मुसलमान में क्या क्या हराम है? - musalamaan mein kya kya haraam hai?

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इस्लाम में क्या क्या हराम है सच जानेंगे तो आप भी चौंक जाएंगे

इस्लाम धर्म में ऐसे कौन से नियम है जो उल्लंघन करना नहीं चाहिए जानने के लिए हमारे साथ बने रहिए मित्रों नमस्कार हमारे वेबसाइट में आपका स्वागत है ।  सभी का मजहब अपने आस्था से जुड़ा हुआ है इसलिए एक दूसरे की धर्म पर उंगलियां उठाना नहीं चाहिए । दोस्तों इस्लाम के पवित्र कुरान हैं और अपने पवित्र कुरान के नियमों के अनुसार ही लोग चलते हैं । जिस प्रकार हिंदू धर्म में हजार नियमों के अनुसार ही चलना पड़ता है ठीक उसी के कुछ नियम इस्लाम धर्म में भी है जहां हमारे लिए जानना बहुत ही आवश्यकता है ।

 चलिए जानते हैं इस्लाम में क्या-क्या हराम है जो एक मुस्लिम व्यक्ति को नहीं करनी चाहिए ।

कुरान सूरा आयतें कि अनुसार मुस्लिम महिला घर से जब भी बाहर निकलेंगे अपने बदन को काला वस्त्र से ढक कर निकलेंगे । क्योंकि एक नारी का संपत्ति उनके शरीर है, उनके शरीर में वह आकर्षित है जहां गैर मर्द देखने के बाद आकर्षित होते हैं । इसलिए इस्लाम में अगर कोई महिला घर से बाहर निकालते हैं खाली बदन में तो यह हराम मनाया जाता है । 

अगर कोई इस्लाम व्यक्ति खड़े होकर पेशाब करते हैं तो यह भी हराम है ‌ । कुरान सूरा आयतें के अनुसार खड़े होकर पेशाब करना मतलब अल्लाह को अपमान जैसा होता है इसलिए बैठकर ही हिसाब किया जाता है ।  

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अगर कोई मुसलमान व्यक्ति जुआ खेल में शामिल है तो उसके लिए भी हराम है । क्योंकि जुआ खेल एक ऐसा खेल है जहां इंसान को रुलाता है हंसाता नहीं । बिना मेहनत की कमाई करने वाले धन हराम में ही जाता है इसलिए जुआ खेल इस्लाम में वर्जित है ।

अगर कोई मुसलमान होकर किसी दूसरे धर्म की मूर्ति पूजा करते हैं तो इनके लिए यह भी हराम है । क्योंकि कुरान सूरा के अनुसार मूर्ति पूजा करने वाले एक काफिर होते हैं । इस्लाम धर्म में मूर्ति पूजा वर्जित है । इसलिए कोई भी मुसलमान व्यक्ति किसी देवी-देवताओं के मूर्ति पूजा नहीं कर सकते हैं उनके लिए यह हराम माना गया है ।

अगर कोई मुसलमान व्यक्ति शराब पीता है तो उनके लिए भी यह हराम माना गया है । क्योंकि शराब पीने के बाद इंसान का दिमाग की संतुलन खो जाता है । जो चीज पीने से बुद्धि भ्रष्ट हो जाता है कुरान के अनुसार उसे वर्जित करना चाहिए । शराब पीने से कभी भी दुश्मन अटैक कर सकता है । इसी कारण कुरान के अनुसार शराब पीना हराम है । 

अगर कोई मुसलमान व्यक्ति किसी गैर मुसलमान से दोस्ती करते हैं तो उनके लिए यह भी हराम है । क्योंकि कुरान के अनुसार जो लोग मूर्ति पूजा करते हैं वह इस्लाम के शत्रु होता है । क्योंकि मूर्ति पूजा वालों कभी अल्लाह को नहीं मानते हैं जिसके कारण गैर मुसलमानों को काफिर मानते हैं । इसलिए मूर्ति पूजा वालों से कभी भी दोस्ती नहीं और ना ही उन्हें भाई मानना चाहिए । ऐसे करने वालों वाले व्यक्ति को हराम मानते हैं । 

