आजकल टांगों में दर्द की समस्या आम देखने को मिलती है। हालांकि उम्र के साथ-साथ यह समस्या बढ़ती जाती है। इसके पीछे का कारण शरीर में पोषक तत्वों की कमी होना, मसल्स में खिंचाव होना या फिर खेल-कूद के दौरान मोच आ जाना हो सकता है। मांसपेशियों की अकड़न भी इन्हीं कारणों में से एक है लेकिन लगातार इस तरह की समस्या बनी रहे तो आगे चलकर दिक्कत हो सकती है। इसलिए आज हम आपको इससे बचने के लिए कुछ कारगर उपाय बताने जा रहे हैं। Show
क्या है टांगों में दर्द होने के आम कारण- खून में सोडियम, पोटेशियम, कैल्शियम और मैग्नीशियम की कमी होना। - कोलेस्ट्रॉल को कम करने की दवाइयों का सेवन करना भी दर्द का एक कारण है। - एक जगह बैठे रहने की वजह से मांसपेशियों में थकान के चलते टांगों में दर्द होता है। - पैरों में खून का दौर रुकना। - हड्डियों का संक्रमण होना। - जोड़ों में सूजन। टांगों में होनी वाली दर्द के प्रकार1. न्यूरोलॉजिकल पेन (Neurological Pain) किसी क्षति के कारण टांगों में होने वाली दर्द की स्थिति को न्यूरोलॉजिकल पेन कहा जा सकता है। साइटिक नर्व और अन्य किसी नर्व की वजह से भी पैरों में होने वाली दर्द को न्यूरोलोजिकल पेन कहते हैं। 2. वस्कुलर पेन (Vascular Pain) वस्कुलर पेन में धमनी से जुड़ी समस्या के कारण होने पैरों में होने वाली दर्द को शामिल है। पेरिफेरल आर्टरी डिजीज (नसों के पतला होने पर खून की दौरा रुकना) और डीप वेन थ्रोम्बोसिस यानि नसों में खून का जमना जैसी समस्याएं टांगों के दर्द का कारण बनती हैं। 3. मस्कुलोस्केलेटन पेन (Musculoskeletal Pain) इस प्रकार की दर्द मांसपेशियां, लिगामेंट, जोड़ों और हड्डियों से जुड़ी समस्याओं के कारण होती है। 4. टेंडनाइटिस (Tendonitis) टेंडन पिंडली की मांसपेशियों को एड़ी की हड्डी से जोड़ती है। टेंडन्स में सूजन आने पर उसे टेंडनाइटिस कहा जाता है। इसके चलते प्रभावित जगह पर सूजन और साथ में दर्द की समस्या होने लगती है। टांगों की दर्द से राहत पाने के घरेलू उपायबर्फ से सिकाई टांगों में दर्द होने पर बर्फ से सिकाई करें। बर्फ के टुकड़ों को प्लास्टिक बैग या किसी तौलिए में रखकर प्रभावित जगह पर रखें और सर्कुलर घुमाते हुए मसाज करें। ऐसा दिन में दो से तीन बार करें। मसाज मालिश करने से भी टांगों में होने वाले दर्द से राहत मिल सकती है। इससे डैमेज हुए मसल्स दोबारा एक्टिव हो जाते हैं और ब्लड सर्कुलेशन भी बेहतर होना शुरू हो जाता है। इसके लिए नारियल का तेल, सरसों या फिर जैतून का तेल इस्तेमाल कर सकते हैं। इन्हें गुनगुना करके प्रभावित क्षेत्र पर मसाज करें और रातभर ऐसे ही छोड़ दें। हल्दी हल्दी नेचुरल एंटीसेप्टिक है, दर्द और इंफेक्शन को दूर करने में यह बेहद कारगर है। सरसों के तेल में हल्दी मिलाकर पेस्ट तैयार करें और हल्के हाथों से मसाज करते हुए दर्द वाले हिस्से पर लगाएं। 