हिंदी भाषा में निबंध (Nibandh) की परिभाषा, विशेषताएं और प्रकार | Essay (Definition, Characteristics and Types) in Hindi निबंध गद्य रचना को कहते हैं जिसमें किसी विषय का वर्णन किया गया हो. निबंध के माध्यम से लेखक उस विषय के बारे में अपने विचारों और भावों को बड़े प्रभावशाली ढंग से व्यक्त करने की कोशिश करता है. एक श्रेष्ठ संगठित एवं सुव्यवस्थित
निबंध लेखक को विषय का अच्छा ज्ञान होना चाहिए, उसकी भाषा पर अच्छी पकड़ होना चाहिए. प्रत्येक व्यक्ति की अपनी अभिव्यक्ति होती है. इसलिए एक ही विषय पर हमें अलग-अलग तरीकों से लिखे गए निबंध मिलते हैं. किसी एक विषय पर विचारों को क्रमबद्ध कर सुंदर, सुगठित और सुबोध भाषा में लिखी रचना को निबंध कहते हैं. अनेक विद्वानों द्वारा निबंध शब्द की प्रथक प्रथक व्याख्या की है- एक अच्छे निबंध की प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हैं. मुख्य रूप से निबंध के तीन अंग होते हैं- भूमिका,
विस्तार और उपसंहार. भूमिका विषय प्रवेश है. इसमें विषय का परिचय दिया जाता है. यहीं से निबंध प्रारंभ होता है. यह जितना आकर्षक होगा, लोगों को निबंध पढ़ने में उतना ही अधिक आनंद आएगा. भूमिका छोटी और सारगर्भित होनी चाहिए. भूमिका ऐसी हो जिसे पढ़कर पाठक पुरे निबंध को पढ़ने के लिए प्रेरित हो सके. यह निबंध का मुख्य अंग है. इसमें विषय का वर्णन विवेचन होता है. जो सामग्री आपके पास है उसे क्रमबद्ध कर लीजिए तथा अलग-अलग अनुच्छेदों में प्रस्तुत कीजिए.
इसके विवेचन में पूर्वापर क्रम होना चाहिए. प्रत्येक दूसरा अनुच्छेद पहले अनुच्छेद से सम्बद्ध होना चाहिए. उपसंहार निबंध का अंतिम अंग है. यहां तक आते-आते विषय की चर्चा समाप्त हो जाती है. यहां तो निबंध में कही गई सही बातों को सारांश रूप में प्रस्तुत किया जाता है. विषय के प्रतिपादन की दृष्टि से निबंध के चार प्रकार माने गए हैं. इस प्रकार के निबंधों में स्थानों, वस्तुओं, ऋतुओं, दृश्यों, त्योहारों
आदि का वर्णन किया जाता है. जैसे होली, दीपावली, दशहरा आदि. इन निबंधों में घटनाओं, यात्राओं, उत्सवों तथा व्यक्तियों के परिचयात्मक निबंध लिखे जाते हैं जैसे रेल यात्रा, विद्यालय का वार्षिकोत्सव आदि. इसमें किसी विचार, समस्या, मनोभाव आदि के विषय में परिचयात्मक, व्याख्यात्मक अथवा विश्लेषणात्मक लेखन विचारात्मक निबंध कहलाता है. जैसे दूरदर्शन और शिक्षा, मित्रता, विज्ञान के लाभ और हानि आदि इसी प्रकार के निबंध के उदाहरण है. निबंधों में भाव की प्रधानता रहती है. ऐसे निबंधों में परोपकार, सदाचार, देश प्रेम और राष्ट्रभाषा आदि विषयों के निबंध आते हैं. इसे भी पढ़े निबंध के अंग (Types of Essay)
भूमिका
विस्तार
उपसंहार
निबंध के भेद
वर्णनात्मक निबंध
विवरणात्मक निबंध
विचारात्मक निबंध
भावनात्मक निबंध
- बेरोजगारी पर निबंध
- जनसंख्या वृद्धि पर निबंध
- सदाचार पर निबंध
हिन्दी का निबंध ऐसे लिखो...
हिन्दी में निबंध याद करना तुम्हें कुछ कठिन लगता होगा ना। इतना बड़ा निबंध याद करते-करते थक जाते होगा। अगर खुद लिखना पड़ जाए तो नानी याद आ जाती है। समझ ही नहीं आता कि क्या लिखें, कितना लिखें। चलो आज हम...
लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 27 Aug 2012 12:32 PM
हिन्दी में निबंध याद करना तुम्हें कुछ कठिन लगता होगा ना। इतना बड़ा निबंध याद करते-करते थक जाते होगा। अगर खुद लिखना पड़ जाए तो नानी याद आ जाती है। समझ ही नहीं आता कि क्या लिखें, कितना लिखें। चलो आज हम तुम्हें बताते हैं कि इसे कैसे लिखना चाहिए। पहले ये समझ लो कि अच्छे निबंध के गुण क्या हैं--
1.बंधें हों वाक्य: निबंध का अर्थ है बंधा हुआ। निबंध की पहली विशेषता है कि निबंध एक सूत्र में बंधा होना चाहिए। एक क्रम में लिखा होना चाहिए, कोई बात कहीं भी नहीं लिखनी चाहिए। आलतू-फालतू बातों का निबंध मैं कोई स्थान नहीं होता।
2.ज्यादा बड़ा न हो: तुम हमेशा यह सोचते हो कि निबंध का अर्थ है 4/5 पेज का लम्बा चौड़ा। लेकिन ऐसा नहीं है, अगर सटीक, सही बातों को लिखा हो तो वो भी निबंध कहलाता है। निबंध छोटा होना चाहिए।
3.भाषा: यह निबंध की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता है। निबंध की भाषा, सरल, सहज, सटीक होनी चाहिए। शब्दों का प्रयोग अच्छा होना चाहिए। व्याकरण का प्रयोग भी सही होना चाहिए।
ऐसे लिख डालो
भूमिका: सबसे पहले आती है भूमिका, अर्थात निबंध के विषय के बारे में लिखने से पहले तुम निबंध के विषय से संबंधित भूमिका बांधो। परंतु यह अधिक लम्बी नहीं होनी चाहिए, नहीं तो बोरिंग हो जाती
है।
विषय से संबंधित: जब कोई निबंध लिखना हो तो रफ लिख लेना चाहिए कि, पहले क्या बताना है, फिर प्वाइंट बना लो, इसके बाद उन्हें पैराग्राफ में लिखो।
उपसंहार: इसमें निबंध का निष्कर्ष होता है, अर्थात इस विषय से तुम क्या सोचते हो, यह लिख डालो।