बने पदार्थ, मांसाहार, गुड़, खट्टे पदार्थ, मिर्च, डिब्बा बंद भोजन | जीवन शैली: विरेचन, रात्रि जागरण, अत्यधिक मात्रा में जलपान, अधारणीय वेगो को रोकना, धूम्रपान, अत्यधिक व्यायाम | योग प्राणायाम एवं ध्यान– वैद्यानिर्देशानुसार आसन– वैद्यानिर्देशानुसार सलाह: यदि मरीज को चाय की आदत है तो इसके स्थान पर 1 कप पतंजलि दिव्य पेय ले सकते हैं | नियमित रूप से अपनाये : – (1) ध्यान एवं योग का अभ्यास प्रतिदिन करे (2) ताजा एवं हल्का गर्म भोजन अवश्य करे (3) भोजन धीरे धीरे शांत स्थान मे शांतिपूर्वक, सकारात्मक एवं खुश मन से करे (4) तीन से चार बार भोजन अवश्य करे (5) किसी भी समय का भोजन नहीं त्यागे एवं अत्यधिक भोजन से परहेज करे (6) हफ्ते मे एक बार उपवास करे (7) अमाशय का 1/3rd / 1/4th भाग रिक्त छोड़े (8) भोजन को अच्छी प्रकार से चबाकर एवं धीरे–धीरे खाये (9) भोजन लेने के पश्चात 3-5 मिनट टहले (10) सूर्यादय से पूर्व साथ जाग जाये [5:30 – 6:30 am] (11) प्रतिदिन दो बार दन्त धावन करे, प्रतिदिन जिव्हा निर्लेखन करे (12) भोजन लेने के पश्चात थोड़ा टहले एवं रात्रि मे सही समय पर नींद लें [9- 10 PM] और पढ़ें – फैटी लिवर के इलाज में छांछ से फायदा कोलाइटिस बीमारी में क्या परहेज करना चाहिए?कोलाइटिस के मरीजों को फाइबर से भरपूर चीजों को खाने से बचना चाहिए, क्योंकि यह उनके लिए हानिकारक हो सकती है। इसलिए वीट ब्रेड, पास्ता और अनाज की बजाय आप आटे का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा आप ब्राउन राइस और क्युनोवा भी खाने से बचें।
कोलाइटिस के मरीज को क्या खाना चाहिए?फूड आइटम जिनका आप आसानी से सेवन कर सकते है
मांस, मछली और मुर्गी: बिना फैट वाला मांस, त्वचा कम चिकन, मछली (मैकेरल, ट्राउट, सार्डिन, सामन, टूना)। दूध और दुग्ध उत्पाद: दही, दही, पनीर, चाक। नट और तेल: बादाम, अखरोट, पिस्ता, जैतून का तेल, वनस्पति तेल, सरसों का तेल।
आंतों की सूजन में कौन से फल खाएं?-हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो बढ़ते सूजन को कम करने के लिए डाइट में बेरीज, स्ट्रॉबेरी, ब्लैकबेरी (जामुन) आदि फलों को जरूर शामिल करें। इनमें एंटी-इंफ्लेमेटरी के गुण पाए जाते हैं, जो सूजन कम करने में सहायक होते हैं। साथ ही इन फलों में विटामिन-सी, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है।
कोलाइटिस ठीक होने में कितने दिन लगते हैं?आमतौर पर हल्के कोलाइटिस के मामलों में, बच्चों को ठीक होने में लगभग 3 से 4 दिन लग सकते हैं और वयस्कों के लिए लगभग एक सप्ताह का समय लग सकता है। हालांकि, गंभीर कोलाइटिस से पीड़ित रोगियों को इस स्थिति से उबरने में 3 से 4 सप्ताह का समय भी लग सकता है।
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