30 मिनट बाद इसे साफ कर लें। रोजाना दिन में 2 बार यह लेप लगाने से फायदा मिलेगा। एप्पल साइडर विनेगर रोजाना गुनगुने पानी में 1 टेबलस्पून सेब का सिरका डालकर 15 मिनट के लिए पैर इसमें डुबो कर रखें। यह गठिया और यूरिक एसीड के लिए भी लाभकारी है। एसेंशियल ऑयल से सिकाई एक बाल्टी में थोड़ा से गर्म पानी लेकर उसमें एसेंशियल ऑयल को मिलाएं। इसके बाद पैरों को 10 से 15 मिनट पानी में डालकर रखें। फिर पैरों को पानी से निकालकर साफ पानी से धोएं। ऐसा हफ्ते में दो से तीन बार करें। पुदीने की चाय पुदीने की टाय भी पैरों के दर्द से राहत देती है। इसके लिए एक बर्तन में पानी गर्म करें और उसमें पुदीने की पत्तियां या टी बैग 5 मिनट के लिए डालें। पानी में पुदीने का रंग आने पर टी बैग या पुदीने की पत्तियों को निकाल दें। अब उसे कप में छानकर चाय का सेवन करें। आप चाहें तो स्वाद के लिए शहद या शक्कर डाल सकती हैं। पुदीने की चाय को दिन में एक बार जरूर पीएं। टांग में दर्द का सही कारण पता लगाने के लिए डॉक्टर फिजिकल एग्जाम करेंगे। इसके बाद डॉक्टर मेडिकल इमेजिंग या डायग्नोस्टिक नर्व ब्लॉक इंजेक्शन टेस्ट के लिए कह सकते हैं। इस दर्द का पता लगाने के लिए किए जाने वाले मेडिकल इमेजिंग टेस्ट में एमआरआई टेस्ट, सीटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड और एक्स-रे शामिल हैं। वहीं, पेन रिसेप्टर ब्लॉक इंजेक्शन एक छोटा-सा इनवेसिव प्रोसीजर है, जो कि अस्थाई रूप से घुटनों या नसों के दर्द में आराम देता है। यह प्रोसीजर यह जानने के लिए किया जाता है कि, दर्द नसों के कारण हो रहा है या जोड़ों के कारण। अगर, यह ब्लॉक सफल रहता है, तो रेडियोफ्रीक्वेंसी एब्लेशन की सलाह दी जा सकती है। शरीर के सभी अंगों का जीवन में एक अहम स्थान है। इन अंगों में पैर भी शामिल है। ये पैर ही हैं, जो संपूर्ण शरीर के भार को संभालने के साथ ही चलने और भागने में मदद करते हैं। इन दैनिक क्रियाओं के कारण कई बार टांगों में दर्द भी हो जाता है। कुछ परिस्थियों में तो पैरों का दर्द इतना बढ़ जाता है कि दिन भर की सभी योजनाएं धरी रह जाती हैं। इस तकलीफ से अधिक न गुजरना पड़े, इसलिए स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम टांगों में दर्द के कारण और टांगों में दर्द का घरेलू इलाज बताएंगे। साथ ही मेडिकल जगत में टांगों में दर्द का इलाज कैसे किया जाता है, इसकी जानकारी भी देंगे। शुरू करते हैं लेख सबसे पहले यह जानते हैं कि टांगों में दर्द होना क्या है। विषय सूची
टांगों में दर्द क्या है – What is Leg Pain in Hindiटांगों में दर्द होना क्या है, इससे पहले यह समझना जरूरी है कि दर्द क्या है। बताया जाता है कि दर्द कुछ और नहीं, बल्कि तंत्रिका तंत्र द्वारा दिमाग को भेजा जाने वाला एक संकेत हैं। यह संकेत व्यक्ति को इस बात का एहसास कराता है कि शरीर में कुछ तो सही नहीं है। इस दौरान दर्द प्रभावित क्षेत्र में चुभन, जलन, ऐंठन और झुनझुनी जैसी स्थिति महसूस होती है (1)। खासतौर पर टांगों में दर्द की समस्या का मतलब है, पैरों की मांसपेशियों में तनाव, दबाव व झनझनाहट की ऐसी स्थिति, जिसमें चलने-फिरने में परेशानी महसूस होती है। बताया जाता है कि टांग में दर्द होना एक आम समस्या है, जो किसी को भी और पैर के किसी भी भाग में हो सकती है। इस समस्या के होने के कई कारण हैं, जिनके बारे में हम लेख में आगे बताएंगे (2)। आगे बढ़ते हैं अब जानिए टांगों में दर्द के प्रकार से जुड़ी जरूरी जानकारी। टांगों में दर्द के प्रकार – Types of Leg Pain in Hindiटांगों में दर्द के कई प्रकार हो सकते हैं, जो आमतौर पर पैर के दर्द के कारण पर निर्भर करता है। आइए, उनके बारे में थोड़ा विस्तार से जान लेते हैं। 