न्यू बोर्न बेबी को खांसी हो जाए तो क्या करें? - nyoo born bebee ko khaansee ho jae to kya karen?

खांसी बहुत पीड़ादायक होती है और बच्‍चों को खांसी हो जाए तो मुश्किलें और बढ़ जाती हैं। वहीं, दो साल से कम उम्र के बच्‍चों को डॉक्‍टर के पर्चे के बिना मिलने वाली दवाएं (ओटीसी) दवाएं भी नहीं दी जा सकती हैं।

सुरक्षा के लिहाज से इतने छोटे बच्‍चों को ओटीसी दवाएं देना सुरक्षित नहीं रहता है इसलिए बच्‍चों में खांसी के घरेलू इलाज ज्‍यादा इस्‍तेमाल किए जाते हैं। शिशु खांसी के लिए घर उपचार सुरक्षित भी होते हैं और असरकारी भी हैं। तो चलिए आपको बच्चों की खांसी के घरेलू उपचार के बारे में बताते हैं।

शिशु की खांसी का इलाज ​है शहद

छोटे बच्‍चों के लिए शहद खांसी की दवा का काम करता है। ये बलगम और कफ को पतला कर बाहर निकाल देता है। आप एक साल से अधिक उम्र के बच्‍चों को खांसी से निजात पाने के लिए एक चम्‍मच शहद रोज खिलाएं।

शहद में एलर्जी रोकने वाली दवाओं से बेहतर साबित हो सकता है। ये खांसी को गंभीर रूप लेने से रोकता है और बेहतर नींद लाने में मदद करता है।

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​बच्चों में खांसी का घरेलू इलाज है भाप

गले में जमा बलगम को साफ करने के लिए बच्‍चे को गर्म भाप दिलवाएं। इससे शिशु को आराम मिलेगा। आप बाथरूम में गर्म पानी के धुएं में शिशु को कुछ मिनट बैठाकर भी भाप दिलवा सकती हैं। सुरक्षा के तौर पर इस दौरान आपको भी बच्‍चे के साथ बैठना होगा।

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​बच्चों में खांसी का घरेलू उपचार है पानी

खांसी होने पर शिशु को अधिक मात्रा में तरल पदार्थ दें। कैफीन-फ्री चाय, सूप या नींबू मिलाकर गुनगुना पानी पीीने से बलगम साफ होने में मदद मिल सकती है और गले में खराश का इलाज भी होता है। इसके अलावा दिनभर में बच्‍चे को पानी भी अधिक पिलाएं।

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​सिर ऊंचा कर के रखें

शिशु का सिर थोड़ा ऊंचा कर के लिटाएं। इससे उसे सांस लेने में आसानी होती है। गर्दन के पीछे तकिया लगा दें जिससे बच्‍चे का सिर आसानी से ऊपर उठ सके।

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​अजवाइन और लहसुन की भाप

छोटे बच्‍चों में जुकाम-खांसी का इलाज लहसुन और अजवाइन से भी किया जा सकता है। लहसुन में बैक्‍टीरिया-रोधी गुण होते हैं और अजवाइन वायरस एवं बैक्‍टीरिया को मारने की ताकत रखती है।

लहसुन की दो से तीन कलियां और दो चुटकी अजवाइन लेकर तवे पर एक मिनट के लिए भून लें। इस मिश्रण को ठंडा होने पर बच्‍चे के पास रख दें। इसकी खुशबू से बच्‍चे की खांसी-जुकाम के इलाज में मदद मिलेगी।

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बच्चों की सर्दी जुकाम और खांसी के घरेलू उपचार

डॉक्‍टर को कब दिखाएं

घरेलू नुस्‍खों की मदद से आप शिशु में खांसी का इलाज कर सकते हैं लेकिन अगर आपको निम्‍न लक्षण नजर आ रहे हैं तो तुरंत बाल रोग चिकित्‍सक को दिखाएं :

  • लगातार खांसी होना
  • खांसी न आने पर सांस लेने में दिक्‍कत
  • हर बार सांस लेने पर पसलियों के बीच की त्‍वचा खिंचना
  • सांस लेने के दौरान घरघराहट की आवाज आना
  • खांसने पर होंठों या चेहरे का रंग नीला होना
  • सीने में तेज दर्द
  • खांसी में खून आना
  • 104 डिग्री फारेनहाइट से अधिक बुखार

अगर शिशु में इस तरह के लक्षण दिख रहे हैं तो आपको नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। ये किसी गंभीर स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍या के संकेत हो सकते हैं जिनका समय पर इलाज किया जाना जरूरी है।

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नवजात शिशु की इम्‍यूनिटी बहुत कमजोर होती है और इसलिए उन्‍हें आसानी से खांसी-जुकाम पकड़ लेता है। वैसे भी अब सर्दी का मौसम आ रहा है। इस मौसम में बच्‍चों को जल्‍दी-जल्‍दी जुकाम पकड़ लेता है लेकिन ऐसी स्थिति में घबराने की जरूरत नहीं है। कुछ आसान घरेलू नुस्‍खों की मदद से आप बच्‍चों के जुकाम को ठीक कर सकते हैं।

