पानी कब पीना चाहिए और कब नहीं? - paanee kab peena chaahie aur kab nahin?

यदि आप इस बारे में चिंतित हैं कि आपको भोजन से पहले और बाद में पानी पीना चाहिए, तो आपको पता होना चाहिए कि विभिन्न विचारधाराएं और विश्वास हैं. कई डॉक्टरों का सुझाव है कि भोजन के बाद या भोजन के दौरान आपको भोजन से पहले पानी नहीं पीना चाहिए. कुछ कहते हैं कि भोजन के पहले और बाद में पानी नहीं होना चाहिए, लेकिन आप इसे बीच में रख सकते हैं. इसलिए, इस विषय पर बहुत भ्रम है. आयुर्वेद के अनुसार, यहां एक विश्लेषण है कि आपको भोजन करने से पहले या बाद में पानी क्यों नहीं पीना चाहिए.

पानी कब पीना है?
कई डॉक्टरों और अध्ययनों के मुताबिक, यह सिफारिश की जाती है कि आपको भोजन के बीच पानी नहीं लेना चाहिए. हालांकि, आयुर्वेद के अनुसार, आपको पहले या बाद में रहने के बजाय, अपने भोजन के बीच में पानी पीना चाहिए.

भोजन से पहले पानी पीना
आयुर्वेद के अनुसार, भोजन लेने से पहले पानी आपके पाचन शक्ति और क्षमता को कम करने और कमजोर करने में सक्षम है. यह कारक के कारण है कि पानी एक शीतलक है और भोजन से पहले इसे आपके पाचन शक्ति का विरोध करता है. इस प्रकार आपको भोजन के लिए बैठने से पहले पानी पीने से बचना चाहिए.

भोजन के बाद पानी पीना
भोजन के बाद पीने के पानी को आपके पाचन शक्ति के साथ-साथ आपके द्वारा खाए जाने वाले भोजन की गुणवात्त को प्रभावित करने के लिए माना जाता है. इसके शीतलक प्रभाव का एक स्पर्श आपको जो भी खाना खाया जाता है उसे बताया जाता है. यह एक निश्चित अवधि के दौरान एक व्यक्ति मोटापे से बना सकता है. इसलिए भोजन खत्म करने के तुरंत बाद आपको पानी नहीं होना चाहिए.

भोजन के बीच में पानी पीना
आयुर्वेद के सिद्धांतों के अनुसार यह करना उचित बात है. भोजन करते समय पीने के पानी में आप जो खाना खा रहे हैं उसे गीला करने में मदद करता है. यह छोटे टुकड़ों में खाद्य कणों को तोड़ने में मदद करता है. यह भोजन के बीच में आपकी प्यास बुझाता है. इसलिए, भोजन के बीच पीने का पानी आदर्श माना जाता है.

भोजन से पहले आपको दवा लेने की आवश्यकता होने पर क्या करना है?
यदि आपको भोजन से पहले एक निर्धारित दवा लेनी है, तो आपको भोजन से 20 मिनट पहले पानी पीना होगा, अगर बहुत सारे पानी नहीं हैं और केवल अपनी दवाओं को कम करने के लिए आवश्यक राशि ले लो.
इस विषय के बारे में काउंटर व्यू हैं, जो कहते हैं कि आपको पहले पानी पीना चाहिए और भोजन के बाद, क्योंकि यह पाचन में मदद करता है. मधुमेह के रोगियों को भोजन के साथ या भोजन करने से पहले मधुमेह की दवा लेने की सलाह दी जाती है.

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नई दिल्ली: शरीर के लिए पानी पीना कितना जरूरी है ये तो हम सभी जानते हैं, इसलिए ज्यादातर डॉक्टर और हेल्थ एक्सपर्ट्स रोजाना 5-6 गिलास पानी पीने की सलाह देते हैं (Drinking Water). हालांकि आपके शरीर को कितने पानी की जरूरत है यह इस बात पर निर्भर करता है आपकी उम्र कितनी है, आप किस वातावरण में रहते हैं, मौसम कैसा है और आप कितनी फिजिकल एक्टिविटी करते हैं. बावजूद इसके रोजाना कम से कम 4 गिलास पानी तो औसतन सभी के लिए जरूरी है. लेकिन जिस तरह भोजन करने का एक सही तरीका होता है कि हमेशा बैठकर और आराम से चबा-चबाकर खाना खाना चाहिए, उसी तरह क्या पानी पीने के भी कुछ नियम होते हैं? पानी कब पीना चाहिए, किस तरह से पीना चाहिए, कैसा पीना चाहिए?

आयुर्वेद में बताए गए हैं पानी पीने के जरूरी नियम

आयुर्वेद (Ayurveda) में इन सभी सवालों के जवाब मौजूद हैं. आयुर्वेद की मानें तो आप किस तरह से पानी पीते हैं इसका आपकी सेहत पर असर पड़ता है. जिन लोगों को कब्ज (Constipation) की समस्या हो, स्किन ड्राई (Skin Dry) हो उन्हें ज्यादा पानी पीना चाहिए. आयुर्वेद में पानी पीने का सही तरीका और समय दोनों बताया गया है.