1. मस्कुलोस्केलेटन पेन (Musculoskeletal Pain)मुख्य रूप से मांसपेशियां, लिगामेंट (दो हड्डियों को आपस में जोड़ने वाला ऊतक), जोड़ों और हड्डियों से जुड़ी समस्याओं के कारण पैदा होने वाले टांगों के दर्द को मस्कुलोस्केलेटन पेन में शामिल किया जा सकता है। टांगों में दर्द के इस प्रकार में शामिल स्थितियां कुछ इस प्रकार हैं (3):
2. वस्कुलर पेन (Vascular Pain)आर्टरी यानी धमनी से जुड़ी समस्याओं के कारण होने वाले पैरों के दर्द को इस प्रकार में शामिल किया जाता है। पेरिफेरल आर्टरी डिजीज (नसों के पतला होने पर रक्त प्रवाह रुकना) और डीप वेन थ्रोम्बोसिस (नसों में खून का जमना) भी धमनी से जुड़ी कुछ ऐसी समस्याएं हैं, जो टांगों के दर्द का कारण बन सकती हैं (4) (2)। 3. न्यूरोलॉजिकल पेन (Neurological Pain)जब तंत्रिका तंत्र से संबंधित विकार या क्षति के कारण पैरों में दर्द की स्थिति पैदा होती है, तो टांगों में दर्द के इस प्रकार को न्यूरोलॉजिकल पेन कहा जा सकता है (5)। यही कारण है कि साइटिक नर्व (मनुष्य के शरीर में मौजूद सबसे लंबी नर्व, जो रीढ़ से होकर पैरों तक जाती है) और अन्य नर्व की क्षति से पैरों में दर्द को न्यूरोलोजिकल पेन की श्रेणी में गिना जाता है (2)। आगे टांगों में दर्द के कुछ अन्य प्रकार के बारे में पढ़िए। 4. टेंडनाइटिस (Tendonitis)टेंडन एक रेशेदार संरचना होती है, जो पिंडली की मांसपेशियों (Calf Muscles) को पैर की एड़ी की हड्डी से जोड़ती हैं। जब इन टेंडन्स में सूजन आ जाती है, तो उसे ही टेंडनाइटिस कहा जाता है। इसके कारण प्रभावित स्थान पर सूजन के साथ दर्द होने की समस्या हो सकती है। टेंडन का यह दर्द रात में सोते और शारीरिक गतिविधि के दौरान अधिक बढ़ सकता है। इसके कारण पैर और घुटनों में दर्द बना रहता है (6)। 5. शिन स्प्लिन्ट्स (Shin Splints)शिन स्प्लिन्ट्स भी पैरों के दर्द का एक सामान्य प्रकार है। इसे मेडियल टिबियल स्ट्रेस सिंड्रोम (Medial Tibial Stress Syndrome) भी कहा जाता है। आमतौर पर इसकी समस्या खिलाड़ियों में अधिक देखी जाती है। इसकी स्थिति में पैर के निचले हिस्से में सामने की ओर स्थित पिंडली की हड्डियों (टिबिया) में दर्द होता है। ये मांसपेशियों और शिन एरिया के आसपास मौजूद बोन टिशू में सूजन के कारण हो सकता है (7)। 6. पैर में ऐंठन वाला दर्द (Leg Cramps)पैर में ऐंठन की समस्या भी आम मानी जाती है। आमतौर पर यह पिंडली की मांसपेशी (Calf Muscles) का दर्द होता है, जो रात के समय अधिक हो सकता है। इसका कोई स्पष्ट कारण ज्ञात नहीं है। हां, गर्भावस्था, व्यायाम, शरीर में सोडियम और इलेक्ट्रोलाइट्स के असंतुलन, रक्त वाहिकाओं को प्रभावित करने वाले विकार और कुछ तरह की दवाएं इसका जोखिम बढ़ा सकती हैं (8)। स्क्रॉल करें लेख के अगले भाग में अब हम टांगों में दर्द के कारण और जोखिम कारकों से जुड़ी विस्तृत जानकारी देंगे। टांगों में दर्द के कारण और जोखिम कारक – Causes and Risk Factors of Leg Pain in Hindiटांगों में दर्द के कारण और जोखिम कारक कुछ इस प्रकार हैं (2)। टांगों में दर्द के आम कारण
टांगों में दर्द के अन्य कारण
पढ़ते रहें लेख टांगों में दर्द के कारण के बाद अब हम टांगों में दर्द के लक्षण के बारे में बात करेंगे। टांगों में दर्द के लक्षण – Symptoms of Leg Pain in Hindiजैसा कि हमने लेख में पहले भी बताया है कि दर्द एक प्रकार का संकेत हैं, जो शरीर में मौजूद किसी समस्या की ओर इशारा करता है। जब इससे पैर प्रभावित होता है, तो इसे टांगों में दर्द कहा जाता है। ऐसे में दर्द के लक्षणों को ही पैर में दर्द के लक्षण कहा जा सकता है, जो कुछ इस प्रकार हैं (1) (2): Subscribe
आगे पढ़ें लेख के अगले भाग में जानिए कि टांगों में दर्द का घरेलू इलाज कैसे किया जाता है। टांगों में दर्द के लिए घरेलू उपाय – Home Remedies for Leg Pain in Hindiटांगों में दर्द का घरेलू इलाज करने के लिए यहां कुछ विधियां बताई गई हैं। पाठक ध्यान दें कि लेख में सुझाए गए इन घरेलू उपचार से दर्द से कुछ राहत मिल सकती, लेकिन इन उपायों को समस्या का इलाज न समझा जाए। 1. आइससामग्री :
कैसे इस्तेमाल करें :
कैसे है फायदेमंद : ईरान के मेडिकल विश्वविद्यालय द्वारा दर्द पर आइस पैक का प्रभाव जानने के लिए एक शोध किया गया। रिसर्च में पाया गया कि आर्टिरियल पंचर से पूर्व होने वाले दर्द में आइस पैक का प्रयोग सकारात्मक परिणाम दे सकता है। हालांकि, इसके प्रभाव को पूरी तरह से पुष्टि करने के लिए अभी और शोध किए जाने की आवश्यकता है (9)। इस आधार पर यह कहना गलत नहीं होगा कि टांगों में दर्द के घरेलू उपाय के तौर पर आइस पैक का इस्तेमाल कुछ राहत दिला सकता है। 2. हॉट पीपर रबसामग्री :
कैसे इस्तेमाल करें :
कैसे है फायदेमंद : टांगों में दर्द के घरेलू उपाय के लिए हॉट पीपर रब का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के मुताबिक, लाल मिर्च दर्द को दूर कर सकती है। रिसर्च में जिक्र मिलता है कि लाल मिर्च तंत्रिका तंत्र से संबंधित (Neuropathic) दर्द के कारणों को दूर करने में मदद कर सकती है। साथ ही यह मांसपेशियों में थकान और तनाव के कारण पैदा होने वाले (Musculoskeletal) दर्द को भी नियंत्रित करने में सहायक हो सकती है (10)। दूसरी ओर जैतून का तेल भी दर्द कम कर सकता है। दरअसल, इसमें एनाल्जेसिक यानी दर्द निवारक प्रभाव होता है। यह प्रभाव टांगों के दर्द को भी दूर करने में मदद कर सकता है (11)। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि लाल मिर्च युक्त जैतून का तेल प्रभावी रूप से पैरों के दर्द को कम करने में मदद कर सकता है। ध्यान दें कि मिर्च से त्वचा पर जलन हो सकती है, इसलिए कम मात्रा में ही इसका इस्तेमाल करें। साथ ही इस उपाय को करने के बाद हाथों को अच्छे से धो लें, वरना हाथ आंखों में लगने से जलन हो सकती है। 3. एसेंशियल ऑयलसामग्री :
