Biography of Mangal Pandey in Hindi: भारतीय इतिहास में ऐसे बहुत से बड़े-बड़े क्रांतिकारी पैदा हुए हैं, जिन्होंने भारत को आजाद कराने के लिए अपने प्राण तक की भी चिंता नहीं की। आप सभी लोग भारतीय इतिहास के बहुत से बड़े-बड़े क्रांतिकारियों के बारे में तो जानते ही होंगे, ऐसे में आपके मन में कई बार यह ख्याल तो आया ही होगा कि पूरे भारतवर्ष के सबसे पहले स्वतंत्रता सेनानी कौन थे? Show
आज हम अपने इस महत्वपूर्ण बायोग्राफी के माध्यम से आपको बताने वाले हैं, संपूर्ण भारत वर्ष के पहले स्वतंत्रता सेनानी मंगल पांडे के बारे में। मंगल पांडे के बारे में आप सभी लोग कुछ ना कुछ तो जानते ही रहे होंगे, परंतु आप यह नहीं जानते रहे होंगे कि मंगल पांडे भारतवर्ष के सबसे पहले स्वतंत्रता सेनानी थे। Image: Biography of Mangal Pandey in Hindiआज हम इस महत्वपूर्ण बायोग्राफी के माध्यम से आप सभी लोगों को संपूर्ण भारत वर्ष में अन्य क्रांतिकारियों को प्रेरणा देने वाले मंगल पांडे के विषय में विस्तार पूर्वक से जानकारी प्रदान करेंगे। इस लेख के माध्यम से बताने वाले हैं कि मंगल पांडे कौन है? मंगल पांडे का जीवन परिचय? मंगल पांडे का प्रारंभिक जीवन? मंगल पांडे का स्वतंत्रता सेनानी जीवन? इत्यादि। यदि आप मंगल पांडे के विषय में विस्तार से जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो कृपया आप हमारे द्वारा लिखे गए इस महत्वपूर्ण को अवश्य पढ़ें।
मंगल पांडे के विषय में संक्षिप्त जानकारी
मंगल पांडे कौन थें?मंगल पांडे संपूर्ण विश्व भर में भारत के प्रथम स्वतंत्रता सेनानी के रूप में विख्यात है अर्थात मंगल पांडे भारतवर्ष के पहले स्वतंत्रता सेनानी हैं। मंगल पांडे के द्वारा ही सबसे पहले अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह शुरू किया गया था और संपूर्ण भारत वर्ष में मंगल पांडे की स्वतंत्रता सेनानी की खबर ऐसे फैली थी जैसे कि जंगल में आग। मंगल पांडे के द्वारा शुरू किया गया यह स्वतंत्रता संग्राम अंग्रेजों ने रोकने का काफी प्रयत्न किया, परंतु मंगल पांडे को देखकर संपूर्ण भारतवर्ष के नागरिकों के मन में ब्रिटिश शासन के विरुद्ध क्रांतिकारी की भावना जागरूक हो चुके थीं। मंगल पांडे के द्वारा स्वतंत्रता संग्राम शुरू करने के बाद से भारत वर्ष में बहुत से ऐसे वीर क्रांतिकारी पैदा हुए, जिन्होंने भारतवर्ष की स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों को न्यौछावर कर दिया और 19 वीं सदी का मध्यान्ह आते आते भारत और अंग्रेजों के चंगुल से आजाद हो चुका था। मंगल पांडे का जन्मभारतवर्ष में स्वतंत्रता लाने का अच्छा प्रयास करने वाले मंगल पांडे का जन्म बिहार के बलिया जिले के नगवा नामक गांव में हुआ था। वर्तमान समय में यह स्थान उत्तर प्रदेश के ललितपुर के पास में स्थित है। मंगल पांडे काजल बस 1827 19 जुलाई को हुआ था। मंगल पांडे एक ब्राह्मण परिवार से संबंधित है। मंगल पांडे हिंदुत्व का अनुसरण करते हैं। मंगल पांडे का प्रारंभिक जीवनमंगल पांडे अपने शुरुआती जीवन में ईस्ट इंडिया के आर्मी में ज्वाइन हो गए थे। मंगल पांडे क्या ईस्ट इंडिया कंपनी में ज्वाइन होने पर लोगों के द्वारा काफी मत प्रस्तुत है, जिनमें से एक है कि सेना के ब्रिगेड के द्वारा कहने पर मंगल पांडे को ईस्ट इंडिया कंपनी में ज्वाइन कर लिया गया था। मंगल पांडे को वर्ष 1849 ईस्वी में ईस्ट इंडिया कंपनी में आर्मी में ज्वाइन कर लिया गया था। मंगल पांडे को इस कंपनी में इसीलिए ज्वाइन किया गया था क्योंकि मंगल पांडे परेड करने में काफी अच्छे थे। मंगल पांडे को ईस्ट इंडिया कंपनी की आर्मी में पैदल सेना में एक सिपाही बनाया गया था। मंगल पांडे का प्रारंभिक जीवन उतना अच्छे तरीके से व्यतीत नहीं हुआ था कि वे अपने सभी जरूरतों की चीजों का उपयोग कर सकें, हालांकि मंगल पांडे ईस्ट इंडिया कंपनी में कार्यरत हैं, परंतु उन्हें इतना वेतन नहीं मिलता था कि वह अपना घर परिवार अच्छे से चला सके। मंगल पांडे को प्राप्त शिक्षाहालाकी मंगल पांडे को प्राप्त शिक्षा के विषय में किसी भी प्रकार की जानकारी अब तक मौजूद नहीं है, परंतु कुछ लोगों का ऐसा मानना है कि मंगल पांडे का जन्म किस समय हुआ था, उस समय भारत के सभी नागरिक अंग्रेजी शासन के नीचे दबे हुए थे। इसी कारण मंगल पांडे के माता-पिता इतने सक्षम नहीं थे कि वे इन्हें स्कूली शिक्षा प्राप्त करा सकें, अतः इन लोगों के अनुसार मंगल पांडे को किसी प्रकार की स्कूली शिक्षा नहीं प्राप्त है। मंगल पांडे का पारिवारिक संबंधयदि हम बात करें मंगल पांडे की पारिवारिक संबंध के बारे में तो मंगल पांडे के माता पिता एक ब्राह्मण थे। मंगल पांडे के पिता का नाम श्री दिवाकर पांडे था जो कि एक पंडित थे अर्थात पूजन इत्यादि कराते थे। वहीं की माता का नाम श्रीमती अभय रानी था जो कि पेशे से एक हाउसवाइफ थी, इन्होंने अपने परिवार के सभी सदस्यों का ख्याल बड़े ही प्रेम पूर्वक रखती थी। मंगल पांडे के माता-पिता गरीब थे, जिसके कारण वे अपने बच्चों और परिवार के सदस्यों के सभी जरूरतों के चीजों की पूर्ति नहीं कर पाए थे, परंतु वह अपने परिवार के सदस्यों के कुछ ना कुछ आवश्यकता ओं की पूर्ति करते ही थे। मंगल पांडे का स्वतंत्रता सेनानी बनने का उद्देश्यमंगल पांडे का स्वतंत्रता सेनानी बनने का उद्देश्य सिर्फ और सिर्फ भारत के मासूम लोगों को अंग्रेजी शासन से छुटकारा प्राप्त करना था। मंगल पांडे को स्वतंत्र सेनानी बनने का ख्याल तब आया, जब भारत में मासूम लोगों से अधिक कर और उन्हें मारा पीटा जाने लगा था। मंगल पांडे ईस्ट इंडिया कंपनी में आर्मी के पैदल सेना की टुकड़ी में शामिल थे, जिसके कारण उन्हें काफी परेशान और किसी भी छोटी से छोटी गलती के कारण भी दंडित किया जाता था, उन्हें