न्यूरॉन किसे कहते हैं इसके 2 अंग कौन कौन से हैं? - nyooron kise kahate hain isake 2 ang kaun kaun se hain?

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न्यूरॉन एक वैद्युत कोशिका होती है जो विद्युतचुंबकीय प्रक्रिया से संदेश प्रवाहित करते हैं। न्यूरॉन नर्वस सिस्टम के प्रमुख भाग होते हैं जिसमें दिमाग, स्पाइनल कॉर्ड और पेरीफेरल गैंगिला होते हैं। कई तरह...

न्यूरॉन किसे कहते हैं इसके 2 अंग कौन कौन से हैं? - nyooron kise kahate hain isake 2 ang kaun kaun se hain?

लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 31 Jan 2010 09:10 PM

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न्यूरॉन एक वैद्युत कोशिका होती है जो विद्युतचुंबकीय प्रक्रिया से संदेश प्रवाहित करते हैं। न्यूरॉन नर्वस सिस्टम के प्रमुख भाग होते हैं जिसमें दिमाग, स्पाइनल कॉर्ड और पेरीफेरल गैंगिला होते हैं। कई तरह के स्पेशलाइज्ड न्यूरॉन होते हैं जिसमें सेंसरी न्यूरॉन, इंटरन्यूरॉन और मोटर न्यूरॉन होते हैं।

किसी चीज को छूने, साउंड या प्रकाश के दौरान ये न्यूरॉन ही प्रतिक्रिया करते हैं और यह अपने सिग्नल स्पाइनल कार्ड और दिमाग को भेजते हैं। मोटर न्यूरॉन दिमाग और स्पाइनल कॉर्ड से सिग्नल ग्रहण करते हैं। मांसपेशियों की सिकुड़न और ग्रंथियां इससे प्रभावित होती है। परंपरागत न्यूरॉन में सोमा, डेंड्राइट और एक्सन होता है।

न्यूरॉन का मुख्य हिस्सा सोमा होता है। न्यूरॉन को उसकी संरचना के आधार पर भी विभाजित किया जाता है। यह यूनीपोलर, बाईपोलर और मल्टीपोलर होते हैं। न्यूरॉन में कोशिकीय विभाजन नहीं होतौ जिससे इसके नष्ट होने पर दुबारा प्राप्त नहीं किया जा सकता। ज्यादातर मामलों में इसे स्टेम सेल के द्वारा प्राप्त किया जा सकता है। ऐसा देखा गया है कि एस्ट्रोसाइट को न्यूरॉन में बदला जा सकता है।

न्यूरॉन शब्द का पहली बार प्रयोग जर्मन एनाटॉमिस्ट हेनरिक विलहेल्म वॉल्डेयर ने किया था। 20वीं शताब्दी में पहली बार न्यूरॉन प्रकाश में आई जब सेंटिगयो रेमन केजल ने कहा कि यह तंत्रिका तंत्र की प्राथमिक फंक्शनल यूनिट होती है। केजल ने प्रस्ताव दिया था कि न्यूरॉन अलग कोशिकाएं होती हैं जो कि स्पेशलाइज्ड जंक्शन के द्वारा एक दूसरे से कम्युनिकेशन करती है।

न्यूरॉन की संरचना का अध्ययन करने के लिए केजल ने कैमिलो गोल्गी द्वारा बनाए गए सिल्वर स्टेनिंग मैथड का प्रयोग किया। दिमाग में न्यूरॉन की संख्या प्रजातियों के आधार पर अलग होती है। एक आकलन के मुताबिक मानव दिमाग में 100 बिलियन न्यूरॉन होते हैं।

तंत्रिकोशिका या तंत्रिका कोशिका (अंग्रेज़ी:न्यूरॉन) तंत्रिका तंत्र में स्थित एक उत्तेजनीय कोशिका है। इस कोशिका का कार्य मस्तिष्क से सूचना का आदान प्रदान और विश्लेषण करना है।[1] यह कार्य एक विद्युत-रासायनिक संकेत के द्वारा होता है। तंत्रिका कोशिका तंत्रिका तंत्र के प्रमुख भाग होते हैं जिसमें मस्तिष्क, मेरु रज्जु और पेरीफेरल गैंगिला होते हैं। कई तरह के विशिष्ट तंत्रिका कोशिका होते हैं जिसमें सेंसरी तंत्रिका कोशिका, अंतरतंत्रिका कोशिका और गतिजनक तंत्रिका कोशिका होते हैं। किसी चीज के स्पर्श छूने, ध्वनि या प्रकाश के होने पर ये तंत्रिका कोशिका ही प्रतिक्रिया करते हैं और यह अपने संकेत मेरु रज्जु और मस्तिष्क को भेजते हैं। मोटर तंत्रिका कोशिका मस्तिष्क और मेरु रज्जु से संकेत ग्रहण करते हैं। मांसपेशियों की सिकुड़न और ग्रंथियां इससे प्रभावित होती है। एक सामान्य और साधारण तंत्रिका कोशिका में एक कोशिका यानि सोमा, डेंड्राइट और कार्रवाई होते हैं। तंत्रिका कोशिका का मुख्य हिस्सा सोमा होता है।