कैसे इस्तेमाल करें :
कैसे है फायदेमंद : यूकेलिप्टस ऑयल में एनाल्जेसिक (दर्द निवारक) और एंटी इंफ्लेमेटरी (सूजन कम करने वाला) प्रभाव होता है (12)। साथ ही लौंग में एनाल्जेसिक और एंटी नोकिसेप्टिव (ऐंठन को कम करने वाला) प्रभाव होता है (13)। इनके अलावा, लैवेंडर ऑयल के फायदे में भी दर्द को नियंत्रित करना शामिल है (14)। इस कारण यह माना जा सकता है कि टांगों में दर्द के घरेलू उपाय में इन तीनों एसेंशियल ऑयल का उपयोग किया जा सकता है। 4. एप्सम सॉल्ट और बेकिंग सोडासामग्री :
कैसे इस्तेमाल करें :
कैसे है फायदेमंद : विशेषज्ञों के मुताबिक, एप्सम साल्ट मैग्नीशियम सल्फेट का एक सामान्य प्रकार है। इसे नहाने के पानी में मिलाकर उपयोग करने से सूजन और जोड़ों के दर्द से जुड़ी परेशानी में राहत पाई जा सकती है। यह मांसपेशियों में तनाव और ऐंठन की स्थिति में भी सहायक साबित हो सकता है (15)। वहीं, ऑस्टियोपोरोसिस भी टांगों में दर्द का एक कारण हो सकता है, जिसके लक्षणों को कुछ हद तक कम करने में बेकिंग सोडा (सोडियम बायकार्बोनेट) का इस्तेमाल करना प्रभावकारी हो सकता है (16)। इसके अलावा, बेकिंग सोडा का सेवन करने से भी इस समस्या से राहत मिल सकती है। दरअसल, बेकिंग सोडा का सेवन करने से घुटने की मांसपेशियों में आई संकुचन को कम किया जा सकता है और घुटने के दर्द को कम करके उसके कार्यों में सुधार हो सकता है (17)। इस कारण यह कहना गलत नहीं होगा कि एप्सम साल्ट और बेकिंग सोडा युक्त गर्म पानी से टांगों में दर्द का घरेलू इलाज किया जा सकता है, जो कुछ हद तक लाभकारी साबित हो सकता है। 5. मालिशसामग्री :
कैसे इस्तेमाल करें :
कैसे है फायदेमंद : मालिश टांगों में दर्द के घरेलू उपाय में काफी लाभदायक हो सकती है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित दर्द नियंत्रण संबंधित एक शोध में जिक्र मिलता है कि मालिश से दर्द में कुछ राहत मिल सकती है। दरअसल, मालिश से प्रभावित स्थान की मांसपेशियों में खून का बहाव सक्रिय होता है और सूजन के कारण होने वाला दर्द कम हो सकता है (18)। ऐसे में टांगों के दर्द की समस्या से राहत के लिए मालिश एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है। इसके लिए किसी भी तेल का उपयोग किया जा सकता है। 6. गर्म सिकाई (डीप हीट)सामग्री :
कैसे इस्तेमाल करें :
कैसे है फायदेमंद : गर्म सिकाई करना भी टांगों में दर्द का घरेलू इलाज माना जा सकता है। दरअसल, घरेलू उपचार के तौर पर गर्म सिकाई करने से अर्थराइटिस के कारण जोड़ों में आई अकड़न को कम किया जा सकता है। साथ ही मांसपेशियां भी नरम हो सकती हैं। इससे रक्त प्रवाह बेहतर होता है और जोड़ों के दर्द से राहत मिल सकती है (19)। हम लेख में बता ही चुके हैं कि अर्थराइटिस के कारण जोड़ों में आई सूजन भी टांगों के दर्द का एक कारण है (2)। एक अन्य अध्ययन के अनुसार, हीट थेरेपी से मांसपेशियों में थकान और तनाव के कारण होने वाले दर्द (मस्कुलोस्केलेटल इंजरी) से राहत पाई जा सकती है। साथ ही यह थेरेपी रक्त प्रवाह को बढ़ाने और कनेक्टिव टिश्यू (एक अंग को दूसरे अंग से जोड़ने वाले ऊतक) की लचक में वृद्धि लाने में भी प्रभावी हो सकती है (20)। इस आधार पर यह माना जा सकता है कि टांगों में दर्द का इलाज करने के लिए गर्म सिकाई का उपयोग सहायक साबित हो सकता है। 