वीर्य पुरुषों में प्रजनन के लिए आवश्यक है. इसके बिना संतान की उत्पत्ति संभव नहीं है. लेकिन अब सवाल ये है कि आखिर वीर्य बनता कैसे है? इसके बनने की प्रक्रिया क्या है? तो इस सवाल के जवाब में ये कहा जा सकता है कि वीर्य पुरुषों के अंडकोष और अंग के मार्ग में मौजूद प्रोस्टेट, सैमाइनल वैसिकल और यूरेथल नामक ग्रंथियों में से निकलने वाले रसों से निर्मित होता है. वीर्य में तकरीबन 60 फीसदी सैमाइनल वैसिकल, 30 फीसदी प्रोस्ट्रैट ग्रंथि का रिसाव और केवल 10 फीसदी अंडकोष में बने शुक्राणु यानी वीर्य की मौजूदगी होती है. ये वीर्य इसी वीर्य में तैरते रहते हैं. पुरुष जनांग के नीचे लटकने वाले अंडकोष यानी शुक्राशय में शुक्राणु निर्मित होते हैं. इसका कारण ये है कि शुक्राणु बनने के लिए शरीर से कुछ कम तापमान की आवश्यकता होती होती है.
आइए इस लेख के माध्यम से हम ये जानें कि वीर्य कैसे बंनता है या इसके बनने की प्रक्रिया क्या है ताकि इस विषय में लोगों की जानकारी बढ़ सके.
किस उम्र में वीर्य बनना शुरू होता है? - Virya Kab Banna Shuru Hota Hai
अब तक आपने ये तो समझ ही लिया होगा कि शुक्राणु कैसे बनते हैं. अब हम आपको ये बताने जा रहे हैं कि किशोवस्था तक शुक्राशय में शुक्राणुओं का निर्माण शुरू नहीं होता है. इसकी शुरुवात लगभग 11 से 13 साल के बीच ही होती है है और 17-18 साल तक इसकी प्रक्रिया में तेजी आ जाती है. अंडकोष से निकलकर शुक्राणु इसके ऊपरी हिस्से में तकरीबन एक महीने तक सक्रिय रहते हुए इकट्ठा रह सकते हैं. जहां तक बात है शुक्राणुओं के बनने के पूरी प्रक्रिया की तो इसमें करीब 72 दिन का समय लग जाता है. यानि कि ये शुक्राणु किशोरवस्था से बनना शुरू होकर जिंदगीभर बनते रहते हैं. शुक्राणुओं के निर्माण में हमारे मस्तिष्क के पिट्यूटरी ग्रंथि, एफएसएच हार्मोन व टैस्टीज से निकले टैस्ट्रोस्ट्रान हार्मोन आदि की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. इसलिए इन हार्मोन्स की कमी होने पर शुक्राणु नहीं बन पाते हैं.
शुक्राणुओं के बनने की प्रक्रिया - Virya Banane Mein Kitna Samay Lagta Hai
पुरुषों का शरीर लाखों सूक्ष्म शुक्राणुओं का उत्पादन करने के लिए लगभग निरंतर ही काम पर लगा रहता है. स्पष्ट है कि हर शुक्राणु का एकमात्र उद्देश्य डिंब की ओर तैरकर आना और उसमें मिल जाना होता है. यदि शुक्राणुओं के बनने की शुरुआत से अंत तक का समय देखें तो एक नई शुक्राणु कोशिका के निर्मित होने में करीब 2-3 महीनों का समय लग जाता है. यहाँ ये भी जान लेना आवश्यक है कि एक औसत शुक्राणु का औसत उम्र पुरुषों के शरीर में केवल कुछ ही हफ्तों का होता है. बता दें कि प्रत्येक वीर्यपात के साथ कम से कम चार करोड़ शुक्राणु बाहर आते हैं. महिलाओं में ओव्यूलेशन को नियंत्रित करने वाले हॉर्मोन ही पुरुषों में टेस्टोस्टीरोन के निर्माण की प्रक्रिया को उत्तेजित करते हैं. पुरुषों में शुक्राणुओं के उत्पादन के लिए टेस्टोस्टीरोन हॉर्मोन ही जिम्मेदार होता है. शुक्राणुओं का उत्पादन की शुरुवात वीर्यकोष में ही प्रारंभ होता है. वीर्यकोष, लिंग के नीचे अंडकोषीय थैली में दो ग्रंथियां होती हैं. वीर्यकोष शरीर के बाहर लटके होते हैं, क्योंकि ये तापमान के प्रति काफी संवेदनशील होते हैं. कुशलतापूर्वक स्वस्थ शुक्राणुओं के उत्पादन के लिए इनका 34 डिग्री सेल्सियस के तापमान में रहना जरुरी है. यह शरीर के सामान्य तापमान से करीब चार डिग्री अधिक ठंडा होता है.
