लद्दाख कौन से राज्य में आता है? - laddaakh kaun se raajy mein aata hai?

जम्मू-कश्मीर से अलग हुआ लद्दाख अब होगा केंद्र शासित प्रदेश

जम्मू-कश्मीर से अलग हुआ लद्दाख अब होगा केंद्र शासित प्रदेश

नरेंद्र मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन विधेयक को पेश किया है. इसके तहत जम्मू-कश्मीर से लद्दाख को अलग कर दिया गया है. लद्दाख को बिना विधानसभा केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया है. अमित शाह की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि लद्दाख के लोगों की लंबे समय से मांग रही है कि लद्दाख को केंद्र शासित राज्य का दर्ज दिया जाए, ताकि यहां रहने वाले लोग अपने लक्ष्यों को हासिल कर सकें. रिपोर्ट के मुताबिक जम्मू-कश्मीर को अलग से केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया है. जम्मू-कश्मीर राज्य में विधानसभा होगी.

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  • देश के नक्शे में अब कुल 28 राज्य
  • केंद्र शासित प्रदेशों की संख्या 9

जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के अलग केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद भारत सरकार ने शनिवार को देश का नया मानचित्र जारी किया है. जिसमें 28 राज्यों और नौ केंद्र शासित प्रदेशों को दर्शाया गया है. इस नक्शे में पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के हिस्सों को कश्मीर क्षेत्र में दर्शाया गया है.

नक्शे में पीओके के तीन जिले शामिल

नए जारी किए नक्शे में जम्मू-कश्मीर के पूर्ववर्ती राज्य के विभाजन को दर्शाया गया है. इसमें पीओके के तीन जिलों मुजफ्फराबाद, पंच और मीरपुर को शामिल किया गया है. लद्दाख में दो जिले कारगिल और लेह शामिल हैं, जबकि जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश में 20 जिले शामिल किए गए हैं.

एक गजट अधिसूचना में सरकार ने कारगिल के वर्तमान क्षेत्र को छोड़कर लेह जिले के क्षेत्रों गिलगिट, गिलगित वजारत, चिलास, जनजातीय क्षेत्र, लेह और लद्दाख को भी कंपाइल किया है. इस आदेश को जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन आदेश-2019 कहा गया है.

जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश में 20 जिले शामिल

जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश के मानचित्र में 20 जिले शामिल हैं, जिसमें मुजफ्फराबाद, मीरपुर और पुंछ के वे क्षेत्र शामिल हैं, जो पीओके के अधीन हैं. 1947 में जम्मू-कश्मीर राज्य में 14 जिले थे. इनमें कठुआ, जम्मू, उधमपुर, रियासी, अनंतनाग, बारामूला, पुंछ, मीरपुर, मुजफ्फराबाद, लेह और लद्दाख, गिलगित, गिलगित वजरात, चिल्हास और जनजातीय क्षेत्र शामिल थे.

बता दें कि संसद की सिफारिश पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अगस्त महीने में भारतीय संविधान से अनुच्छेद-370 को प्रभावी रूप से खत्म कर दिया था. जिसके बाद जम्मू-कश्मीर 31 अक्टूबर को एक राज्य के रूप में अस्तित्व में नहीं रह गया और आधिकारिक तौर पर दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू एवं कश्मीर और लद्दाख में विभाजित हो गया.

नए जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का आगाज

गौरतलब है कि दोनों केंद्र शासित प्रदेश 31 अक्टूबर को आधी रात से अस्तित्व में आ गए. जम्मू-कश्मीर के पहले उपराज्यपाल जीसी मुर्मू और आरके माथुर लद्दाख के प्रथम उपराज्यपाल बने हैं.