दंडित किए जाने का किसी भी प्रकार का अफसोस नहीं था, उन्हें केवल इस बात का बुरा लगता था, कि “तू भारतीय है और ऊपर से गलती करता है” ऐसा कहकर उन्हें दंडित किया जाता था। इस बात से उन्हें काफी गुस्सा आता था और वह ब्रिटिश शासन के विरुद्ध अकेले स्वतंत्रता के लिए लड़ाई शुरु कर दिया और कुछ समय बीतते ही मंगल पांडे के साथ बहुत से भारतीय लोग जुड़ गए और उन्होंने भारत की स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों तक की बलि दे दी। मंगल पांडे जब ब्रिटिश शासन के आर्मी की सेना में भर्ती हुए थे तब भारत में एक नए प्रकार के राइफल लॉन्च हुई थी। जिस समय यह राइफल लांच हुई थी, उस समय इसका नाम एनफील्ड राइफल था। उस समय ऐसी अफवाहें उड़ी थी कि इस राइफल में लगी हुई ग्रीज जानवरों की चर्बी की बनी हुई है और यह जानकर मंगल पांडे और क्रोधित हो गए हैं, कि वह जानवर गाय और सुअर हैं। इस राइफल में लगी हुई ग्रीज को मुंह से खींचकर हटाना होता था, इस प्रकार हिंदू और मुस्लिम की धार्मिक मान्यताओं के साथ अंग्रेज खिलवाड़ करते थे, इस बात से मंगल पांडे अत्यधिक क्रोधित हुए और उन्होंने अंग्रेजों से बदला लेने की सोची। Read Also
मंगल पांडे का प्रथम स्वतंत्रता संग्रामजैसा कि हम सभी जानते हैं मंगल पांडे भारत के प्रथम सेनानी हैं, जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम को संपूर्ण भारतवर्ष में विख्यात किया। मंगल पांडे के द्वारा किए गए विद्रोह के ठीक 1 महीने बाद मेरठ की सैनिक छावनी पर अंग्रेजी ऑफिसरों से बगावत हो गई। मंगल पांडे ने राइफल के ग्रीज में जानवर के चर्बी का कारतूस लगे होने के विरोध में वर्ष अट्ठारह सौ सत्तावन ईसवी में 29 मार्च को एक ब्रिटिश ऑफिसर को गोली से उड़ा दिया। मंगल पांडे के द्वारा इस ब्रिटिश ऑफिसर को बंगाल के बैरकपुर छावनी में मारा गया था। मंगल पांडे को क्यों हुई फांसी की सजा?मंगल पांडे ने ईस्ट इंडिया कंपनी के एक ऑफिसर को दिनदहाड़े गोली से उड़ा दिया था। मंगल पांडे ने उस ब्रिटिश ऑफिसर को गोली मारने के बाद स्वयं को भी गोली मारनी चाही, परंतु ब्रिटिश ऑफिसर के द्वारा उन्हें पकड़ लिया गया। मंगल पांडे स्वयं को गोली इसलिए मारना चाहते थे, क्योंकि वे चाहते थे कि वह किसी ब्रिटिश शासक के हाथ और ना मरे, परंतु उनका यह प्रयास विफल रहा। मंगल पांडे को इस घटना के लिए जेल में डाल दिया गया, जहां पर मंगल पांडे को लगभग 1 हफ्ते स्वयं को ठीक करने में लगा। ऐसा कहा जाता है कि मंगल पांडे को किसी भी प्रकार की कोई दवा नहीं दी गई थी, क्योंकि उन्होंने एक ब्रिटिश ऑफिसर को मारा था और इस प्रकार उन्हें सजा दी जा रही थी। इसके बाद मंगल पांडे को कोर्ट में पेश करने का फैसला सुनाया गया। कोर्ट के फैसले के बाद मंगल पांडे को 6 अप्रैल 1857 ईसवी को कोर्ट के द्वारा ऐसा फैसला लिया गया कि मंगल पांडे को 18 अप्रैल को फांसी