वीर्य की भूमिका - Virya Ki Bhumika
शुक्राणु के निर्मित हो जाने के बाद यह दोनों वीर्यकोषों के अधिवृषण में इकट्ठा हो जाता है. आपको बता दें कि अधिवृषण एक छह मीटर लंबी लच्छेदार नलिका होती है. वीर्य के निकलने से ठीक पहले शुक्राणु ऊपर की तरफ आकर वीर्य में मिल जाते हैं. हलांकी वीर्य में शुक्राणुओं की संख्या लाखों में होती है लेकिन प्रत्येक वीर्यपात में केवल एक शुक्राणु ही हर अंडे को निषेचित कर सकता है. शुक्राणु की भूमिका आपके शिशु के लिंग निर्धारण की निर्भरता इस बात पर होता है कि आपका कौन सा शुक्राणु पहले डिंब से मिलता है. वाई (Y) गुणसूत्र वाले शुक्राणु से बेटे का जन्म होगा और एक्स (X) गुणसूत्र वाले शुक्राणु से बेटी का जन्म होता है. ऐसे बहुत से मिथक प्रचलित हैं, जो बताते हैं कि बेटा या बेटी पाने के लिए गर्भाधान कैसे किया जाए.
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फूड डेस्क। मर्दों में स्पर्म काउंट कम होने से उनकी फर्टिलिटी पर असर पड़ता है। ब्रिटिश न्यूट्रिशनिस्ट इजाबेला ओबर्ट के मुताबिक मर्दों में स्पर्म की क्वांटिटी के अलावा क्वालिटी भी काफी इम्पोर्टेंट होती है। हम बता रहे हैं ऐसे 10 फूड्स के बारे में जिन्हें रेग्युलर लेने पर मर्दों का स्पर्म काउंट बढ़ेगा जिससे उनकी फर्टिलिटी अच्छी होगी। इन फूड्स को खाने से स्पर्म की क्वांटिटी, क्वालिटी के अलावा शेप और साइज भी अच्छा होगा जिससे आने वाली संतान भी हेल्दी होगी।
फर्टिलिटी बढ़ाने के लिए क्या खाएं?
1. अनार-
- तुर्की में की गई रिसर्च के मुताबिक अनार का जूस स्पर्म काउंट और क्वालिटी बढ़ाता है।
- रोज एक गिलास अनार का जूस पीने से मेल फर्टिलिटी में बढ़ोत्तरी होती है।
2. कद्दू के बीज-
- इसमें मौजूद जिंक और ओमेगा 3 फैटी एसिड मेल ऑर्गन्स में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाते हैं।
- रोज एक मुट्ठी कद्दू के बीज खाने से टेस्टोस्टेरोन और स्पर्म काउंट बढ़ता है।
3. टमाटर-
- इसमें मौजूद लाइकोपिन स्पर्म काउंट, क्वालिटी और स्ट्रक्चर को बेहतर करता है।
- टमाटर को ऑलिव ऑयल में पकाकर खाने से काफी फायदा होता है।
4. अखरोट-
- इसमें मौजूद ओमेगा 3 फैटी एसिड्स मेल ऑर्गन्स में ब्लड फ्लो बढ़ाने में हेल्पफुल है।
- रोज एक मुट्ठी (75 ग्राम) अखरोट खाने से स्पर्म की संख्या और आकार बेहतर होता है।
5. डार्क चॉकलेट-
- इसमें मौजूद एल- अरजिनाइन नामक एमिनो एसिड स्पर्म का वॉल्यूम और क्वालिटी बढ़ाता है।
- चॉकलेट जितनी डार्क होगी स्पर्म काउंट बढ़ाने में उतनी ही फायदेमंद होगी।
6. अंडे-
- प्रोटीन और विटामिन E से भरपूर अंडे हेल्दी और स्ट्रॉंग स्पर्म के प्रोडक्शन में हेल्पफुल हैं।
- रोज नाश्ते में दो अंडे खाने से नुकसानदायक फ्री रेडिकल्स से बचाव होता है।
7. केले-
- इसमें मौजूद ब्रोमिलेन नामक एंजाइम और विटामिन B स्टेमिना, एनर्जी और स्पर्म काउंट बढ़ाते हैं।
- रोज सुबह-शाम एक केला खाने से ताकत मिलती है।
8. लहसुन-
- इसमें मौजूद एलिसिन नामक कम्पाउंड मेल ऑर्गन में ब्लड फ्लो बढ़ाता है।
- रोज सुबह लहसुन की 3-4 कलियां चबाकर खाने से सीमेन वॉल्यूम बढ़ता है।
9. गाजर-
- इसमें मौजूद विटामिन A स्पर्म का प्रोडक्शन बढ़ाने में हेल्पफुल है।
- रोज सलाद में गाजर खाने या गाजर का जूस पीने से फर्टिलिटी बढ़ती है।
10. पालक-
- इसमें काफी मात्रा में फॉलिक एसिड होता है। ये स्पर्म की क्वालिटी और शेप बेहतर करता है।
- रोज खाने में पालक लेने और उसका जूस पीने से फर्टिलिटी बढ़ती है।
(Expert : डॉ. शक्ति सिंह परिहार, एम्स भोपाल)
(सोर्स : सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन यूएसए, हार्वर्ड मेडिकल स्कूल और healthista की स्टडी )
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(दाढ़ी मूंछ के बालों को काला रखने के लिए क्या करें, जानने के लिए क्लिक करें आखिरी स्लाइड पर)