चर्चा में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख: आइए जानते हैं इसका इतिहास और राजनीतिक घटनाक्रम

सार

अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 के खत्म होने के साथ अनुच्छेद 35-ए भी खत्म हो गया था। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को दो अलग केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया था। इसके बाद जम्मू कश्मीर के राजनेताओं ने अपना एक गठबंधन बनाया जिसका नाम गुपकार रखा गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू कश्मीर के नेताओं को बातचीत के लिए बुलाया है।
इस बातचीत का क्या निष्कर्ष निकलेगा यह तो समय बताएगा, लेकिन तब तक हम आपको देश के इस हिस्से के इतिहास के बारे में कुछ रोचक और महत्वपूर्ण जानकारियां दे रहे हैं।

कैसा है जम्मू-कश्मीर-लद्दाख का इतिहास - फोटो : अमर उजाला

विस्तार

राज्य का इतिहास: माना जाता है कि कश्मीर का नाम कश्यप ऋषि के नाम पर पड़ा था। कश्मीर के सभी मूल निवासी हिंदू थे। कश्मीरी पंडितों की संस्कृति लगभग 6000 साल पुरानी है और वे ही कश्मीर के मूल निवासी माने जाते हैं। 14वीं शताब्दी में तुर्किस्तान से आए एक क्रूर मंगोल मुस्लिम आतंकी दुलुचा ने 60,000 लोगों की सेना के साथ कश्मीर पर आक्रमण किया और कश्मीर में धर्मांतरण करके मुस्लिम साम्राज्य की स्थापना की थी।

दुलुचा ने नगरों और गांवों को नष्ट कर दिया और हजारों हिंदुओं का नरसंहार किया। हजारों हिंदुओं को जबरदस्ती मुस्लिम बनाया गया। सैकड़ों हिंदू जो इस्लाम कबूल नहीं करना चाहते थे, उन्होंने आत्महत्या कर ली थी। कई वहां से जान बचाकर निकल गए थे। जम्मू, कश्मीर और लद्दाख पहले हिंदू शासकों और फिर बाद में मुस्लिम सुल्तानों के अधीन रहा।

बाद में यह राज्य अकबर के शासन में मुगल साम्राज्य का हिस्सा बन गया। वर्ष 1756 से अफगान शासन के बाद वर्ष 1819 में यह राज्य पंजाब के सिख साम्राज्य के अधीन हो गया। वर्ष 1846 में रंजीत सिंह ने जम्मू क्षेत्र महाराजा गुलाब सिंह को सौंप दिया।

कश्मीर की बात तो सभी कभी करते हैं पर इसके इतिहास के बारे में बहुत कम लोग चर्चा करते हैं। भौगोलिक स्थिति की दृष्टि से जम्मू कश्मीर में पांच समूह हैं। इनका आपस में कोई संबंध नहीं है। डोगरा राजवंश के इन पांच भौगोलिक हिस्सों का एक राज्य में बने रहना एकता की पहचान थी। जबकि इन अलग-अलग पांचों हिस्सों में भाषा, संस्कृति बिलकुल अलग है। आइए आज हम आपको इस राज्य के इतिहास से रूबरू कराते हैं।

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लद्दाख भारत के कौन से राज्य में है?

लद्दाख जम्मू कश्मीर राज्य के पूर्व में स्थित एक ऊंचा पठार है जिसका अधिकतर हिस्सा 3000 मीटर (9800 फीट) से ऊंचा है।

लद्दाख की राजधानी का क्या नाम है?

लद्दाख की राजधानी और प्रमुख नगर लेह है, जिसके उत्तर में कराकोरम पर्वत और दर्रा है

लद्दाख में कौन कौन से जिले आते हैं?

दो जिलें। लद्दाख में कारगिल और लेह यह दो जिले है। कुल क्षेत्रफल 59,146 वर्ग किलोमीटर है। लद्दाख में 2 जिले है | लद्दाख एक केंद्र शासित प्रदेश है जिसका क्षेत्रफल 97,776 वर्ग किलोमीटर है।

लद्दाखी में कितने जिले हैं?

जम्मू-कश्मीर का नक्शा बदला; करगिल अब लद्दाख के हिस्से में, जम्मू-कश्मीर के हिस्से में 20 जिले

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