हेलो दोस्तों हमारे पास एक प्रश्न है कि एक उत्तल दर्पण किसी वास्तविक वस्तु का वास्तविक प्रतिबिंब यानी की रियल इमेज बना सकता है तो यह पहले हम एक चित्र के माध्यम से समझते हैं कि उत्तल दर्पण द्वारा जो प्रतिबिंब बनता है वह आखिर किस प्रकार का होता है चित्र में उत्तल दर्पण द्वारा प्रतिबिंब का बनना पड़ता है क्या जैसे कि हमें इस चित्र में पता चल रहा है या कोई उत्तल दर्पण है मलिक जी एम और अन्य जो होगा उत्तल दर्पण होगा इस उत्तल दर्पण का फोकस पियूष उत्तल दर्पण का ध्रुवों का और सी एस उत्तल दर्पण का प्रकाश केंद्र वक्रता केंद्र होगा तो प्रश्न पूछा क्या एक उत्तल दर्पण द्वारा किसी वस्तु का वास्तविक प्रतिबिंब बन सकता है तो जैसे के क्षेत्र में हमें पता चल रहा है कि उत्तल दर्पण द्वारा किसी वस्तु का जो प्रतिदिन बने और दर्पण के पीछे यानी कि एक प्रकार का काल्पनिक और आभासी प्रतिबिंब बनता हुआ प्रतीत हो रहा है जोकि फोकस पर बराबर है यानी कि माली जी आनंद से कोई प्रकाश किरण दर्पण की और आप की पूरी
और आपकी तो होने के पश्चात वह दर्पण से टकराकर परिवर्तित हो जाती है यानी कि यह किरण जी होगी आपस में फैल जाएगी लेकिन जब भी फैली हुई किरण को पीछे की और हम दर्पण की और बढ़ाएंगे तो हमें इसका जो आनंद से आते भी प्रकार का जो प्रतिबिंब बनते ही वह दिखाई देगा मैंने किसी वस्तु से आनंद से आती प्रकाश का जो प्रतिबिंब होगा वह फोकस पर हमें बनता वह दिखाई देगा तो इस स्थिति में हम जान सके कि उत्तल दर्पण द्वारा जो प्रतिबिंब होता है चाहे वह बस तू कहीं पर भी रखी हो तो उसका प्रतिबिंब हमेशा पीछे की ओर यानी कि कल पानी की आभासी बनेगा और हमेशा वस्तु से छोटा वजीरा बनता है इसी प्रकार अगर वस्तु को फीवर है आप के मध्य भी अगर हम रख देते तो जो प्रति भी हमें प्राप्त होता वह दर्पण के पीछे अपनी वाइफ के मध्य ही प्राप्त होता फिर से स्पष्ट है कि किसी उत्तल दर्पण द्वारा बना प्रतिबिंब होता है वह हमेशा दर्पण के पीछे यानी कि आभासी बनता है आभासी बनता है
सीधा बनता है वह वस्तु से छोटा बनता है मतलब यह है कि उत्तल दर्पण द्वारा हम किसी वस्तु का वास्तविक प्रतिबिंब प्राप्त नहीं कर सकते श्री पर शिवम आभासी प्रतिबिंब प्राप्त कर सकते हैं धन्यवाद