7. सिरकासामग्री :
कैसे इस्तेमाल करें :
कैसे है फायदेमंद : सेब का सिरका भी टांगों में दर्द का घरेलू इलाज हो सकता है। अध्ययनों से पता चलता है कि जोड़ों में दर्द की समस्या दूर करने में सेब का सिरका फायदा पहुंचा सकता है। इसमें एंटी-इंफ्लामेटरी और एंटिनोसाइसेप्टिव (Anti-Nociceptive – दर्द की तीव्रता को कम करने वाला) प्रभाव होता है। ये प्रभाव जोड़ों के दर्द, गठिया या सामान्य दर्द से राहत दिला सकता है (21)। सेब के सिरके का यह प्रभाव बढ़ाने के लिए शहद का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। एक अन्य अध्ययन के अनुसार, गठिया के दर्द से राहत दिलाने में सेब के सिरके के साथ शहद का सेवन करना कारगर साबित हो सकता है (22)। इस आधार पर कहा जा सकता है कि शहद और सेब का सिरका मिलकर टांगों में होने वाले दर्द को कम कर सकते हैं। 8. पुदीने की चायसामग्री :
कैसे इस्तेमाल करें :
कैसे है फायदेमंद : पारंपरिक दवा के रूप में कई सालों से पुदीने के तेल के उपयोग के साथ ही पुदीने की पत्तियों का सेवन भी किया जाता रहा है। पशु अध्ययनों से यह पता चलता है कि पुदीना केंद्रीय और परिधीय तंत्रिका तंत्र (तंत्रिकाओं का समूह) में एनाल्जेसिक (दर्द कम करने वाला) और एनेस्थेटिक (चेतना शून्य करने वाला) प्रभाव प्रदर्शित करता है। इसके कारण दर्द से जुड़ा सिग्नल तंत्रिका तंत्र तक नहीं पहुंचता (23)। इसी आधार पर कहा जा सकता है कि टांगों में दर्द की समस्या में पुदीने की चाय पीने के फायदे हो सकते हैं। 9. पैरों पर ब्रश करनासामग्री :
कैसे इस्तेमाल करें :
कैसे है फायदेमंद : सूखा ब्रश (Skin Brushing) करने की प्रक्रिया भी एक तरह से मालिश की प्रक्रिया जैसे ही होती है। लेख में हम यह पहले ही बता चुके हैं कि मालिश करने से मांसपेशियों में रक्त प्रवाह बढ़ सकता है (18)। इसके अलावा, अन्य शोधों से भी इसकी पुष्टि होती है कि मालिश करने से गठिया या अन्य शारीरिक स्थितियों के कारण होने वाले दर्द को कम किया जा सकता है (24)। साथ ही, मालिश करने से नींद और हीलिंग प्रोसेस (घाव भरने की प्रक्रिया) को भी बढ़ाया जा सकता है (25)। इस आधार पर ऐसा माना जा सकता है कि अगर पैरों में दर्द का कारण थकान, मांसपेशियों की चोट या गठिया से जुड़ा है, तो टांगों में दर्द का इलाज करने के लिए ब्रश करने का उपाय भी कारगर हो सकता है। 10. पैरों को ऊपर उठानाकैसे करें :
