पंजाब के अमृतसर में हिंदू नेता सुधीर सूरी के शव के पोस्टमार्टम के बाद तकरीबन शाम 5.45 बजे डीसी अमृतसर हरप्रीत सिंह सूदन और पुलिस कमिश्नर अरुण पाल सिंह परिवार व हिंदू संगठनों से मिलने पहुंच गए। तकरीबन आधा घंटा दोनों पक्षों के बीच बातचीत के बाद परिवार व हिंदू संगठनों ने सुधीर सूरी के शव का संस्कार रविवार दोपहर 12 बजे दुर्ग्याणा मंदिर में करने का निर्णय लिया है। Show परिवार की मानी गई मांगों के बारे में बताते हुए डीसी हरप्रीत सूदन। वहीं दूसरी तरफ डीसी अमृतसर हरप्रीत सिंह सूदन और पुलिस कमिश्नर अरुण पाल सिंह ने तकरीबन आधे घंटे तक परिवार और हिंदू संगठनों के पदाधिकारियों से बातचीत की। जिसके बाद तीनों मांगों को मानने का आश्वासन डीसी हरप्रीत सूदर और पुलिस कमिश्नर अरुणपाल सिंह ने दे दिया। सुधीर सूरी के भाई ने घोषणा की कि जिला प्रशासन स्वर्गीय सुधीर सूरी को शहीद का दर्जा देने के लिए प्रक्रिया को शुरू करवाएगा। वहीं दूसरी तरफ परिवार के एक सदस्य को नौकरी के लिए भी जिला प्रशासन तैयार हो गया है। वहीं पुलिस जल्द ही अमृतपाल के खिलाफ भी कार्रवाई करेगा। , परिवार रात ही करना चाहता था संस्कार, हिंदू संगठनों ने रोका पोस्टमार्टम में पेट से निकाली तीन गोलियां शाम होते-होते सूरी के समर्थकों का भी गुस्सा फूट गया है। समर्थक रेलवे ट्रैक पर पहुंचे और जमकर प्रदर्शन किया। इसको देखते हुए मौके पर पुलिस तैनात की गई। स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। हत्या का आरोपी 7 दिन के रिमांड पर हिंदू नेता सुधीर सूरी का कत्ल करने वाले आरोपी को कोर्ट में लेकर जाते हुए पुलिस। वहीं सूरी के बेटे माणिक ने कहा कि आज सुबह उसे भी धमकी भरा फोन आया है। कल पिता को भी थ्रेट कॉल आई थी। उन्होंने कल ही पुलिस से बुलेट प्रूफ गाड़ी और जैकेट की मांग की थी। लेकिन उन्हें दी नही गई। इसी बीच अमृतसर में माहौल तनापवूर्ण बना हुआ है। सूरी के समर्थकों ने आज पंजाब बंद की कॉल दी थी। जिसके बाद जबरन बाजार बंद कराए गए। इस दौरान पुलिस भी वहां तैनात रही। आतंकी लखबीर की पोस्ट की जांच आतंकी लखबीर लंडा के नाम से डाली गई पोस्ट। पंजाब बंद का आह्वान उधर, हत्या के बाद हिंदू संगठनों और परिवार ने आज पंजाब बंद का आह्वान किया है। वहीं अमृतसर में तनावपूर्ण माहौल देख DGP गौरव यादव देर रात दौरा करने पहुंचे। उन्होंने भरोसा दिलाया कि इस केस में शामिल सभी आरोपियों को पकड़कर पूरी साजिश बेनकाब की जाएगी। PM मोदी आ रहे अमृतसर घटना स्थल पर एविडेंस के लिए बनाए गए घेरे, जहां से गोलियां बरामद हुई। गौरतलब है कि सुधीर सूरी की शुक्रवार दोपहर गोलियां मार कर हत्या कर दी गई थी। वह मंदिर में मूर्तियों की बेअदबी को लेकर धरना दे रहे थे। पुलिस ने इस मामले में मुख्य आरोपी गोपाल मंदिर के पास कपड़ों की दुकान चलाने वाले संदीप सिंह उर्फ सैंडी को मौके से ही गिरफ्तार कर लिया था। उससे गोली मारने में इस्तेमाल .32 बोर का लाइसेंसी पिस्टल भी बरामद कर लिया गया। संदीप सैंडी ने यह कदम क्यों उठाया, इसके बारे में पुलिस खुल कर बात नहीं कर रही है। सुधीर सूरी की हत्या के बाद ही समर्थकों व पारिवारिक सदस्यों द्वारा बंद की कॉल दे दी गई थी। घटना से कुछ समय पहले की तस्वीर। हिंदू संगठनों ने बंद में समर्थन की मांग सुधीर सूरी को पंजाब पुलिस की Y कैटेगरी की सिक्योरिटी मिली हुई थी। उनके साथ 15 पुलिसकर्मी और एक पायलट थी। इसके बावजूद पुलिस प्रोटेक्शन में उनकी हत्या कर दी गई। आपका नाम पंजाब क्यों पड़ा?नामोत्पत्ति 'पंजाब' शब्द, फ़ारसी के शब्दों 'पंज' (پنج) पांच और 'आब' (آب) पानी के मेल से बना है जिसका शाब्दिक अर्थ 'पांच नदियों का क्षेत्र' है। यह फ़ारसी शब्द संस्कृत के 'पञ्चनाद' के आधार पर हुआ था जिसका अर्थ वही 'पांच नदियों का क्षेत्र' है। ये पांच नदियां हैं: सतलुज, व्यास, रावी, चिनाब और झेलम।
पंजाब का असली नाम क्या था?वैदिक काल में पंजाब को सप्त सिन्धु कहा जाता था, जिसका मतलब है सात नदियों की भूमि.
आजादी से पहले पंजाब का क्या नाम था?पूर्वी पंजाब (जो 1950 से पंजाब के रूप में जाना जाता है) एक प्रांत और बाद में 1947 से 1966 तक भारत का एक राज्य था। यह ब्रिटिश भारत के पंजाब प्रांत के कुछ हिस्सों से मिलकर था कि के लिए गया था, जो 1947 में रेडक्लिफ आयोग के अनुसार विभाजन के बाद भारत में आ गए थे। बाक़ी का पंजाब सूब पाकिस्तान चला गया।
पंजाब का सबसे पहला नाम क्या था?'पंजाब' के संस्कृत समकक्षों का पहला उल्लेख, ऋग्वेद में "सप्त सिंधु" के रूप में होता है। यह नाम फिर से आईन-ए-अकबरी (भाग 1) में लिखा गया है, जिसे अबुल फजल ने लिखा था, उन्होंने यह भी उल्लेख किया है कि पंजाब का क्षेत्र दो प्रांतों में विभाजित है, लाहौर और मुल्तान।
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