निम्न स्तरीय वस्तु क्या है उदाहरण? - nimn stareey vastu kya hai udaaharan?

निम्नस्तरीय वस्तु को परिभाषित कीजिए। कुछ उदाहरण दीजिए।

निम्नस्तरीय वस्तुएँ ऐसी वस्तुओं को कहा जाता है जिनका उपभोक्ता की आय के साथ विपरीत दिशा में संबंध होता है अर्थात् उपभोक्ता की आय बढ़ने पर जिस वस्तु की माँग कम होती है अथवा उपभोक्ता की आय कम होने पर जिस वस्तु की माँग बढ़ती है वह निम्नस्तरीय वस्तुएँ कहलाती है। उदाहरण के लिए मोटे अनाज (जैसे: ज्वार, बाजरा,) निम्नस्तरीय खाद्य पदार्थ इत्यादि।

बजट रेखा क्या है?

बजट रेखा उन सभी बंडलों का प्रतिनिधित्व करती है जिन पर उपभोक्ता की संपूर्ण आय व्यय हो जाती है। बजट रेखा की प्रवणता ऋणात्मक होती है। यदि कीमतों या आय दोनों में से किसी एक में परिवर्तन आता है, तो बजट सेट में भी परिवर्तन आ जाता है।

एक उपभोक्ता दो वस्तुओं का उपभोग करने के लिए इच्छुक हैं। दोनों वस्तुओं की कीमत क्रमश: 4 रुपए तथा 5 रुपए हैं। उपभोक्ता की आय 20 रुपए है:

यदि वस्तु 2 की कीमत में एक रुपए की गिरावट आ जाए परन्तु वस्तु 1 की कीमत में तथा उपभोक्ता की आय में कोई परिवर्तन नहीं हो, तो बजट रेखा में क्या परिवर्तन आएगा?

पुरानी      p2 = 5
नई         p2 = 5 - 1 = 4 रूपए

   इसलिए नई:
             


 p2 में परिवर्तन से बजट रेखा में निम्नलिखित परिवर्तन आएगा 
रेखाचरित्र में PQ प्रारंभिक बजट रेखा है, जबकि P1Q नई बजट रेखा है।

एक उपभोक्ता दो वस्तुओं का उपभोग करने के लिए इच्छुक हैं। दोनों वस्तुओं की कीमत क्रमश: 4 रुपए तथा 5 रुपए हैं। उपभोक्ता की आय 20 रुपए है:

यदि उपभोक्ता की आय बढ़कर 40 रुपए हो जाती है, परन्तु कीमत अपरिवर्तित रहती है तो बजट रेखा में क्या परिवर्तन होता है?

उपभोक्ता की आय बढ़ने पर बजट रेखा का समीकरण निम्नलिखित प्रकार से बदल जाएगा:
                           4x1 +  5x2 = 40
इस समीकरण के अनुसार:
                           4x1 + 5 x 0 = 40
                                       4x1 = 40
                                        


                          4 x 0 + 5x2 = 40
                                      5x2 = 40
                                       x2 = 40/5 = 8
इस प्रकार, उपभोक्ता अपनी आय से वस्तु 1 की अधिकतम 10 और वस्तु 2 की 8 इकाइयाँ खरीद सकेगा। बजट रेखा में निम्नलिखित परिवर्तन होगा:
   रेखाचित्र में PQ प्रारंभिक बजट रेखा है। जब उपभोक्ता की आय 20 रूपए से बढ़कर 40 रूपए हो जाती हैं, तो बजट रेखा PQ से बढ़कर P1Q1 हो जाएगी।  

एक उपभोक्ता दो वस्तुओं का उपभोग करने के लिए इच्छुक है। दोनों वस्तुओं की कीमत क्रमशः 4 रूपए तथा ₹ 5 रूपए है। उपभोक्ता की आय 20 रूपए है:

  1. बजट रेखा के समीकरण को लिखिए।
  2. उपभोक्ता यदि अपनी सम्पूर्ण आय वस्तु 1 पर व्यय कर दे, तो वह उसकी कितनी मात्रा का उपभोग कर सकता हैं ?
  3. यदि वह अपनी सम्पूर्ण आय वस्तु 2 पर व्यय कर दे तो वह उसकी कितनी मात्रा का उपभोग कर सकता है?
  4. बजट रेखा की प्रवणता क्या है?