नेशनल इंस्‍टीट्यूट ऑफ हैल्‍थ के अनुसार बच्‍चों को साल में 6 से 10 बार जुकाम पकड़ता है। कई बच्‍चों को वायरस की वजह से जुकाम होता है इसलिए एंटीबायोटिक से इसका इलाज किया जा सकता है। अमेरिकन एकेमडमी ऑफ पीडियाट्रिक्‍स के अनुसार डॉक्‍टर के पर्चे के बिना मिलने वाली ओवर द काउंटर दवाएं 4 साल से कम उम्र के बच्‍चों के लिए सुरक्षित नहीं है। इसलिए बेहतर होगा कि आप घरेलू नुस्‍खों से ही बच्‍चों में जुकाम का इलाज करें।

​बच्‍चों के लिए भाप लेने के फायदे

नासिक मार्ग में म्‍यूकस को ढीला करने के लिए भाप लेना सबसे असरकारी तरीका है। शिशु के कमरे में फेशियल स्‍टीमर या वेपोराइजर की मदद से भाप फैला दें। 6 महीने से कम उम्र के शिशु के लिए बाथरूम में गर्म पानी को नल से बहने दें और शिशु को बाथरूम में 10 से 15 मिनट तक लेकर बैठ जाएं।

एक साल से अधिक उम्र के बच्‍चों के लिए गर्म पानी में यूकेलिप्‍टस ऑयल की कुछ बूंदें भी डाल सकते हैं।

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बच्चों की सर्दी का इलाज है नमक के पानी के गरारे

दो साल से अधिक उम्र के बच्‍चे को नमक के पानी से गरारे करवाएं। इसके लिए एक कप गुनगुने पानी में आधा चम्‍मच नमक डालें और बच्‍चे को गरारे करने के लिए कहें। बच्‍चे को पहले सादे पानी से गरारे करना सिखाएं।

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​शिशु को जुकाम का इलाज है गुनगुना पानी

6 महीने के शिशु को उबला हुआ पानी पिलाएं। पानी बच्‍चे के हिसाब से हल्‍का गुनगुना होना चाहिए। इससे शिशु का शरीर हाइड्रेट रहता है और शरीर से विषाक्‍त पदार्थ निकल जाते हैं। ये जुकाम से जल्‍दी राहत दिलाने का असरदार तरीका है।

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​शिशु को जुकाम की दवा है सरसों का तेल

एक साल के बच्‍चे के लिए जुकाम के इलाज के लिए सरसों का तेल भी बहुत असरकारी नुस्‍खा है। एक चम्‍मच सरसों का तेल लें और उसमें 1 लहसुन की कली और लौंग डालकर एक चुटकी अजवाइन का पाउडर मिलाएं। इन सब चीजों को एक मिनट तक गर्म करें।

लहसुन जलना नहीं चाहिए। अब इसे छन्‍नी से छान लें। इस मिश्रण के गुनगुना होने पर बच्‍चे की छाती और पीठ की मालिश करें।

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​नवजात शिशु जुकाम का घरेलू उपाय है शहद

शहद में मौजूद एंटीऑक्‍सीडेंट रात में होने वाली खांसी, गले में इंफेक्‍शन और खांसी या जुकाम की वजह से बार-बार नींद टूटने का इलाज करने में मददगार होते हैं। एक साल से कम उम्र के बच्‍चे को शहद न दें। एक साल से अधिक उम्र के बच्‍चे को रात को सोने से पहले आधा चम्‍मच शहद दें।

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​बच्चों में जुकाम का इलाज है अदरक

बच्‍चों में खांसी, जुकाम और कफ जमने के इलाज में अदरक बहुत असरकारी है। ये शरीर को गर्म कर के बलगम को पिघला देती है। दो साल से अधिक उम्र के बच्‍चे को अदरक की चाय पिलाएं। आधा इंच की अदरक लें और एक कप पानी में इसे 5 मिनट तक उबालें। इसके बाद पानी को छान लें और उसमें आधा चम्‍मच नींबू का रस और एक चम्‍मच शहद मिलाएं। गुनगुना बच्‍चे को पिलाएं।

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1 महीने के बच्चे को खांसी हो जाए तो क्या करना चाहिए?

शिशु को बार-बार हो रही है खांसी तो अपनाएं ये घरेलू उपाय.
शिशु की खांसी का इलाज ​है शहद छोटे बच्‍चों के लिए शहद खांसी की दवा का काम करता है। ... .
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​बच्चों में खांसी का घरेलू उपचार है पानी ... .
​सिर ऊंचा कर के रखें ... .
​अजवाइन और लहसुन की भाप ... .
डॉक्‍टर को कब दिखाएं.

नवजात शिशु को खांसी है तो कैसे पता करें?

मुझे कैसे पता चलेगा कि शिशु को सर्दी-जुकाम है या कुछ और गंभीर समस्या है?.
नाक बहना और साफ श्लेम आना, जो कि गाढ़ा होकर सफेद, पीले या हरे रंग का हो सकता है.
नाक बंद होना.
हल्की खांसी.
हल्का बुखार (ऐसा हमेशा नहीं होता).

5 मिनट में खांसी से छुटकारा कैसे पाएं?

अदरक से भी सूखी खांसी में आराम मिलता है। इसके लिए अदरक की एक गांठ को कूटकर उसमें एक चुटकी नमक मिला लें और दाढ़ के नीचे दबा लें। उसका रस धीरे-धीरे मुंह के अंदर जाने दें। 5 मिनट तक उसे मुंह में रखें और फिर कुल्ला कर लें।

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