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क्या है पानी पीने का सही तरीका?

- आयुर्वेद की मानें तो कभी भी खड़े होकर पानी नहीं पीना चाहिए. पानी हमेशा बैठकर आराम से रिलैक्स होकर पीना चाहिए (Sit and drink Water). खड़े होकर पानी पीने से पानी हड्डियों के जोड़ में जमा हो सकता है जिससे आर्थराइटिस का खतरा रहता है.
- एक ही बार में 1 गिलास पानी पूरा पीने की बजाए आपको एक-एक घूंट करके आराम से धीरे-धीरे पानी पीना चाहिए (Sip-Sip water). इसका कारण ये है कि एक बार में ज्यादा पानी पी लेने से शरीर उसे अवशोषित नहीं कर पाता और ज्यादातर पानी तुरंत शरीर से बाहर निकल जाता है.
- हमेशा रूम टेंपरेचर पर रखा हुआ सादा पानी ही पिएं. आप चाहें तो हल्का गुनगुना पानी भी पी सकते हैं लेकिन बर्फ वाला बहुत अधिक ठंडा पानी बिलकुल न पिएं.

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क्या है पानी पीने का सही समय?

- भोजन करने के बाद 1-2 घूंट पानी पिएं, ज्यादा नहीं. अगर आप खाना खाने के तुरंत बाद बहुत अधिक पानी पिएंगे तो पाचन क्रिया के लिए पेट में जगह ही नहीं होगी. हमेशा याद रखें कि अपने पेट को 50 प्रतिशत भोजन से भरें, 25 प्रतिशत पानी से और 25 प्रतिशत खाली जगह रखें.

- आजकल बहुत से लोग पानी पीने के लिए फोन में अलार्म लगाकर रखते हैं और हर 1-2 घंटे में पानी पीते रहते हैं. लेकिन आयुर्वेद कहता है कि जब आपको प्यास लगे, जब पानी की जरूरत महसूस हो सिर्फ तभी पानी पिएं. प्यास लगने का मतलब है कि शरीर को पानी की जरूरत है.

- आयुर्वेद का सुझाव है कि सुबह उठते ही खाली पेट पानी पीने की आदत डालें. इसे ऊषापान कहते हैं. ऐसा करने से शरीर से हानिकारक टॉक्सिन्स बाहर निकल जाते हैं जिससे बीमारियों से बचने में मदद मिलती है.

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(नोट: किसी भी उपाय को करने से पहले हमेशा किसी विशेषज्ञ या चिकित्सक से परामर्श करें. Zee News इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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पानी पीने का सही टाइम क्या है?

क्या पानी पीने का कोई आइडियल टाइम है होता है, इस सवाल का जवाब फिटनेस एक्सपर्ट सोनिया बख्शी ने हाल ही में अपनी इंस्टाग्राम पोस्ट पर दिया है. उनका कहना है, जी हां... पानी पीने का आइडियल टाइम होता है. पर्याप्त मात्रा में पानी पीना कितना जरूरी है ये हम सभी जानते हैं.

पानी कब कब नहीं पीना चाहिए?

विशेषज्ञों के मुताबिक, एक इंसान को रोजाना औसतन 2 से 3 लीटर पानी पीना चाहिए, लेकिन गर्मी अध‍िक बढ़ने पर पसीना निकलने से शरीर में पानी की कमी हो सकती है. ऐसी स्थिति में रोजाना 3 से 4 लीटर पानी पी सकते हैं. याद रखें कि पानी को एक सांस में पीने की जगह घूंट-घूंट करके पिएं. इससे पाचन शक्‍ति‍ बेहतर होती है.

पानी कैसे बैठकर पीना चाहिए?

पानी कभी भी खड़े होकर मत पिएं। हमेशा बैठकर ही पानी पीना चाहिए। अध्ययन के अनुसार पानी बैठकर पीने से पानी सही तरीके से पचकर शरीर के सभी सेल्स तक पहुंचता है। व्यक्ति की बॉडी को जितने पानी की अवश्यकता होती है उतना पानी सोखकर वह बाकी का पानी और टॉक्सिन्स यूरीन के जरिए शरीर से बाहर निकल देता है।

सुबह बासी मुंह पानी पीने से क्या होता है?

क्योंकि बासी मुंह हमारी लार के अंदर एंटी-माइक्रोबियल गुण और हेल्दी बैक्टीरिया होते हैं. जो नुकसानदायक माइक्रोब्स को नष्ट करने में मदद करते हैं. बासी मुंह पानी पीने से किडनी को स्वस्थ बनाया जा सकता है. यह घरेलू उपाय किडनी को साफ करने में मदद करता है, जिससे उसकी कार्यक्षमता बढ़ती है.

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