  1. बजट रेखा का समीकरण निम्नलिखित होगा:
    p1x1 + p2x2 = M
    4x1 + 5x2 = 20
  2. यदि वह सम्पूर्ण आय वस्तु 1 पर व्यय कर दे तो x2 = 0, इससे बजट समीकरण में डालने पर:
                   4x1 + 5x2 = 20
                    4x1 + 5 x 0 = 20
                      4x1 = 20
                       x1 = 20/4 = 5
    अतः यदि उपभोक्ता अपनी सम्पूर्ण आय वस्तु 1 पर व्यय कर दे , तो वह उसकी 5 इकाइयों का उपभोग कर सकता हैं।
  3. उपभोक्ता यदि अपनी सम्पूर्ण आय वस्तु 2 पर व्यय कर दे, तो x1 = 0, इससे बजट समीकरण में डालने पर:
         4x1 + 5x2 = 20
         4 x 0 + 5x2 = 20
                   5x2 = 20
                     x2 = 20/5 = 4
  4. बजट रेखा की प्रवणता:
                  =  p1p2= 45 = 0.8

उपभोक्ता के बजट सेट से आप क्या समझते हैं?

उपभोक्ता का बजट सेट उन वस्तुओं के सभी मंडलों का संग्रह है, जिन्हें उपभोक्ता प्रचलित बाज़ार कीमत पर अपनी आय से खरीद सकता है।

निम्न स्तरीय वस्तु क्या है उदाहरण सहित?

यह उपभोक्ता की रुचियों और वह कितना व्यय कर सकता है, वस्तुओं की कीमतों और उसकी आय पर निर्भर करता है । यह अध्याय, उपभोक्ता व्यवहार को समझाने वाले दो भिन्न सिद्धांतों को प्रस्तुत करता है। " वस्तुओं' शब्द का प्रयोग सर्वत्र वस्तुओं तथा सेवाओं दोनों के लिए किया गया है।

निम्न स्तरीय वस्तु क्या है?

निम्नस्तरीय वस्तुएँ ऐसी वस्तुओं को कहा जाता है जिनका उपभोक्ता की आय के साथ विपरीत दिशा में संबंध होता है अर्थात् उपभोक्ता की आय बढ़ने पर जिस वस्तु की माँग कम होती है अथवा उपभोक्ता की आय कम होने पर जिस वस्तु की माँग बढ़ती है वह निम्नस्तरीय वस्तुएँ कहलाती है।

स्थानापन्न वस्तुओं से आप क्या समझते हैं दो उदाहरण दें?

जहाँ p* संतुलन कीमत को तथा qP (p) और q (p), p कीमत पर क्रमशः वस्तुओं के बाज़ार माँग तथा बाज़ार पूर्ति को दर्शाते हैं। यदि किसी कीमत पर बाज़ार पूर्ति, बाज़ार माँग से अधिक है, तो उस कीमत पर बाज़ार में अधिपूर्ति कहलाती है तथा यदि उस कीमत पर बाज़ार माँग बाज़ार पूर्ति से अधिक है, तो उस कीमत पर बाज़ार में अधिमाँग कहलाती है।

17 सामान्य वस्तु से आप क्या समझते हैं?

हम अपनी आवश्यकताओं की संतुष्टि करने के लिए अनेक वस्तुएं एवं सेवाएं खरीदते हैंवस्तुओं और सेवाओं का आवश्यकताओं की संतुष्टि के लिए उपयोग करना उपभोग कहलाता है तथा आर्थिक कर्ता, जो वस्तुएं व सेवाएं खरीदता है, उपभोक्ता कहलाता है।

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