खानपान की मिश्रित संस्कृति से लेखक का क्या मतलब है? अपने घर के उदाहरण देकर इसकी व्याख्या करें?
यहाँ मिश्रित संस्कृति से लेखक का तात्पर्य विभिन्न प्रांतो व देशों के व्यंजनों के अलग-अलग प्रकारो का मिला जुला रूप है। उदाहरण के लिए आज एक ही घर में हमें दक्षिण भारतीय, उत्तर भारतीय व विदेशी व्यंजनों का मिश्रित रूप खाने में मिल जाता है। जैसे - कभी ब्रेड तो कभी पराठे, कभी सांभर-डोसा तो कभी राजमा जैसे व्यंजन।यह खान पान की मिश्रित संस्कृति का रूप है।
Concept: गद्य (Prose) (Class 7)
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खानपान की मिश्रित संस्कृति से लेखक का क्या मतलब है अपने घर के उडान देकर इसकी व्यख्या करें?
अपने घर के उदाहरण देकर इसकी व्याख्या करें। उत्तर:- खानपान की मिश्रित संस्कृति से लेखक का तात्पर्य सभी प्रदेशों के खान-पान के मिश्रित रूप से है। यहाँ पर लेखक यह कहना चाहते हैं कि आज एक ही घर में हमें कई प्रान्तों के खाने देखने के लिए मिल जाते हैं।
मिश्रित खाद्य संस्कृति का क्या अर्थ है?
अपने घर के उदाहरण देकर इसकी व्याख्या करें | उत्तर- खान-पान की मिश्रित संस्कृति से लेखक का मतलब है- अनेक प्रकार के व्यंजनों का प्रयोग | जैसे हम अपने घर में इडली, डोसा, समोसा, नूडल्स, रोटी, दाल, साग आदि अनेक प्रकार के व्यंजनों को बनाकर उनका प्रयोग करते हैं| ये व्यंजन उत्तर, दक्षिण, अनेक देश-प्रदेश तथा पश्चिमी संस्कृति से ...
खान पान की मिश्रित संस्कृति क्या है * 1 Point?
Answer: खानपान की मिश्रित संस्कृति में हम कई चीज़ों का असली स्वाद नहीं ले पाते क्योंकि एक ही बार में ढेरों चीजें परोस दी जाती हैं। अलग-अलग रूप में किसी का भी स्वाद नहीं लिया जाता।
खानपान के मामले में स्थानीयता का क्या अर्थ अर्थ ै?
Answer: खानपान के मामले में स्थानीयता का अर्थ है कि वे व्यंजन जो स्थानीय आधार पर बनते थे। जैसे मुम्बई की पाव-भाजी, दिल्ली के छोले-कुलचे, मथुरा के पेड़े व आगरे के पेठे-नमकीन तो कहीं किसी प्रदेश की जलेबियाँ, पूड़ी और कचौड़ी आदि स्थानीय व्यंजनों का अत्यधिक चलन था और अपना अलग महत्त्व भी था।