अध्याय : 2. संघवाद
संघीय शासन व्यवस्थाएँ
संघीय शासन व्यवस्थाएँ को गठित करने के दो रास्ते हैं :
केन्द्र और विभिन्न राज्य सरकारों के बीच सत्ता का बँटवारा हर संघीय सरकार में अलग-अलग तरीके से होता हैै। यह बात इस चीज पर निर्भर करती है कि संघ की स्थापना किन ऐतिहासिक संदर्भो में हुर्इं। संघीय शासन व्यवस्थाऐं आमतौर पर दो तरीको से होती है।
1. साथ आकर संघ बनाना :
(A) दो या अधिक स्वतंत्रा राष्ट्रों को साथ लाकर एक बड़ी इकार्इ
गठित करना।
(B) इसमें दोनों स्वतंत्रा राष्ट्र अपनी संप्रभुता को साथ करते हैं, अपनी अलग-अलग पहचान को भी बनाए रखते हैं और अपनी सुरक्षा तथा खुशहाली बढ़ाने का रास्ता अख्तियार करते है।
(C) साथ आकर संघ बनाने के उदाहरण हैं - संयुक्त राज्य अमरीका, स्विट्जरलैंड और ऑस्ट्रेलिया।
(D) इस तरह की संघीय व्यवस्था वाले मुल्कों में आमताौर पर प्रांतो को समान अधिकार होता है और वे केन्द्र के बरक्स ज्यादा ताकतवर होते है।
2. साथ लेकर चलने वाले संघ :
(A) संघीय शासन व्यवस्था के गठन का
दूसरा तरीका है बड़े देश द्वारा अपनी आंतरिक विविधता को ध्यान में रखते हुए राज्यों का गठन करना और फिर राज्य और राष्ट्रीय सरकार के बीच सत्ता का बँटवारा कर देना।
(B) भारत, बेल्जियम और स्पेन इसके उदाहरण हैं। इस दूसरी श्रेणी वाली व्यवस्था में राज्यों के बरक्स केन्द्र सरकार ज्यादा ताकतवर हुआ करती है।
(C) अक्सर इस व्यवस्था में विभिन्न राज्यों को समान अधिकार दिए जाते हैं पर विशेष स्थिति में किसी-किसी प्रांत को विशेष अधिकार भी दिए जाते हैं।
भारतीय संविधान ने भारत को राज्यों का संघ घोषित
किया। इसमें संघ शब्द नहीं आया, परन्तु भारतीय संघ का गठन संघीय शासन व्यवस्था के सिद्धान्त पर हुआ है।
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