तंत्रिका कोशिका को उसकी संरचना के आधार पर भी विभाजित किया जाता है। यह एकध्रुवी, द्विध्रुवी और बहुध्रुवी (क्रमशः एकध्रुवीय, द्विध्रुवीय और बहुध्रुवीय) होते हैं।[1] तंत्रिका कोशिका में कोशिकीय विभाजन नहीं होता है जिससे इसके नष्ट होने पर दुबारा प्राप्त नहीं किया जा सकता। किन्तु इसे स्टेम कोशिका के द्वारा प्राप्त किया जा सकता है। ऐसा भी देखा गया है कि अस्थिकणिका को तंत्रिका कोशिका में बदला जा सकता है।

तंत्रिका कोशिका शब्द का पहली बार प्रयोग जर्मन शरीर विज्ञानशास्त्री हेनरिक विलहेल्म वॉल्डेयर ने किया था। २०वीं शताब्दी में पहली बार तंत्रिका कोशिका प्रकाश में आई जब सेंटिगयो रेमन केजल ने बताया कि यह तंत्रिका तंत्र की प्राथमिक प्रकार्य इकाई होती है। केजल ने प्रस्ताव दिया था कि तंत्रिका कोशिका अलग कोशिकाएं होती हैं जो कि विशिष्ट जंक्शन के द्वारा एक दूसरे से संचार करती है।[1] तंत्रिका कोशिका की संरचना का अध्ययन करने के लिए केजल ने कैमिलो गोल्गी द्वारा बनाए गए सिल्वर स्टेनिंग तरीके का प्रयोग किया। मस्तिष्क में तंत्रिका कोशिका की संख्या प्रजातियों के आधार पर अलग होती है। एक आकलन के मुताबिक मानव मस्तिष्क में १०० अरब तंत्रिका कोशिका होते हैं। टोरंटो विश्वविद्यालय में हुए अनुसंधान में एक ऐसे प्रोभूजिन की पहचान हुई है जिसकी मस्तिष्क में तंत्रिकाओं के विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है। इस प्रोभूजिन की सहायता से मस्तिष्क की कार्यप्रणाली को और समझना भी सरल होगा व अल्जामरर्स जैसे रोगों के कारण भी खोजे जा सकेंगे। एसआर-१०० नामक यह प्रोभूजिन केशरूकीय क्षेत्र में पाया जाता है साथ ही यह तंत्रिका तंत्र का निर्माण करने वाले जीन को नियंत्रित करता है। एक अमरीकी जरनल सैल (कोशिका) में प्रकाशित बयान के अनुसार स्तनधारियों के मस्तिष्क में विभिन्न जीनों द्वारा तैयार किए गए आनुवांशिक संदेशों के वाहन को नियंत्रित करता है। इस अध्ययन का उद्देश्य ऐसे जीन की खोज करना था जो मस्तिष्क में तंत्रिका कोशिका के निर्माण को नियंत्रित करते हैं। ऎसे में तंत्रिका कोशिका के निर्माण में इस प्रोभूजिन की महत्त्वपूर्ण भूमिका की खोज तंत्रिका कोशिका के विकास में होने वाली कई अपसामान्यताओं से बचा सकती है। वैज्ञानिकों के अनुसार मस्तिष्क में तंत्रिका कोशिका निर्माण के समय कुछ गलत संदेशों वाहन से तंत्रिका कोशिका का निर्माण प्रभावित होता है।[2] तंत्रिका कोशिका का विकृत होना अल्जाइमर्स जैसी बीमारियों के कारण भी होता है। इस प्रोभूजिन की खोज के बाद इस दिशा में निदान की संभावनाएं उत्पन्न हो गई हैं।

न्यूरॉन किसे कहते हैं इसके दो अंग कौन कौन से है?

न्यूरॉन एक वैद्युत कोशिका होती है जो विद्युतचुंबकीय प्रक्रिया से संदेश प्रवाहित करते हैंन्यूरॉन नर्वस सिस्टम के प्रमुख भाग होते हैं जिसमें दिमाग, स्पाइनल कॉर्ड और पेरीफेरल गैंगिला होते हैं। कई तरह के स्पेशलाइज्ड न्यूरॉन होते हैं जिसमें सेंसरी न्यूरॉन, इंटरन्यूरॉन और मोटर न्यूरॉन होते हैं

न्यूरॉन की परिभाषा क्या है?

तंत्रिकोशिका या तंत्रिका कोशिका (अंग्रेज़ी:न्यूरॉन) तंत्रिका तंत्र में स्थित एक उत्तेजनीय कोशिका है। इस कोशिका का कार्य मस्तिष्क से सूचना का आदान प्रदान और विश्लेषण करना है। यह कार्य एक विद्युत-रासायनिक संकेत के द्वारा होता है।

न्यूरॉन के कितने भाग होते हैं उनके नाम लिखिए?

यह न्यूरॉन्स तीन प्रकार के होते हैं, संवेदी न्यूरॉन्स (sensory neurons), मोटर न्यूरॉन्स (motor neurons) और रिले न्यूरॉन्स (relay neurons)। i) संवेदी न्यूरॉन्स (sensory neurons) रिसेप्टर्स से संदेश प्रसारित करके केंद्रीय तंत्रिका तंत्र जो कि रीढ़ की हड्डी और मस्तिष्क है को भेजते हैं

न्यूरॉन कितने होते हैं?

दिमाग में न्यूरॉन की संख्या प्रजातियों के आधार पर अलग होती है। एक आकलन के मुताबिक मानव दिमाग में 100 बिलियन न्यूरॉन होते हैं