ना खाएं तामसिक भोजन
लाल किताब के अनुसार, शनिवार को मांस-मछली का सेवन करने से शनि अत्यधिक क्रूर होकर अशुभ फल देते हैं। खासतौर पर जिन लोगों के जीवन में शनि की दशा, ढैय्या और साढ़ेसाती चल रही हो, उन्हें ऐसा करने से बचना चाहिए।इसलिए शनिवार को रखें मसूर से परहेज
शनिवार को मसूर की दाल खाने से बचना चाहिए, ऐसा ज्योतिषशास्त्र में कहा गया है। इसका कारण यह है कि मसूर दाल का संबंध मंगल ग्रह से होता है क्योंकि यह लाल रंग का खाद्य पदार्थ है। मंगल और शनि ग्रह हैं और दोनों का स्वभाव क्रोधी है। ऐसे में शनिवार को मसूर दाल खाने से व्यक्ति के स्वभाव में क्रोध और विरोध की बढ़ोतरी हो सकती है।
लाल मिर्च न खाने की वजह
कहा जाता है कि शनिवार को लाल मिर्च का सेवन भी नहीं करना चाहिए। इसका पहला कारण लाल रंग के कारण मंगल ग्रह से संबंध और इसकी तासीर है। तीखापन शनि को पसंद नहीं है, वह शीतल पदार्थों को पसंद करते हैं। इसलिए शनि के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए लाल मिर्च का सेवन नहीं करना चाहिए।
दूध पीने का तरीका
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, शनिवार को सादा दूध पीने से बचना चाहिए और अगर दूध पीना है तो इसमें केसर, हल्दी या गुड़ मिलाकर पीना चाहिए। सादा दूध न पीने का कारण दूध का संबंध शुक्र ग्रह से होना बताया गया है। शुक्र ग्रह यौन इच्छाओं का कारक ग्रह है और शनि ग्रह अध्यात्म बढ़ानेवाले। ऐसे में विरोधी प्रकृति से बचने के लिए शनिवार को सादे दूध का सेवन न करने के लिए कहा जाता है।दही का सेवन करते समय
दही के सफेद रंग और दूध से निर्मित होने के कारण इसका संबंध भी शुक्र ग्रह से माना जाता है। इसलिए अगर शनिवार को दही खानी ही है तो इसमें पिसा हुआ धनिया, पुदीना, गुड़ या केसर मिलाकर खा सकते हैं।मदिरा से करना चाहिए परहेज
मदिरा को राक्षसों का पेय पदार्थ माना गया है। इसके सेवन के बाद व्यक्ति की बुद्धि भ्रष्ट और भ्रमित हो जाती है। शनि शांत और अध्यात्मिक व्यवहार को पसंद करते हैं। यदि शनि की दशा के दौरान शराब का सेवन किया जाए तो जीवन में धन, मान-सम्मान और जीवन हानि का खतरा बढ़ जाता है।खट्टा और अचार
शनिवार को अचार, खट्टी और कसैली वस्तुओं के सेवन से परहेज रखना चाहिए। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार इनसे शनि का अशुभ प्रभाव पड़ता जो सेहत के लिए अच्छा नहीं होता है। शनिवार और शनि की दशा में तैलीय चीजों का सेवन ज्योतिष की दृष्टि से शुभ माना जाता है। हिंदू धर्म में सप्ताह का हर दिन किसी देवता को समर्पित किया जाता है। इसी तरह से मंगलवार का दिन हनुमान को समर्पित किया गया है। इस दिन राम भक्त हनुमान का पूजन किया जाता है और उनका व्रत किया जाता है। भगवान राम के परम भक्त हनुमान सभी के कष्टों को खत्म कर देते हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार माना जाता है कि हिंदू धर्म के लोगों को मंगलवार के दिन मांस के सेवन से बचना चाहिए। ऐसा नहीं है कि सिर्फ मंगलवार के दिन ही मांस का सेवन नहीं किया जाता। शास्त्रों के अनुसार मंगलवार के साथ गुरुवार और शनिवार को भी पवित्र दिन माना जाता है। इन दिनों में मांस का सेवन नहीं करने की सलाह दी जाती है।
पौराणिक मान्यताओं अनुसार देवी-देवताओं को समर्पित सप्ताह के इन दिनों को बहुत पवित्र माना जाता है। एक पौराणिक कथा के अनुसार माना जाता है कि ब्राह्मण चाहते थे कि सभी लोग शुद्ध शाकाहार का सेवन करें। अपनी इस इच्छा को मनवाने के लिए उन्होनें सभी देवताओं की कथा सुनाई। इसके बाद लोगों ने अपने चुनाव से कहा कि वो जिस देवता का पूजन करते हैं उस दिन मांस का सेवन नहीं करेंगे। मंगलवार को कई लोग हनुमान का पूजन करते हैं इस कारण मांस का सेवन नहीं करते हैं।
एक कथा के अनुसार माना जाता है कि लोग अपने आप पर नियंत्रण पाना चाहते थे, इस कारण मांस के सेवन को सीमित कर दिया। इसे देवी-देवताओं से जोड़कर पवित्र दिन के रुप में जोड़ दिया गया। हर कोई अपने अनुसार इष्ट का पूजन करता है और अपने इष्ट को सर्वोपरि सिद्ध करने के लिए सप्ताह का एक दिन उनकी पूजा करते हैं और मांस-मदिरा का सेवन करने से बचते हैं।
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कौन सा दिन मीट मछली नहीं खाना चाहिए?
ना खाएं तामसिक भोजन
लाल किताब के अनुसार, शनिवार को मांस-मछली का सेवन करने से शनि अत्यधिक क्रूर होकर अशुभ फल देते हैं। खासतौर पर जिन लोगों के जीवन में शनि की दशा, ढैय्या और साढ़ेसाती चल रही हो, उन्हें ऐसा करने से बचना चाहिए।
गुरुवार को मीट मछली क्यों नहीं खाना चाहिए?
गुरुवार को भगवान विष्णु और बृहस्पति की होती है पूजा
गुरुवार को घर या बाहर कहीं भी मांस का सेवन नहीं करना चाहिए। पीली वस्तुओं का दान करने से भगवान बृहस्पति प्रसन्न होते हैं और गुरु की दशा का प्रभाव भी कम होता है।
नॉनवेज कब नहीं खाना चाहिए?
वैसे तो कभी भी नहीं खाना चाहिए। पर आपको दिन छोड़ना है तो मंगल, गुरु और शनि के दिन न खाएं।
मांस कब नहीं खाना चाहिए?
इसके अलावा स्कंद पुराण में यह भी बताया गया है कि यदि भूख से किसी प्राणी की मृत्यु होने को हो तो भी उसे मांस नहीं खाना चाहिए।