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वास्तु में घर में रखी हर चीज का कोई ना कोई मतलब होता है. बहुत कम लोग ये जानते होंगे कि सोते वक्त आप जो भी चीज अपने सिरहाने यानी सिर के पास रखते हैं, उसका आपके जीवन पर बहुत असर पड़ता है. वास्तु के हिसाब से कुछ चीजें ऐसी हैं जिन्हें सोते समय पास रखने को मना किया जाता है क्योंकि इससे नकारात्मकता आती है. ज्योतिर्विद कमल नंदलाल से जानते हैं इसके बारे में.
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रात में सोते समय हम अक्सर अपने सिर के पास कुछ चीजें रखकर सो जाते हैं. अगर आप भी कुछ खास चीजों को अपने सिरहाने रखते हैं तो इसका असर आपके सेहत, करियर और धन पर पड़ सकता है. सिर के पास कुछ चीजों का रखकर सोना शुभ नहीं माना जाता
है. वास्तु के हिसाब से इससे घर में दरिद्रता आती है. सोते वक्त इस बात पर ध्यान देने की बहुत जरूरत है कि आपके सिरहाने पर क्या रखा है.
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आमतौर सोते समय सिरहाने पर किताबें, इयरफोन्स या कुछ खाने-पीने की चीजें पड़ी होती हैं. वास्तुशास्त्र ये कहता है कि सोते समय सिरहाने पर कोई ऐसी चीज नहीं होनी चाहिए जो आपको नुकसान पहुंचाती हो और नकारात्मक ऊर्जा बढ़ाती हो. इससे ना
केवल धन की हानि होती है बल्कि जीवन के हर क्षेत्र पर इसका बुरा असर पड़ता है.
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कई लोग पानी की बोतल सिरहाने रख कर सोते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि इससे सेहत पर बहुत बुरा असर पड़ता है. इससे आपमें पूरे ध्यान से किसी काम को करने की क्षमता प्रभावित होती है. इससे व्यक्ति में तनाव में आने लगता है.
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कई लोग किताबें पढ़ते-पढ़ते उसे सिरहाने या तकिए के नीचे रखकर सो जाते हैं. अखबार या किसी पत्रिका को सिर के नजदीक रखने से करियर और सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ता है. जितनी भी अखबार या पत्रिकाएं है ये सारी बुध से संबंधित होती हैं और
सिरहाना हमारा बारहवां भाव है जिसमें हम स्वप्न लोक में जाते हैं. ऐसा करके हम अपने बुध को खराब करते हैं जिसकी वजह से हमारी बुद्धि और करियर चौपट हो सकता है.
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इसके अलावा बिस्तर पर बैठकर पढ़ने से भी बुध खराब हो सकता है. बुध की वजह से आपकी दक्षता, मानसिक दृढ़ता और आपके ध्यान लगाने की क्षमता भी खराब हो जाती है. जिसका असर आपके करियर पर भी पड़ता है.
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आजकल ज्यादतर लोग अपना मोबाइल सिरहाने रख कर सोते हैं. रात को सोते वक्त रेडिएशन की वजह से आपका राहु मजबूत हो जाता है. ये अपना सबसे बुरा प्रभाव बारहवें भाव में देता है और आपका सिरहाना बारहवें भाव में होता है. ऐसे में फोन को
सिरहाने रखने से बचिए वरना फायदे की जगह ज्यादा नुकसान हो सकता है.
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रात को सोते समय जूते-चप्पल बिस्तर के पास नहीं रखने चाहिए. ज्यादतर लोगों को लगता है कि सुबह उठते ही उन्हें कुछ ढूंढने की जरूरत ना पड़े और आखें खोलते ही उन्हें जूते-चप्पल मिल जाएं. जबकि ऐसा नहीं है. सिरहाने जूते-चप्पल रखने से नींद अच्छी नहीं आती है और सेहत पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ता ही है. इससे आपका मन और हृदय दोनों विकारग्रस्त हो जाते हैं.
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सोकर उठने के बाद सबसे पहले आपको धरती मां को छूना चाहिए. उसके बाद धरती पर नंगे पांव खड़े होना चाहिए और उसके बाद चप्पल पहननी चाहिए. इसके अलावा कभी भी सोते समय बटुआ सिरहाने नहीं रखना चाहिए. ऐसे में धनहानि का योग बहुत ज्यादा
हो जाता है.
1- मनुस्मृति में कहा गया है कि सूने तथा निर्जन घर में अकेला नहीं सोना चाहिए। देव मन्दिर गर्भगृह और श्मशान भूमि में भी नहीं सोना चाहिए।
2- विष्णुस्मृति के अनुसार, किसी सोए हुए मनुष्य को भूलकर भी अचानक नहीं जगाना चाहिए।
3- चाणक्यनीति के अनुसार, विद्यार्थी, नौकर और द्वारपाल यदि ये अधिक समय से सोए हुए हों तो इन्हें समय पर तुरंत जगा देना चाहिए।
4- देवीभागवत एवं पद्मपुराण में कहा गया है कि- स्वस्थ मनुष्य को आयुरक्षा हेतु ब्रह्ममुहुर्त में उठना चाहिए। बिल्कुल
अंधेरे कमरे में नहीं सोना चाहिए।
5- अत्रिस्मृति के अनुसार, भीगे (गीले) पैर कभी नहीं सोना चाहिए। सूखे पैर सोने से लक्ष्मी (धन) की प्राप्ति होती है।
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6- महाभारत के अनुसार, टूटी खाट पर तथा जूठे मुंह भूलकर भी नहीं सोना चाहिए।
7- गौतम धर्म सूत्र के अनुसार, "नग्न होकर/निर्वस्त्र" नहीं सोना
चाहिए।
8- आचारमय़ूख में लिखा है कि- पूर्व दिशा की ओर सिर करके सोने से विद्या, पश्चिम की ओर सिर करके सोने से प्रबल चिन्ता, उत्तर की ओर सिर करके सोने से हानि व मृत्यु तथा दक्षिण की ओर सिर करके सोने से धन व आयु की प्राप्ति होती है।
9- दिन में कभी नहीं सोना चाहिए। परन्तु ज्येष्ठ मास में दोपहर के समय 1 मुहूर्त (48 मिनट) के लिए सोया जा सकता है। (दिन में सोने से रोग घेरते हैं तथा आयु का क्षरण होता है)
10- ब्रह्मवैवर्तपुराण के अनुसार, दिन में तथा सूर्योदय एवं सूर्यास्त के समय सोने वाला रोगी और
दरिद्र हो जाता है।
11- सूर्यास्त के एक प्रहर (लगभग 3 घण्टे) के बाद ही शयन करना चाहिए।
12- बायीं करवट सोना स्वास्थ्य के लिये लाभकारी है।
13- दक्षिण दिशा में पांव करके कभी नहीं सोना चाहिए। यम और दुष्ट देवों का निवास रहता है। कान में हवा भरती है। मस्तिष्क में रक्त का संचार कम को जाता है, स्मृति- भ्रंश, मौत व असंख्य बीमारियां होती है।
14- हृदय पर हाथ रखकर, छत के पाट या बीम के नीचे और पांव पर पांव चढ़ाकर निद्रा न लें।
15- शय्या (पलंग) पर बैठकर खाना-पीना बहुत अशुभ होता है
एवं सोते सोते पढ़ने से नेत्र ज्योति घटती है, इसलिए ऐसा नहीं करना चाहिए।
16- माथे पर तिलक लगाकर कभी नहीं लगाकर सोना चाहिए।
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