कैसे फायदेमंद है : हम लेख में यह पहले ही बता चुके हैं कि तंत्रिका तंत्र से संबंधित विकार साइटिका के कारण भी पैरों में दर्द की समस्या हो सकती है। इससे राहत पाने के लिए भी पैरों को ऊपर उठाने की प्रक्रिया को अपनाया जा सकता है (2)। दरअसल, पैरों को ऊपर उठाने से पैरों के पीछे की मांसपेशियों का लचीलापन यानी हैमस्ट्रिंग फ्लेक्सिबिलिटी को बढ़ाया जा सकता है। इसके कारण साइटिका संबंधित पैरों का दर्द कम हो सकता है। साथ ही यह तकनीक पीठ के निचले हिस्से को मजबूत बनाकर उससे संबंधित दर्द को कम करने में भी मददगार साबित हो सकती है (26)। 11. व्यायामटांगों में दर्द का उपाय व्यायाम भी हो सकता है। एक्सरसाइज करने से न सिर्फ रक्त प्रवाह बेहतर होता है, बल्कि हड्डियां और मांसपेशियां भी मजबूत हो सकती है। दरअसल, नियमित व्यायाम करने से बढ़ती उम्र के कारण कम हो रहे हड्डियों के घनत्व को धीमा किया जा सकता है, जिससे मजबूत हड्डियों का निर्माण होता है। साथ ही मांसपेशियों की ताकत बनाए रखने में भी मदद मिल सकती है (27)। ऐसे में अगर किसी को कमजोर हड्डियों या फिर मांसपेशियों के कारण टांगों में दर्द हो रहा है, तो राहत पाने के लिए नीचे बताई गई एक्सरसाइज कर सकते हैं।
पढ़ते रहें अब हम टांगों में दर्द का इलाज कैसे किया जाता है, यह बता रहे हैं। टांगों में दर्द का इलाज – Treatment of Leg Pain in Hindiटांगों में दर्द का कोई एक निश्चित कारण नहीं है, इसलिए टांगों में दर्द का इलाज इसके कारणों के आधार पर ही किया जा सकता है। दरअसल, मांसपेशियों में सूजन, फ्रैक्चर और कुछ रोग इसके कारण में शामिल हैं, जिसके बारे में लेख में ऊपर बताया जा चुका है। इसके लिए सबसे पहले जांच करके इसके मुख्य कारण का पता लगाया जाता है उसके बाद ही उपचार की दिशा में कदम बढ़ाया जा सकता है (28) (29)।
स्क्रॉल करें इस भाग में हम टांगों में दर्द का उपाय करने के लिए एक्यूप्रेशर की जानकारी देंगे। थके पैरों के लिए एक्यूप्रेशर – Acupressure Points For Tired Legs in Hindiप्राचीन काल से ही कई शारीरिक बीमारियों का उपचार करने के लिए एक्यूप्रेशर की विधि अपनाई जाती रही है, जिसमें शरीर का दर्द और थकान दूर करना भी शामिल है। एक्यूप्रेशर एक तरह की शारीरिक थेरेपी होती है, जिसकी प्रक्रिया के दौरान शरीर के कुछ विशेष बिंदुओं को दबाया जाता है, जिन्हें एक्यूप्वाइंट कहते हैं। इन क्षेत्रों पर दबाव डालने से स्ट्रेस हार्मोन के साथ-साथ अन्य जरूरी हार्मोन को भी नियंत्रित करने में मदद मिलती है, जो शारीरिक थकान और दर्द दूर करने में प्रभावकारी हो सकते हैं। साथ ही यह रक्त संचार में सुधार करने में भी मदद कर सकता है (30)। एक्यूप्रेशर थेरेपी के दौरान हाथों की कोहनी, उंगलियों, पैरों, हथेलियों, अंगूठे या किसी विशेष उपकरणों की मदद से शरीर के क्षेत्रों पर दबाव बनाया जाता है (30)। ऐसे में टांगों में दर्द का उपाय करने के लिए यह थेरेपी हमेशा अनुभवी और विशेषज्ञों की देखरेख में ही करानी चाहिए। अंत तक पढ़ें टांगों में दर्द के इलाज के बाद अब हम टांगों में दर्द से बचाव के बारे में जानेंगे। टांगों में दर्द से बचाव – Prevention Tips for Leg Pain in Hindiनिम्नलिखित उपायों को अपनाकर टांगों में दर्द से बचाव किया जा सकता है।