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अगर कोई मुसलमान व्यक्ति किसी गैर मुसलमान से विवाह करते हैं तो उन्हें अपना इस्लाम कबूल करवाना अनिवार्य है  ‌‌। अगर धर्म परिवर्तन नहीं करा सकते हैं  तो यह भी हराम माना जाता है । क्योंकि कुरान के अनुसार अगर तुम गैर मुसलमानों को इस्लाम कबूल करवा सकते हैं तो तुम्हें 72 हूर और जन्नत मिलेगी अगर अपने धर्म में परिवर्तन नहीं कर सकते हैं यह भी तुम्हारे लिए हराम है । 

अगर कोई मुसलमान किसी गैर मुसलमान को जबरन धर्म परिवर्तन करने के लिए कोशिश करते हैं तो यह भी हराम है । क्योंकि कुरान के अनुसार कहा गया है कि अगर कोई मन से इस्लाम धर्म कबूल करते हैं तो उन्हें इजाजत है, अन्यथा जबरन धर्म परिवर्तन करवाना बहुत बड़ा गुनाह है ।

अगर कोई मुसलमान व्यक्ति विवाह करके एक या दो संतान लेने के बाद अपनी पत्नी की अवर्षण कर दिया है तो यह भी हराम है । क्योंकि कुरान के अनुसार अधिक से अधिक विवाह करो और ढेर सारे बच्चे पैदा करो इससे आपको 72-hour और जन्नत मिलेगी । क्योंकि जितना बच्चा पैदा करोगे उतना ही तुम्हारे धर्म आगे बढ़ते रहेगा । 

अगर कोई मुसलमान व्यक्ति विवाह करने से पहले शारीरिक संबंध बनाते हैं तो उनके लिए यह भी हराम है ‌। कुरान के अनुसार विवाह करने के बाद ही उन्हें शारीरिक संबंध बनाना चाहिए । 

अगर कोई मुसलमान व्यक्ति ढेर सारे धन कमाते हैं तो 50% धन गरीबों में बांट देना चाहिए , अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो यह भी हराम माना जाता है । क्योंकि कुरान के अनुसार व्यक्ति धन तभी कमाते हैं जब अल्लाह के दुआ रहते हैं । अल्लाह को खुश रखने के लिए गरीबों को दान करना चाहिए ,अगर आप ऐसे नहीं करते हैं तो यह भी आपके लिए हराम है । 

 दोस्तों हम उम्मीद करते हैं कि हमारे यह जानकारी आपको पसंद आया होगा और भी जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो हमारे साथ जुड़े रहिए आपका दिन शुभ हो ।

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कुरान में हराम क्या है?

सभी व्यापार और व्यापार प्रथाओं के परिणामस्वरूप माल और सेवाओं के मुक्त और निष्पक्ष विनिमय के परिणामस्वरूप हरम, जैसे रिश्वत, चोरी और जुआ के रूप में माना जाता है। इसलिए, इस्लाम में धोखाधड़ी और बेईमानी के सभी रूप निषिद्ध हैं।

इस्लाम धर्म में क्या वर्जित है?

इस्लाम एक एकेश्वरवादी धर्म है (जो कि, एक ईश्वर पर विश्वास करता है, जिसे अल्लाह कहा जाता है, "भगवान" के लिए अरबी में "अल्लाह"। यह इब्राहीमी धर्म है जैसे यहूदी धर्म, ईसाई धर्म और बहाई धर्मो, ने पैग़म्बर हजरत इब्राहीम (अब्राहम) के पुत्र हजरत इश्माएल (अरबी में, इस्माइल) के माध्यम से अपनी आध्यात्मिक विरासत का पता लगाया।

मुस्लिम शराब क्यों नहीं पीते?

अपराधों में वृद्धि और विश्वभर में करोड़ों बरबाद घराने शराब की विनाशलीला का ही मौन उदाहरण है। निम्नलिखित पवित्र आयत में क़ुरआन हमें शराब से रोकता है। इस्लाम धर्म में शराब पीना हराम क्यों माना जाता है ? पहले यह समझें कि इस्लाम हराम को कैसे परिभाषित करता है।

कुरान में महिलाओं के बारे में क्या लिखा है?

इस्लाम की नैतिक शिक्षा में महिलाएँ एक चर्चित विषय हैं। क़ुरआन में कुछ महिलाओं का स्तवन किया गया है, जबकि दूसरों को अपने अनैतिक कार्यों के लिए निंदा की गयी है। मरयम (मरियम - مريم) वाहिद महिला है जिसके पूरे नाम का ज़िक्र क़ुरआन में मिलता है। बाक़ी के नाम अन्य तौर-तरीक़ों से उल्लिखित हैं।

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