दे दी जाए। मंगल पांडे ने ब्रिटिश अफसरों के मन में ऐसा खौफ पैदा कर दिया था, जिससे फांसी की सजा सुनाने के बाद भी ब्रिटिश शासक उनसे डरे हुए थे। जिसके लिए ब्रिटिश शासकों ने 18 अप्रैल के बदले 8 अप्रैल को ही मंगल पांडे को फांसी पर लटका दिया। ब्रिटिश शासकों के अंदर मंगल पांडे का खौफ इतना अधिक था कि मंगल पांडे की मृत्यु के बाद भी ब्रिटिश शासक उनके शव के पास जाने में हिचकी जा रहे थे। मंगल पांडे को प्राप्त सम्मानभारत की स्वतंत्रता के बाद मंगल पांडे को भारतीय सरकार द्वारा सम्मान किया गया, इस सम्मान के अंतर्गत एक पोस्टेज स्टैंप चालू किया गया, जिसमें मंगल पांडे की एक फोटो भी थी। मंगल पांडे को यह सम्मान वर्ष 1984 में 5 अक्टूबर को भारत सरकार के द्वारा दिया गया था। मंगल पांडे के जीवन पर आधारित फिल्में
मंगल पांडे कौन हैं? संपूर्ण भारत वर्ष के सबसे पहले क्रांतिकारी। मंगल पांडे का जन्म कब हुआ था? वर्ष1827 ईसवी में 19 जुलाई को मंगल पांडे का प्रारंभिक जीवन कैसा रहा? कष्टकारी। मंगल पांडे के द्वारा ब्रिटिश अफसर को कब मारा गया था? 29 मार्च 1857 मंगल पांडे को कब फांसी पर लटकाया गया? 8 अप्रैल 1857 निष्कर्षनमस्कार दोस्तों आज के इस लेख “मंगल पांडे का जीवन परिचय (Biography of Mangal Pandey in Hindi)” में हम सभी लोगों ने यह जाना कि मंगल पांडे के द्वारा किस प्रकार से भारत की स्वतंत्रता के लिए संग्राम किए गए और उन्हें कितनी कम उम्र में फांसी की सजा हुई। हमें उम्मीद है कि आप सभी लोगों को मंगल पांडे के प्रेरणादाई जीवन से काफी सीख मिली होगी। यदि आपको यह लेख पसंद आया हो तो कृपया इसे अवश्य शेयर करें और यदि आपके मन में किसी भी प्रकार का सवाल या फिर सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में अवश्य शेयर करें। Read Also
मंगल पांडे कौन थे उनका संक्षिप्त परिचय दीजिए?क्रांतिकारी मंगल पांडे का जन्म 19 जुलाई, 1827 को उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के नगवा गांव में हुआ था. उनके पिता का नाम दिवाकर पांडे तथा माता का नाम श्रीमती अभय रानी था. वे कलकत्ता (कोलकाता) के पास बैरकपुर की सैनिक छावनी में "34वीं बंगाल नेटिव इन्फैंट्री" की पैदल सेना के 1446 नंबर के सिपाही थे.
मंगल पांडे की मृत्यु कब हुई थी?8 अप्रैल 1857मंगल पांडे / मृत्यु तारीखnull
मंगल पांडे का गांव कौन सा है?मंगल पाण्डेय का जन्म भारत में उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के नगवा नामक गांव में एक "ब्राह्मण" परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम दिवाकर पांडे था।
मंगल पांडे की मृत्यु कैसे हुई?मंगल पांडे को दी गई फाँसी
सिपाही नंबर 1446 मंगल पांडे को इसके लिए मौत की सज़ा सुनाई गई और 8 अप्रैल, 1857 को सुबह साढ़े पाँच बजे उनके सैनिक साथियों के सामने उन्हें फाँसी पर चढ़ा दिया गया.
|