टांगों में दर्द से जुड़ी सभी जरूरी जानकारी आपको इस लेख से मिल ही गई होगी। इस समस्या से जुड़े कारण को दूर करके और यहां बताए गए घरेलू उपचारों को अपनाकर दर्द से राहत पाने में मदद मिल सकती है। बस प्रभावी लाभ के लिए जरूरी है कि लेख में दिए गए सभी बिंदुओं को अच्छे से पढ़ने और उपचार की दिशा में सही कदम बढ़ाने की। हां, इन घरेलू उपचार को इलाज समझने की गलती न करें। टांगों में दर्द के घरेलू उपाय इस परेशानी से राहत दिला सकते हैं, लेकिन इसका कारण जानकर दर्द को पूरी तरह खत्म करने के लिए चिकित्सकीय उपचार जरूरी है। अक्सर पूछे जाने वाले सवालमेरे पैरों में भारीपन क्यों महसूस होता है? पेरिफेरल आर्टरी डिजीज के कारण पैरों में भारीपन महसूस हो सकता है (36)। दरअसल, आर्टरी या धमनियों के सिकुड़ने के कारण ऐसा होता है, जिसकी अन्य संभावित वजह भी हो सकती है। इस स्थिति में पैरों में उचित मात्रा में खून नही पहुंच पाता। नतीजन पैर सुन्न महसूस होते हैं (37)। इसके अलावा, गर्भावस्था के कारण भी पैरों में भारीपन महसूस हो सकता है, क्योंकि इस दौरान पैरों की नसों पर दबाव बढ़ने लगता है (38)। पीठ के निचले हिस्से में दर्द के कारण क्या पैरों में दर्द हो सकता है? अगर पीठ के निचले हिस्से का दर्द साइटिका से जुड़ा है, तो यह पैरों में दर्द का भी कारण बन सकता है (39)। क्या टांगों में दर्द की स्थिति दिल की समस्याओं का संकेत है? हां, वैसे तो टांगों में दर्द होना सामान्य है, लेकिन कई बार यह दिल से जुड़ी समस्या भी हो सकती है। अगर दर्द के साथ पैरों के निचले हिस्सों में सूजन है, तो यह दिल से जुड़ी बीमारी का संकेत हो सकता है। दरअसल, जब हृदय का सामान्य कार्य प्रभावित होता है, तो इससे रक्त प्रवाह भी प्रभावित हो सकता है। इसकी वजह से पैरों में सूजन आ जाती है (40)। सोते समय पैरों में दर्द होने का कारण क्या है? अगर पैरों में बिना किसी चोट के कारण सोते समय दर्द होता है, तो इसका कारण डिहाइड्रेशन या खून में सोडियम, पोटेशियम, कैल्शियम और मैग्नीशियम की कमी को माना जा सकता है। इसके अलावा, यह मांसपेशियों में थकावट और आपके द्वारा सेवन की जाने वाली दवाओं का प्रभाव भी हो सकता है (2)। क्या निर्जलीकरण (डिहाइड्रेशन) के कारण पैर में दर्द हो सकता है? हां, निर्जलीकरण (डिहाइड्रेशन) होने पर भी पैरों में दर्द की समस्या हो सकती है (2)। दरअसल, डिहाइड्रेशन के कारण शरीर में जरूरी मात्रा में तरल पदार्थों की कमी हो जाती है, जिसके कारण मांसपेशियों में दर्द की समस्या हो सकती है (41)। यह पैरों में दर्द का एक कारण बन सकता है। टांगों में दर्द के कारण क्या हो सकते हैं? टांगों में दर्द के कारण कई हो सकते हैं, जिसमें चोट से लेकर शरीर में मिनरल्स की कमी, थकान आदि शामिल हैं (2)। टांगों में दर्द होने पर डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए? टांगों में दर्द होने के साथ ही अगर निम्नलिखित स्थितियां महसूस होती हैं, तो डॉक्टर के पास जाना चाहिए (2)।
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